फरीदाबाद में एक निजी स्कूल की बस ने 11वीं के स्टूडेंट को कुचल दिया। जिससे वह घायल हो गया। घटना दो दिन पुरानी है, लेकिन इसकी जानकारी अब सामने आई है। पीड़ित स्टूडेंट और उसकी मां के मुताबिक स्कूल प्रबंधकों ने सही तरीके से उसका इलाज नहीं कराया उल्टा जब वह इसकी शिकायत लेकर स्कूल में गए तो स्कूल की प्रिंसिपल ने पुलिस बुला ली उल्टे उन्हें डराने लगे। घायल ने बताया कि वह और उसका दोस्त छुट्टी के बाद साइकिल स्टैंड के पास खड़े थे कि तभी बस ड्राइवर ने बस को बैक कर उसे टक्कर मार दी। टक्कर मारने के बाद भी वह नहीं रुका। इसी दौरान स्कूल के पीटीआई ने उसे बस के नीचे निकाला और उसे पास के ही झोला छाप डॉक्टर के पास ले गए, जहां पर उसे टिटनेस का इंजेक्शन तक नहीं लगाया गया। टीचर घर छोड़कर गए
इसके बाद उसे स्कूल की टीचर गीता शर्मा और एक स्कूल की स्टाफ नीरू घर छोड़ गए। वहीं इस मामले में वैभव की मां प्रियंका मिश्रा ने बताया कि घटना के दिन उनके पति के पास फोन कर जानकारी दी थी, जब उनका बेटा घर आया और उसके साथ स्कूल की टीचर गीता और स्टाफ नीरू आई तो उन्होंने बताया कि आपकी बेटे को कोई गंभीर चोट नहीं है। जब वह अपने बेटे को ईएसआई अस्पताल लेकर गए तो वहां पर डॉक्टरों ने बताया कि वैभव के हाथ में फ्रैक्चर है, अभी कच्चा प्लास्टर बांधा गया है। बाद में पक्का प्लास्टर बांध दिया जाएगा। वैभव के शरीर पर और भी चोट के निशान थे। उन्होंने कहा कि वह तो बीते कल केवल स्कूल मैनेजमेंट से यह कहने के लिए गई थी कि उसके बेटे को अच्छे अस्पताल में इलाज के लिए लेकर जाया जाता तो सही समय पर उनके बेटे का इलाज हो जाता, लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने पुलिस बुलाकर उल्टा उन्हें डराने की कोशिश की। फरीदाबाद में एक निजी स्कूल की बस ने 11वीं के स्टूडेंट को कुचल दिया। जिससे वह घायल हो गया। घटना दो दिन पुरानी है, लेकिन इसकी जानकारी अब सामने आई है। पीड़ित स्टूडेंट और उसकी मां के मुताबिक स्कूल प्रबंधकों ने सही तरीके से उसका इलाज नहीं कराया उल्टा जब वह इसकी शिकायत लेकर स्कूल में गए तो स्कूल की प्रिंसिपल ने पुलिस बुला ली उल्टे उन्हें डराने लगे। घायल ने बताया कि वह और उसका दोस्त छुट्टी के बाद साइकिल स्टैंड के पास खड़े थे कि तभी बस ड्राइवर ने बस को बैक कर उसे टक्कर मार दी। टक्कर मारने के बाद भी वह नहीं रुका। इसी दौरान स्कूल के पीटीआई ने उसे बस के नीचे निकाला और उसे पास के ही झोला छाप डॉक्टर के पास ले गए, जहां पर उसे टिटनेस का इंजेक्शन तक नहीं लगाया गया। टीचर घर छोड़कर गए
इसके बाद उसे स्कूल की टीचर गीता शर्मा और एक स्कूल की स्टाफ नीरू घर छोड़ गए। वहीं इस मामले में वैभव की मां प्रियंका मिश्रा ने बताया कि घटना के दिन उनके पति के पास फोन कर जानकारी दी थी, जब उनका बेटा घर आया और उसके साथ स्कूल की टीचर गीता और स्टाफ नीरू आई तो उन्होंने बताया कि आपकी बेटे को कोई गंभीर चोट नहीं है। जब वह अपने बेटे को ईएसआई अस्पताल लेकर गए तो वहां पर डॉक्टरों ने बताया कि वैभव के हाथ में फ्रैक्चर है, अभी कच्चा प्लास्टर बांधा गया है। बाद में पक्का प्लास्टर बांध दिया जाएगा। वैभव के शरीर पर और भी चोट के निशान थे। उन्होंने कहा कि वह तो बीते कल केवल स्कूल मैनेजमेंट से यह कहने के लिए गई थी कि उसके बेटे को अच्छे अस्पताल में इलाज के लिए लेकर जाया जाता तो सही समय पर उनके बेटे का इलाज हो जाता, लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने पुलिस बुलाकर उल्टा उन्हें डराने की कोशिश की। हरियाणा | दैनिक भास्कर