हरियाणा के फरीदाबाद जिले में सिटी थाने के एसएचओ और अग्रसेन चौकी के इंचार्ज पर तीन दलित बहनों के साथ थाने में 4 घंटे तक बंधक बनाकर मारपीट करने के गंभीर आरोप लगे है। मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। घटना बल्लभगढ़ के मोहना रोड स्थित तकिया वाली गली नंबर 8 की है। जहां की रहने वाली गीता और उसकी बहन गंगा देवी ने पुलिस पर यह गंभीर आरोप लगाए हैं। बंद रास्ते का किया विरोध उनका आरोप है कि बीते 21 जून को उनकी गली में पिछले 30 वर्षों से बने शिव मंदिर का रास्ता एक तरफ से बंद किया जा रहा था। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो मंदिर का रास्ता बंद करने वाले लोगों ने पुलिस बुला ली। इसके बाद थाना सिटी बल्लभगढ़ के एसएचओ महेंद्र और अग्रसेन चौकी के इंचार्ज कपिल मौके पर पहुंचे और उन्होंने मंदिर का मौका मुआयना किया। जिसके बाद उन्होंने एसएचओ से कहा कि यह रास्ता मंदिर का है, जो की 30 साल से खुला हुआ था। उन्हें रास्ते के बंद होने के बाद मंदिर में आने-जाने में परेशानी होगी। पुलिस पर लगाए आरोप गंगा और गीता का आरोप है कि उनके दलित होने के चलते इस बात को सुनकर एसएचओ महेंद्र ने उनसे कहा कि तुम्हें मंदिर में जाने की क्या जरूरत है और उन्हें जाती सूचक शब्द भी कहे। इस बात को लेकर गंगा और उसकी बहन भड़क गई और महेंद्र द्वारा कहे गई इस बात का उन्होंने जब विरोध करना शुरू किया तो एसएचओ महेंद्र और चौकी इंचार्ज तैश में आ गए। इसके बाद उन्होंने दुर्गा शक्ति की टीम को बुलाकर उन्हें घर के अंदर से बाहर निकाल कर गाड़ी में मारपीट करते हुए जबरन डाल लिया और थाने में ले जाकर तीनों बहनों के साथ मारपीट की। दोषियों के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई इस दौरान उनका एक ढाई साल का बच्चा भी नीचे गिर गया। जिसे चोट आई है। गीता ने बताया की घटना वीडियो सहित सभी सबूत उनके मोबाइल फोन में थे। थाने में ले जाने के बाद उनसे उनके फोन पुलिस द्वारा छीन लिए गए और 4 घंटे के बाद जब उन्हें छोड़ा गया। तब उन्हें मोबाइल फ़ोन दिए गए। लेकिन पुलिस उनके सभी फोन को रीसेट कर चुकी थी। गीता ने बताया की वह उसकी बहने गंगा देवी और सुनीता सभी घटना के बाद से है पुलिस कमिश्नर तक के चक्कर लगा चुकी हैं। लेकिन दोषी एसएचओ और अग्रसेन चौकी इंचार्ज कपिल के खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। वह चाहती हैं कि दोनों के खिलाफ उचित एक्शन लिया जाए। न्याय ना मिलने के चलते आज उन्हें मजबूरन सिटी थाने के बाहर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बैठना पड़ा। हरियाणा के फरीदाबाद जिले में सिटी थाने के एसएचओ और अग्रसेन चौकी के इंचार्ज पर तीन दलित बहनों के साथ थाने में 4 घंटे तक बंधक बनाकर मारपीट करने के गंभीर आरोप लगे है। मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। घटना बल्लभगढ़ के मोहना रोड स्थित तकिया वाली गली नंबर 8 की है। जहां की रहने वाली गीता और उसकी बहन गंगा देवी ने पुलिस पर यह गंभीर आरोप लगाए हैं। बंद रास्ते का किया विरोध उनका आरोप है कि बीते 21 जून को उनकी गली में पिछले 30 वर्षों से बने शिव मंदिर का रास्ता एक तरफ से बंद किया जा रहा था। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो मंदिर का रास्ता बंद करने वाले लोगों ने पुलिस बुला ली। इसके बाद थाना सिटी बल्लभगढ़ के एसएचओ महेंद्र और अग्रसेन चौकी के इंचार्ज कपिल मौके पर पहुंचे और उन्होंने मंदिर का मौका मुआयना किया। जिसके बाद उन्होंने एसएचओ से कहा कि यह रास्ता मंदिर का है, जो की 30 साल से खुला हुआ था। उन्हें रास्ते के बंद होने के बाद मंदिर में आने-जाने में परेशानी होगी। पुलिस पर लगाए आरोप गंगा और गीता का आरोप है कि उनके दलित होने के चलते इस बात को सुनकर एसएचओ महेंद्र ने उनसे कहा कि तुम्हें मंदिर में जाने की क्या जरूरत है और उन्हें जाती सूचक शब्द भी कहे। इस बात को लेकर गंगा और उसकी बहन भड़क गई और महेंद्र द्वारा कहे गई इस बात का उन्होंने जब विरोध करना शुरू किया तो एसएचओ महेंद्र और चौकी इंचार्ज तैश में आ गए। इसके बाद उन्होंने दुर्गा शक्ति की टीम को बुलाकर उन्हें घर के अंदर से बाहर निकाल कर गाड़ी में मारपीट करते हुए जबरन डाल लिया और थाने में ले जाकर तीनों बहनों के साथ मारपीट की। दोषियों के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई इस दौरान उनका एक ढाई साल का बच्चा भी नीचे गिर गया। जिसे चोट आई है। गीता ने बताया की घटना वीडियो सहित सभी सबूत उनके मोबाइल फोन में थे। थाने में ले जाने के बाद उनसे उनके फोन पुलिस द्वारा छीन लिए गए और 4 घंटे के बाद जब उन्हें छोड़ा गया। तब उन्हें मोबाइल फ़ोन दिए गए। लेकिन पुलिस उनके सभी फोन को रीसेट कर चुकी थी। गीता ने बताया की वह उसकी बहने गंगा देवी और सुनीता सभी घटना के बाद से है पुलिस कमिश्नर तक के चक्कर लगा चुकी हैं। लेकिन दोषी एसएचओ और अग्रसेन चौकी इंचार्ज कपिल के खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। वह चाहती हैं कि दोनों के खिलाफ उचित एक्शन लिया जाए। न्याय ना मिलने के चलते आज उन्हें मजबूरन सिटी थाने के बाहर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बैठना पड़ा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में राज्यसभा सांसद को टिकट पर बगावत:शेरा का निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान; बोले- मनोहर लाल-संजय भाटिया ने संगठन का नाश मारा हरियाणा के पानीपत की इसराना विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार व राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार के खिलाफ बगावत शुरू हो गई है। यहां से स्थानीय भाजपा नेता सत्यवान शेरा ने निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया है। टिकट ना मिलने से नाराज सत्यवान ने अपनी पत्नी के साथ तीन दिन पहले ही पार्टी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद आज सोमवार को उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस कर भाजपा के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सत्यवान ने कहा, “हम संगठन के लिए कई वर्षों से काम कर रहे हैं। लेकिन, यहां से पार्टी ने राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार को टिकट देकर बाकी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है। अब चुनावों में पंवार को वोटों की चोट झेलनी होगी”। बता दें कि कांग्रेस ने यहां से अपने मौजूदा विधायक बलबीर सिंह वाल्मीकि को मैदान में उतारा है। मनोहर और संजय खुद से बड़ा किसी को नहीं समझते: शेरा
सत्यवान शेरा ने कहा, “प्रदेश के संगठन का दो लोगों ने नाश मार दिया है। ये नेता मनोहर लाल और संजय भाटिया हैं। दोनों ही पार्टी में खुद से बड़ा किसी को नहीं समझते। दोनों अपनी मनमर्जी चलाते हैं। अगर पार्टी में कोई नाराज हो जाता है, तो ये लोग उससे बातचीत भी नहीं करते हैं”। इस दौरान उन्होंने आगे कहा, “मेरे नाराज होने पर कृष्णलाल पंवार ने मुझे फोन किया और कहा कि मनोहर लाल ने फोन करने को कहा है। तब मैंने उनसे पूछा कि अगर वो नहीं कहते तो क्या आप कॉल करते। मेरे इस सवाल का जवाब भी उन्होंने संतोषजनक नहीं दिया”। इसराना में नहीं पंवार का जनाधार: सत्यवान
सत्यवान शेरा ने कहा कि जब पार्टी ने कृष्ण लाल पंवार को राज्यसभा सांसद बना दिया है, तो अब उन्हें विधानसभा से टिकट क्यों दी गई है। क्या इसराना विधानसभा में सिर्फ पंवार का ही जनाधार है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कृष्ण लाल पंवार को क्षेत्र वासी स्थानीय नेता नहीं मानते, क्योंकि वे लोगों के बीच नहीं रहते हैं। 2019 में अपनी सीट नहीं बचा पाए थे पंवार
भाजपा ने 2024 के चुनाव में कई पुराने चेहरों पर दांव लगाया है, इन चेहरों में कई ऐसे नाम भी हैं जो 2019 में चुनाव हार गए थे। इन्हीं चेहरों में एक नाम राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार का भी है। 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए पंवार को पार्टी ने उस समय इसराना से टिकट दिया था। उस चुनाव में भले ही पंवार भाजपा के लिए ये सीट जीतने में कामयाब रहे लेकिन 2019 में वह इस सीट को नहीं बचा पाए। कांग्रेस के बलबीर बाल्मीकि ने उन्हें 20,015 वोटों के अंतर से मात दी थी। हालांकि हार के बाद भी पार्टी में पंवार का रुतबा कम नहीं हुआ और उन्हें राज्यसभा में पहुंचा दिया गया। पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद भाजपा ने उनपर विश्वास जताया है। कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसा करके भाजपा दलित वोट बैंक पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है।
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करनाल में दिवाली से पहले घर मे पसरा मातम:सड़क दुर्घटना में 2 बच्चों के पिता की मौत, अज्ञात वाहन ने मारी थी टक्कर हरियाणा के करनाल में सड़क हादसे में 35 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। व्यक्ति काम से घर लौट रहा था। मृतक के दो बच्चे थे, दोनों के पिता की मौत हो गई। परिवार गमगीन है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मृतक विकास कॉलोनी का रहने वाला था मृतक की पहचान करनाल के विकास कॉलोनी निवासी संदीप कुमार के रूप में हुई है। मृतक के पिता अशोक ने बताया कि उनका बेटा मीरा घाटी के पास काम करता था। 26 अक्टूबर को वह काम पर गया था। देर शाम वह बाइक से घर लौट रहा था। ताऊ देवी लाल चौक के पास कार शोरूम के पास अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी। जिससे वह सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। 4 दिन तक मौत से लड़ता रहा युवक हादसे के बाद आसपास के राहगीर मौके पर एकत्रित हो गए थे। जिसको गंभीर अवस्था में भतीजे ने करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया। जहां पर उसका इलाज चला लेकिन डॉक्टरों ने उसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया, लेकिन उसके बाद परिजन उसे करनाल के प्राइवेट अस्पताल में लेकर पहुंच गए। युवक चार दिन तक मौत से लड़ता रहा, लेकिन 29 अक्तूबर की रात को डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दो बच्चों के सिर से उठा पिता का साया अशोक ने बताया कि मृतक के दो बच्चे है। जिसमें एक लड़का है और एक लड़की है। दोनों बच्चे छोटे है। दीवाली की खुशियां मातम में बदल गई। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। परिजनों को सौंपा शव पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। जांच अधिकारी गुलविंद्र सिंह ने बताया कि सड़क हादसे में युवक की मौत हुई है। शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था। अज्ञात वाहन के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आसपास के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जाएगा, ताकि आरोपी वाहन चालक तक जल्द से जल्द पहुंचा जा सके। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
दुष्यंत चौटाला बोले- JJP का BJP में विलय नहीं होगा:कहा- गैर-जिम्मेदाराना तरीके से फैलाए झूठ से गुस्से में हूं, कानूनी कार्रवाई करूंगा
दुष्यंत चौटाला बोले- JJP का BJP में विलय नहीं होगा:कहा- गैर-जिम्मेदाराना तरीके से फैलाए झूठ से गुस्से में हूं, कानूनी कार्रवाई करूंगा हरियाणा में करीब साढ़े 4 साल तक BJP के साथ गठबंधन में सरकार चलाने वाली JJP के भाजपा में विलय की खबरों ने JJP के सीनियर नेताओं की नींद उड़ा दी है। पार्टी के विलय से संबंधित खबरें आने के बाद पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। JJP के ऑफिशियल X (पहले ट्विटर) अकाउंट पर पार्टी की तरफ से लिखा गया, ‘जननायक जनता पार्टी के बारे में एक भ्रामक और आधारहीन खबर एक समाचार पत्र और एक टीवी चैनल पर प्रचारित की गई है। पार्टी ऐसी गलत खबर का पूर्णतः खंडन करती है और खबर प्रकाशित करने वालों के खिलाफ कानूनी नोटिस भेजा जा रहा है।’ वहीं दुष्यंत चौटाला ने X पर लिखा, ‘मैं JJP से जुड़ी एक बेबुनियाद खबर को कई प्लेटफॉर्म पर गैर-जिम्मेदाराना तरीके से फैलाए जाने से बेहद निराश और गुस्से में हूं। हमारी पार्टी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। सत्य की जीत होनी ही चाहिए।’ खबरें आने के बाद JJP में बढ़ी बैचेनी
बता दें कि एक दिन पहले ही एक समाचार पत्र और टीवी पर खबर प्रसारित हुई कि JJP का BJP में विलय हो सकता है। बाकायदा यह दावा किया गया कि पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला की दिल्ली में मीटिंग हो चुकी हैं। साथ ही राज्यसभा कोटे से दुष्यंत को केंद्र में बड़ा पद और उनके भाई दिग्विजय चौटाला को हरियाणा संगठन में अहम जिम्मेदारी मिल सकती हैं। इस तरह की खबरें प्रकाशित होने के बाद JJP में खलबली मच गई। इन खबरों का खंडन करने के लिए खुद दुष्यंत चौटाला को सोशल मीडिया पर पोस्ट करनी पड़ी। साथ ही पार्टी इस तरह की खबरें चलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कर रही है। 12 मार्च को टूटा दोनों का गठबंधन
दरअसल, 2019 के विधानसभा चुनाव में BJP को हरियाणा में पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया था। इसकी वजह से 10 सीटें जीतने वाली JJP के साथ गठबंधन कर राज्य में सरकार बनाई गई। इस सरकार में खट्टर को CM तो JJP कोटे से दुष्यंत चौटाला को डिप्टी CM बनाया गया। करीब साढ़े 4 साल तक सबकुछ ठीक चला, लेकिन इसी साल 12 मार्च को अचानक खट्टर ने CM पद से इस्तीफा दे दिया और दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया। दोनों पार्टियों को लोकसभा चुनाव में हुआ नुकसान
बाद में निर्दलीय विधायकों के समर्थन से BJP ने नायब सैनी के नेतृत्व में फिर से सरकार बना ली। लोकसभा चुनाव में BJP और JJP दोनों ने अलग होकर चुनाव लड़ा। BJP को जहां 10 लोकसभा सीटों में से 5 सीटों का नुकसान हुआ तो JJP की बुरी तरह हार हुई। खुद हिसार सीट से दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला बुरी तरह हार गईं।