राधा रानी के जन्म और विवाह को लेकर कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा (सीहोर वाले) के प्रवचन पर विवाद छिड़ गया है। ब्रज में ब्रजवासी, भागवत प्रवक्ता सहित संतों में नाराजगी है। संत प्रेमानंद महाराज ने पंडित प्रदीप मिश्रा को यहां तक कह दिया कि तुझे नरक से कोई नहीं बचा सकता। चार श्लोक क्या पढ़ लिए, प्रवक्ता बन गए? इसके बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- राधा रानी प्रसंग पर उन्होंने जो भी कहा वो शास्त्रों के अनुसार ही कहा। उन्होंने जवाब दिया कि जिस-जिस महाराज को प्रमाण चाहिए वो कुबरेश्वर धाम आ जाए। राधा रानी की आड़ में उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। वह (प्रेमानंद) रसिक संत हैं। अगर वह फोन कर देते तो यह दास दौड़ता हुआ चला जाता। प्रदीप मिश्रा ने खंडवा के ओंकारेश्वर में प्रवचन के दौरान यह बातें कही हैं। प्रदीप मिश्रा के किस बयान पर विवाद छिड़ा है, जानिए
पं. प्रदीप मिश्रा ने अपने एक प्रवचन में कहा- राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह साल भर में एक बार आती थीं। प्रेमानंद महाराज का प्रदीप मिश्रा को जवाब- तुझे शर्म आनी चाहिए
प्रेमानंद जी महाराज ने 10 जून को पंडित प्रदीप मिश्रा को जवाब देते हुए कहा- तुम्हें पता ही क्या है लाडली जी के बारे में? तुम जानते ही क्या हो? अगर तुम किसी संत के चरण रज का पान करके बात करते तो तुम्हारे मुख से कभी ऐसी वाणी नहीं निकलती। जैसा वेद कहते हैं, राधा और श्रीकृष्ण अलग नहीं हैं। तुझे तो शर्म आनी चाहिए। जिसके यश का गान करके जीता है, जिसका यश खाता है, जिसका यश गाकर तुझे नमस्कार और प्रणाम मिलता है, उसकी मर्यादा को तू नहीं जानता। श्रीजी की अवहेलना की बात करता है। कहते हैं कि वह इस बरसाने में नहीं हैं। अभी सामना पड़ा नहीं संतों से। चार लोगों को घेरकर उनसे पैर पुजवाता है, तो समझ लिया कि तू बड़ा भागवताचार्य है। रही बात श्रीजी बरसाने की हैं या नहीं, तो तुमने कितने ग्रंथों का अध्ययन किया है? चार श्लोक पढ़ क्या लिए, भागवत प्रवक्ता बन गए। तुम नरक में जाओगे, वृंदावन की भूमि से गरज कर यह कह रहा हूं। अब सिलसिलेवार पढ़िए पंडित प्रदीप मिश्रा ने खंडवा में कथा के समय क्या जवाब दिया पं. प्रदीप मिश्रा बोले- प्रमाण हम पहले दे चुके हैं
इसके बाद खंडवा के ओंकारेश्वर में प्रवचन करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने प्रेमानंद को जवाब देते हुए कहा- इसका प्रमाण हम पहले दे चुके हैं, लेकिन जिसकी दृष्टि में सीहोर वाला महाराज गलत है। तो वह जिंदगीभर कितना भी प्रमाण दें, जैसे माता जानकी प्रमाण दे देकर आखिरी में जमीन में चली गई, मगर उसकी किसी ने नहीं मानी। ऐसा चाहते हैं दुनिया के लोग कि तुम प्रमाण देते रहो, तो देते रहो। उन्होंने आगे कहा- क्या प्रमाण चाहिए? मेरी मां ने सौंगंध खाकर बैठाया था कि इस व्यास पीठ से वह शब्द बोलना जो हमारे शास्त्रों में हैं। ब्रह्म वैवर्त्य पुराण राधा रानी का संवाद बोला, राधा रहस्य में से राधा का संवाद बोला, गोड़िया सम्प्रदाय के काली पीठ से निकलने वाली पुस्तक राधा जी का संवाद लिखा है जो हमने बोला। और प्रसन्नता व्रत चौरासी कोस में अनय घोष का मंदिर है वहां जाकर दर्शन करो जावट गांव में, उसका प्रसंग कहा। इसके बाद कितना प्रमाण चाहिए तुमको। बात है राधा रानी की वो तो मेरी मां है। माफी की बात करते हो, इस राधा रानी के चरणों में तो मेरी पूरी जिंदगी, खानदान और कुटुम्ब पड़ा है। प्रदीप मिश्रा बोले- कुछ लोग शिवपुराण का विरोध करना चाहते हैं
कथावाचक पंडित मिश्रा ने कहा- कुछ लोग शिवपुराण का विरोध करना चाहते हैं। इस व्यास पीठ का विरोध करना चाहते हैं। प्रदीप मिश्रा का विरोध करना चाहते हैं। वो लोग राधा रानी की आड़ में बदनाम करना चाहते हैं। और ब्रजवासी इतना भोला है कि वो समझ नहीं पा रहा है। आप कहो जिस दिन राधा रानी के चरणों में आकर दंडवत कर लूं। आप बोलो जितने दिन तक राधा रानी के चरणों में पड़ा रहूं। मेरी मां हैं वो। उससे मेरा बैर नहीं है। प्रदीप मिश्रा बोले- जिन्होंने मेरी आधी वीडियो चलाई, उन्हें मेरी राधा रानी देख लेगी
कथावाचक पंडित मिश्रा ने कहा- मैं एक-एक ब्रजवासी को नमन करता हूं। अगर मेरी वाणी से कोई चोट लगी हो तो मुझे क्षमा करिएगा। मैंने प्रमाण से कहा है और प्रमाण अपने पास रखूंगा। सत्य पर जिया हूं और सत्य पर जिऊंगा। जिन्होंने मेरी आधी वीडियो चलाई है उन्हें तो मेरी राधा रानी देख लेगी। मेरे भोलेनाथ देख लेंगे। राधा रानी की आड़ में जो शिव महापुराण पर लांछन लगा रहे हैं। जो विद्रोही, जो विधर्मी, जो सनातन धर्म को अच्छा नहीं देख सकते। वो बदनाम करने में लगे है। ब्रज के कोई संत मुझे आमंत्रित करें, मैं तैयार हूं। आपको चरणों में आऊंगा, प्रणाम करूंगा, दंडवत करूंगा और आपको पूरा व्याख्यान बताकर जाऊंगा। कहां से पढ़ा। कहां से बोला। किस जगह से वर्णन किया। प्रदीप मिश्रा के बयान पर ब्रज में कैसी नाराजगी है, जानते हैं… ब्रजवासियों की मांग- प्रदीप मिश्रा माफी मांगें
राधा रानी के जन्म और विवाह को लेकर प्रदीप मिश्रा द्वारा दिए गए बयान के बाद लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। ब्रजवासी प्रदीप मिश्रा से माफी मांगने की बात कर रहे हैं। ब्रज के बरसाना, मथुरा, वृंदावन के लोग कह रहे हैं कि उन्होंने यह सब बिना प्रमाण के बोला है। ब्रजवासियों ने मथुरा के SSP से उनके खिलाफ शिकायत की। पं. प्रदीप बोले- ब्रजवासी भोले उनके बीच धेनु सुर आ गया
शिव पुराण कथा प्रवक्ता प्रदीप मिश्रा ने प्रवचन में कहा था- राधा रानी तो उनकी मां हैं। जब उन पर कुछ नहीं था, तब वह बरसाना की गिर्राज जी की 51 परिक्रमा किए थे। ब्रजवासी भोले हैं। उनके बीच जैसे भगवान कृष्ण की धेनु (गाय) के झुंड में एक सुर घुस आया था। इसी तरह धेनु सुर आ गए हैं। जो विवाद खड़ा कर रहे हैं। धेनु सुर कहने पर भड़के भागवत प्रवक्ता आचार्य मृदुल कांत
ब्रजवासियों के बीच धेनु सुर कहने पर अब भागवत प्रवक्ता भड़क गए हैं। भागवत प्रवक्ता आचार्य मृदुल कांत शास्त्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो जारी करते हुए कहा- प्रदीप मिश्रा जी आप बिना प्रमाण के बोलते हैं। अगर आप शास्त्रार्थ करना चाहते हैं तो आप ब्रज में आ जाइए। यहां का बच्चा बच्चा प्रमाण दे देगा। आप ब्रजवासियों को धेनु सुर कहते हैं। आप किस मद में हैं। प्रदीप मिश्रा के दिए गए जवाब पर जब दैनिक भास्कर ने संत प्रेमानंद महाराज से बात करनी चाही तो उनके आश्रम से जुड़े संत नवल दास ने कहा- महाराज जी को जो कुछ कहना था, वह कह दिया है। अभी इस विषय पर वह कुछ नहीं कहेंगे। राधा रानी के जन्म और विवाह को लेकर कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा (सीहोर वाले) के प्रवचन पर विवाद छिड़ गया है। ब्रज में ब्रजवासी, भागवत प्रवक्ता सहित संतों में नाराजगी है। संत प्रेमानंद महाराज ने पंडित प्रदीप मिश्रा को यहां तक कह दिया कि तुझे नरक से कोई नहीं बचा सकता। चार श्लोक क्या पढ़ लिए, प्रवक्ता बन गए? इसके बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा- राधा रानी प्रसंग पर उन्होंने जो भी कहा वो शास्त्रों के अनुसार ही कहा। उन्होंने जवाब दिया कि जिस-जिस महाराज को प्रमाण चाहिए वो कुबरेश्वर धाम आ जाए। राधा रानी की आड़ में उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। वह (प्रेमानंद) रसिक संत हैं। अगर वह फोन कर देते तो यह दास दौड़ता हुआ चला जाता। प्रदीप मिश्रा ने खंडवा के ओंकारेश्वर में प्रवचन के दौरान यह बातें कही हैं। प्रदीप मिश्रा के किस बयान पर विवाद छिड़ा है, जानिए
पं. प्रदीप मिश्रा ने अपने एक प्रवचन में कहा- राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह साल भर में एक बार आती थीं। प्रेमानंद महाराज का प्रदीप मिश्रा को जवाब- तुझे शर्म आनी चाहिए
प्रेमानंद जी महाराज ने 10 जून को पंडित प्रदीप मिश्रा को जवाब देते हुए कहा- तुम्हें पता ही क्या है लाडली जी के बारे में? तुम जानते ही क्या हो? अगर तुम किसी संत के चरण रज का पान करके बात करते तो तुम्हारे मुख से कभी ऐसी वाणी नहीं निकलती। जैसा वेद कहते हैं, राधा और श्रीकृष्ण अलग नहीं हैं। तुझे तो शर्म आनी चाहिए। जिसके यश का गान करके जीता है, जिसका यश खाता है, जिसका यश गाकर तुझे नमस्कार और प्रणाम मिलता है, उसकी मर्यादा को तू नहीं जानता। श्रीजी की अवहेलना की बात करता है। कहते हैं कि वह इस बरसाने में नहीं हैं। अभी सामना पड़ा नहीं संतों से। चार लोगों को घेरकर उनसे पैर पुजवाता है, तो समझ लिया कि तू बड़ा भागवताचार्य है। रही बात श्रीजी बरसाने की हैं या नहीं, तो तुमने कितने ग्रंथों का अध्ययन किया है? चार श्लोक पढ़ क्या लिए, भागवत प्रवक्ता बन गए। तुम नरक में जाओगे, वृंदावन की भूमि से गरज कर यह कह रहा हूं। अब सिलसिलेवार पढ़िए पंडित प्रदीप मिश्रा ने खंडवा में कथा के समय क्या जवाब दिया पं. प्रदीप मिश्रा बोले- प्रमाण हम पहले दे चुके हैं
इसके बाद खंडवा के ओंकारेश्वर में प्रवचन करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने प्रेमानंद को जवाब देते हुए कहा- इसका प्रमाण हम पहले दे चुके हैं, लेकिन जिसकी दृष्टि में सीहोर वाला महाराज गलत है। तो वह जिंदगीभर कितना भी प्रमाण दें, जैसे माता जानकी प्रमाण दे देकर आखिरी में जमीन में चली गई, मगर उसकी किसी ने नहीं मानी। ऐसा चाहते हैं दुनिया के लोग कि तुम प्रमाण देते रहो, तो देते रहो। उन्होंने आगे कहा- क्या प्रमाण चाहिए? मेरी मां ने सौंगंध खाकर बैठाया था कि इस व्यास पीठ से वह शब्द बोलना जो हमारे शास्त्रों में हैं। ब्रह्म वैवर्त्य पुराण राधा रानी का संवाद बोला, राधा रहस्य में से राधा का संवाद बोला, गोड़िया सम्प्रदाय के काली पीठ से निकलने वाली पुस्तक राधा जी का संवाद लिखा है जो हमने बोला। और प्रसन्नता व्रत चौरासी कोस में अनय घोष का मंदिर है वहां जाकर दर्शन करो जावट गांव में, उसका प्रसंग कहा। इसके बाद कितना प्रमाण चाहिए तुमको। बात है राधा रानी की वो तो मेरी मां है। माफी की बात करते हो, इस राधा रानी के चरणों में तो मेरी पूरी जिंदगी, खानदान और कुटुम्ब पड़ा है। प्रदीप मिश्रा बोले- कुछ लोग शिवपुराण का विरोध करना चाहते हैं
कथावाचक पंडित मिश्रा ने कहा- कुछ लोग शिवपुराण का विरोध करना चाहते हैं। इस व्यास पीठ का विरोध करना चाहते हैं। प्रदीप मिश्रा का विरोध करना चाहते हैं। वो लोग राधा रानी की आड़ में बदनाम करना चाहते हैं। और ब्रजवासी इतना भोला है कि वो समझ नहीं पा रहा है। आप कहो जिस दिन राधा रानी के चरणों में आकर दंडवत कर लूं। आप बोलो जितने दिन तक राधा रानी के चरणों में पड़ा रहूं। मेरी मां हैं वो। उससे मेरा बैर नहीं है। प्रदीप मिश्रा बोले- जिन्होंने मेरी आधी वीडियो चलाई, उन्हें मेरी राधा रानी देख लेगी
कथावाचक पंडित मिश्रा ने कहा- मैं एक-एक ब्रजवासी को नमन करता हूं। अगर मेरी वाणी से कोई चोट लगी हो तो मुझे क्षमा करिएगा। मैंने प्रमाण से कहा है और प्रमाण अपने पास रखूंगा। सत्य पर जिया हूं और सत्य पर जिऊंगा। जिन्होंने मेरी आधी वीडियो चलाई है उन्हें तो मेरी राधा रानी देख लेगी। मेरे भोलेनाथ देख लेंगे। राधा रानी की आड़ में जो शिव महापुराण पर लांछन लगा रहे हैं। जो विद्रोही, जो विधर्मी, जो सनातन धर्म को अच्छा नहीं देख सकते। वो बदनाम करने में लगे है। ब्रज के कोई संत मुझे आमंत्रित करें, मैं तैयार हूं। आपको चरणों में आऊंगा, प्रणाम करूंगा, दंडवत करूंगा और आपको पूरा व्याख्यान बताकर जाऊंगा। कहां से पढ़ा। कहां से बोला। किस जगह से वर्णन किया। प्रदीप मिश्रा के बयान पर ब्रज में कैसी नाराजगी है, जानते हैं… ब्रजवासियों की मांग- प्रदीप मिश्रा माफी मांगें
राधा रानी के जन्म और विवाह को लेकर प्रदीप मिश्रा द्वारा दिए गए बयान के बाद लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। ब्रजवासी प्रदीप मिश्रा से माफी मांगने की बात कर रहे हैं। ब्रज के बरसाना, मथुरा, वृंदावन के लोग कह रहे हैं कि उन्होंने यह सब बिना प्रमाण के बोला है। ब्रजवासियों ने मथुरा के SSP से उनके खिलाफ शिकायत की। पं. प्रदीप बोले- ब्रजवासी भोले उनके बीच धेनु सुर आ गया
शिव पुराण कथा प्रवक्ता प्रदीप मिश्रा ने प्रवचन में कहा था- राधा रानी तो उनकी मां हैं। जब उन पर कुछ नहीं था, तब वह बरसाना की गिर्राज जी की 51 परिक्रमा किए थे। ब्रजवासी भोले हैं। उनके बीच जैसे भगवान कृष्ण की धेनु (गाय) के झुंड में एक सुर घुस आया था। इसी तरह धेनु सुर आ गए हैं। जो विवाद खड़ा कर रहे हैं। धेनु सुर कहने पर भड़के भागवत प्रवक्ता आचार्य मृदुल कांत
ब्रजवासियों के बीच धेनु सुर कहने पर अब भागवत प्रवक्ता भड़क गए हैं। भागवत प्रवक्ता आचार्य मृदुल कांत शास्त्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो जारी करते हुए कहा- प्रदीप मिश्रा जी आप बिना प्रमाण के बोलते हैं। अगर आप शास्त्रार्थ करना चाहते हैं तो आप ब्रज में आ जाइए। यहां का बच्चा बच्चा प्रमाण दे देगा। आप ब्रजवासियों को धेनु सुर कहते हैं। आप किस मद में हैं। प्रदीप मिश्रा के दिए गए जवाब पर जब दैनिक भास्कर ने संत प्रेमानंद महाराज से बात करनी चाही तो उनके आश्रम से जुड़े संत नवल दास ने कहा- महाराज जी को जो कुछ कहना था, वह कह दिया है। अभी इस विषय पर वह कुछ नहीं कहेंगे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर