हरियाणा के फरीदाबाद में बल्लभगढ़ स्थित भीकम कॉलोनी में एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। मृतिका के परिवार वालों ने दहेज के लिए उसकी हत्या करने का आरोप ससुराल पक्ष पर लगाया लगाया। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने शव को कब्जे में लेकर फरीदाबाद के सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। मृतिका के भाई रोहित का कहना है कि उन्होंने अपनी बहन नीतू की शादी अप्रैल 2019 में बड़े ही धूमधाम के साथ मनदीप से की थी। शादी के अगले दिन से ही ससुराल पक्ष के लोग उनकी बहन नीतू पर दहेज के लिए दबाव बनाने लगे। करीब 3 महीने से वह अपने मायके में ही रह रही थी। अभी 4 दिन पहले उसको पति अपने साथ लेकर आए थे। उसके पति व अन्य परिजनों ने नीतू की हत्या कर दी। रोहित का आरोप है कि कई बार दहेज मांगने पर उन्होंने उनको बैंक से 5 लाख रुपए की राशि भी दी है, लेकिन उसके बाद भी दहेज की भूख शांत नहीं हुई। कल शाम को नीतू के पति मनदीप का फोन आया कि तुम्हारी बहन को चोट लगी है। जब वे बल्लभगढ़ सिविल अस्पताल में पहुंचे तो नीतू की मौत हो चुकी थी। उसके पति सहित ससुराल वाले फरार थे। भाई रोहित ने बताया की उसकी बहन की चोट लगने से नहीं, बल्कि उसकी ससुराल पक्ष ने हत्या की है। इनमें उसका पति मनदीप, ससुर महावीर, इंद्रेश सास, जेठ संदीप, जेठानी रश्मि, ननद रेखा और ज्योति के साथ कई अन्य ने मिलकर उसकी हत्या की है। बल्लभगढ़ के एसीपी विनोद कुमार ने बताया मृतिका के परिजनों की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा के फरीदाबाद में बल्लभगढ़ स्थित भीकम कॉलोनी में एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। मृतिका के परिवार वालों ने दहेज के लिए उसकी हत्या करने का आरोप ससुराल पक्ष पर लगाया लगाया। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने शव को कब्जे में लेकर फरीदाबाद के सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। मृतिका के भाई रोहित का कहना है कि उन्होंने अपनी बहन नीतू की शादी अप्रैल 2019 में बड़े ही धूमधाम के साथ मनदीप से की थी। शादी के अगले दिन से ही ससुराल पक्ष के लोग उनकी बहन नीतू पर दहेज के लिए दबाव बनाने लगे। करीब 3 महीने से वह अपने मायके में ही रह रही थी। अभी 4 दिन पहले उसको पति अपने साथ लेकर आए थे। उसके पति व अन्य परिजनों ने नीतू की हत्या कर दी। रोहित का आरोप है कि कई बार दहेज मांगने पर उन्होंने उनको बैंक से 5 लाख रुपए की राशि भी दी है, लेकिन उसके बाद भी दहेज की भूख शांत नहीं हुई। कल शाम को नीतू के पति मनदीप का फोन आया कि तुम्हारी बहन को चोट लगी है। जब वे बल्लभगढ़ सिविल अस्पताल में पहुंचे तो नीतू की मौत हो चुकी थी। उसके पति सहित ससुराल वाले फरार थे। भाई रोहित ने बताया की उसकी बहन की चोट लगने से नहीं, बल्कि उसकी ससुराल पक्ष ने हत्या की है। इनमें उसका पति मनदीप, ससुर महावीर, इंद्रेश सास, जेठ संदीप, जेठानी रश्मि, ननद रेखा और ज्योति के साथ कई अन्य ने मिलकर उसकी हत्या की है। बल्लभगढ़ के एसीपी विनोद कुमार ने बताया मृतिका के परिजनों की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में BJP के 21 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी:प्रदेश अध्यक्ष और 2 मंत्रियों की टिकट कटी, एक उम्मीदवार बदला; 2 मुस्लिम भी कैंडिडेट हरियाणा में BJP ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 21 उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। इस लिस्ट में भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष मोहन बड़ौली के अलावा 2 मंत्रियों समेत 5 विधायकों के टिकट काटे हैं। एक सीट से उम्मीदवार बदल दिया है। पिछला चुनाव हारे 2 पूर्व मंत्रियों को फिर से टिकट दिया गया है। 2 मुस्लिम चेहरों को चुनाव में उतारा गया है। भाजपा ने पहली लिस्ट में 67 उम्मीदवारों की घोषणा की थी। भाजपा अब तक 90 में से 87 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। अब महेंद्रगढ़, सिरसा और फरीदाबाद NIT से उम्मीदवार की घोषणा बाकी है। भाजपा की दूसरी लिस्ट की खास बातें… उम्मीदवारों की लिस्ट… ये खबरें भी पढ़ें…. हरियाणा में BJP की पहली लिस्ट जारी, 67 नाम: CM लाडवा से लड़ेंगे; 25 नए चेहरे, 8 मंत्री रिपीट, 2 मंत्री-9 विधायकों का टिकट कटा हरियाणा में BJP ने बुधवार, 4 सितंबर को 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। इनमें 8 मंत्रियों को दोबारा टिकट मिला है। 25 नए चेहरे हैं। 7 विधायकों का टिकट काटा गया है। लिस्ट में 8 महिलाएं हैं। CM नायब सैनी करनाल की जगह कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट से चुनाव लड़ेंगे। अनिल विज को अंबाला कैंट से ही टिकट दिया गया है। (पूरी खबर पढ़ें) भाजपा के 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का पूरा एनालिसिस, परिवारवाद-दलबदलुओं से परहेज नहीं; एंटी इनकंबेंसी से बचने को टिकट काटे, नए चेहरे उतारे हरियाणा में सरकार की हैट्रिक के लिए BJP ने 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में जीत के सारे दांव-पेंच खेल दिए हैं। कांग्रेस से पहले लिस्ट जारी कर भाजपा ने मनोवैज्ञानिक बढ़त पाने की कोशिश की है। वहीं जिस परिवारवाद को लेकर भाजपा लगातार विरोधी दलों को निशाना बनाती रही, उसी से खुद परहेज नहीं किया। जीत पक्की करने के लिए खुलकर नेताओं के बेटी-बेटों और पत्नी को टिकट दी गई। यह भाजपा की विधानसभा में जीत के लिए बड़े नेताओं से भी जोर लगवाने की प्लानिंग का हिस्सा है। (पूरी खबर पढ़ें) भाजपा की पहली लिस्ट के 67 उम्मीदवारों की डिटेल्ड प्रोफाइल:पहली लिस्ट में 5 हारे चेहरों पर दांव, 10 दलबदलुओं को भी टिकट दी हरियाणा में भाजपा ने 67 नामों की जो पहली लिस्ट जारी की है, उसमें 25 नए चेहरे हैं। इस लिस्ट में 5 टिकट उन नेताओं को मिले हैं, जो पिछली बार हारे थे। CM समेत 4 विधायकों की सीट बदली गई है। 8 विधायकों की टिकट काटी गई है। पूरी खबर पढ़ें…
हरियाणा में लगे बोर्ड-यहां रोहिंग्या-बांग्लादेशियों की नो एंट्री:बजरंग दल ने कहा- व्यापार के बहाने चोरी-डकैती करते हैं, पुलिस बोली- किसने लगाए, जांच करेंगे
हरियाणा में लगे बोर्ड-यहां रोहिंग्या-बांग्लादेशियों की नो एंट्री:बजरंग दल ने कहा- व्यापार के बहाने चोरी-डकैती करते हैं, पुलिस बोली- किसने लगाए, जांच करेंगे हरियाणा के भिवानी में रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुस्लिमों की कुड़ल गांव में एंट्री बैन की गई है। इसके लेकर गांव के बाहर बोर्ड लगाया गया है। बोर्ड लगाने की जिम्मेदारी बजरंग दल के जिला सुरक्षा प्रमुख प्रदीप उर्फ जोनी ने ली है। कुड़ल गांव के बाहर लगे बोर्ड में लिखा है, ‘रोहिंग्या मुसलमानों व बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों का गांव में व्यापार करना वर्जित है। अगर गांव में कहीं मिलता है तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। भाईचारे वाले लोग अपना ज्ञान अपने पास रखें। सौजन्य से- समस्त ग्रामवासी गांव कुड़ल।’ बजरंग दल के प्रदीप उर्फ जोनी ने कहा कि भारत में लगातार रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों की तादाद ज्यादा हो गई है। वे यहां आकर चोरी डकैती कर रहे हैं। आने वाले समय में ये किसी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं। बोर्ड लगाने का उद्देश यही है कि यदि गांव में कोई ऐसा व्यक्ति घूमता दिखाई दे ताे उससे पूछताछ की जाए। जो हमने बोर्ड लगाने का फैसला लिया है, यह पूरे गांव की सहमति से हुई है। ये लोग अपने किसी व्यापार के बहाने यहां आते हैं। जैसे अब राखी का त्योहार आ रहा है, ये राखी बेचने के बहाने आते हैं और वीडियो रिकॉर्डिंग करते हैं। बाद में यहां चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। ऐसे लोगों को रोकने के लिए यह मैसेज है। कहा- हम मुसलमानों से नफरत नहीं करते जोनी ने आगे कहा कि ऐसा नहीं है कि हमें मुसलमानों से नफरत है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का हम बहुत सम्मान करते हैं। निजामुद्दीन डॉ. सुभाष चंद्र बोस के साथी थे, वे हमारे आदरणीय हैं। हमें उनसे दिक्कत हैं जो रोहिंग्या और बांग्लादेशी यहां आकर गलत काम करते हैं। हमारी पूरी टीम इस मामले में अलर्ट है। जब भी गांव में काई परेशानी आती है तो हमारी टीम हर संभव मदद करती है। आसपास के ग्रामीणों से भी अपील है कि वे भी ऐसा कदम उठाएं, जिससे कोई गलत काम होने से बच जाए। SP बोले- बोर्ड लगाने की जानकारी नहीं SP वरुण सिंगला ने कहा कि उन्हें बोर्ड लगाए जाने की जानकारी नहीं है। वह इस बारे में तोशाम थाना प्रभारी की टीम से जानकारी हासिल कर रहे हैं। अभी तनाव जैसा कोई इनपुट नहीं है। BJP नेता बोले- घुसपैठियों से खतरा बना है उधर, सोमवार को भिवानी में भाजपा ने तिरंगा यात्रा निकाली। भाजपा युवा नेता शिवराज बागड़ी ने कहा कि भारत में बांग्लादेशी रोहिंग्या घुसपैठियों से खतरा बना हुआ है। हमें बचपन से पढ़ाया गया है कि अंग्रेज व्यापार करने के बहाने भारत आए थे। ये लोग भी वही नीति अपना रहे हैं। इसलिए सरकार व प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि देश की सुरक्षा बनी रहे।
हरियाणा की ऐसी सीट, जहां 30 साल से निर्दलीय विधायक:57 साल से भाजपा का खाता नहीं खुला, रोड वोटर करते हैं जीत का फैसला
हरियाणा की ऐसी सीट, जहां 30 साल से निर्दलीय विधायक:57 साल से भाजपा का खाता नहीं खुला, रोड वोटर करते हैं जीत का फैसला हरियाणा की पुंडरी विधानसभा सीट एक ऐसी सीट है जहां पर पिछले 6 विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार की ही जीत हुई है। राज्य की 17 रिजर्व सीटों में पुंडरी भी शामिल है। आंकड़े देखें तो 1996 से लेकर 2019 के विधानसभा चुनाव तक ना ही भाजपा और ना ही कांग्रेस इस सीट को फतह कर पाई है। जहां दूसरी सीटों पर चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच टिकटों के लिए मारामारी शुरू हो जाती है और टिकट ना मिलने पर इस्तीफों और दल बदलने का दौर शुरू हो जाता है। वहीं, पुंडरी में नेता किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होकर चुनाव लड़ने से परहेज करते हैं। इस बार यहां से भाजपा ने सतपाल जांबा और कांग्रेस ने सुल्तान जड़ौला को टिकट दिया है, हालांकि इन दोनों का ही क्षेत्र में अच्छा होल्ड है लेकिन इसके बावजूद इस बार भी निर्दलीय प्रत्याशी सतबीर भाना का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। रोड बाहुल्य विधानसभा है पुंडरी
जानकारों की माने तो पुंडरी विधानसभा में रोड समाज का दबदबा है। यहां पर 60 प्रतिशत वोटर रोड बिरादरी से हैं और उसके बाद करीब 17 प्रतिशत वोटर ब्राह्मण समाज से आते हैं। जाट भी यहां पर करीब 7 प्रतिशत हैं और अन्य में ओबीसी एवं एससी वर्ग आता है। इस बार 6 उम्मीदवार रोड, 3 ब्राह्मण
इस सीट पर इस बार कुल 6 प्रत्याशी अकेले रोड समाज से हैं। जिनमें पूर्व विधायक रणधीर सिंह गोलन, पूर्व विधायक सुल्तान जड़ौला, सुनीता बतान, नरेश कुमार फरल, प्रमोद चुहड और सतपाल जांबा शामिल हैं। वहीं जाट समाज से सज्जन सिंह ढुल निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। ब्राह्मण समाज से चुनावी मैदान में नरेश शर्मा, नरेंद्र शर्मा और दिनेश कौशिक हैं। रोड समाज के ज्यादा उम्मीदवार होने के कारण रोड बिरादरी के वोट बंट सकते हैं जिसका सीधा फायदा जांगडा समाज के निर्दलीय उम्मीदवार सतबीर भाना को पहुंचेगा। बीजेपी और कांग्रेस को इस चुनाव में सतबीर भाना ही टक्कर देते नजर आ रहे हैं। दूसरी जाति के वोटरों की बात करें तो जाट समाज के वोट ढुल को और पंजाबी समाज के वोट गुरींद्र सिंह हाबड़ी को मिल सकते हैं, लेकिन आबादी कम होने के कारण ये ज्यादा बड़ा प्रभाव नहीं डाल पाएंगे। उधर ब्राह्मण समाज से भी तीन उम्मीदवार खड़ें हैं जिसकी वजह से उनके वोट भी आपस में बंट सकते हैं। गोलन को करना पड़ रहा एंटी इनकंबेंसी का सामना
2019 में इस सीट से रणधीर सिंह गोलन की जीत हुई थी। यहां पर उनका सामना कांग्रेस के सतबीर भाना से था हालांकि गोलन ने कुल 41008 वोट प्राप्ट कर भाना को 12824 वोटों से हरा दिया था। जीतने पर गोलन ने भाजपा सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन लोकसभा चुनाव से ऐन पहले गोलन ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। गोलन इस सीट से विधायक रह चुके हैं लेकिन इस चुनाव में उन्हें एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण इस बार उनकी वापसी मुश्किल लग रही है। भाजपा नहीं खोल पाई है इस सीट पर खाता
पुंडरी एक ऐसी सीट है जहां पर आज तक भाजपा जीत हासिल नहीं कर पाई है। हालांकि कांग्रेस ने इस सीट पर चार बार जीत दर्ज की है। इसके साथ ही 1987 में लोकदल के माखन सिंह ने भी इस सीट पर जीत दर्ज की थी। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने ही गोलन को टक्कर दी थी। हालांकि इस बार गोलन ने भाजपा से सर्मथन इसी उम्मीद में वापस लिया था कि उन्हें कांग्रेस टिकट देगी। लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया जिसकी वजह से वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ही मैदान में हैं।