यूपी के गाजियाबाद जिले की लोनी विधानसभा से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर मंगलवार को पूर्व सीएम उमा भारती के बुलावे पर भोपाल पहुंचे। उमा भारती ने गुर्जर से 20 मार्च को रामकथा की कलश यात्रा में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई और पूरे विवाद की जानकारी ली। उमा भारती ने मुलाकात के बाद ट्वीट कर लिखा- लोनी में जो घटा है वह मुझे दुःखद लगा। मुझे नंदकिशोर जी गुर्जर (नंदू) से जानकारी हुई है कि गुर्जर समाज के लोग इस पूरे घटनाक्रम से आहत हैं और उनका दिल्ली जाने का कार्यक्रम है। महान सम्राट राजा मिहिर भोज के वंशज स्वाभिमानी, राष्ट्रभक्त, पराक्रमी गुर्जर समाज के सभी भाई बंधु मोदी जी के साथ खड़े हों एवं राष्ट्रीय विकास में योगदान दें। पराक्रमी गुर्जर समाज को सम्राट राजा मिहिर भोज के वंशज होने के नाते उनकी महान परंपरा को कायम रखना है। लेकिन अभी तो नंदकिशोर (नंदू) को मेरी बात माननी पड़ेगी। क्योंकि मैं उसकी बड़ी दीदी हूं। मैंने उनको कहा है कि पहले शांति कायम कराएं….और पुन: मेरे पास भोपाल आएं। तब हम इन विषयों पर आगे बात करेंगे। इसीलिए मैंने मेरे छोटे भाई नंदकिशोर जी को आज्ञा दी है कि वह स्वयं जाकर इस दिल्ली जाने के कार्यक्रम को स्थगित करवाएं। अब सबसे पहले जानिए ये पूरा विवाद क्या है गाजियाबाद के लोनी से विधायक नंदकिशोर गुर्जर रामकथा की कलश यात्रा निकाल रहे थे। पुलिस ने इस यात्रा की परमिशन न होने का हवाला देकर कलश यात्रा रोकी, तो विवाद हो गया। विधायक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिलाओं, बेटियों और रामभक्तों के साथ मारपीट की और उनके कपड़े फाड़ दिए। उमा भारती से हुई मुलाकात के बाद दैनिक भास्कर ने लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर से बातचीत की। भास्कर– ऐसी क्या स्थिति बनी कि, उमा जी ने आपको यहां भोपाल बुलवाया? गुर्जर– वे दीदी के साथ ही संत भी हैं। राम मंदिर आंदोलन में जहां बडे़–बडे़ योद्धा साहस नहीं कर पा रहे थे, वहां उतनी कम उम्र में दीदी गुंबद पर चढ़ी थीं। उस जमाने में हम बच्चे थे। उनके वीडियो देखते थे। मेरा सौभाग्य है कि मैं गंगा यात्रा के दौरान हरिद्वार में उनसे जुड़ा। उनके कहने के बाद मेरी कोई हैसियत ही नहीं है कि मैं उनकी बात काट दूं। भास्कर– आपकी उमा जी से क्या बात हुई? गुर्जर– देश के प्रधानमंत्री, दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता मोदी जी देश को बहुत तेजी आगे बढ़ा रहे हैं। उन्हें गुर्जर समाज ने देश में एक तरफा वोट दिया है। सौ प्रतिशत वोट करने वाली कोई दो-तीन जातियां हैं तो उनमें गुर्जर समाज का भी नाम लिया जाता है। दिल्ली के आसपास चारों तरफ और 14-15 राज्यों में गुर्जर समाज है। चाहे राजस्थान की सरकार बनने की बात है, दिल्ली, हरियाणा की बात हो, या उत्तर प्रदेश की बात हो। उत्तर प्रदेश में ही 60 सीटें ऐसी हैं। जहां गुर्जर समाज 20 हजार से लेकर एक लाख तक संख्या में है। दीदी को गुर्जर समाज बहुत मानता है। दीदी जब भी हमारे यहां जाती हैं तो लोगों को बताने की जरूरत नहीं पड़ती। दस–बीस हजार लोगों की भीड़ दौड़ती है। भास्कर– आपके बयानों को क्या समझा जाए? गुर्जर– मैं पार्टी का कट्टर और अनुशासित कार्यकर्ता हूं। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं विधायक बनूंगा। मुझे रक्षा मंत्री जी राजनीति में लाए। उसके बाद पार्टी की राष्ट्रीय टीम, किसान मोर्चा की राष्ट्रीय टीम में रहा। पार्टी का जिलाध्यक्ष रहा। छात्र संघ का अध्यक्ष रहा। जिस तरह रामचरित मानस जन जन के प्राण हैं, उसी तरह भाजपा मेरे प्राण हैं। आवेश में कुछ इस तरह की बातें भी निकल गईं, जो नहीं बोला जाना चाहिए था। लेकिन, जैसा हमारी बहन बेटियों के साथ हुआ, कलश तोड़े गए। कोई सोच सकता है कि अपनी सरकार में ऐसा होगा। आज दीदी के पास आकर मुझे बहुत ताकत मिली है और मेरा मन हल्का हुआ है। 13 अप्रैल को गाजियाबाद में गुर्जर महासभा का कार्यक्रम निरस्त कराने के लिए दीदी ने कहा है। मैं उनके पास जाकर उनके सामने अपनी बात रखूंगा। उसके बाद मैं फिर दीदी के पास आऊंगा। पार्टी जो निर्देश देगी, उसका मैं पालन करूंगा। भास्कर– आपने कहा था, अधिकारियों ने योगी जी की बुद्धि बंद कर दी है? गुर्जर– वो कई बार आवेश में होता है। मेरे कपड़े फाड़ दिए। जो मेरे और बीजेपी के लिए जान देने को खड़े रहते हैं, मैं उनको बचा नहीं पा रहा था, तो कहीं कुछ ऐसी बात निकल जाती है। मुझे उम्मीद है कि इंसाफ होगा। दुष्टों ने मानस को खंडित करने का प्रयास किया। मैंने मानस को अपने ऊपर लिया। खंडित नहीं होने दिया। एक बड़े बवाल को टाला और सभी धर्मों के लोगों ने फूल बरसाए। शानदार रामकथा हुई है। भगवान राम जी की कृपा थी कि कोई अनहोनी नहीं हुई। मुझे उम्मीद है कि हमारा शीर्ष नेतृत्व संज्ञान लेगा। पार्टी लीडरशिप की सब जानकारी में हैं। भास्कर– जो घटना हुई, उसके लिए आप किसे दोषी मानते हैं? गुर्जर– दोषी तो सबको पता है। वहां एक कमिश्नर बैठा है। वो किसके कहने पर चल रहा है, यह हम चार–पांच विधायकों ने मुख्यमंत्री जी को सबूतों के साथ बताया। उन्होंने कहा भी कि इसको हटा रहे हैं। लेकिन, वो ऐसा कौन सा कारण है कि उसे नहीं हटाया। उसका ऐसा रिकॉर्ड है कि वो लंबे समय सस्पेंड रहा है। लोगों से बदतमीजी करना, 5 बजते ही शराब पीने बैठ जाना। उसी तरह के लोग नीचे हैं। हमारे कार्यकर्ताओं को जेल भेजा जा रहा है। मुझे उम्मीद है कि हम दीदी से मिले हैं और अब ये सारी चीजें ठीक हो जाएंगी। भास्कर– क्या योगी जी आपकी बात नहीं सुन रहे थे, जो दीदी को हस्तक्षेप करना पड़ा? गुर्जर– नहीं, दीदी ने हस्तक्षेप नहीं किया। दीदी ने तो बुलाकर पूछा। उन्होंने और कोई बात नहीं की। उन्होंने कहा ये दुखद है। उनका कहना था कि रामकथा के लिए परमिशन लेनी पड़े तो ये अच्छा नहीं हैं। मैंने बताया कि मैंने अनुमति ली, लेटर दिया। वो कह रहे कि मैंने आवेदन नहीं किया है। मेरे पास आवेदन से लेकर रिसीविंग, अनुमति तक सब कुछ है। हम लोग शांतिपूवर्क आए। एक भी सिपाही साथ नहीं था। उल्टे हम लोगों पर लाठियां बरसाई गईं। मैं स्तब्ध हूं कि योगी जी की सरकार में रामकथा में जहां फूल बरसाए जाते हों, वहां ऐसा कैसे हो सकता है। मैंने सपा-बसपा के समय भी नहीं सुना कि ऐसा कभी हुआ होगा? एक घटना अभी कानपुर में हुई रामनवमीं की शोभायात्रा निकालने वालों के साथ बदतमीजी हुई। मेरठ में माता के जागरण करने वालों का पुलिस ने टेंट उखाड़ दिया। तो ये जो हो रहा है उस पर मुझे उम्मीद है कि कोई न कोई रास्ता निकलेगा। भास्कर– मुख्य सचिव को लेकर कई सारी बातें कहीं? गुर्जर- वो तो पूरा प्रदेश जानता है। जिस तरह से अधिकारी अरेस्ट हो रहे हैं, सब सामने आ भी रहा है। वो अलग विषय है। लेकिन रामकथा में जो किया गया वो मैं आजतक नहीं समझ पा रहा हूं कि किसके कहने पर किया। मतलब भगवान का नाम लेना अपराध हो गया है, ये बांग्लादेश तो नहीं हैं न पाकिस्तान है। भास्कर– मुख्यमंत्री जी ने इस विषय पर आपको बुलाकर कोई चर्चा की? गुर्जर– तकलीफ इसी बात की है कि मुझसे कोई चर्चा नहीं की। 20 तारीख को सुबह–सुबह जब मुझे ऊपर से पता चला कि पुलिस दंगा कराना चाहती है। मुस्लिम युवकों से कहा पत्थर फेंक दो और लिखकर दे दो। तो ये बात मुख्यमंत्री जी समझें। लेकिन, मुझे अभी तक उन्होंने (सीएम) बुलाया नहीं हैं। आगे उन्होंने कहा 300 करोड़ रुपए का घोटाला करने के चार दिन पहले पति-पत्नी पर एफआईआर हुई है। वो 29 तारीख को मुख्यमंत्री जी के पास बैठा था। उसके ऊपर और कई चार्ज हैं। गैंगरेप में वांटेड था, कोर्ट के वारंट थे। मुख्यमंत्री जी के यहां मिलने वालों के फोटो सोशल मीडिया पर डाले जाते हैं। मुख्यमंत्री से मुलाकात का उनका फोटो सोशल मीडिया पर नहीं डाला गया। मुलाकात वाली सूची बाहर आई जिसमें उनके नाम थे। मैं ही नहीं, पूरा देश स्तब्ध रह गया। भास्कर– संगठन ने भी आपकी बात सुनने के बजाय आपको नोटिस दिया है? गुर्जर– अच्छी बात है। नोटिस दिया है तो इसमें कोई बुराई नहीं हैं। उन्होंने कारण पूछा है कि कारण क्या था? अध्यक्ष जी संगठन के मुखिया हैं। मुख्यमंत्री जी सदन के नेता हैं। सारे विधायकों के मुखिया हैं। उस नाते मुख्यमंत्री जी नोटिस देकर कारण पूछ लेते तो लगता कि संज्ञान लिया गया। हमें ये तकलीफ है कि ऐसा नहीं हुआ। अपनों से ही तकलीफ होती है। कोई दूसरा होता तो हमें क्या तकलीफ होती। संगठन ने कारण पूछा तो हमने जवाब दे दिया कि अगर रामकथा कराना अपनी सरकार में गलत है, अपराध है तो मैं अनुशासित कार्यकर्ता हूं। उस पर भी विचार करूंगा। भास्कर– अब कपड़े और जूते कब पहनेंगे? गुर्जर– समाज के बीच में फटे हैं। समाज और संत महात्मा जो मेरे लिए 20- 25 हजार लोग डेली आए। अकेले कलश यात्रा में 11 हजार बहनें थीं। समाज के मुखिया, वो कहें। दूसरा रास्ता है या तो इंसाफ मिले, कार्रवाई हो। क्योंकि, मेरे लोगों के साथ गलत हुआ है। मुझे तकलीफ है। तो ऐसे क्या कपड़े पहनने। मैंने अन्न भी छोड़ रखा है। गुरुजी के कहने पर मैं लिक्विड ले रहा हूं। जमीन पर लेट रहा हूं। नंगे पैर हूं। उत्तर प्रदेश में रामराज्य को नजर लगी है। राम राज्य के लिए भगवान राम 14 साल नंगे पैर जंगलों में रहे। तो मुझे कौन सी आफत है। रामचरितमानस के लिए मेरे प्राण भी चले जाएं तो चिंता नहीं। मेरे लोनी के जो सनातनी भाई–बहन मेरे साथ हैं, जिनके साथ गलत हुआ है, उनके लिए तो वो भी कम है। भास्कर- आपकी मांग क्या है, आप क्या चाहते हैं? गुर्जर– जिन्होंने किया वो क्यों किया? वो कारण पता चले। उन्हें दंड मिले। कोई ऐसी मांग थोड़े है, जैसा लोग नरेटिव सेट कर रहे हैं कि कोई दिल्ली से करा रहा है। यूपी से करा रहा है। मैं कहता हूं कि मेरा नार्को टेस्ट करा लो। किसी की आज तक कोई कॉल नहीं आई मुझे। भास्कर- मुख्यमंत्री जी से कोई नाराजगी? गुर्जर- नाराजगी किस बात की? उनसे क्या नाराजगी होगी? लेकिन, जो हुआ है। मेरी खैर खबर नहीं ली गई तो कहीं न कहीं तकलीफ तो है। यूपी के गाजियाबाद जिले की लोनी विधानसभा से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर मंगलवार को पूर्व सीएम उमा भारती के बुलावे पर भोपाल पहुंचे। उमा भारती ने गुर्जर से 20 मार्च को रामकथा की कलश यात्रा में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई और पूरे विवाद की जानकारी ली। उमा भारती ने मुलाकात के बाद ट्वीट कर लिखा- लोनी में जो घटा है वह मुझे दुःखद लगा। मुझे नंदकिशोर जी गुर्जर (नंदू) से जानकारी हुई है कि गुर्जर समाज के लोग इस पूरे घटनाक्रम से आहत हैं और उनका दिल्ली जाने का कार्यक्रम है। महान सम्राट राजा मिहिर भोज के वंशज स्वाभिमानी, राष्ट्रभक्त, पराक्रमी गुर्जर समाज के सभी भाई बंधु मोदी जी के साथ खड़े हों एवं राष्ट्रीय विकास में योगदान दें। पराक्रमी गुर्जर समाज को सम्राट राजा मिहिर भोज के वंशज होने के नाते उनकी महान परंपरा को कायम रखना है। लेकिन अभी तो नंदकिशोर (नंदू) को मेरी बात माननी पड़ेगी। क्योंकि मैं उसकी बड़ी दीदी हूं। मैंने उनको कहा है कि पहले शांति कायम कराएं….और पुन: मेरे पास भोपाल आएं। तब हम इन विषयों पर आगे बात करेंगे। इसीलिए मैंने मेरे छोटे भाई नंदकिशोर जी को आज्ञा दी है कि वह स्वयं जाकर इस दिल्ली जाने के कार्यक्रम को स्थगित करवाएं। अब सबसे पहले जानिए ये पूरा विवाद क्या है गाजियाबाद के लोनी से विधायक नंदकिशोर गुर्जर रामकथा की कलश यात्रा निकाल रहे थे। पुलिस ने इस यात्रा की परमिशन न होने का हवाला देकर कलश यात्रा रोकी, तो विवाद हो गया। विधायक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिलाओं, बेटियों और रामभक्तों के साथ मारपीट की और उनके कपड़े फाड़ दिए। उमा भारती से हुई मुलाकात के बाद दैनिक भास्कर ने लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर से बातचीत की। भास्कर– ऐसी क्या स्थिति बनी कि, उमा जी ने आपको यहां भोपाल बुलवाया? गुर्जर– वे दीदी के साथ ही संत भी हैं। राम मंदिर आंदोलन में जहां बडे़–बडे़ योद्धा साहस नहीं कर पा रहे थे, वहां उतनी कम उम्र में दीदी गुंबद पर चढ़ी थीं। उस जमाने में हम बच्चे थे। उनके वीडियो देखते थे। मेरा सौभाग्य है कि मैं गंगा यात्रा के दौरान हरिद्वार में उनसे जुड़ा। उनके कहने के बाद मेरी कोई हैसियत ही नहीं है कि मैं उनकी बात काट दूं। भास्कर– आपकी उमा जी से क्या बात हुई? गुर्जर– देश के प्रधानमंत्री, दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता मोदी जी देश को बहुत तेजी आगे बढ़ा रहे हैं। उन्हें गुर्जर समाज ने देश में एक तरफा वोट दिया है। सौ प्रतिशत वोट करने वाली कोई दो-तीन जातियां हैं तो उनमें गुर्जर समाज का भी नाम लिया जाता है। दिल्ली के आसपास चारों तरफ और 14-15 राज्यों में गुर्जर समाज है। चाहे राजस्थान की सरकार बनने की बात है, दिल्ली, हरियाणा की बात हो, या उत्तर प्रदेश की बात हो। उत्तर प्रदेश में ही 60 सीटें ऐसी हैं। जहां गुर्जर समाज 20 हजार से लेकर एक लाख तक संख्या में है। दीदी को गुर्जर समाज बहुत मानता है। दीदी जब भी हमारे यहां जाती हैं तो लोगों को बताने की जरूरत नहीं पड़ती। दस–बीस हजार लोगों की भीड़ दौड़ती है। भास्कर– आपके बयानों को क्या समझा जाए? गुर्जर– मैं पार्टी का कट्टर और अनुशासित कार्यकर्ता हूं। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं विधायक बनूंगा। मुझे रक्षा मंत्री जी राजनीति में लाए। उसके बाद पार्टी की राष्ट्रीय टीम, किसान मोर्चा की राष्ट्रीय टीम में रहा। पार्टी का जिलाध्यक्ष रहा। छात्र संघ का अध्यक्ष रहा। जिस तरह रामचरित मानस जन जन के प्राण हैं, उसी तरह भाजपा मेरे प्राण हैं। आवेश में कुछ इस तरह की बातें भी निकल गईं, जो नहीं बोला जाना चाहिए था। लेकिन, जैसा हमारी बहन बेटियों के साथ हुआ, कलश तोड़े गए। कोई सोच सकता है कि अपनी सरकार में ऐसा होगा। आज दीदी के पास आकर मुझे बहुत ताकत मिली है और मेरा मन हल्का हुआ है। 13 अप्रैल को गाजियाबाद में गुर्जर महासभा का कार्यक्रम निरस्त कराने के लिए दीदी ने कहा है। मैं उनके पास जाकर उनके सामने अपनी बात रखूंगा। उसके बाद मैं फिर दीदी के पास आऊंगा। पार्टी जो निर्देश देगी, उसका मैं पालन करूंगा। भास्कर– आपने कहा था, अधिकारियों ने योगी जी की बुद्धि बंद कर दी है? गुर्जर– वो कई बार आवेश में होता है। मेरे कपड़े फाड़ दिए। जो मेरे और बीजेपी के लिए जान देने को खड़े रहते हैं, मैं उनको बचा नहीं पा रहा था, तो कहीं कुछ ऐसी बात निकल जाती है। मुझे उम्मीद है कि इंसाफ होगा। दुष्टों ने मानस को खंडित करने का प्रयास किया। मैंने मानस को अपने ऊपर लिया। खंडित नहीं होने दिया। एक बड़े बवाल को टाला और सभी धर्मों के लोगों ने फूल बरसाए। शानदार रामकथा हुई है। भगवान राम जी की कृपा थी कि कोई अनहोनी नहीं हुई। मुझे उम्मीद है कि हमारा शीर्ष नेतृत्व संज्ञान लेगा। पार्टी लीडरशिप की सब जानकारी में हैं। भास्कर– जो घटना हुई, उसके लिए आप किसे दोषी मानते हैं? गुर्जर– दोषी तो सबको पता है। वहां एक कमिश्नर बैठा है। वो किसके कहने पर चल रहा है, यह हम चार–पांच विधायकों ने मुख्यमंत्री जी को सबूतों के साथ बताया। उन्होंने कहा भी कि इसको हटा रहे हैं। लेकिन, वो ऐसा कौन सा कारण है कि उसे नहीं हटाया। उसका ऐसा रिकॉर्ड है कि वो लंबे समय सस्पेंड रहा है। लोगों से बदतमीजी करना, 5 बजते ही शराब पीने बैठ जाना। उसी तरह के लोग नीचे हैं। हमारे कार्यकर्ताओं को जेल भेजा जा रहा है। मुझे उम्मीद है कि हम दीदी से मिले हैं और अब ये सारी चीजें ठीक हो जाएंगी। भास्कर– क्या योगी जी आपकी बात नहीं सुन रहे थे, जो दीदी को हस्तक्षेप करना पड़ा? गुर्जर– नहीं, दीदी ने हस्तक्षेप नहीं किया। दीदी ने तो बुलाकर पूछा। उन्होंने और कोई बात नहीं की। उन्होंने कहा ये दुखद है। उनका कहना था कि रामकथा के लिए परमिशन लेनी पड़े तो ये अच्छा नहीं हैं। मैंने बताया कि मैंने अनुमति ली, लेटर दिया। वो कह रहे कि मैंने आवेदन नहीं किया है। मेरे पास आवेदन से लेकर रिसीविंग, अनुमति तक सब कुछ है। हम लोग शांतिपूवर्क आए। एक भी सिपाही साथ नहीं था। उल्टे हम लोगों पर लाठियां बरसाई गईं। मैं स्तब्ध हूं कि योगी जी की सरकार में रामकथा में जहां फूल बरसाए जाते हों, वहां ऐसा कैसे हो सकता है। मैंने सपा-बसपा के समय भी नहीं सुना कि ऐसा कभी हुआ होगा? एक घटना अभी कानपुर में हुई रामनवमीं की शोभायात्रा निकालने वालों के साथ बदतमीजी हुई। मेरठ में माता के जागरण करने वालों का पुलिस ने टेंट उखाड़ दिया। तो ये जो हो रहा है उस पर मुझे उम्मीद है कि कोई न कोई रास्ता निकलेगा। भास्कर– मुख्य सचिव को लेकर कई सारी बातें कहीं? गुर्जर- वो तो पूरा प्रदेश जानता है। जिस तरह से अधिकारी अरेस्ट हो रहे हैं, सब सामने आ भी रहा है। वो अलग विषय है। लेकिन रामकथा में जो किया गया वो मैं आजतक नहीं समझ पा रहा हूं कि किसके कहने पर किया। मतलब भगवान का नाम लेना अपराध हो गया है, ये बांग्लादेश तो नहीं हैं न पाकिस्तान है। भास्कर– मुख्यमंत्री जी ने इस विषय पर आपको बुलाकर कोई चर्चा की? गुर्जर– तकलीफ इसी बात की है कि मुझसे कोई चर्चा नहीं की। 20 तारीख को सुबह–सुबह जब मुझे ऊपर से पता चला कि पुलिस दंगा कराना चाहती है। मुस्लिम युवकों से कहा पत्थर फेंक दो और लिखकर दे दो। तो ये बात मुख्यमंत्री जी समझें। लेकिन, मुझे अभी तक उन्होंने (सीएम) बुलाया नहीं हैं। आगे उन्होंने कहा 300 करोड़ रुपए का घोटाला करने के चार दिन पहले पति-पत्नी पर एफआईआर हुई है। वो 29 तारीख को मुख्यमंत्री जी के पास बैठा था। उसके ऊपर और कई चार्ज हैं। गैंगरेप में वांटेड था, कोर्ट के वारंट थे। मुख्यमंत्री जी के यहां मिलने वालों के फोटो सोशल मीडिया पर डाले जाते हैं। मुख्यमंत्री से मुलाकात का उनका फोटो सोशल मीडिया पर नहीं डाला गया। मुलाकात वाली सूची बाहर आई जिसमें उनके नाम थे। मैं ही नहीं, पूरा देश स्तब्ध रह गया। भास्कर– संगठन ने भी आपकी बात सुनने के बजाय आपको नोटिस दिया है? गुर्जर– अच्छी बात है। नोटिस दिया है तो इसमें कोई बुराई नहीं हैं। उन्होंने कारण पूछा है कि कारण क्या था? अध्यक्ष जी संगठन के मुखिया हैं। मुख्यमंत्री जी सदन के नेता हैं। सारे विधायकों के मुखिया हैं। उस नाते मुख्यमंत्री जी नोटिस देकर कारण पूछ लेते तो लगता कि संज्ञान लिया गया। हमें ये तकलीफ है कि ऐसा नहीं हुआ। अपनों से ही तकलीफ होती है। कोई दूसरा होता तो हमें क्या तकलीफ होती। संगठन ने कारण पूछा तो हमने जवाब दे दिया कि अगर रामकथा कराना अपनी सरकार में गलत है, अपराध है तो मैं अनुशासित कार्यकर्ता हूं। उस पर भी विचार करूंगा। भास्कर– अब कपड़े और जूते कब पहनेंगे? गुर्जर– समाज के बीच में फटे हैं। समाज और संत महात्मा जो मेरे लिए 20- 25 हजार लोग डेली आए। अकेले कलश यात्रा में 11 हजार बहनें थीं। समाज के मुखिया, वो कहें। दूसरा रास्ता है या तो इंसाफ मिले, कार्रवाई हो। क्योंकि, मेरे लोगों के साथ गलत हुआ है। मुझे तकलीफ है। तो ऐसे क्या कपड़े पहनने। मैंने अन्न भी छोड़ रखा है। गुरुजी के कहने पर मैं लिक्विड ले रहा हूं। जमीन पर लेट रहा हूं। नंगे पैर हूं। उत्तर प्रदेश में रामराज्य को नजर लगी है। राम राज्य के लिए भगवान राम 14 साल नंगे पैर जंगलों में रहे। तो मुझे कौन सी आफत है। रामचरितमानस के लिए मेरे प्राण भी चले जाएं तो चिंता नहीं। मेरे लोनी के जो सनातनी भाई–बहन मेरे साथ हैं, जिनके साथ गलत हुआ है, उनके लिए तो वो भी कम है। भास्कर- आपकी मांग क्या है, आप क्या चाहते हैं? गुर्जर– जिन्होंने किया वो क्यों किया? वो कारण पता चले। उन्हें दंड मिले। कोई ऐसी मांग थोड़े है, जैसा लोग नरेटिव सेट कर रहे हैं कि कोई दिल्ली से करा रहा है। यूपी से करा रहा है। मैं कहता हूं कि मेरा नार्को टेस्ट करा लो। किसी की आज तक कोई कॉल नहीं आई मुझे। भास्कर- मुख्यमंत्री जी से कोई नाराजगी? गुर्जर- नाराजगी किस बात की? उनसे क्या नाराजगी होगी? लेकिन, जो हुआ है। मेरी खैर खबर नहीं ली गई तो कहीं न कहीं तकलीफ तो है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
फटे कुर्ते, नंगे पैर उमा से मिले यूपी के विधायक:नंदकिशोर बोले-रामकथा में जो हुआ उसे लेकर सीएम योगी ने बात तक नहीं की, व्यथित हूं
