फरीदाबाद में ट्रक का टायर फटने से दो कारों से टकराई गया। जिसमें मैग्नेट कार सवार डॉक्टर की मौत हो गई। जबकि बलेनो के एयर बैग खुलने से एक की जान बच गई। जबकि दोनों कर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। हादसा सोना रोड पर बुधवार की देर रात करीब साढे 10 पाली गांव के पास हुआ है। मृतक की पहचान डॉक्टर दक्ष के नाम से हुई, जाे एक निजी हॉस्पिटल काम करते थे। मृतक का कड़ी मशक्कत के बाद निकाला बाहर चश्मदीदों के मुताबिक टक्कर इतनी भीषण थी कि कार ड्राइवर कार के ही अंदर बुरी तरह फंस गया, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला जा सका। लेकिन डॉक्टर दक्ष की जब तक मौत को चुकी थी। मामले की जांच कर रही पुलिस फिलहाल मृतक के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल की मोर से भिजवा दिया है, तो वहीं दूसरी कार की एयर बैग भी खुल गई। इसके चलते उसे ड्राइवर की जान बच गई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। फरीदाबाद में ट्रक का टायर फटने से दो कारों से टकराई गया। जिसमें मैग्नेट कार सवार डॉक्टर की मौत हो गई। जबकि बलेनो के एयर बैग खुलने से एक की जान बच गई। जबकि दोनों कर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। हादसा सोना रोड पर बुधवार की देर रात करीब साढे 10 पाली गांव के पास हुआ है। मृतक की पहचान डॉक्टर दक्ष के नाम से हुई, जाे एक निजी हॉस्पिटल काम करते थे। मृतक का कड़ी मशक्कत के बाद निकाला बाहर चश्मदीदों के मुताबिक टक्कर इतनी भीषण थी कि कार ड्राइवर कार के ही अंदर बुरी तरह फंस गया, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला जा सका। लेकिन डॉक्टर दक्ष की जब तक मौत को चुकी थी। मामले की जांच कर रही पुलिस फिलहाल मृतक के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल की मोर से भिजवा दिया है, तो वहीं दूसरी कार की एयर बैग भी खुल गई। इसके चलते उसे ड्राइवर की जान बच गई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रेवाड़ी के सैनिक स्कूल में रैगिंग:12वीं के छात्र ने डंडे से कई स्टूडेंट को पीटा; परिजन बोले- बच्चों को प्रताड़ित किया
रेवाड़ी के सैनिक स्कूल में रैगिंग:12वीं के छात्र ने डंडे से कई स्टूडेंट को पीटा; परिजन बोले- बच्चों को प्रताड़ित किया हरियाणा में रेवाड़ी जिले के गांव गोठड़ा में स्थित सैनिक स्कूल में 12वीं क्लास के एक कैंडेट (स्टूडेंट) द्वारा अन्य विद्यार्थियों को डंडे से पीटने का वीडियो सामने आया है। जिसमें सीनियर स्टूडेंट जूनियर को लाइन में लगाकर डंडे से पीटते हुए साफ दिखाई दे रहा है। दर्द की वजह से बच्चे कहराते हुए भी दिखाई दिए। हालांकि ये साफ नहीं हो पाया कि वीडियो कब है। लेकिन वीडियो सामने आने के बाद सैनिक स्कूल की तरफ से कहा गया कि घटना के बारे में जांच की जा रही है। कैडेट दोषी मिला तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं पीड़ित छात्रों के अभिभावकों ने कहा कि रैगिंग करते हुए उनके बच्चों को प्रताड़ित किया जा रहा है। दरअसल, दो दिन पहले ये वायरल वीडियो अभिभावकों के पास पहुंचा। जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया और अभिभावकों ने इसे मीडिया तक पहुंचाया। उसी समय मामला सैनिक स्कूल प्रशासन तक भी पहुंचा, लेकिन इस संबंध में कोई एक्शन नहीं लिया गया। हालांकि मीडिया में आने के बाद स्कूल के प्रवक्ता की तरफ से बयान दिया गया कि जांच की जा रही है। मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। पहले भी कई घटनाएं हो चुकी रेवाड़ी-जैसलमेर हाईवे (NH-11) पर गांव गोठड़ा में स्थित सैनिक स्कूल में पहले भी कई तरह की घटनाएं हो चुकी है। एक साल पहले स्कूल की तीसरी मंजिल से कूदकर एक सुसाइड कर लिया था। इतना ही नहीं पिछले साल स्कूल के अंदर दो सीनियर अधिकारी ही आपस में भिड़ गए थे। मामला तूल पकड़ा तो दूसरे अधिकारी का ताबदला कर दिया। अब स्कूल के अंदर रैगिंग का मामला सामने आया है। डेढ़ साल पहले शिफ्ट हुआ स्कूल बता दें कि गोठड़ा सैनिक स्कूल की घोषणा 2008 में हुई थी। उसी समय सैनिक स्कूल की कक्षाएं रेवाड़ी शहर के सेक्टर-4 स्थित अस्थाई बिल्डिंग में लगनी शुरू हो गई थी। सैनिक स्कूल की बिल्डिंग को बनने में 15 साल लग गए। भवन बनकर तैयार हुआ तो इसे शिफ्ट करने में काफी अड़चने हुई। हालांकि लंबी खिंचतान के बाद डेढ़ साल पहले सैनिक स्कूल को गोठड़ा के भवन में शिफ्ट किया गया था।
हरियाणा में बच्चे को रोहतक PGI रेफर करने पर हंगामा:पुलिस बुलानी पड़ी; परिवार बोला- दर्द से कराहता रहा नवजात, स्टाफ सो रहा था
हरियाणा में बच्चे को रोहतक PGI रेफर करने पर हंगामा:पुलिस बुलानी पड़ी; परिवार बोला- दर्द से कराहता रहा नवजात, स्टाफ सो रहा था हरियाणा के रोहतक में रविवार (15 दिसंबर) को सिविल अस्पताल में एक नवजात शिशु को PGI रेफर करने को लेकर हंगामा हो गया। परिजनों का आरोप है कि उनके नवजात की सही से देखभाल नहीं की गई। 3 दिन तक उसे बिना इलाज के रखा। कल रात 12 बजे बच्चा दर्द से कराह रहा था और स्टाफ सो रहा था। अब उन्हें बिना बताए बच्चे को रेफर किया जा रहा है। हमें बच्चे से मिलने भी नहीं दिया गया। हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे की हालत में सुधार न होने पर उसे मदद के लिए बड़े अस्पताल में रेफर किया है। हंगामे के बाद पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा। इसके बाद मामला शांत कराया गया। अभी बच्चे का PGI में इलाज चल रहा है। अब सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए पूरा मामला… साइन करने का दबाव बनाया
जींद के पोली गांव निवासी राहुल ने बताया कि रविवार सुबह हम आए और स्टाफ से पूछा कि बच्चे का अल्ट्रासाउंड और एक्सरे हुआ या नहीं? इस पर स्टाफ ने कहा कि उन्होंने ध्यान नहीं दिया। अब डॉक्टर खुद आरोप लगा रहे हैं कि ICU के अंदर 20 लोग जाते हैं। बिना कोई सूचना दिए डॉक्टरों ने एम्बुलेंस बुला ली और बच्चे को जबरन PGI रेफर करने लगे। मुझ पर भी साइन करने का दबाव बना रहे हैं। तीन दिन तक बच्चे की देखभाल नहीं की गई और अब उसकी हालत खराब हो गई है, इसलिए फाइल पर हस्ताक्षर करने का दबाव बना रहे हैं। 4 दिन तक बच्चे से नहीं मिलने दिया
प्रदीप ने बताया कि उन्हें 4 दिन तक अपने बच्चे (पोते) से नहीं मिलने दिया। डॉक्टर ने इलाज नहीं किया। पहले कहा गया कि उसे जुकाम है और अब कह रहे हैं कि उसे इन्फेक्शन है। अब डॉक्टर जबरन कह रहे हैं कि बच्चे को ले जाओ। ऐसी लापरवाही किसी बच्चे के साथ नहीं होनी चाहिए। स्टाफ रात को सो रहा है और बच्चे बेचैन हो रहे हैं, वे बच्चों का ख्याल भी नहीं रख रहे। ऊपर से डॉक्टर दबाव बना रहे हैं। प्रशासन को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। हंगामा होने पर क्या बोले डॉक्टर- हालत में सुधार न होने पर रेफर करना पड़ा
जिला अस्पताल के डॉ. रोहित कपूर ने बताया कि उन्हें बच्चे को रेफर करने के बाद भीड़ जुटने की सूचना मिली थी। इस सूचना पर वह अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने देखा कि डॉक्टरों ने बेहतरीन उपचार दिया है, लेकिन कुछ बच्चों में उम्मीद के मुताबिक सुधार नहीं होता। ऐसे में हमें बड़े अस्पताल की मदद लेनी पड़ती है। 20 लोगों को अंदर जाने की इजाजत नहीं
हम भी अपने तरीके से बच्चे को स्थिर करते हैं और फिर रेफर करते हैं। नवजात बच्चों के लिए विशेष एम्बुलेंस है, जिसमें रेफर करते हैं। फॉलोअप भी किया जाता है। फिलहाल 15 बच्चे भर्ती हैं। 20 लोगों को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। भीड़ होने पर महिला स्टाफ कैसे काम करेगी
लोगों की भीड़ होने पर महिला स्टाफ कैसे काम करेगी। अंदर ब्रेस्ट फीडिंग रूम भी है, ऐसे में पुरुषों को अंदर कैसे जाने दिया जा सकता है। महिलाओं को कभी नहीं रोका जाता। सुरक्षा और गोपनीयता के लिए पुरुषों को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जाती। ————————— हरियाणा में अस्पताल से जुड़ी ये खबर पढ़ेंः- हरियाणा में जबरदस्ती डिलीवरी से जच्चा-बच्चा की मौत, ब्लीडिंग होने पर पंजाब रेफर किया; परिजन बोले- 4 घंटे झूठा आश्वासन देते रहे डॉक्टर हरियाणा के कैथल में चीका के प्राइवेट अस्पताल में जबरदस्ती डिलीवरी की कोशिश की गई, जिसमें जच्चे (मां) और बच्चे की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर 3 से 4 घंटे तक ठीक होने का झूठा आश्वासन देते रहे। ज्यादा खून निकलने पर उसे पटियाला रेफर कर दिया, लेकिन अस्पताल में पहुंचने से पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया। पढ़ें पूरी खबर
किसान आंदोलन- SC बोला- आपसे कमेटी के जरिए बात करेंगे:डल्लेवाल पर कहा- हमने अनशन तोड़ने का नहीं बोला, जानबूझकर हालात बिगाड़े जा रहे
किसान आंदोलन- SC बोला- आपसे कमेटी के जरिए बात करेंगे:डल्लेवाल पर कहा- हमने अनशन तोड़ने का नहीं बोला, जानबूझकर हालात बिगाड़े जा रहे हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 38 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने फिर पंजाब सरकार पर सख्त रुख दिखाया। कोर्ट ने कहा कि जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। इस केस में डल्लेवाल की दोस्त एडवोकेट गुनिंदर कौर गिल ने पार्टी बनने की याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- “कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते।” कोर्ट ने यह भी कहा कि हमें डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश की कंप्लायंस रिपोर्ट चाहिए। सुनवाई के दौरान पंजाब के DGP और चीफ सेक्रेटरी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहे। अब 6 जनवरी (सोमवार) को डल्लेवाल मामले और हरियाणा सरकार की शंभू बॉर्डर खोलने के खिलाफ दायर पिटीशन पर भी सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दलीलें… जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट को बताया गया कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की दोस्त एडवोकेट गुनिंदर कौर ने याचिका दायर की है। कोर्ट हरियाणा सरकार के शंभू बॉर्डर खोलने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इसमें 2 और याचिका आईं हैं। जस्टिस सूर्यकांत: मैडम गिल, आप महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। कृपया टकराव के बारे में न सोचें। हमारे पास पूर्व जजों की एक कमेटी है, जो पंजाब से हैं…वे सभी विद्वान साथी हैं। अब वह कमेटी आ गई है…हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते। SG तुषार मेहता: हम एक व्यक्ति की सेहत तक सीमित हैं। केंद्र सरकार किसानों के बारे में चिंतित है। नई याचिका (डल्लेवाल की) पर नोटिस जारी करने की बजाय..वे मुझे याचिका देते हैं। एडवोकेट गिल: प्रस्ताव (पिछले किसान आंदोलन के खत्म होते समय तैयार) के अनुसार, इसकी आखिरी लाइनों से पता चलता है कि 5 लंबित मांगों को हल करने की गारंटी थी। यह एक कमिटमेंट और वादा था, जिस वजह से किसानों ने अपना आंदोलन वापस लिया। एडवोकेट गिल: एक के बाद एक कमेटियां हैं। SG तुषार मेहता: कोर्ट की नियुक्त कमेटी की हंसी न उड़ाएं। पंजाब के AG गुरमिंदर सिंह: हमारी मेडिकल टीम डल्लेवाल के लिए मौके पर है। मुझे जमीनी हालात से अवगत कराना चाहिए..। जस्टिस सूर्यकांत: आपके मीडिया द्वारा जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। हमारा निर्देश यह नहीं था कि वह अपना अनशन तोड़ दें..। जस्टिस सूर्यकांत: हमारी चिंता यह थी कि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे। पंजाब AG: यहां मुद्दा यह है कि हमने उन्हें मेडिकल मदद लेने के लिए मनाने की कोशिश की। उन्होंने मीडिया को बताया कि यह राज्य का काम नहीं है। वह सशर्त मेडिकल मदद स्वीकार करेंगे। जस्टिस सूर्यकांत: क्या आपने कभी किसानों को बताने की कोशिश की कि हमने उनके लिए एक कमेटी बनाई है। आपका रवैया सुलह करवाने का नहीं है। जस्टिस सूर्यकांत: वहां कुछ लोग हैं, जो गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं, तथाकथित किसान नेता..। पंजाब AG: हम इसे चेक करेंगे। हम ग्राउंड पर हैं। थोड़ा और टाइम दीजिए। हमारे अफसर यहां हैं। जस्टिस सूर्यकांत: अगर अफसर यहां हैं तो हमें उम्मीद है कि हमारा मैसेज उनके पास पहुंच गया होगा। पंजाब AG: हमें कुछ और टाइम दीजिए, हम हालात संभालने की कोशिश कर रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत: हम सोमवार (13 जनवरी) को सुनवाई करेंगे। हमे आदेश लागू करने यानी कंप्लायंस रिपोर्ट चाहिए।कोर्ट ने कहा कि सोमवार डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश लागू न करने की अवमानना याचिका के साथ हरियाणा सरकार के शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर भी सुनवाई होगी। 30 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 3 दिन का टाइम दिया था
इससे पहले 30 दिसंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए 3 दिन का टाइम दिया था। इस दौरान पंजाब सरकार ने कहा था कि एक मध्यस्थ ने आवेदन दिया है कि अगर केंद्र हस्तक्षेप करता है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया था। बुधवार को पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने किसानों से लगातार मीटिंग की। अधिकारियों ने बताया कि अच्छे माहौल में बातचीत हुई है। उधर, डॉक्टरों के जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक डल्लेवाल को बोलने में भी परेशानी हो रही है। पंधेर बोले- डल्लेवाल का अनशन जारी रहेगा
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि डल्लेवाल के अनशन को 38 दिन हो गए हैं। ये अनशन बातचीत करने के लिए नहीं बल्कि मांगे मनवाने के लिए शुरू किया है। ये अनशन इसी तरह से जारी रहेगा। जल्द ही दिल्ली कूच का फिर से ऐलान किया जाएगा। 4 जनवरी को बड़ी पंचायत खनौरी में होगी। 17 दिन में सुप्रीम कोर्ट में 5 सुनवाई, पढ़िए इन सुनवाई में क्या हुआ…. 1. डल्लेवाल पापुलर पर्सनैलिटी, ढिलाई न बरती जाए
17 दिसंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल की हालत को देखते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। वह पापुलर पर्सनैलिटी हैं। इसमें ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। पंजाब सरकार को हालात संभालने होंगे। 2. पंजाब सरकार ने कहा- डल्लेवाल की सेहत ठीक
18 दिसंबर की सुनवाई में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल की सेहत ठीक है। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल की तबीयत सही बता रहा है? उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई। 3. पंजाब सरकार अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कर रही
19 दिसंबर की सुनवाई में कोर्ट ने चिंता जताई कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कराती? यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो अधिकारी निर्णय लेंगे। 4. अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना
28 दिसंबर की सुनवाई में कोर्ट ने सख्त रुख दिखाया। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। किस तरह के किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं? डल्लेवाल पर दबाव दिखता है। जो लोग उनका अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं। 5. सरकार ने 3 दिन का समय मांगा
30 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा एक मध्यस्थ ने भी आवेदन दिया है जिसमें कहा गया है कि अगर यूनियन हस्तक्षेप करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। किसानों की आगामी रणनीति क्या… 4 जनवरी को 2 लाख से अधिक किसान पहुंचेंगे
4 जनवरी को खनौरी मोर्चे पर होने वाली किसान महापंचायत की तैयारी शुरू हो गई है। किसान नेताओं ने कहा कि 2 लाख से अधिक किसान मोर्चे पर पहुंचेंगे। डल्लेवाल अपना जरूरी संदेश खनौरी मोर्चे से देंगे। सभी किसानों को मोर्चे पर सुबह 10 बजे तक पहुंचना है। 6 को शंभू बॉर्डर पर मनाएंगे प्रकाश पर्व
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर के नेतृत्व में बुधवार को शंभू बॉर्डर पर किसानों की बैठक हुई। मीटिंग में तय हुआ है कि 6 जनवरी को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व शंभू बॉर्डर पर मनाया जाएगा। ऐसे में पटियाला के नजदीक के गांवों से अपील की जा रही है कि अधिक से अधिक लोग मोर्चे में पहुंचे। ——————— किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान बोले- सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देगा हमें स्वीकार होगा किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जो भी आदेश जारी किए जाएंगे, वह उसका पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह हर मंगलवार को किसानों से मुलाकात करते रहते हैं। पूरी खबर पढ़ें…