प्रशासनिक दखलंदाजी कम करना चाहती है सुक्खू सरकार! नए IAS-IPS अधिकारियों को लेने से इनकार

प्रशासनिक दखलंदाजी कम करना चाहती है सुक्खू सरकार! नए IAS-IPS अधिकारियों को लेने से इनकार

<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के एक बड़े फैसले ने प्रदेश में प्रशासनिक हलचल पैदा कर दी है. सरकार ने नए IAS और IPS अधिकारियों को लेने से इनकार कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम सुक्खू &nbsp;का कहना है कि हिमाचल प्रदेश की कुल आबादी करीब 70 लाख है, लेकिन प्रदेश में 153 IAS अधिकारी पहले से मौजूद हैं. इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों की जरूरत नहीं है, इसलिए उन्होंने नए अधिकारियों की भर्ती से इनकार कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सरकार जनता के लिए, अफसरशाही के लिए नहीं’ </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम सुक्खू का कहना है कि राज्य सरकार प्रशासनिक दखलअंदाजी को कम करके जनता की बेहतरी के लिए काम करना चाहती है. उन्होंने यह भी बताया कि 115 IFS अधिकारियों की संख्या में भी कटौती की योजना है. उनका कहना है कि सरकार सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है, जिससे राज्य के विकास कार्यों में तेजी लाई जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने किया विरोध</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार प्रदेश का नुकसान कर रही है. उनका आरोप है कि सरकार अपने करीबी लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए यह संख्या कम कर रही है, जबकि प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए नए अधिकारियों की जरूरत है. जयराम ठाकुर ने सवाल किया कि अगर सरकार नए अधिकारी नहीं लेगी, तो भविष्य में प्रशासनिक जरूरतें कैसे पूरी होंगी? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने खास लोगों पर करोड़ों रुपये खर्च कर सकते हैं, लेकिन प्रशासन को मजबूत करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब सवाल उठता है कि क्या यह फैसला हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए सही है या फिर यह सिर्फ एक राजनीतिक रणनीति है? आने वाले समय में इस फैसले का असर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था पर कैसा पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”पोंग डैम बना प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग, इस साल विदेशी मेहमानों की संख्या में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी दर्ज” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/pong-dam-becomes-paradise-migratory-birds-record-breaking-increase-number-foreign-guests-year-ann-2875753″ target=”_self”>पोंग डैम बना प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग, इस साल विदेशी मेहमानों की संख्या में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी दर्ज</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के एक बड़े फैसले ने प्रदेश में प्रशासनिक हलचल पैदा कर दी है. सरकार ने नए IAS और IPS अधिकारियों को लेने से इनकार कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम सुक्खू &nbsp;का कहना है कि हिमाचल प्रदेश की कुल आबादी करीब 70 लाख है, लेकिन प्रदेश में 153 IAS अधिकारी पहले से मौजूद हैं. इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों की जरूरत नहीं है, इसलिए उन्होंने नए अधिकारियों की भर्ती से इनकार कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सरकार जनता के लिए, अफसरशाही के लिए नहीं’ </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम सुक्खू का कहना है कि राज्य सरकार प्रशासनिक दखलअंदाजी को कम करके जनता की बेहतरी के लिए काम करना चाहती है. उन्होंने यह भी बताया कि 115 IFS अधिकारियों की संख्या में भी कटौती की योजना है. उनका कहना है कि सरकार सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है, जिससे राज्य के विकास कार्यों में तेजी लाई जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने किया विरोध</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार प्रदेश का नुकसान कर रही है. उनका आरोप है कि सरकार अपने करीबी लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए यह संख्या कम कर रही है, जबकि प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए नए अधिकारियों की जरूरत है. जयराम ठाकुर ने सवाल किया कि अगर सरकार नए अधिकारी नहीं लेगी, तो भविष्य में प्रशासनिक जरूरतें कैसे पूरी होंगी? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने खास लोगों पर करोड़ों रुपये खर्च कर सकते हैं, लेकिन प्रशासन को मजबूत करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब सवाल उठता है कि क्या यह फैसला हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए सही है या फिर यह सिर्फ एक राजनीतिक रणनीति है? आने वाले समय में इस फैसले का असर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था पर कैसा पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”पोंग डैम बना प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग, इस साल विदेशी मेहमानों की संख्या में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी दर्ज” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/pong-dam-becomes-paradise-migratory-birds-record-breaking-increase-number-foreign-guests-year-ann-2875753″ target=”_self”>पोंग डैम बना प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग, इस साल विदेशी मेहमानों की संख्या में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी दर्ज</a></strong></p>  हिमाचल प्रदेश दिल्ली चुनाव: अरविंद केजरीवाल का BJP पर बड़ा आरोप, ‘हमारी गाड़ी तोड़ी, प्रचार सामग्री छीनी’