फरीदकोट के गुरप्रीत हत्याकांड में शूटरों के स्केच जारी:अर्श डल्ला और सांसद अमृतपाल मामले में आरोपी, तीन नंबरों पर दे सकते हैं सूचना

फरीदकोट के गुरप्रीत हत्याकांड में शूटरों के स्केच जारी:अर्श डल्ला और सांसद अमृतपाल मामले में आरोपी, तीन नंबरों पर दे सकते हैं सूचना

पंजाब के फरीदकोट में 9 अक्टूबर को गुरप्रीत सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने अब दो संदिग्ध शूटरों के स्केच जारी किए हैं। इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि हत्याकांड में विदेश में बैठे गैंगस्टर अर्शदीप सिंह डल्ला और खडूर साहिब के सांसद अमृतलाल सिंह समेत छह लोगों को नामजद किया गया है। गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी रिमांड पर हैं। आरोपी की मोटरसाइकिल जैतो से बरामद कर ली गई है। लोग एसएसपी के मोबाइल नंबर 98158 00445, कोटकपूरा के सदर थाने के एसएचओ 94176 46822 और कोटकपूरा थाने के मुंशी 75270 17035 पर पुलिस को सूचना दे सकते हैं। 9 अक्टूबर को हुई थी हत्या गुरप्रीत की हत्या 9 अक्टूबर को हुई थी। उस समय गुरप्रीत सिंह अपने समर्थक सरपंच पद के प्रत्याशी के हक में प्रचार कर घर वापस लौट रहा था, तभी सामने बाइक सवार हत्यारों ने गोलियां चलाकर गुरप्रीत सिंह को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस गोलीबारी में चार गोलियां गुरप्रीत सिंह को लगी, गोली मारने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। गंभीर रूप से घायल अवस्था में गुरप्रीत सिंह को उपचार के लिए स्थानीय गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज में लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में एक एसआईटी बनाई गई थी। आरोपियों ने रेकी कर दिया वारदात को अंजाम गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बिलाल अहमद उर्फ फौजी, गुरदीप सिंह उर्फ पोंटू और अर्शदीप सिंह उर्फ झंडू के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्ति रेकी करने वाले ग्रुप में शामिल थे, जिसका संचालन कनाडा आधारित कर्मवीर सिंह उर्फ गोरा द्वारा किया जा रहा था। रेकी करने वाले ग्रुप ने अपने संचालकों और विभिन्न ग्रुप के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी शूटर वाले ग्रुप को दी। डीजीपी ने कहा कि शूटर ग्रुप के सदस्यों की पहचान कर ली गई है और पुलिस टीमें उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं। वारिस पंजाब से जुड़ा हुआ था डीजीपी गौरव यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया था कि मृतक गुरप्रीत भी वारिस पंजाब संस्था से जुड़ा हुआ था। वह संस्था के फाउंडर मेंबरों में से एक था। जब दीप सिद्धू इस संस्था को चला रहे थे तो वह कैशियर की भूमिका निभा रहा था। हालांकि जब अमृतपाल को संस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई थी तो दोनों में मतभेद सामने आए थे। वहीं गुरप्रीत की हत्या में अमृतपाल की भूमिका सामने आई है। उन्होंने बताया कि सारी जांच तथ्यों के आधार की जा रही है। जरूरत पड़ी तो अमृपाल से पूछताछ की जा सकती है। क्योंकि हमारे पास कई अहम तथ्य सामने आए हैं। पंजाब के फरीदकोट में 9 अक्टूबर को गुरप्रीत सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने अब दो संदिग्ध शूटरों के स्केच जारी किए हैं। इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि हत्याकांड में विदेश में बैठे गैंगस्टर अर्शदीप सिंह डल्ला और खडूर साहिब के सांसद अमृतलाल सिंह समेत छह लोगों को नामजद किया गया है। गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी रिमांड पर हैं। आरोपी की मोटरसाइकिल जैतो से बरामद कर ली गई है। लोग एसएसपी के मोबाइल नंबर 98158 00445, कोटकपूरा के सदर थाने के एसएचओ 94176 46822 और कोटकपूरा थाने के मुंशी 75270 17035 पर पुलिस को सूचना दे सकते हैं। 9 अक्टूबर को हुई थी हत्या गुरप्रीत की हत्या 9 अक्टूबर को हुई थी। उस समय गुरप्रीत सिंह अपने समर्थक सरपंच पद के प्रत्याशी के हक में प्रचार कर घर वापस लौट रहा था, तभी सामने बाइक सवार हत्यारों ने गोलियां चलाकर गुरप्रीत सिंह को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस गोलीबारी में चार गोलियां गुरप्रीत सिंह को लगी, गोली मारने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। गंभीर रूप से घायल अवस्था में गुरप्रीत सिंह को उपचार के लिए स्थानीय गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज में लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में एक एसआईटी बनाई गई थी। आरोपियों ने रेकी कर दिया वारदात को अंजाम गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बिलाल अहमद उर्फ फौजी, गुरदीप सिंह उर्फ पोंटू और अर्शदीप सिंह उर्फ झंडू के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्ति रेकी करने वाले ग्रुप में शामिल थे, जिसका संचालन कनाडा आधारित कर्मवीर सिंह उर्फ गोरा द्वारा किया जा रहा था। रेकी करने वाले ग्रुप ने अपने संचालकों और विभिन्न ग्रुप के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी शूटर वाले ग्रुप को दी। डीजीपी ने कहा कि शूटर ग्रुप के सदस्यों की पहचान कर ली गई है और पुलिस टीमें उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं। वारिस पंजाब से जुड़ा हुआ था डीजीपी गौरव यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया था कि मृतक गुरप्रीत भी वारिस पंजाब संस्था से जुड़ा हुआ था। वह संस्था के फाउंडर मेंबरों में से एक था। जब दीप सिद्धू इस संस्था को चला रहे थे तो वह कैशियर की भूमिका निभा रहा था। हालांकि जब अमृतपाल को संस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई थी तो दोनों में मतभेद सामने आए थे। वहीं गुरप्रीत की हत्या में अमृतपाल की भूमिका सामने आई है। उन्होंने बताया कि सारी जांच तथ्यों के आधार की जा रही है। जरूरत पड़ी तो अमृपाल से पूछताछ की जा सकती है। क्योंकि हमारे पास कई अहम तथ्य सामने आए हैं।   पंजाब | दैनिक भास्कर