हरियाणा के फरीदाबाद में किराना स्टोर के मालिक से गैंगस्टर लॉरेंस के नाम पर 10 लाख की फिरौती मांगी गई। कॉलर ने दुकानदार को कहा कि अगर बेटे को बचाना है तो पैसे का इंतजाम कर लो। दुकानदार ने तुरंत इसकी शिकायत पुलिस को दी। दुकानदार ने पुलिस को रिकॉर्डिंग भी सौंपी है। पुलिस ने केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। सुभाष कॉलोनी के दुकानदार केशव जैन ने पुलिस को बताया कि गुरुवार रात करीब 10 बजे उसे एक व्यक्ति का फोन आया। उसने पूछा कि क्या मयंक जैन तुम्हारा बेटा है। जिस पर उसने कहा कि हां मेरा बेटा है। इस पर कॉलर ने कहा कि उसकी एक हफ्ते से रेकी चल रही है। हमारे पास आपका 10 लाख रुपए का मैसेज है।बेटे की जान बचानी है तो 10 लाख रुपए का इंतजाम करो। उसने कॉलर को कहा कि मेरे पास पैसे नहीं हैं। इस पर कॉलर ने कहा कि अब बेटे को बचा लेना। इसके बाद उसने खुद को लॉरेंस गैंग का सदस्य बताकर कॉल काट दी। उसने तुरंत मामले की शिकायत पुलिस को दी। SHO बोले- आरोपी को जल्द गिरफ्तार करेंगे आदर्श नगर थाना प्रभारी हरिकिशन ने बताया कि जिस नंबर से कॉल आई है, उसकी छानबीन की जा रही है। दुकानदार केशव जैन की तरफ से आज सुबह ही शिकायत प्राप्त हुई है। जिसने भी फिरौती मांगी है, उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हरियाणा के फरीदाबाद में किराना स्टोर के मालिक से गैंगस्टर लॉरेंस के नाम पर 10 लाख की फिरौती मांगी गई। कॉलर ने दुकानदार को कहा कि अगर बेटे को बचाना है तो पैसे का इंतजाम कर लो। दुकानदार ने तुरंत इसकी शिकायत पुलिस को दी। दुकानदार ने पुलिस को रिकॉर्डिंग भी सौंपी है। पुलिस ने केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। सुभाष कॉलोनी के दुकानदार केशव जैन ने पुलिस को बताया कि गुरुवार रात करीब 10 बजे उसे एक व्यक्ति का फोन आया। उसने पूछा कि क्या मयंक जैन तुम्हारा बेटा है। जिस पर उसने कहा कि हां मेरा बेटा है। इस पर कॉलर ने कहा कि उसकी एक हफ्ते से रेकी चल रही है। हमारे पास आपका 10 लाख रुपए का मैसेज है।बेटे की जान बचानी है तो 10 लाख रुपए का इंतजाम करो। उसने कॉलर को कहा कि मेरे पास पैसे नहीं हैं। इस पर कॉलर ने कहा कि अब बेटे को बचा लेना। इसके बाद उसने खुद को लॉरेंस गैंग का सदस्य बताकर कॉल काट दी। उसने तुरंत मामले की शिकायत पुलिस को दी। SHO बोले- आरोपी को जल्द गिरफ्तार करेंगे आदर्श नगर थाना प्रभारी हरिकिशन ने बताया कि जिस नंबर से कॉल आई है, उसकी छानबीन की जा रही है। दुकानदार केशव जैन की तरफ से आज सुबह ही शिकायत प्राप्त हुई है। जिसने भी फिरौती मांगी है, उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत में शाह-विज परिवार का पहला मुकाबला:ग्रामीण सीट पर अनुभवी और यंगेस्ट में फाइट; दोनों सीटों पर 10 सालों से बीजेपी का राज
पानीपत में शाह-विज परिवार का पहला मुकाबला:ग्रामीण सीट पर अनुभवी और यंगेस्ट में फाइट; दोनों सीटों पर 10 सालों से बीजेपी का राज हरियाणा विधानसभा चुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि से एक रात पहले कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी की। इनमें पहली लिस्ट में पानीपत शहरी सीट से वरिंदर बुल्ले शाह और फिर दूसरी लिस्ट में ग्रामीण से सचिन कुंडू के नाम पर मोहर लगाई गई। दोनों सीटों पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा साफ तौर पर दिखा। इन दो सीटों के साथ पानीपत की चारों सीटों पर हुड्डा के ही नजदीकियों को टिकट मिला है। समालखा से धर्म सिंह छौक्कर और इसराना से बलबीर सिंह वाल्मीकि भी हुड्डा गुट के प्रत्याशी है। शहरी सीट पर सबसे उम्र दराज और ग्रामीण सीट पर यंगेस्ट चेहरे पर कांग्रेस ने दांव खेला है। पिछले 10 सालों से शहरी और ग्रामीण दोनों ही सीटों पर बीजेपी का राज है। शाह और विज परिवार का पहली बार आमना-सामना
पानीपत के 62 सालों के इतिहास में यह पहला मौका है, जब विज और शाह परिवार के बीच सीधा मुकाबला होगा। पानीपत से शाह परिवार 6 बार और विज परिवार 5 बार विधायक रह चुका है। लेकिन कभी दोनों परिवारों के बीच चुनावी मुकाबला नहीं हुआ था। इस सीट से बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में गईं रोहिता रेवड़ी भी टिकट की दावेदारी कर रही थी, लेकिन पार्टी ने हुड्डा की सिफारिश पर शाह को टिकट दी है। 2019 में बुल्ले शाह ने चुनाव लड़ने से किया था इनकार
2014 में हार के बाद बुल्लेशाह ने 2019 में भी भाजपा की लहर को देखते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। कांग्रेस ने यहां से संजय अग्रवाल को चुनाव में उतारा था। इस बार भी संजय अग्रवाल अपने पुराने प्रदर्शन व कांग्रेस के प्रति अपनी इमानदारी की गवाही देते हुए टिकट की मांग कर रहे थे। ग्रामीण सीट पर जाट Vs जाट
पानीपत की ग्रामीण सीट पर बीजेपी की ओर से लगातार दो बार के विधायक महिपाल ढांडा को तीसरी बार मैदान में उतारा गया है। जाट वोट बैंक वाले ढांडा के सामने कांग्रेस ने भी जाट कार्ड खेला है। यहां अपना पहला चुनाव लड़ रहे 34 वर्षीय युवा सचिन कुंडू को कांग्रेस ने टिकट दी है।
हरियाणा में डेरामुखी की 11 दिन पहले हुई मौत?:डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह का दावा- उनके पास मेडिकल रिपोर्ट, हाईकोर्ट जाएंगे
हरियाणा में डेरामुखी की 11 दिन पहले हुई मौत?:डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह का दावा- उनके पास मेडिकल रिपोर्ट, हाईकोर्ट जाएंगे हरियाणा में डेरामुखी की मौत पर विवाद अब भी बरकरार है। सिरसा के कालांवाली के गांव जगमालवाली में डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब का 1 अगस्त शुक्रवार को निधन हो गया था। इसके बाद से गद्दी को लेकर दो पक्ष आमने सामने हैं। इसमें एक पक्ष महात्मा बिरेंद्र सिंह और उनसे जुड़े लोगों का है जो लगातार वसीयत के आधार पर गद्दी पर दावा ठोक रहे हैं तो वही दूसरे पक्ष में वकील साहब के भतीजे अमर सिंह और उनसे जुड़े लोग हैं जो डेरा प्रमुख की वसीयत और मौत को संदिग्ध मान रहे हैं। अब डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है जिसमें डेरा प्रमुख की मौत को संदिग्ध बताया है। अमर सिंह ने वीडियो में कहा है कि” डेरा प्रमुख वकील साहब की मौत 21 जुलाई को हो चुकी थी। मगर जानबूझकर गद्दी हथियाने के चक्कर में मौत को छिपाया गया और 1 अगस्त को मौत दिखाकर तुरंत डेरे में अंतिम संस्कार की योजना बनाई गई। अमर सिंह ने आरोप लगाया कि बिरेंद्र सिंह और उसके साथियों ने मिलकर यह किया। 21 जुलाई को मौत के बाद भी डेरे और साध संगत को गुमराह किया गया कि महाराज जी की हालत स्थिर बनी हुई है”। हाईकोर्ट जाएगा दूसरा पक्ष
इस मामले में दूसरा पक्ष में शामिल भतीजे अमर सिंह और उनसे जुड़े लोग हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए कागजात जुटाए जा रहे हैं। अमर सिंह ने दावा किया है कि उनके पास सारे सबूत हैं जिनके आधार पर सिद्ध होता है कि महाराज जी की मौत 11 दिन पहले 21 जुलाई को हो गई थी, मगर महाराज जी को लेकर जाने वाले 15 से 20 लोगों ने अपने आप बंदरबाट कर सारा खेल रचा। अमर सिंह ने बताया कि उन्होंने पुलिस को लिखित शिकायत दे दी है। नए कानून के हिसाब से पुलिस 15 दिन जांच करेगी इसके बाद केस दर्ज करेगी। हमें कानून पर पूरा भरोसा है। गद्दी को लेकर 2 पक्षों में चली थी गोलियां
हरियाणा के सिरसा में डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब का शुक्रवार दोपहर समाधि दी गई। डेरा प्रमुख का पार्थिव शरीर मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली में दफनाया गया। डेरा प्रमुख का निधन एक दिन पहले (1 अगस्त) हुआ था। इसके बाद गद्दी को लेकर डेरे में 2 पक्ष आमने-सामने हो गए थे। इस दौरान गोलियां भी चली थीं। तनावपूर्ण माहौल के चलते डेरे में पुलिस फोर्स तैनात की गई। शुक्रवार को सूफी गायक महात्मा बिरेंद्र सिंह ने खुद को डेरा जगमालवाली का अगला प्रमुख घोषित किया। हालांकि, दूसरा पक्ष बिरेंद्र सिंह को मुखी मानने को तैयार नहीं है। बता दें कि डेरे से करीब 5 लाख संगत देशभर से जुड़ी है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल और उत्तर प्रदेश में डेरा के ज्यादा अनुयायी हैं। महात्मा बिरेंद्र सिंह के समर्थक शमशेर लहरी बोले- वसीयत असली
वहीं शुक्रवार को ही डेरे के सेवक शमशेर लहरी ने वीडियो जारी कर कहा था कि काफी लंबे समय से डेरा जगमालवाली से जुड़ा हुआ हूं। हमारे पूजनीय बाबा जी शरीर रूप से हमें छोड़कर चले गए। जैसे ही कल महाराज जी ने चोला छोड़ा, अस्पताल से छूट्टी मिली तो महात्मा बिरेंद्र सिंह जी और साथी उनके शरीर को लेकर डेरा जगमालवाली पहुंचे। वहां कुछ लोगों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से उन्हें वहां से निकाला। महाराज जी ने चोला छोड़ने से डेढ़ साल पहले अपनी वसीयत महात्मा बिरेंद्र सिंह के नाम बिना किसी दबाव और उन्हें संगत की सेवा करने का हुकुम दिया। इसकी पूरी वीडियोग्राफी करवाई गई है, जो संगत में पहुंच गई। कुछ सिक्योरिटी कारणों के कारण पुलिस प्रशासन ने महात्मा बिरेंद्र सिंह को अपनी देखरेख में रखा हुआ है। सारी संगत जो महाराज जी के हुकुम को मानते हैं, उनके मैसेज आ रहे हैं, जो महात्मा बिरेंद्र सिंह के दर्शन करने के अभिलाषी हैं। जल्द ही महात्मा बिरेंद्र सिंह संगत में आएंगे। हमें जो महाराज जी ने हुकुम दिया है, उसकी पालना करनी है। 60 साल पहले बना था बलूचिस्तानी आश्रम
डेरा की शुरुआत 1964-65 में हुई। यहां बाबा सज्जन सिंह रूहल ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को अपनी कई एकड़ जमीन दान में दी और डेरा बनाने का अनुरोध किया। जिस पर संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने यहां मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। पहले छोटा सा आश्रम था। अब करीब 100-100 फीट का सचखंड बनाया गया है। इसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना है।
पानीपत में सड़क हादसे में व्यक्ति की मौत:बाइक को बचाने के चक्कर में टकराया; दो बच्चों का पिता था मृतक
पानीपत में सड़क हादसे में व्यक्ति की मौत:बाइक को बचाने के चक्कर में टकराया; दो बच्चों का पिता था मृतक हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा कस्बे में एक हादसा हो गया। जहां बाइक चालक के सामने एक तेज रफ्तार बाइक चालक आया। जिससे बचने के चक्कर वह संतुलन खो बैठा और दूसरे अज्ञात वाहन से टक्कर हो गई। हादसे में वह नीचे गिरा और उसकी मौत हो गई। हादसे की शिकायत मृतक की पत्नी ने पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। घर से काम के लिए निकला था समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में कोमल ने बताया कि वह गांव नारायणा की रहने वाली है। वह दो बच्चों की मां है। जिसमें एक बेटा व एक बेटी है। 24 अक्टूबर की दोपहर करीब 12 बजे उसका पति समालखा से बिहोली किसी काम से जा रहा था। वह बाइक पर सवार था। रास्ते में जब वह करहंस मोड़ चौराहे पर पहुंचा, तो बाइक चालक लापरवाही व तेज गति से चलाकर एकदम करहंस मोड़ चौराहे पर आया। जिससे बचने के चक्कर में उसके पति का संतुलन बिगड़ गया और अज्ञात वाहन से टक्कर हो गई। टक्कर लगते ही वह नीचे गिरा और अचेत हो गया। राहगीर इलाज के लिए तुरंत सरकारी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।