प्रोफेसर रविकांत बोले- मैं आंबेडकरवादी, यह मेरी अभिव्यक्ति:लखनऊ में ABVP बोली- वह अर्बन नक्सली, सोशल मीडिया पर किया था पोस्ट

प्रोफेसर रविकांत बोले- मैं आंबेडकरवादी, यह मेरी अभिव्यक्ति:लखनऊ में ABVP बोली- वह अर्बन नक्सली, सोशल मीडिया पर किया था पोस्ट

‘मुस्कान और सोनम रघुवंशी जैसी महिलाएं संघी विचार की उपज हैं। ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, डॉ. अंबेडकर ने महिलाओं के हाथ में कलम और किताब दी। नेहरू ने वो अवसर उपलब्ध कराए। महिलाओं ने शिक्षा हासिल करके सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीने का सलीका सीखा। पिछले दशकों में महिलाओं ने बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए। लेकिन आरएसएस ने अपने हिंदुत्व की प्रयोगशाला के लिए बेटियों के हाथों में त्रिशूल और तलवार पकड़ा दी। उनके मन में विधर्मियों के खिलाफ हिंसा और नफरत पैदा की। इसका प्रभाव गुजरात और दिल्ली के दंगों में दिखाई दिया। जाहिर तौर पर इस हिंसा और नफरत का इस्तेमाल भीतर भी होना ही था। आज महिलाएं अगर अपने पतियों की हत्या करवा रही हैं तो इसके लिए सिर्फ और सिर्फ RSS की हिंसा और नफरत की मानसिकता जिम्मेदार है।’ यह पोस्ट कोई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का नहीं बल्कि लखनऊ यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर का है। प्रोफेसर का नाम है- डॉ. रविकांत। वह सोशल मीडिया पर रविकांत चंदन नाम से अकाउंट चलाते हैं। इस पोस्ट के बाद उनके खिलाफ ABVP से जुड़े स्टूडेंट ने थाने में तहरीर दे दी है। वहीं, प्रोफेसर ने कहा है- मैंने कुछ गलत नहीं लिखा। मैं आंबेडकरवादी हूं, यह मेरी अपनी अभिव्यक्ति है। इससे पहले प्रोफेसर रविकांत ने ज्ञान व्यापी प्रकरण में टीवी डिबेट के दौरान देवी-देवताओं पर बयान दिया था। उस समय भी यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों का बवाल-हंगामा हुआ था। सबसे पहले प्रोफेसर का सोशल मीडिया पोस्ट पढ़िए… सोशल मीडिया पोस्ट के बाद आक्रोश से शुरू RSS के खिलाफ किए गए प्रोफेसर रविकांत के हालिया सोशल मीडिया पोस्ट ने कैंपस का माहौल गर्म कर दिया है। ABVP से जुड़े स्टूडेंट्स में जबरदस्त आक्रोश है। छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कुछ छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के ढुलमुल रवैये के कारण आए दिन कोई ना कोई शिक्षक विवादित बयान दे रहा है या पोस्ट कर रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसे किसी भी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहा है। अब स्टूडेंट्स-शिक्षक संघ ने जो कहा उसे पढ़िए ‘ये कभी पाकिस्तान-चीन के खिलाफ नहीं बोलते’ सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट देने वाले डॉ. रविकांत के खिलाफ छात्र नेता कार्तिक पांडेय ने हसनगंज थाने में तहरीर दी है। दैनिक भास्कर ने उनसे बात की। कार्तिक बोले- लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षकों का एक ऐसा कुनबा है जो अर्बन नक्सली की तरह देशविरोधी बातें करता है। यूनिवर्सिटी में टीचर्स का ये गुट हर समय देश को, सरकार को और सिस्टम को कोसता रहता है। हैरानी की बात है कि इन शिक्षकों के मुंह से कभी पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं निकलता। ये वो शिक्षक हैं जो यूनिवर्सिटी में कभी क्लास लेने नहीं जाते पर सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहते हैं। विवादित पोस्ट करते हैं और समाज को बांटने पर फोकस करते हैं। ‘देशविरोधी पोस्ट इनके लिए नया ट्रेंड’ कार्तिक कहते हैं कि अभी कुछ महीने पहले ही पहलगाम हमले के बाद लिंग्विस्टिक डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर माद्री काकोटी ने विवादित पोस्ट किया था। देश पर बड़े आतंकवादी हमले के दौरान के समय भी वह राजनीति करने से बाज नहीं आईं। इसके बाद एक अन्य शिक्षक सौरव बनर्जी ने भी अशोभनीय टिप्पणी की। दोनों ही शिक्षकों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ। यही कारण है कि इस गुट के सभी शिक्षकों का मनोबल बढ़ चुका है। वो देश के खिलाफ, राष्ट्रवादी संगठनों के खिलाफ विवादित बयान देने में जरा भी संकोच नहीं कर रहे। यह ट्रेंड बेहद खतरनाक है। मेरी लखनऊ पुलिस और लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग है कि इनके खिलाफ बिना देर किए कठोर कार्रवाई की जाए। इसे किसी विचारधारा से जोड़ना ठीक नहीं : LUTA अध्यक्ष प्रोफेसर के विवादित पोस्ट के मसले पर LUTA (लखनऊ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन) अध्यक्ष डॉ. अनित्य गौरव का कहना है कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे किसी विचारधारा से जोड़ना ठीक नहीं है। लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षकों ने हमेशा गुरु की गरिमा का मान रखा है। मैं खुद ऐसे बयान से कभी सहमत नहीं हो सकता। LUTA अध्यक्ष कहते हैं कि उन्होंने क्या पोस्ट किया है, मुझे इसकी पूरी जानकारी नहीं है। प्रोफेसर रविकांत को जानिए अब एसोसिएट प्रोफेसर की दलील पढ़िए मैंने संविधान के दायरे में रहकर बात की लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत ने RSS के खिलाफ भड़काऊ पोस्ट का बचाव किया। उन्होंने कहा- मेरे पोस्ट को पूरी तरह से और अच्छे से पढ़ा जाए। उसके बाद ही उस पर कोई कमेंट करे तभी अच्छा है। इस तरह कहना मेरी अपनी अभिव्यक्ति है। उन्होंने दैनिक भास्कर से कहा- इस देश में कई तरीके के विचार हैं। भारत अलग-अलग दर्शनों का गढ़ है। संविधानिक दायरे में रहकर मैंने अपनी बात कही है। ये मेरा अपना ओपिनियन है। मुझसे मेरा अधिकार कोई छीन नहीं सकता। मैंने हिंसा और नफरत के खिलाफ बोला प्रोफेसर रविकांत ने कहा- मैं आंबेडकरवादी हूं और अपनी बात पर पूरी तरह से अडिग रहता हूं। बाबा साहब हिंदू राष्ट्रवाद के खिलाफ थे, वह भी RSS के खिलाफ थे। ये जो माहौल है, परिवेश है, इसमें हिंसा को नॉर्मलाइज किया जा रहा है। महिलाओं को हिंसा के लिए उकसाया जा रहा है। प्रोफेसर ने पूछा- प्रज्ञा ठाकुर जब कहती हैं कि महिलाओं को छूरी-चाकू सिर्फ किचन में सब्जी काटने के लिए नहीं रखना चाहिए, खुद की सुरक्षा के लिए भी हमेशा साथ रखना चाहिए, तो ये हिंसा को भड़काना नहीं तो और क्या है? ABVP के महिला विंग का पलटवार… ————————— ये खबर पढ़िए… प्रोफेसर ने लिखा- पतियों की हत्या के लिए RSS जिम्मेदार, नफरत से सोनम-मुस्कान जैसी महिलाएं पैदा हुईं लखनऊ यूनिवर्सिटी के एक और प्रोफेसर ने विवादित बयान दिया। हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, मुस्कान और सोनम रघुवंशी जैसी महिलाएं संघी विचार की उपज हैं…। प्रोफेसर की विवादित पोस्ट पर ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) से जुड़े छात्रों में गुस्सा है। हसनगंज थाने में प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत की गई है। (पूरी खबर पढ़िए) ‘मुस्कान और सोनम रघुवंशी जैसी महिलाएं संघी विचार की उपज हैं। ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, डॉ. अंबेडकर ने महिलाओं के हाथ में कलम और किताब दी। नेहरू ने वो अवसर उपलब्ध कराए। महिलाओं ने शिक्षा हासिल करके सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीने का सलीका सीखा। पिछले दशकों में महिलाओं ने बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए। लेकिन आरएसएस ने अपने हिंदुत्व की प्रयोगशाला के लिए बेटियों के हाथों में त्रिशूल और तलवार पकड़ा दी। उनके मन में विधर्मियों के खिलाफ हिंसा और नफरत पैदा की। इसका प्रभाव गुजरात और दिल्ली के दंगों में दिखाई दिया। जाहिर तौर पर इस हिंसा और नफरत का इस्तेमाल भीतर भी होना ही था। आज महिलाएं अगर अपने पतियों की हत्या करवा रही हैं तो इसके लिए सिर्फ और सिर्फ RSS की हिंसा और नफरत की मानसिकता जिम्मेदार है।’ यह पोस्ट कोई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का नहीं बल्कि लखनऊ यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर का है। प्रोफेसर का नाम है- डॉ. रविकांत। वह सोशल मीडिया पर रविकांत चंदन नाम से अकाउंट चलाते हैं। इस पोस्ट के बाद उनके खिलाफ ABVP से जुड़े स्टूडेंट ने थाने में तहरीर दे दी है। वहीं, प्रोफेसर ने कहा है- मैंने कुछ गलत नहीं लिखा। मैं आंबेडकरवादी हूं, यह मेरी अपनी अभिव्यक्ति है। इससे पहले प्रोफेसर रविकांत ने ज्ञान व्यापी प्रकरण में टीवी डिबेट के दौरान देवी-देवताओं पर बयान दिया था। उस समय भी यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों का बवाल-हंगामा हुआ था। सबसे पहले प्रोफेसर का सोशल मीडिया पोस्ट पढ़िए… सोशल मीडिया पोस्ट के बाद आक्रोश से शुरू RSS के खिलाफ किए गए प्रोफेसर रविकांत के हालिया सोशल मीडिया पोस्ट ने कैंपस का माहौल गर्म कर दिया है। ABVP से जुड़े स्टूडेंट्स में जबरदस्त आक्रोश है। छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कुछ छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के ढुलमुल रवैये के कारण आए दिन कोई ना कोई शिक्षक विवादित बयान दे रहा है या पोस्ट कर रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसे किसी भी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहा है। अब स्टूडेंट्स-शिक्षक संघ ने जो कहा उसे पढ़िए ‘ये कभी पाकिस्तान-चीन के खिलाफ नहीं बोलते’ सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट देने वाले डॉ. रविकांत के खिलाफ छात्र नेता कार्तिक पांडेय ने हसनगंज थाने में तहरीर दी है। दैनिक भास्कर ने उनसे बात की। कार्तिक बोले- लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षकों का एक ऐसा कुनबा है जो अर्बन नक्सली की तरह देशविरोधी बातें करता है। यूनिवर्सिटी में टीचर्स का ये गुट हर समय देश को, सरकार को और सिस्टम को कोसता रहता है। हैरानी की बात है कि इन शिक्षकों के मुंह से कभी पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं निकलता। ये वो शिक्षक हैं जो यूनिवर्सिटी में कभी क्लास लेने नहीं जाते पर सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहते हैं। विवादित पोस्ट करते हैं और समाज को बांटने पर फोकस करते हैं। ‘देशविरोधी पोस्ट इनके लिए नया ट्रेंड’ कार्तिक कहते हैं कि अभी कुछ महीने पहले ही पहलगाम हमले के बाद लिंग्विस्टिक डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर माद्री काकोटी ने विवादित पोस्ट किया था। देश पर बड़े आतंकवादी हमले के दौरान के समय भी वह राजनीति करने से बाज नहीं आईं। इसके बाद एक अन्य शिक्षक सौरव बनर्जी ने भी अशोभनीय टिप्पणी की। दोनों ही शिक्षकों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ। यही कारण है कि इस गुट के सभी शिक्षकों का मनोबल बढ़ चुका है। वो देश के खिलाफ, राष्ट्रवादी संगठनों के खिलाफ विवादित बयान देने में जरा भी संकोच नहीं कर रहे। यह ट्रेंड बेहद खतरनाक है। मेरी लखनऊ पुलिस और लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग है कि इनके खिलाफ बिना देर किए कठोर कार्रवाई की जाए। इसे किसी विचारधारा से जोड़ना ठीक नहीं : LUTA अध्यक्ष प्रोफेसर के विवादित पोस्ट के मसले पर LUTA (लखनऊ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन) अध्यक्ष डॉ. अनित्य गौरव का कहना है कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे किसी विचारधारा से जोड़ना ठीक नहीं है। लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षकों ने हमेशा गुरु की गरिमा का मान रखा है। मैं खुद ऐसे बयान से कभी सहमत नहीं हो सकता। LUTA अध्यक्ष कहते हैं कि उन्होंने क्या पोस्ट किया है, मुझे इसकी पूरी जानकारी नहीं है। प्रोफेसर रविकांत को जानिए अब एसोसिएट प्रोफेसर की दलील पढ़िए मैंने संविधान के दायरे में रहकर बात की लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत ने RSS के खिलाफ भड़काऊ पोस्ट का बचाव किया। उन्होंने कहा- मेरे पोस्ट को पूरी तरह से और अच्छे से पढ़ा जाए। उसके बाद ही उस पर कोई कमेंट करे तभी अच्छा है। इस तरह कहना मेरी अपनी अभिव्यक्ति है। उन्होंने दैनिक भास्कर से कहा- इस देश में कई तरीके के विचार हैं। भारत अलग-अलग दर्शनों का गढ़ है। संविधानिक दायरे में रहकर मैंने अपनी बात कही है। ये मेरा अपना ओपिनियन है। मुझसे मेरा अधिकार कोई छीन नहीं सकता। मैंने हिंसा और नफरत के खिलाफ बोला प्रोफेसर रविकांत ने कहा- मैं आंबेडकरवादी हूं और अपनी बात पर पूरी तरह से अडिग रहता हूं। बाबा साहब हिंदू राष्ट्रवाद के खिलाफ थे, वह भी RSS के खिलाफ थे। ये जो माहौल है, परिवेश है, इसमें हिंसा को नॉर्मलाइज किया जा रहा है। महिलाओं को हिंसा के लिए उकसाया जा रहा है। प्रोफेसर ने पूछा- प्रज्ञा ठाकुर जब कहती हैं कि महिलाओं को छूरी-चाकू सिर्फ किचन में सब्जी काटने के लिए नहीं रखना चाहिए, खुद की सुरक्षा के लिए भी हमेशा साथ रखना चाहिए, तो ये हिंसा को भड़काना नहीं तो और क्या है? ABVP के महिला विंग का पलटवार… ————————— ये खबर पढ़िए… प्रोफेसर ने लिखा- पतियों की हत्या के लिए RSS जिम्मेदार, नफरत से सोनम-मुस्कान जैसी महिलाएं पैदा हुईं लखनऊ यूनिवर्सिटी के एक और प्रोफेसर ने विवादित बयान दिया। हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, मुस्कान और सोनम रघुवंशी जैसी महिलाएं संघी विचार की उपज हैं…। प्रोफेसर की विवादित पोस्ट पर ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) से जुड़े छात्रों में गुस्सा है। हसनगंज थाने में प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत की गई है। (पूरी खबर पढ़िए)   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर