‘सांसारिक मोह-माया छोड़ दीजिए। अपने हृदय को मजबूत करिए। भगवान यूं ही नहीं मिलते, घर त्यागना पड़ता है।’ वीडियो में प्रेमानंद महाराज के विचारों को सुनकर 16 साल का शिवम शर्मा आगरा से वृंदावन पहुंच गया। 48 घंटे में 2 बार प्रेमानंद से मिला। आश्रम में ही रहने लगा। इधर आगरा में परेशान परिवार ने पुलिस की मदद बच्चे को ढूंढ निकाला। वापस लौटे शिवम में काफी बदलाव आ चुका है। उसका झुकाव अध्यात्म की तरफ है। शनिवार को दैनिक भास्कर टीम शिवम के घर पहुंची। उसने कहा – मैं अब माता-पिता की सेवा करना चाहता हूं। NDA करके पैसा कमाऊंगा। 1 होटल खोलना चाहता हूं। मगर संकेत दिया कि बंधन मुक्त होते ही प्रेमानंद महाराज के बताए रास्ते पर फिर चल पड़ेगा। पहले परिवार के बारे में जानते हैं… पिता की दुकान में मदद करता है शिवम
धूलियागंज के रहने वाले शिवम शर्मा के पिता चाय की दुकान चलाते हैं। उनका बड़ा बेटा शिवम 16 साल का है, 10वीं का छात्र है। छोटा बेटा 14 साल का है, जोकि 8वीं का छात्र है। पत्नी चांदनी शर्मा गृहिणी हैं। जॉइंट फैमिली है, इसमें बड़े भाई का परिवार भी साथ ही रहता है। शिवम आम बच्चों की तरह ही नटखट है। पिता की दुकान चलाने में मदद करता है। सामान लाने के लिए शिवम अपने भाई के साथ बाजार जाता है। 45 दिन पहले प्रेमानंद महाराज के वीडियो देखना शुरू किया
शिवम पिछले 45 दिन से प्रेमानंद महाराज के वीडियो-रील्स देख रहा था। वह अपने पिता सुरेश चंद का मोबाइल पढ़ाई के लिए लेता था। परिवार में लोग यही समझते थे कि वह क्लास वर्क के लिए मोबाइल चला रहा है। मगर वह कई घंटे प्रेमानंद का वीडियो देखता रहता था। इससे प्रभावित होकर 9 अक्टूबर को शिवम ने घर छोड़ दिया। अब आगरा से वृंदावन पहुंचने की कहानी घर छोड़ना है, ये कब सोचा? शिवम ने कहा- मैंने प्रभु में रमने का मन बनाया। 8 अक्टूबर को एक अंकल से मथुरा-वृंदावन जाने का रास्ता समझा। बस का किराया भी उन्होंने बताया। इसके बाद मुझसे 1 गलती हुई। मैंने वृंदावन जाने के लिए पापा के काउंटर से 1 हजार रुपए निकाले। 500 रुपए किसी का उधार था, वो चुका दिया। वृंदावन कैसे पहुंचे? 9 अक्टूबर की सुबह 5.15 बजे घर से निकल गया। बेलनगंज से रामबाग तक ऑटो से गया, फिर आईएसबीटी से बस में बैठकर मथुरा बस स्टैंड पर पहुंचा। वहां से गोवर्धन पहुंचकर, परिक्रमा की। इसमें शाम के 6 बज गए। किसी से पूछा कि वृंदावन कैसे जाऊं। प्रेमानंद महाराज के आश्रम का पता पूछा। राधा केली कुंज पहुंचा। तब तक रात के 8 बज गए थे। पूरा दिन सिर्फ 2 केले खाए और गन्ने का रस पिया। प्रेमानंद महाराज से कैसे मिले? प्रेमानंद महाराज जिस रास्ते से निकलते हैं, उसी पर रात में सो गया। वहीं एक जगह 2 पराठे खाए। सुबह लगभग 3:30 बजे प्रेमानंद महाराज अपने आश्रम से निकले। उनको देखा और भावुक हो गया। लगा कि अब जीवन यही है। इससे पहले गोवर्धन परिक्रमा के दौरान भी प्रेमानंद महाराज को देखा था। 10 अक्टूबर की सुबह 7 बजे वृंदावन की सुदामा कोटी के पास ओम नम: शिवाय आश्रम पहुंचा। वहां के व्यवस्थापक को अपनी पूरी कहानी बताई। व्यवस्थापक ने कहा कि यहीं रुको। खाना खाओ। भगवान का नाम जपो और सेवा करो। उस दिन वहीं रुका। 11 अक्टूबर को सुबह पापा को फोन किया। कहा कि मुझे ढूंढना नहीं। मैं जहां भी हूं, खुश हूं। बहुत पूछने पर भी पता नहीं बताया कि कहां हूं। फिर मम्मी ने उस नंबर पर फोन किया। फोन आश्रम के व्यवस्थापक ने उठाया। लेकिन पता नहीं बताया। इस पर मम्मी ने कहा कि आपको आपके भगवान की कसम है। मेरा बेटा कहां है, बस पता बता दो। उसके बाद उन्होंने पता बता दिया। फिर पुलिस मुझे लेकर वापस आगरा पहुंच गई। मां ने कहा- शिवम अचानक गायब हो गया
मां चांदनी ने कहा- सुबह दोनों भाई अपने आप तैयार होकर स्कूल निकल जाते हैं। 9 अक्टूबर की सुबह छोटा बेटा प्रिंस 7 बजे टहलकर लौटा तो मैंने पूछा कि शिवम कहां है? उसने कहा कि भैया स्कूल चले गए होंगे। दोपहर में शिवम का दोस्त घर आया और पूछा कि वह कहां है? तब मैंने बताया कि वो तो स्कूल गया था। दोस्त ने कहा कि वो स्कूल नहीं आया। छोटे बेटे से पूछा कि भाई स्कूल में मिला था क्या? उसने भी मना किया। खोजने के बाद हमने शाम को पुलिस को बताया। पिता बोले- पड़ोसी ने बताया था कि मथुरा जा सकता है शिवम
शिवम के पिता सुरेश चंद ने कहा- हमें पड़ोसी ने बताया कि शिवम ने प्रेमानंद महाराज और मथुरा के बारे में पूछा था। हो सकता है कि वहां गया हो। इसके बाद परिवार 10 अक्टूबर को शिवम को ढूंढने मथुरा गया। लेकिन शिवम का पता नहीं चला। 10 अक्टूबर को हम लोग लौट आए। पुलिस से संपर्क किया। अब पढ़िए पुलिस ने शिवम का पता कैसे निकाला CCTV से ट्रेस करती मथुरा तक पहुंची
पुलिस ने पहले धूलियागंज के CCTV चेक किए। इसमें शिवम सुबह घर से निकलता और बेलनगंज जाता हुआ दिखाई दिया। बाद में पुलिस ने स्मार्ट सिटी कैमरों की मदद ली। इसमें शिवम बेलनगंज से रामबाग और रामबाग से आईएसबीटी जाता दिखा। आईएसबीटी के कैमरे चेक किए गए, जिसमें वह मथुरा की बस में बैठता दिखाई दिया। बस के कंडक्टर की फोटो ली गई। पूछताछ में पता चला कि शिवम मथुरा गया है। शिवम के परिजनों के साथ पुलिस 11 अक्टूबर को मथुरा पहुंची। इसी बीच ही शिवम ने अपने पिता को फोन किया था। अब हमने शिवम से बातचीत की… वीडियो में सुना, प्रेमानंद ने 11 साल की उम्र में घर छोड़ा
शिवम ने कहा- एक वीडियो में सुना कि प्रेमानंद महाराज ने 11 साल की उम्र में भगवान की प्राप्ति के लिए घर छोड़ दिया। तभी से उसके मन में ख्याल आया कि भगवान को पाना है। इसके लिए घर छोड़ना होगा। प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि भगवान को पाने के लिए जो उचित लगे वो करो। इसलिए मैंने वहीं किया। बदल गया शिवम का व्यवहार
48 घंटे घर से बाहर रहने के बाद घर लौटे शिवम की भाषा में बदलाव आ गया है। मां चांदनी कहती हैं- पहले वो ‘हम’ या ‘हमारे’ करके बातें नहीं करता था। लेकिन अब कहने लगा है। अब वो कहता है कि बंधनमुक्त होने पर प्रेमानंद महाराज के बताए रास्ते पर चलूंगा। पहले आपकी सेवा करूंगा। मां का कहना है कि जब से लौटा है, तब से अब तक एक बार भी मेरे साथ मस्ती नहीं की। पहले आते-जाते कपड़े खींचता था, लेकिन अब शांत है। पता नहीं क्या सोचता रहता है। पिता बोले- 15 दिन से दिखने लगा था बदलाव
पिता सुरेश चंद बताते हैं- शिवम के व्यवहार में 15 दिन से बदलाव दिख रहा था। मेरे पैर सुबह-शाम छूने लग गया था। अपने छोटे भाई को भी कहता था कि माता-पिता के पैर छुआ करो। शैतानी मत करो। सबका आदर करो। मुझसे कहता था कि ज्यादा चिंता मत किया करो। अब जीवन में आगे क्या करना चाहते हो? उसने कहा- फिलहाल पढ़ाई पूरी करूंगा। 12वीं तक पढ़ूंगा। माता-पिता की सेवा करूंगा। पिता की दुकान संभालूंगा। शादी भी करूंगा। पूरी जिम्मेदारी निभाऊंगा। छोटे भाई का परिवार भी बसाऊंगा। जब सब जिम्मेदारी निभा लूंगा और बंधन मुक्त हो जाऊंगा तो भगवान की प्राप्ति के लिए निकलूंगा। NDA में जाऊंगा, फिर होटल खोलूंगा
शिवम ने बताया कि वो एनडीए में जाना चाहता था। पैसा कमाकर अपनी ताऊ की बेटी के साथ एक होटल खोलना चाहता था। एक बड़ा घर लेना चाहता था, जिसमें दोनों परिवार एक साथ रहें। माता-पिता, भाई-बहन, ताऊ-ताई एक साथ सुखी जीवन जिएं। अब सोचा नहीं है कि NDA में जाऊंगा या नहीं। शिवम पढ़ाई में अच्छा है। अब आश्रम क्या कहता है, ये भी पढ़िए… यहां परिवार की सहमति से दीक्षा देते हैं
इस पूरे मामले में प्रेमानंद महाराज आश्रम के नवल नागरी दास महाराज ने बताया- हम उस बच्चे को नहीं जानते हैं। बच्चा बाहर से आया, बाहर से ही चला गया। मुलाकात नहीं हुई। हम देखते हैं कि माता-पिता की इच्छा के बिना बच्चे को दीक्षा भी न दी जाए। हम उसमें घर वालों से साइन करवाते हैं कि दीक्षा देनी है। संत बनने की बात बहुत दूर की है। यहां आश्रम में ऐसे ही कोई नहीं रह सकता। ————————————————————— अब प्रेमानंद महाराज कौन है, यह इस खबर में पढ़िए… प्रेमानंद महाराज, जिनकी नाराजगी पर नाक रगड़ने पहुंचे प्रदीप मिश्रा:17 साल से डायलिसिस पर, किडनी का नाम राधा-कृष्ण; विराट-अनुष्का भी हैं फॉलोअर्स मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर में विवादित बयान देने के 20 दिन बाद पं प्रदीप मिश्रा बरसाना पहुंचे। उन्होंने राधा-रानी के जन्म और विवाह से जुड़े अपने बयान पर माफी मांगी। मंदिर में नाक रगड़ी। उनके बरसाना तक आने के पीछे की वजह सिर्फ लोगों की नाराजगी ही नहीं, बल्कि प्रेमानंद हैं। पढ़िए पूरी खबर… ‘सांसारिक मोह-माया छोड़ दीजिए। अपने हृदय को मजबूत करिए। भगवान यूं ही नहीं मिलते, घर त्यागना पड़ता है।’ वीडियो में प्रेमानंद महाराज के विचारों को सुनकर 16 साल का शिवम शर्मा आगरा से वृंदावन पहुंच गया। 48 घंटे में 2 बार प्रेमानंद से मिला। आश्रम में ही रहने लगा। इधर आगरा में परेशान परिवार ने पुलिस की मदद बच्चे को ढूंढ निकाला। वापस लौटे शिवम में काफी बदलाव आ चुका है। उसका झुकाव अध्यात्म की तरफ है। शनिवार को दैनिक भास्कर टीम शिवम के घर पहुंची। उसने कहा – मैं अब माता-पिता की सेवा करना चाहता हूं। NDA करके पैसा कमाऊंगा। 1 होटल खोलना चाहता हूं। मगर संकेत दिया कि बंधन मुक्त होते ही प्रेमानंद महाराज के बताए रास्ते पर फिर चल पड़ेगा। पहले परिवार के बारे में जानते हैं… पिता की दुकान में मदद करता है शिवम
धूलियागंज के रहने वाले शिवम शर्मा के पिता चाय की दुकान चलाते हैं। उनका बड़ा बेटा शिवम 16 साल का है, 10वीं का छात्र है। छोटा बेटा 14 साल का है, जोकि 8वीं का छात्र है। पत्नी चांदनी शर्मा गृहिणी हैं। जॉइंट फैमिली है, इसमें बड़े भाई का परिवार भी साथ ही रहता है। शिवम आम बच्चों की तरह ही नटखट है। पिता की दुकान चलाने में मदद करता है। सामान लाने के लिए शिवम अपने भाई के साथ बाजार जाता है। 45 दिन पहले प्रेमानंद महाराज के वीडियो देखना शुरू किया
शिवम पिछले 45 दिन से प्रेमानंद महाराज के वीडियो-रील्स देख रहा था। वह अपने पिता सुरेश चंद का मोबाइल पढ़ाई के लिए लेता था। परिवार में लोग यही समझते थे कि वह क्लास वर्क के लिए मोबाइल चला रहा है। मगर वह कई घंटे प्रेमानंद का वीडियो देखता रहता था। इससे प्रभावित होकर 9 अक्टूबर को शिवम ने घर छोड़ दिया। अब आगरा से वृंदावन पहुंचने की कहानी घर छोड़ना है, ये कब सोचा? शिवम ने कहा- मैंने प्रभु में रमने का मन बनाया। 8 अक्टूबर को एक अंकल से मथुरा-वृंदावन जाने का रास्ता समझा। बस का किराया भी उन्होंने बताया। इसके बाद मुझसे 1 गलती हुई। मैंने वृंदावन जाने के लिए पापा के काउंटर से 1 हजार रुपए निकाले। 500 रुपए किसी का उधार था, वो चुका दिया। वृंदावन कैसे पहुंचे? 9 अक्टूबर की सुबह 5.15 बजे घर से निकल गया। बेलनगंज से रामबाग तक ऑटो से गया, फिर आईएसबीटी से बस में बैठकर मथुरा बस स्टैंड पर पहुंचा। वहां से गोवर्धन पहुंचकर, परिक्रमा की। इसमें शाम के 6 बज गए। किसी से पूछा कि वृंदावन कैसे जाऊं। प्रेमानंद महाराज के आश्रम का पता पूछा। राधा केली कुंज पहुंचा। तब तक रात के 8 बज गए थे। पूरा दिन सिर्फ 2 केले खाए और गन्ने का रस पिया। प्रेमानंद महाराज से कैसे मिले? प्रेमानंद महाराज जिस रास्ते से निकलते हैं, उसी पर रात में सो गया। वहीं एक जगह 2 पराठे खाए। सुबह लगभग 3:30 बजे प्रेमानंद महाराज अपने आश्रम से निकले। उनको देखा और भावुक हो गया। लगा कि अब जीवन यही है। इससे पहले गोवर्धन परिक्रमा के दौरान भी प्रेमानंद महाराज को देखा था। 10 अक्टूबर की सुबह 7 बजे वृंदावन की सुदामा कोटी के पास ओम नम: शिवाय आश्रम पहुंचा। वहां के व्यवस्थापक को अपनी पूरी कहानी बताई। व्यवस्थापक ने कहा कि यहीं रुको। खाना खाओ। भगवान का नाम जपो और सेवा करो। उस दिन वहीं रुका। 11 अक्टूबर को सुबह पापा को फोन किया। कहा कि मुझे ढूंढना नहीं। मैं जहां भी हूं, खुश हूं। बहुत पूछने पर भी पता नहीं बताया कि कहां हूं। फिर मम्मी ने उस नंबर पर फोन किया। फोन आश्रम के व्यवस्थापक ने उठाया। लेकिन पता नहीं बताया। इस पर मम्मी ने कहा कि आपको आपके भगवान की कसम है। मेरा बेटा कहां है, बस पता बता दो। उसके बाद उन्होंने पता बता दिया। फिर पुलिस मुझे लेकर वापस आगरा पहुंच गई। मां ने कहा- शिवम अचानक गायब हो गया
मां चांदनी ने कहा- सुबह दोनों भाई अपने आप तैयार होकर स्कूल निकल जाते हैं। 9 अक्टूबर की सुबह छोटा बेटा प्रिंस 7 बजे टहलकर लौटा तो मैंने पूछा कि शिवम कहां है? उसने कहा कि भैया स्कूल चले गए होंगे। दोपहर में शिवम का दोस्त घर आया और पूछा कि वह कहां है? तब मैंने बताया कि वो तो स्कूल गया था। दोस्त ने कहा कि वो स्कूल नहीं आया। छोटे बेटे से पूछा कि भाई स्कूल में मिला था क्या? उसने भी मना किया। खोजने के बाद हमने शाम को पुलिस को बताया। पिता बोले- पड़ोसी ने बताया था कि मथुरा जा सकता है शिवम
शिवम के पिता सुरेश चंद ने कहा- हमें पड़ोसी ने बताया कि शिवम ने प्रेमानंद महाराज और मथुरा के बारे में पूछा था। हो सकता है कि वहां गया हो। इसके बाद परिवार 10 अक्टूबर को शिवम को ढूंढने मथुरा गया। लेकिन शिवम का पता नहीं चला। 10 अक्टूबर को हम लोग लौट आए। पुलिस से संपर्क किया। अब पढ़िए पुलिस ने शिवम का पता कैसे निकाला CCTV से ट्रेस करती मथुरा तक पहुंची
पुलिस ने पहले धूलियागंज के CCTV चेक किए। इसमें शिवम सुबह घर से निकलता और बेलनगंज जाता हुआ दिखाई दिया। बाद में पुलिस ने स्मार्ट सिटी कैमरों की मदद ली। इसमें शिवम बेलनगंज से रामबाग और रामबाग से आईएसबीटी जाता दिखा। आईएसबीटी के कैमरे चेक किए गए, जिसमें वह मथुरा की बस में बैठता दिखाई दिया। बस के कंडक्टर की फोटो ली गई। पूछताछ में पता चला कि शिवम मथुरा गया है। शिवम के परिजनों के साथ पुलिस 11 अक्टूबर को मथुरा पहुंची। इसी बीच ही शिवम ने अपने पिता को फोन किया था। अब हमने शिवम से बातचीत की… वीडियो में सुना, प्रेमानंद ने 11 साल की उम्र में घर छोड़ा
शिवम ने कहा- एक वीडियो में सुना कि प्रेमानंद महाराज ने 11 साल की उम्र में भगवान की प्राप्ति के लिए घर छोड़ दिया। तभी से उसके मन में ख्याल आया कि भगवान को पाना है। इसके लिए घर छोड़ना होगा। प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि भगवान को पाने के लिए जो उचित लगे वो करो। इसलिए मैंने वहीं किया। बदल गया शिवम का व्यवहार
48 घंटे घर से बाहर रहने के बाद घर लौटे शिवम की भाषा में बदलाव आ गया है। मां चांदनी कहती हैं- पहले वो ‘हम’ या ‘हमारे’ करके बातें नहीं करता था। लेकिन अब कहने लगा है। अब वो कहता है कि बंधनमुक्त होने पर प्रेमानंद महाराज के बताए रास्ते पर चलूंगा। पहले आपकी सेवा करूंगा। मां का कहना है कि जब से लौटा है, तब से अब तक एक बार भी मेरे साथ मस्ती नहीं की। पहले आते-जाते कपड़े खींचता था, लेकिन अब शांत है। पता नहीं क्या सोचता रहता है। पिता बोले- 15 दिन से दिखने लगा था बदलाव
पिता सुरेश चंद बताते हैं- शिवम के व्यवहार में 15 दिन से बदलाव दिख रहा था। मेरे पैर सुबह-शाम छूने लग गया था। अपने छोटे भाई को भी कहता था कि माता-पिता के पैर छुआ करो। शैतानी मत करो। सबका आदर करो। मुझसे कहता था कि ज्यादा चिंता मत किया करो। अब जीवन में आगे क्या करना चाहते हो? उसने कहा- फिलहाल पढ़ाई पूरी करूंगा। 12वीं तक पढ़ूंगा। माता-पिता की सेवा करूंगा। पिता की दुकान संभालूंगा। शादी भी करूंगा। पूरी जिम्मेदारी निभाऊंगा। छोटे भाई का परिवार भी बसाऊंगा। जब सब जिम्मेदारी निभा लूंगा और बंधन मुक्त हो जाऊंगा तो भगवान की प्राप्ति के लिए निकलूंगा। NDA में जाऊंगा, फिर होटल खोलूंगा
शिवम ने बताया कि वो एनडीए में जाना चाहता था। पैसा कमाकर अपनी ताऊ की बेटी के साथ एक होटल खोलना चाहता था। एक बड़ा घर लेना चाहता था, जिसमें दोनों परिवार एक साथ रहें। माता-पिता, भाई-बहन, ताऊ-ताई एक साथ सुखी जीवन जिएं। अब सोचा नहीं है कि NDA में जाऊंगा या नहीं। शिवम पढ़ाई में अच्छा है। अब आश्रम क्या कहता है, ये भी पढ़िए… यहां परिवार की सहमति से दीक्षा देते हैं
इस पूरे मामले में प्रेमानंद महाराज आश्रम के नवल नागरी दास महाराज ने बताया- हम उस बच्चे को नहीं जानते हैं। बच्चा बाहर से आया, बाहर से ही चला गया। मुलाकात नहीं हुई। हम देखते हैं कि माता-पिता की इच्छा के बिना बच्चे को दीक्षा भी न दी जाए। हम उसमें घर वालों से साइन करवाते हैं कि दीक्षा देनी है। संत बनने की बात बहुत दूर की है। यहां आश्रम में ऐसे ही कोई नहीं रह सकता। ————————————————————— अब प्रेमानंद महाराज कौन है, यह इस खबर में पढ़िए… प्रेमानंद महाराज, जिनकी नाराजगी पर नाक रगड़ने पहुंचे प्रदीप मिश्रा:17 साल से डायलिसिस पर, किडनी का नाम राधा-कृष्ण; विराट-अनुष्का भी हैं फॉलोअर्स मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर में विवादित बयान देने के 20 दिन बाद पं प्रदीप मिश्रा बरसाना पहुंचे। उन्होंने राधा-रानी के जन्म और विवाह से जुड़े अपने बयान पर माफी मांगी। मंदिर में नाक रगड़ी। उनके बरसाना तक आने के पीछे की वजह सिर्फ लोगों की नाराजगी ही नहीं, बल्कि प्रेमानंद हैं। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर