हरियाणा के फरीदाबाद की नीमका जेल में बंद एक कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जेल स्टाफ बंदी को अस्पताल लेकर पहुंचा तो उसकी मौत हो चुकी थी। बेटे जयप्रकाश ने आरोप लगाया कि नीमका जेल से उन्हें फोन पर बताया की तुम्हारे पिता बीके अस्पताल में हैं, जाकर मिल लें। काफी तलाशने के बाद स्टाफ नर्स ने उन्हें बताया की उनकी तो मौत हो चुकी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए रखवाया गया है। उसके पिता को किसी ने देखने भी नहीं दिया। जानकारी अनुसार जगदीश प्रसाद (46) मूलरुप से बिहार के रहने वाले थे। वे 20 साल से परिवार के साथ फरीदाबाद के संतोष नगर इलाके में रह रहे थे। करीब डेढ़ साल पहले पुलिस ने जगदीश प्रसाद को लड़ाई-झगड़े और नशा बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। तभी से वे जेल में थे। बुधवार को जेल में उनकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई। जगदीश के बेटे जयप्रकाश ने बताया कि उनके पिता की मौत के बाद अगले दूसरे दिन लगभग 24 घंटे तक पुलिस ने उनसे कोई भी संपर्क नहीं किया। इसके चलते वह अपने पिता के अंतिम दर्शन नहीं कर पाए हैं। इस घटना के बाद से पूरे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। मृतक पर थे कई मुकदमे दर्ज वहीं जयप्रकाश ने बताया कि उनके पिता जगदीश प्रसाद जिनकी उम्र लगभग 46 वर्ष थी। डेढ़ साल पहले उनके पिता को पुलिस ने लड़ाई झगड़ा और गांजा बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस दौरान उनके पिता की तबीयत खराब रहने लगी। उन्होंने पिता की बेल की अपील की, लेकिन उनके पिता को बेल नहीं दी गई। मारपीट का जताया शक जयप्रकाश ने बताया की उन्हें लगता है की उनके पिता के साथ जेल में मारपीट हुई है। इसके चलते उनकी मौत हुई है। उनके पिता की तबीयत ज्यादा खराब थी तो उन्हें कल ही क्यों भर्ती किया गया। इससे पहले उनके पिता का सही से इलाज करना चाहिए था। उसे शक है कि या तो नीमका जेल में उनकी हत्या हुई है या फिर नीमका जेल अफसरों की लापरवाही के चलते उनके पिता की मौत हुई है। हालांकि मृतक जगदीश प्रसाद के शव का आज पोस्टमॉर्टम करा कर पुलिस ने शव उसके परिजनों को सौंप दिया है। इस मामले में जांच अधिकारी संजय ने बताया कि मृतक जगदीश प्रसाद को नीमका जेल स्टाफ जब बादशाह खान सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। हरियाणा के फरीदाबाद की नीमका जेल में बंद एक कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जेल स्टाफ बंदी को अस्पताल लेकर पहुंचा तो उसकी मौत हो चुकी थी। बेटे जयप्रकाश ने आरोप लगाया कि नीमका जेल से उन्हें फोन पर बताया की तुम्हारे पिता बीके अस्पताल में हैं, जाकर मिल लें। काफी तलाशने के बाद स्टाफ नर्स ने उन्हें बताया की उनकी तो मौत हो चुकी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए रखवाया गया है। उसके पिता को किसी ने देखने भी नहीं दिया। जानकारी अनुसार जगदीश प्रसाद (46) मूलरुप से बिहार के रहने वाले थे। वे 20 साल से परिवार के साथ फरीदाबाद के संतोष नगर इलाके में रह रहे थे। करीब डेढ़ साल पहले पुलिस ने जगदीश प्रसाद को लड़ाई-झगड़े और नशा बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। तभी से वे जेल में थे। बुधवार को जेल में उनकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई। जगदीश के बेटे जयप्रकाश ने बताया कि उनके पिता की मौत के बाद अगले दूसरे दिन लगभग 24 घंटे तक पुलिस ने उनसे कोई भी संपर्क नहीं किया। इसके चलते वह अपने पिता के अंतिम दर्शन नहीं कर पाए हैं। इस घटना के बाद से पूरे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। मृतक पर थे कई मुकदमे दर्ज वहीं जयप्रकाश ने बताया कि उनके पिता जगदीश प्रसाद जिनकी उम्र लगभग 46 वर्ष थी। डेढ़ साल पहले उनके पिता को पुलिस ने लड़ाई झगड़ा और गांजा बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस दौरान उनके पिता की तबीयत खराब रहने लगी। उन्होंने पिता की बेल की अपील की, लेकिन उनके पिता को बेल नहीं दी गई। मारपीट का जताया शक जयप्रकाश ने बताया की उन्हें लगता है की उनके पिता के साथ जेल में मारपीट हुई है। इसके चलते उनकी मौत हुई है। उनके पिता की तबीयत ज्यादा खराब थी तो उन्हें कल ही क्यों भर्ती किया गया। इससे पहले उनके पिता का सही से इलाज करना चाहिए था। उसे शक है कि या तो नीमका जेल में उनकी हत्या हुई है या फिर नीमका जेल अफसरों की लापरवाही के चलते उनके पिता की मौत हुई है। हालांकि मृतक जगदीश प्रसाद के शव का आज पोस्टमॉर्टम करा कर पुलिस ने शव उसके परिजनों को सौंप दिया है। इस मामले में जांच अधिकारी संजय ने बताया कि मृतक जगदीश प्रसाद को नीमका जेल स्टाफ जब बादशाह खान सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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