हरियाणा के फरीदाबाद जिले में साइबर अपराधियों द्वारा शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर की बड़ी धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ है। साइबर थाना सेंट्रल की टीम ने मामले में राजस्थान और उत्तर प्रदेश से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। व्यक्ति की शिकायत पर खुलासा पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने विक्रम(टोंक), मनीष(भरतपुर), हर्ष (नागौर), तेजवीर (वृंदावन) और उमाशंकर (भरतपुर) को गिरफ्तार किया। मामला 13 जुलाई को तब सामने आया, जब सेक्टर-77 के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई कि अजय शर्मा नाम के व्यक्ति ने उन्हें शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर 50 हजार रुपए ठग लिए। पूछताछ के बाद एक को भेजा जेल जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि गिरोह ने कुल 16,50,094 रुपए की धोखाधड़ी की है। पूछताछ में सामने आया कि विक्रम खाताधारक था, उमाशंकर खाते उपलब्ध कराता था, जबकि मनीष, हर्ष और तेजवीर चीनी नागरिकों को बैंक खाते उपलब्ध कराने का काम करते थे। पुलिस ने सभी आरोपियों को रिमांड पर लिया, जिनमें से विक्रम को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है, बाकी चार आरोपियों से पूछताछ जारी है। यह मामला साइबर अपराध की बढ़ती चुनौतियों और विदेशी संपर्कों के जरिए होने वाली वित्तीय धोखाधड़ी की ओर इशारा करता है। हरियाणा के फरीदाबाद जिले में साइबर अपराधियों द्वारा शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर की बड़ी धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ है। साइबर थाना सेंट्रल की टीम ने मामले में राजस्थान और उत्तर प्रदेश से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। व्यक्ति की शिकायत पर खुलासा पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने विक्रम(टोंक), मनीष(भरतपुर), हर्ष (नागौर), तेजवीर (वृंदावन) और उमाशंकर (भरतपुर) को गिरफ्तार किया। मामला 13 जुलाई को तब सामने आया, जब सेक्टर-77 के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई कि अजय शर्मा नाम के व्यक्ति ने उन्हें शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर 50 हजार रुपए ठग लिए। पूछताछ के बाद एक को भेजा जेल जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि गिरोह ने कुल 16,50,094 रुपए की धोखाधड़ी की है। पूछताछ में सामने आया कि विक्रम खाताधारक था, उमाशंकर खाते उपलब्ध कराता था, जबकि मनीष, हर्ष और तेजवीर चीनी नागरिकों को बैंक खाते उपलब्ध कराने का काम करते थे। पुलिस ने सभी आरोपियों को रिमांड पर लिया, जिनमें से विक्रम को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है, बाकी चार आरोपियों से पूछताछ जारी है। यह मामला साइबर अपराध की बढ़ती चुनौतियों और विदेशी संपर्कों के जरिए होने वाली वित्तीय धोखाधड़ी की ओर इशारा करता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में नेशनल हाईवे पर ट्राले में घुसी कार:एक की मौत, दूसरे की हालत गंभीर, कड़ी मशक्कत के बाद निकाला बाहर करनाल के झिलमिल ढाबा के नजदीक नेशनल हाईवे-44 पर एक हादसा हो गया। दिल्ली से चंडीगढ़ की ओर जा रही एक कार अनियंत्रित होकर ट्राले में घुस गई। हादसे में कार सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसा इतना भीषण था कि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, और मृतक गाड़ी में ही फंस गया। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घायल चालक को भी इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दिल्ली से जा रहे थे चंडीगढ़ मृतक की पहचान दिल्ली के छतरपुर निवासी अश्वनी (39) के रूप में हुई है, जो अपने दोस्त अमन के साथ छतरपुर से चंडीगढ़ जा रहा था। जब वह करनाल के झिलमिल ढाबा के पास पहुंचे तो ट्राले के आगे चल रही गाड़ी ने अचानक ब्रेक लगाए, जिसके चलते ट्राला चालक को भी ब्रेक लगाने पड़े। इसी दौरान कार ट्राले से टकरा गई और ड्राइवर के साथ वाली सीट पर बैठे अश्वनी की मौके पर ही मौत हो गई। क्रेन की मदद से निकाला शव बाहर हादसे की सूचना के बाद सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और गाड़ी से पहले अमन को बाहर निकाला और उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा। लेकिन इस दौरान अश्वनी को बाहर नहीं निकाला जा सका। बाद में क्रेन की मदद से गाड़ी को ट्राले के नीचे निकाला। करीब 30 मिनट बाद कड़ी मशक्कत से गड़ी की खिड़की तोड़कर अश्वनी के शव को बाहर निकाला। परिजनों की दी गई सूचना सदर थाना से जांच अधिकारी विकास ने बताया कि आरोपी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया है। वहीं घायल का इलाज करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। परिजनों को मामले की सूचना दे दी गई है। उनके आने के बाद पोस्टमॉर्टम करा शव परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। फिलहाल दोनों वाहनों को कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
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हरियाणा में मेंबरशिप ड्राइव से टेंशन में BJP:50 लाख टारगेट, मेंबर 39 लाख ही बने; चुनाव में 55 लाख से ज्यादा वोट मिले थे
हरियाणा में मेंबरशिप ड्राइव से टेंशन में BJP:50 लाख टारगेट, मेंबर 39 लाख ही बने; चुनाव में 55 लाख से ज्यादा वोट मिले थे हरियाणा में 50 लाख मेंबर बनाने में BJP नेताओं के पसीने छूट रहे हैं। करीब पौने 2 महीने बीतने पर भी भाजपा 39 लाख मेंबर ही बना सकी है। यही हालत एक्टिव मेंबरों को लेकर भी है। भाजपा ने इसके लिए 50 हजार का टारगेट फिक्स किया था लेकिन अब तक सिर्फ 28 हजार ही बन पाए हैं। ऐसी सूरत में एक तरफ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली खुद जिलों में घूमने लगे हैं तो दूसरी तरफ सीनियर नेताओं को भी अब टारगेट देकर फील्ड में उतारने की प्लानिंग की जा रही है। हालत ये है कि पार्टी ने 8 नवंबर को मेंबरशिप ड्राइव शुरू की थी। इसकी लास्ट डेट 5 दिसंबर थी। जब टारगेट पूरा नहीं हुआ तो इसे बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दिया। अब भी टारगेट पूरा नहीं हो सका तो डेडलाइन बढ़ाने की सार्वजनिक घोषणा से तक भाजपा नेताओं ने किनारा कर लिया। चुनाव में 55 लाख से ज्यादा वोट मिले, इसलिए 50 लाख टारगेट रखा
प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 39.94% यानी कुल 55 लाख 48 हजार 800 वोट मिले थे। इसके मुकाबले कांग्रेस को 39.9% यानी कुल 54 लाख 30 हजार 602 वोट मिले थे। पार्टी को मिले 55 लाख से ज्यादा वोट देखकर ही केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के नेताओं को 50 लाख का टारगेट दिया था। पिछड़ने की बड़ी वजह, कार्यकर्ताओं को सौंपी जिम्मेदारी
भाजपा की तरफ से टारगेट से पिछड़ने की बड़ी वजह ये मानी जा रही है कि मेंबरशिप ड्राइव का जिम्मा कार्यकर्ताओं को दे दिया गया। उन्हें टारगेट अचीव करने पर पद वगैरह का भी भरोसा दिया गया। हालांकि 22 विधानसभा सीटें ऐसी रहीं, जहां 50% भी टारगेट पूरा नहीं हो सका। इसके बाद सीनियर नेताओं के कान खड़े हुए हैं। अब क्या रणनीति अपनाई जा रही
BJP सूत्रों के मुताबिक अब कार्यकर्ताओं की जगह सत्ता का सुख भोग रहे सीनियर नेता फील्ड में भेजे जाएंगे। इनमें प्रदेश अध्यक्ष बड़ौली के अलावा संगठन के प्रभारी, महामंत्री और दूसरे सीनियर नेता शामिल होंगे। इनके जिम्मे मेंबरशिप ड्राइव में पिछड़ने की वजह जानने से लेकर प्लानिंग की चूक तक पता करने का काम रहेगा। कमेटियां भी बनाएगी पार्टी
प्रदेश में सरकार की हैट्रिक के बावजूद मेंबरशिप ड्राइव में पिछड़ने से केंद्रीय नेतृत्व के आगे किरकिरी न हो, इसके लिए कमेटियां बनाई जा रही हैं। यह कमेटियां चुनाव प्रबंधन से लेकर अपील सुनने तक का काम करेंगी। यह कमेटियां संगठन के चुनावों को लेकर आने वाली शिकायतों को भी सुनेंगी। बूथ से लेकर जिला स्तर तक की शिकायत अपील कमेटी के पास जाएगी।