वाराणसी STF की यूनिट ने रविवार को RO-ARO पेपर लीक करने वाले गिरोह 6 आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपियों के प्रयागराज में छिपे होने का इनपुट मिलते ही टीम ने वहां पर छापा मारा। 4 महीने से इनकी तलाश की जा रही थी। यूपी लोक सेवा आयोग ने भोपाल के जिस प्रिंटिंग प्रेस से पेपर छपवाया था। उसके कर्मचारी ने ही पेपर लीक किया था। गैंग के मास्टर माइंड के साथ मिलकर प्रिंटिंग प्रेस कर्मी ने भी मोटी रकम ली थी। किसने कितने रुपए इसकी अभी पूछताछ जारी है। 11 फरवरी को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था पेपर
उप्र लोक सेवा आयोग प्रयागराज की ओर से 11 फरवरी 2024 को RO-ARO (समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी) की प्रारम्भिक परीक्षा कराई गई थी। कई परीक्षा केंद्रों पर आयोजित परीक्षा शुरू होने से पहले ही उसका प्रश्नपत्र वायरल हो गया था। इसके बाद इस परीक्षा को निरस्त कर दिया गया। शिकायत पर शासन ने प्रश्नपत्र लीक प्रकरण की जांच STF को सौंपी। वाराणसी यूनिट की जांच में पता चला कि 11 फरवरी को पहला पेपर परीक्षा केन्द्र विशप जॉन्सन गर्ल्स स्कूल एण्ड कॉलेज प्रयागराज से आउट हुआ था। कॉलेज में परीक्षा अर्पित, विनीत और यशवंत ने सॉल्वर गैंग को पेपर उपलब्ध कराया, जिन्हें पिछले दिनों गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं, प्रबन्धक व प्रधानाचार्य की भूमिका की जांच अलग से शुरू कर दी। भोपाल पहुंची STF को प्रिंटिंग प्रेस से मिले सुराग
परीक्षा का प्रश्नपत्र परीक्षा केन्द्र से लीक होने के अलावा भी कई नेटवर्क जुड़ते देख STF की टीम ने 100 से अधिक नंबर सर्विलांस पर लगाए। भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस के हर कर्मचारी का नंबर सर्विलांस के अलावा CDR भी निकाला। टीम भोपाल पहुंची, तो पता चला कि मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्रा अपने गैंग के कुछ सदस्यों के साथ उस समय भोपाल में रह रहा था। इस गैंग ने प्रश्नपत्र प्रिटिंग प्रेस के कर्मी सुनील रघुवंशी को मिलाकर प्रिटिंग प्रेस से लीक कराया। STF को जांच में प्रिंटिंग प्रेस कर्मी और गिरफ्तार सॉल्वर गैंग के तार भी जुड़ते मिले। प्रिटिंग प्रेस कर्मी सुनील रघुवंशी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सारा मामला खुल गया। इसके बाद ताबड़तोड़ दबिश देकर पांच अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, STF ने सभी की गिरफ्तारी प्रयागराज के कीडगंज परेड ग्रांउड से पार्क रोड पर दिखाई है। सभी को संबंधित केस में कोर्ट लाकर जज के समक्ष पेश किया गया, जहां से न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। इंजीनियरिंग कॉलेज में साथ पढ़ते थे आरोपी
STF को जांच में प्रिंटिंग प्रेस कर्मी और गिरफ्तार सॉल्वर गैंग के नंबरों की बातचीत भी मिली। पता चला कि राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश, विशाल दूबे एवं सुनील रघुवंशी (प्रिटिंग प्रेस कर्मी) अलग-अलग प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे लेकिन एक दूसरे से परिचय था। विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी वर्ष 2014 से 2017 तक इंजीनियरिंग कॉलेज में एक साथ पढे थे। सुनील रघुवंशी प्रिंटिंग प्रेस में मैकेनिकल इंजीनियर है तो सुभाष प्रकाश प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करने लगा। विशाल दुबे और राजीव नयन मिश्रा प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन कराने लगा। सुनील रघुवंशी की प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपते हैं यह जानकारी विशाल दुबे ने राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल और सुभाष प्रकाश को दी फिर सभी ने पेपर लीक की योजना तैयार की। पहले विशाल को बताया RO-ARO पेपर का राज
सुनील रघुवंशी ने विशाल दुबे को बताया कि समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी प्रश्नपत्र छप रहा है जिसके एक प्रश्नपत्र में 140 प्रश्न है तथा दूसरे प्रश्नपत्र में 40 प्रश्न हैं। राजीव नयन मिश्रा, विशाल दुबे और सुभाष प्रकाश ने इस प्रश्नपत्र को आउट कराने के लिए सुनील रघुवंशी को तैयार कर लिया। 10 लाख रूपए की की मांग की। प्रश्नपत्र भोपाल में अपने सामने पढ़वाने की शर्त रखी, राजीव नयन मिश्रा, विशाल दुबे और सुभाष प्रकाश तैयार हो गये। स्याही लगा प्रश्नपत्र बाहर लेकर आया। प्रिन्टिग के दौरान प्रश्नपत्र में स्याही लगने पर उसे छांटकर अलग रखा जाता है, बाद में इसे कटर मशीन में नष्ट कर दिया जाता है। 3 फरवरी को सुनील रघुवंशी मशीन की मरम्मत के समय मौजूद था और मौका पाकर एक स्याही लगा प्रश्नपत्र बाहर ले आया। विशाल दुबे ने राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल व सुभाष प्रकाश को होटल बुलाया और फिर कुछ सॉल्वरों से प्रश्नपत्र को हल कराकर अभ्यर्थियों को दे दिया। इसके लिए प्रति अभ्यर्थी से 12-12 लाख रूपया तय किया गया था। वाराणसी STF की यूनिट ने रविवार को RO-ARO पेपर लीक करने वाले गिरोह 6 आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपियों के प्रयागराज में छिपे होने का इनपुट मिलते ही टीम ने वहां पर छापा मारा। 4 महीने से इनकी तलाश की जा रही थी। यूपी लोक सेवा आयोग ने भोपाल के जिस प्रिंटिंग प्रेस से पेपर छपवाया था। उसके कर्मचारी ने ही पेपर लीक किया था। गैंग के मास्टर माइंड के साथ मिलकर प्रिंटिंग प्रेस कर्मी ने भी मोटी रकम ली थी। किसने कितने रुपए इसकी अभी पूछताछ जारी है। 11 फरवरी को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था पेपर
उप्र लोक सेवा आयोग प्रयागराज की ओर से 11 फरवरी 2024 को RO-ARO (समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी) की प्रारम्भिक परीक्षा कराई गई थी। कई परीक्षा केंद्रों पर आयोजित परीक्षा शुरू होने से पहले ही उसका प्रश्नपत्र वायरल हो गया था। इसके बाद इस परीक्षा को निरस्त कर दिया गया। शिकायत पर शासन ने प्रश्नपत्र लीक प्रकरण की जांच STF को सौंपी। वाराणसी यूनिट की जांच में पता चला कि 11 फरवरी को पहला पेपर परीक्षा केन्द्र विशप जॉन्सन गर्ल्स स्कूल एण्ड कॉलेज प्रयागराज से आउट हुआ था। कॉलेज में परीक्षा अर्पित, विनीत और यशवंत ने सॉल्वर गैंग को पेपर उपलब्ध कराया, जिन्हें पिछले दिनों गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं, प्रबन्धक व प्रधानाचार्य की भूमिका की जांच अलग से शुरू कर दी। भोपाल पहुंची STF को प्रिंटिंग प्रेस से मिले सुराग
परीक्षा का प्रश्नपत्र परीक्षा केन्द्र से लीक होने के अलावा भी कई नेटवर्क जुड़ते देख STF की टीम ने 100 से अधिक नंबर सर्विलांस पर लगाए। भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस के हर कर्मचारी का नंबर सर्विलांस के अलावा CDR भी निकाला। टीम भोपाल पहुंची, तो पता चला कि मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्रा अपने गैंग के कुछ सदस्यों के साथ उस समय भोपाल में रह रहा था। इस गैंग ने प्रश्नपत्र प्रिटिंग प्रेस के कर्मी सुनील रघुवंशी को मिलाकर प्रिटिंग प्रेस से लीक कराया। STF को जांच में प्रिंटिंग प्रेस कर्मी और गिरफ्तार सॉल्वर गैंग के तार भी जुड़ते मिले। प्रिटिंग प्रेस कर्मी सुनील रघुवंशी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सारा मामला खुल गया। इसके बाद ताबड़तोड़ दबिश देकर पांच अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, STF ने सभी की गिरफ्तारी प्रयागराज के कीडगंज परेड ग्रांउड से पार्क रोड पर दिखाई है। सभी को संबंधित केस में कोर्ट लाकर जज के समक्ष पेश किया गया, जहां से न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। इंजीनियरिंग कॉलेज में साथ पढ़ते थे आरोपी
STF को जांच में प्रिंटिंग प्रेस कर्मी और गिरफ्तार सॉल्वर गैंग के नंबरों की बातचीत भी मिली। पता चला कि राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश, विशाल दूबे एवं सुनील रघुवंशी (प्रिटिंग प्रेस कर्मी) अलग-अलग प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे लेकिन एक दूसरे से परिचय था। विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी वर्ष 2014 से 2017 तक इंजीनियरिंग कॉलेज में एक साथ पढे थे। सुनील रघुवंशी प्रिंटिंग प्रेस में मैकेनिकल इंजीनियर है तो सुभाष प्रकाश प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करने लगा। विशाल दुबे और राजीव नयन मिश्रा प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन कराने लगा। सुनील रघुवंशी की प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपते हैं यह जानकारी विशाल दुबे ने राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल और सुभाष प्रकाश को दी फिर सभी ने पेपर लीक की योजना तैयार की। पहले विशाल को बताया RO-ARO पेपर का राज
सुनील रघुवंशी ने विशाल दुबे को बताया कि समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी प्रश्नपत्र छप रहा है जिसके एक प्रश्नपत्र में 140 प्रश्न है तथा दूसरे प्रश्नपत्र में 40 प्रश्न हैं। राजीव नयन मिश्रा, विशाल दुबे और सुभाष प्रकाश ने इस प्रश्नपत्र को आउट कराने के लिए सुनील रघुवंशी को तैयार कर लिया। 10 लाख रूपए की की मांग की। प्रश्नपत्र भोपाल में अपने सामने पढ़वाने की शर्त रखी, राजीव नयन मिश्रा, विशाल दुबे और सुभाष प्रकाश तैयार हो गये। स्याही लगा प्रश्नपत्र बाहर लेकर आया। प्रिन्टिग के दौरान प्रश्नपत्र में स्याही लगने पर उसे छांटकर अलग रखा जाता है, बाद में इसे कटर मशीन में नष्ट कर दिया जाता है। 3 फरवरी को सुनील रघुवंशी मशीन की मरम्मत के समय मौजूद था और मौका पाकर एक स्याही लगा प्रश्नपत्र बाहर ले आया। विशाल दुबे ने राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल व सुभाष प्रकाश को होटल बुलाया और फिर कुछ सॉल्वरों से प्रश्नपत्र को हल कराकर अभ्यर्थियों को दे दिया। इसके लिए प्रति अभ्यर्थी से 12-12 लाख रूपया तय किया गया था। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर