फतेहाबाद के गांव अहरवां में माइनर के पुल की दीवार से बोलेरो गाड़ी टकरा गई। टक्कर लगने से 55 वर्षीय सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बाद परिजनों को सौंप दिया है। हादसा पशुओं को बचाने के चक्कर में हुआ है। मृतक की पहचान गांव हड़ोली निवासी गुरनाम सिंह के तौर पर हुई है। वह बठिंडा पाइपलाइन पर सुरक्षाकर्मी के तौर पर नौकरी करता था। हालांकि गाड़ी में दो अन्य लोग सवार थे, जो कि बाल-बाल बच गए। हड़ोली गांव निवासी गुरनाम सिंह व प्रगट सिंह बठिंडा तेल पाइपलाइन की सुरक्षा में लगे हुए हैं। बेकाबू होकर दीवार से टकराई गाड़ी सुरक्षाकर्मी प्रगट सिंह ने बताया कि आज वह बोलेरो में गांव से रतिया की तरफ जा रहे थे। गांव अहरवां के पास अचानक पशुओं का झुंड आ गया, उन्हें बचाने के चक्कर में गाड़ी बेकाबू हो गई और माइनर के पुल पर बनी दीवार से टकरा गई। गाड़ी चला रहा गांव हड़ौली निवासी गुरनाम सिंह घायल हो गया। जिसे रतिया नागरिक अस्पताल ले जाया गया। यहां से रेफर कर दिया गया। बाद में उपचार के लिए निजी अस्पताल लाया गया यहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। फतेहाबाद के गांव अहरवां में माइनर के पुल की दीवार से बोलेरो गाड़ी टकरा गई। टक्कर लगने से 55 वर्षीय सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बाद परिजनों को सौंप दिया है। हादसा पशुओं को बचाने के चक्कर में हुआ है। मृतक की पहचान गांव हड़ोली निवासी गुरनाम सिंह के तौर पर हुई है। वह बठिंडा पाइपलाइन पर सुरक्षाकर्मी के तौर पर नौकरी करता था। हालांकि गाड़ी में दो अन्य लोग सवार थे, जो कि बाल-बाल बच गए। हड़ोली गांव निवासी गुरनाम सिंह व प्रगट सिंह बठिंडा तेल पाइपलाइन की सुरक्षा में लगे हुए हैं। बेकाबू होकर दीवार से टकराई गाड़ी सुरक्षाकर्मी प्रगट सिंह ने बताया कि आज वह बोलेरो में गांव से रतिया की तरफ जा रहे थे। गांव अहरवां के पास अचानक पशुओं का झुंड आ गया, उन्हें बचाने के चक्कर में गाड़ी बेकाबू हो गई और माइनर के पुल पर बनी दीवार से टकरा गई। गाड़ी चला रहा गांव हड़ौली निवासी गुरनाम सिंह घायल हो गया। जिसे रतिया नागरिक अस्पताल ले जाया गया। यहां से रेफर कर दिया गया। बाद में उपचार के लिए निजी अस्पताल लाया गया यहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में दो सीटों पर उतारे कांग्रेस ने प्रत्याशी:असंध में गोगी और नीलोखेड़ी गोंदर पर खेला दाव, तीन सीटों पर प्रत्याशियों का इंतजार
करनाल में दो सीटों पर उतारे कांग्रेस ने प्रत्याशी:असंध में गोगी और नीलोखेड़ी गोंदर पर खेला दाव, तीन सीटों पर प्रत्याशियों का इंतजार हरियाणा विधानसभा चुनावों की तैयारी में कांग्रेस ने अपने 31 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें करनाल जिले की 5 विधानसभाओं में से असंध और नीलोखेड़ी सीटों पर भी स्थिति साफ हो गई है। कांग्रेस ने असंध से मौजूदा विधायक शमशेर सिंह गोगी पर फिर भरोसा जताया है। जबकि नीलोखेड़ी में मौजूदा विधायक धर्मपाल गोंदर पर भरोसा जताया है। जो 2019 में आजाद उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे। हालांकि, इन दोनों सीटों से कई दावेदार मैदान में थे, लेकिन अंततः पार्टी ने गोगी और गोंदर को ही चुना। जबकी इंद्री, करनाल व घरौंडा विधानसभा के प्रत्याशियों के नाम अभी जारी नहीं कए है। असंध विधानसभा पर गोगी का मजबूत पकड़
असंध से विधायक शमशेर सिंह गोगी एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। 2019 में उन्होंने बीएसपी के नरेंद्र राणा को 1703 वोटों से हराया था, जबकि भाजपा के बख्शीश सिंह विर्क तीसरे स्थान पर रहे थे। गोगी की जनसंपर्क और भाषण कला के कारण वे जनता के बीच खासे लोकप्रिय हैं। उनकी मिलनसारिता और क्षेत्र में लगातार उपस्थिति ने कांग्रेस को एक बार फिर उनके पक्ष में निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया। क्यों मिला गोगी को टिकट
गोगी कांग्रेस के सैलजा गुट से आते हैं, और पार्टी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी मौजूदा विधायक का टिकट नहीं काटा जाएगा। गोगी की क्षेत्र में मजबूत पकड़, जनता के बीच उनकी छवि, और कांग्रेस के लिए उनकी निष्ठा को देखते हुए उन्हें फिर से मैदान में उतारा गया है। क्यों कटी शेरप्रताप शेरी और सुरेंद्र नरवाल की टिकट
असंध से शेरप्रताप शेरी और सुरेंद्र नरवाल जैसे दावेदार भी टिकट की उम्मीद में थे। हालांकि, शेरप्रताप शेरी क्षेत्र में उतने सक्रिय नहीं थे, जिससे उनका टिकट कट गया। वहीं सुरेंद्र नरवाल ने हुड्डा गुट से आते है। चार्चाए ये भी है कि उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैत से राहुल गांधी को चिट्ठी लिखकर टिकट की मांग की थी, लेकिन पार्टी ने अनुभव और जनता के साथ उनके संवाद की कमी के कारण उन्हें टिकट नहीं दिया। नीलोखेड़ी विधान धर्मपाल गोंदर की मेहनत लाई रंग
नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। गोंदर ने 2019 में आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। जिसके बाद उन्होंने भाजपा को अपना सर्मथन दिया। अब कुछ समय पहले उन्होंने भाजपा से सर्मथन वापस लेकर कांग्रेस में शामिल हुए थे।
अपने कार्यकाल में उन्होंने जनता के बीच अपनी पकड़ और क्षेत्र में किए गए कार्यों के कारण खुद को साबित किया है। 2000 में इनेलो की टिकट पर भी उन्होंने चुनाव जीता था, 2009 में भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ा। लेकिन जब 2014 और 2019 में जब पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो 2019 में भाजपा से अलग होकर आजाद चुनाव लड़ने का फैसला किया और जनता ने उन्हें अपना विधायक चुना। क्यों मिला गोंदर को टिकट
गोंदर की जनता के बीच मजबूत पकड़ और आजाद उम्मीदवार के रूप में उनकी जीत कांग्रेस के लिए अहम रही। पार्टी ने माना कि गोंदर कांग्रेस के टिकट पर इस बार और भी बड़े अंतर से जीत सकते हैं, इसलिए उन्हें टिकट दिया गया। गोंदर की कार्यशैली और जनता के प्रति उनकी निष्ठा भी पार्टी के इस फैसले में महत्वपूर्ण रही। क्यों कटी राजेश वैद्य और राजकुमार वाल्मीकि की टिकट
नीलोखेड़ी से राजेश वैद्य और राजकुमार वाल्मीकि जैसे दावेदार भी टिकट की दौड़ में थे। राजेश वैद्य अनुसूचित जाति के वोटर्स पर मजबूत पकड़ रखते थे, लेकिन 2009 में बीएसपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव हारने और कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी ने अनुभव की कमी के चलते उन्हें टिकट नहीं दिया। वहीं, राजकुमार वाल्मीकि भी टिकट की आस में थे, लेकिन पार्टी ने गोंदर को ज्यादा सक्षम समझा और उनका टिकट काट दिया।
राजनीतिक समीकरण: कांग्रेस के सामने चुनौती
असंध और नीलोखेड़ी में टिकट वितरण के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस में भी टिकट कटने के बाद भाजपा की तरह इस्तीफों की झड़ी लगेगी या नेता एकजुट होकर पार्टी के उम्मीदवारों का साथ देंगे। कांग्रेस के लिए यह भी महत्वपूर्ण होगा कि वे भाजपा से नाराज वोटर्स को अपने पाले में लाने के लिए किस तरह की रणनीति अपनाते हैं। कुल मिलाकर, कांग्रेस ने अपने अनुभवी और मजबूत पकड़ वाले नेताओं पर भरोसा जताया है, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि टिकट से वंचित हुए नेता पार्टी से नाराज होकर विपक्ष का हाथ न थाम लें।
हरियाणा में SHO ने थाने में लोगों को धक्के मारे:झगड़े की शिकायत लेकर आए थे, VIDEO सामने आने के बाद लाइनहाजिर
हरियाणा में SHO ने थाने में लोगों को धक्के मारे:झगड़े की शिकायत लेकर आए थे, VIDEO सामने आने के बाद लाइनहाजिर हरियाणा के पानीपत के पुलिस थाने में तैनात SHO ने झगड़े की शिकायत लेकर आए लोगों को सरेआम धक्के मारे। उसने महिलाओं को भी नहीं छोड़ा और कोहनी से मारने की कोशिश की। इस दौरान लोगों ने इसकी वीडियो बना ली। जिसमें दिख रहा है कि 2 पक्षों में थाने के भीतर कोई विवाद होता है। एक पक्ष का आदमी अंदर जाता है। थोड़ी देर में SHO उसके साथ बाहर आता है। इसके बाद वहां खड़े लोगों को धक्के मारकर बाहर निकालना शुरू कर देता है। वीडियो सामने आने के बाद SP लोकेंद्र सिंह ने समालखा थाने के SHO कैलाश चंद्र को लाइनहाजिर कर दिया है। उसकी जगह अब सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार को थाने का चार्ज दिया गया है। साथ ही वीडियो में दिख रहे दूसरे पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ जांच की जा रही है। युवक ने बताया- मेरे बच्चों को घर में घुसकर पीटा, पुलिस नहीं आई
मछरौली गांव के संदीप ने बताया कि 2 जनवरी को मैं और मेरी पत्नी घर पर नहीं थे। मेरे बच्चों के साथ घर में घुसकर मारपीट की गई। बच्चों ने पुलिस को डायल–112 पर कॉल की लेकिन वह नहीं आए। 3 जनवरी को उन्होंने फिर मेरा लड़का खेल रहा था तो उसे भगा–भगाकर पीटा। थाने आए तो शिकायत नहीं ली
जब वे थाने में आए उनकी शिकायत नहीं ली गई। उलटा पुलिस वालों ने दुर्व्यवहार किया। मेरे बड़े भाई और भतीजे को धक्के मारकर थाने में अंदर कर दिया। उनके साथ मारपीट की गई। हमारी मांग है कि एसएचओ और थाने के पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस मामले में हम SP के पास गए। अब डीएसपी के पास आए। सुनवाई न हुई तो आगे भी जाएंगे। महिला बोली- SHO ने जातिसूचक शब्द भी कहे
संदीप की पत्नी सुमन ने बताया कि 3 जनवरी को वह थाने में आए थे तो पुलिस ने कहा कि वे दूसरी पार्टी को बुला रहे हैं। उन्होंने आते ही विवाद शुरू कर दिया। थोड़ी देर में SHO आए। उन्होंने किसी की सुनवाई नहीं की और जेठ व उनके लड़के को अंदर डाल दिया। हमने एसएचओ के पैर भी पकड़े। एसएचओ ने जातिसूचक शब्द भी कहे। समिति अध्यक्ष ने बताया पूरा मामला
पहले 2 जनवरी को झगड़ा हुआ: संपूर्ण वाल्मिकी जीर्णोद्धार समिति के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल ने कहा कि 2 जनवरी को मछरौली में पड़ोसियों का आपस में झगड़ा हुआ था। 2 जनवरी को इन्होंने थाने में शिकायत दी। पुलिस को बताया कि हमारे साथ झगड़ा किया है। 3 जनवरी को फिर मारपीट की, समझौता हुआ
3 जनवरी को फिर संदीप के बच्चों के मारपीट की गई। 3 जनवरी को ये लोग शिकायत देने आए। एक पंचायत मेंबर सुभाष वाल्मीकि भी दोनों पक्षों में समझौता कराने के लिए साथ आया था। वहां मौके पर पंचायती तौर पर समझौता हो गया था। SHO ने पंचायत मेंबर को भी बंद कर दिया
वहां एसएचओ समालखा ने किसी प्रेशर में आकर हमारे पंचायत मेंबर को भी धक्के मारकर हवालात में बंद कर दिया। उनके खिलाफ पर्चा दर्ज कर कार्रवाई भी कर दी। जब लड़की कहने लगी कि उन्हें छोड़ दो तो उसके ऊपर भी हाथ उठाने की कोशिश की। जिसे दूसरे कर्मचारी ने रोका। DSP ने जांच का भरोसा दिया
उन्होंने कहा कि हम DSP समालखा से मिले। उन्होंने हमारी बात सुनी और शिकायत देखी। उन्होंने जांच का भरोसा दिया है। हमारी मांग ये है कि इस मामले में भाईचारा भले ही समझौता कर ले लेकिन हम एसएचओ के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उसके खिलाफ आंदोलन कर कार्रवाई कराएंगे।
हिसार में नहर के पुल से टकराई कार:दीवार टूट कर पानी में गिरी; गाड़ी क्षतिग्रस्त, एयरबैग खुलने से बची जान
हिसार में नहर के पुल से टकराई कार:दीवार टूट कर पानी में गिरी; गाड़ी क्षतिग्रस्त, एयरबैग खुलने से बची जान हरियाणा के हिसार में बीत रात घिराय गांव में बालसमंद नहर के पुल की दीवार से एक आई 10 कार टकरा गई। कार का आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। कार में सवार दो व्यक्तियों को इसमें चोटें लगी हैं। गनीमत रही कि कार नहर में नहीं गिरी, अन्यथा हादसे बड़ा हो जाता। जानकारी के मुताबिक दो युवक रात को कार में सुलखनी होते हुए घिराय से बरवाला जा रहे थे। उनकी आई10 कार बालसमंद सब ब्रांच नहर के पुल पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। गाड़ी में दो व्यक्ति सवार थे, जो बरवाला के रहने वाले हैं। सामने लाइट लगने से उनकी कार का बैलेंस बिगड़ा था। कार नहर के पुल की दीवार में जा टकराई है। दीवार टूट कर नहर में गिर गई। कार नहर में गिरने से बच गई। कार में एयरबैग खुल जाने से इसमें सवार लोगों की जान बच गई। नहर का पुल छोटा होने से हो रहे हादसे ग्रामीणों ने बताया कि नहर का पुल छोटा होने की वजह से यहां बार-बार हादसे हो रहे हैं। बार बार गाड़ी नहर के पुल से टकरा रहे रही हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सुलखनी की तरफ से जब भी कोई वाहन आता है तो पुल की दीवार ऐसे लगती है, जैसे कि यह सड़क ही है। कार सीधे दीवार से टकरा जाती है। प्रशासन इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।