अकाली दल के सीनियर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने फरीदकोट जिले में विधानसभा क्षेत्र जैतो के गांव डोड में पंचायत चुनाव के दौरान अकाली उम्मीदवार और उसके समर्थकों पर केस दर्ज होने के मामले को लेकर रविवार को गांव डोड में पहुंच कर राज्य की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने पिछले ढाई तीन साल के दौरान कोई कार्य नहीं किया और पंचायत चुनावों में हार के डर से ही पंचायत चुनावों में धक्केशाही करके लोकतंत्र की हत्या की गई।बिक्रम मजीठिया ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पंचायत चुनावों के दौरान राज्य के बाकी हिस्सों की तरह जैतो विधानसभा क्षेत्र में भी आम आदमी पार्टी विधायक अमोलक सिंह की शह पर धक्केशाही की गई, जिसका उदाहरण गांव डोड है। यहां पर अकाली उम्मीदवार को गलत तरीके से हारा हुआ घोषित किया गया और विरोध करने पर झूठा केस दर्ज भी किया गया। पंजाब की कानून व्यवस्था बदतर – बिक्रम सभा के बाद पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की हालत बद से बदतर हो चुकी है। लोगों को जेलों से फिरौती के लिए फोन आ रहे हैं। पंजाब की सड़कें टूटी हुई है और सरकारी कर्मियों को वेतन देने तक के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है। मंडियों में किसानों की हालत जगजाहिर हो चुकी है। हर वर्ग के लोग अपने हक के लिए सड़कों पर उतरे हुए है, ऐसे हालात के बावजूद मुख्यमंत्री भगवंत मान झूठ पर झूठ बोलते जा रहे है। सुखबीर सिंह मामले में बुलाई पार्टी की मीटिंग सुखबीर सिंह बादल के प्रधान पद से इस्तीफे पर मजीठिया ने कहा कि इसके बारे में पार्टी ने बैठक बुलाई है, जिसमें विस्तार से चर्चा की जाएगी। बाकी पार्टी के प्रधान पद का दिसंबर माह में चुनाव होना है और पार्टी फैसला करेगी कि किसे प्रधान बनाया जाना है। अरविंद केजरीवाल के पंजाब में सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र बांटे जाने पर भी सख्त ऐतराज उठाया। इस मौके पर अकाली दल के जिला प्रधान व एसजीपीसी महासचिव शेर सिंह मंड, पूर्व विधायक मनतार सिंह बराड़, जैतो के हलका इंचार्ज सूबा सिंह बादल भी हाजिर रहे। अकाली दल के सीनियर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने फरीदकोट जिले में विधानसभा क्षेत्र जैतो के गांव डोड में पंचायत चुनाव के दौरान अकाली उम्मीदवार और उसके समर्थकों पर केस दर्ज होने के मामले को लेकर रविवार को गांव डोड में पहुंच कर राज्य की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने पिछले ढाई तीन साल के दौरान कोई कार्य नहीं किया और पंचायत चुनावों में हार के डर से ही पंचायत चुनावों में धक्केशाही करके लोकतंत्र की हत्या की गई।बिक्रम मजीठिया ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पंचायत चुनावों के दौरान राज्य के बाकी हिस्सों की तरह जैतो विधानसभा क्षेत्र में भी आम आदमी पार्टी विधायक अमोलक सिंह की शह पर धक्केशाही की गई, जिसका उदाहरण गांव डोड है। यहां पर अकाली उम्मीदवार को गलत तरीके से हारा हुआ घोषित किया गया और विरोध करने पर झूठा केस दर्ज भी किया गया। पंजाब की कानून व्यवस्था बदतर – बिक्रम सभा के बाद पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की हालत बद से बदतर हो चुकी है। लोगों को जेलों से फिरौती के लिए फोन आ रहे हैं। पंजाब की सड़कें टूटी हुई है और सरकारी कर्मियों को वेतन देने तक के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है। मंडियों में किसानों की हालत जगजाहिर हो चुकी है। हर वर्ग के लोग अपने हक के लिए सड़कों पर उतरे हुए है, ऐसे हालात के बावजूद मुख्यमंत्री भगवंत मान झूठ पर झूठ बोलते जा रहे है। सुखबीर सिंह मामले में बुलाई पार्टी की मीटिंग सुखबीर सिंह बादल के प्रधान पद से इस्तीफे पर मजीठिया ने कहा कि इसके बारे में पार्टी ने बैठक बुलाई है, जिसमें विस्तार से चर्चा की जाएगी। बाकी पार्टी के प्रधान पद का दिसंबर माह में चुनाव होना है और पार्टी फैसला करेगी कि किसे प्रधान बनाया जाना है। अरविंद केजरीवाल के पंजाब में सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र बांटे जाने पर भी सख्त ऐतराज उठाया। इस मौके पर अकाली दल के जिला प्रधान व एसजीपीसी महासचिव शेर सिंह मंड, पूर्व विधायक मनतार सिंह बराड़, जैतो के हलका इंचार्ज सूबा सिंह बादल भी हाजिर रहे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फरीदकोट में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी बना फैक्टर:एक जून को घटना और वोटिंग बना संयोग, निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते सर्वजीत सिंह खालसा फरीदकोट लोकसभा हलके से सांसद निर्वाचित हुए सर्वजीत सिंह खालसा की जीत का बड़ा फैक्टर बेअदबी की घटना रही है। क्योंकि 1 जून 2015 को फरीदकोट जिले के गांव जवाहर सिंह वाला के गुरूद्वारा साहिब से श्री गुरूग्रंथ जी के पावन स्वरूप के चोरी होने की घटना घटित हुई थी, जिससे सिक्ख संगत में भारी आक्रोश अब भी है। इसी का बड़ा फायदा आजाद प्रत्याशी रहे सर्वजीत सिंह खालसा को मिला है। इसका दावा उनके रणनीतिकार और फरीदकोट में प्रचार-प्रसार की कमान संभालने वाले सिख स्टूडेंट फेडरेशन के दलेर सिंह डोड ने मीडिया से किया। डोड ने कहा कि उन लोगों ने बेहतर रणनीत के तहत काम किया। सिक्ख संगत 2015 में घटित हुई बेअबदी की घटना में इंसाफ की आस लगाए बैठी है, परंतु पूर्व की शिअद, कांग्रेस व मौजूदा समय की आप सरकार से न्याय नहीं मिला, जबकि आप सरकार ने सिक्ख संगत को इंसाफ दिलाने का वादा किया था। जिससे संगत में भारी आक्रोश है। ऐसे में यह संयोग है कि इस बार वोटिंग 1 जून को हुई, जो कि उनके प्रत्याशी की जीत में बड़ा फैक्टर साबित हुई, सरबजीत सिंह खालसा 70246 मतों से जीते हैं। इसके अलावा उन लोगों ने नशे को भी बड़े मुद्दें के रुप में पेश किया और आम लोगों काे यह समझाने में सफल रहे कि पिछली व मौज्ूदा सरकार नशे का खात्मा करने में नाकाम रही है, लोगों ने उनकी बातों पर विश्वास किया और उन्हें अपना अमूल्य मत दिया। अब वह जब विजयी हो गए है तो वह देश की संसद में बंदी सिक्खों की रिहाई, किसानों के मुद्दें व पंजाब से जुड़े अन्य मुद्दों को प्रमुखता से उठाकर उसका निराकरण करवाने का भरसक प्रयास करेंगे।
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