CBSE बोर्ड के 12वीं के रिजल्ट आ गए। शामली की सावी जैन और मेरठ के करन पिलानिया ने स्टेट में टॉप किया। दोनों ने 500 में से 499 स्कोर किया, उन्हें 99.80% मार्क्स मिले। सावी के पिता की फर्नीचर की दुकान है, जबकि करन के पिता BSF में हैं, जो राजौरी में तैनात हैं। करन का कहना है कि डिफेंस इंजीनियर करके देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करना चाहता हूं। 99.2% मार्क्स हासिल करने वाली कानपुर की टॉपर मुद्रा शुक्ला कहती हैं- हाई स्कोर के लिए मैंने यूट्यूब वीडियो और सोशल मीडिया से हमेशा दूरी रखी। लखनऊ के टॉपर्स की बात करें तो आदीश कहते हैं- रिजल्ट को बेहतर करने के लिए पूरे सत्र में रिजर्व रहा। डेली रूटीन का मतलब ही स्टडी थी। बहुत ज्यादा घूम-फिरा भी नहीं। वहीं, आगरा की टॉपर सृष्टि कहती हैं- आजकल लोग रील बहुत देखते हैं, मगर यह आपको टारगेट से भटकाता है। इसलिए लक्ष्य पर फोकस करिए। पढ़िए यूपी के टॉपर्स की राय…. करन को पढ़ाई का ऐसा जुनून, मां को छीननी पड़ती थी किताब
करन ने PCM स्ट्रीम से 12वीं में 99.8% अंक हासिल किए हैं। JEE मेंस में भी उन्होंने मेरठ में टॉप किया। उनकी ऑल इंडिया में 2301वीं रैंक है। अब JEE एडवांस की तैयारी कर रहे हैं। करन के पिता बबलू सिंह BSF में हैं। उनकी मां ममता ने बताया कि करन दिन रात पढ़ाई करता था। कई बार उससे किताब छीननी पड़ती थी। करन ने बताया- टीचर्स जो पढ़ाते हैं, उसी की पढ़ाई की। स्कूल मैनेजमेंट की ओर से जो अलग से विशेष रूप से स्टडी कराई जाती थी, उससे तैयारी में काफी मदद मिलती थी। बोले- मैंने कभी भी किसी भी सब्जेक्ट की कोई कोचिंग नहीं ली। करन ने कहा- एग्जाम के समय तनाव नहीं लेना चाहिए। क्योंकि एग्जाम में जो भी क्वेश्चन पूछे जाते हैं, वह सभी आपको क्लास के समय टीचर जरूर कराते हैं। ऐसे में अगर आप क्लास में अपना सब्जेक्ट सही से पढ़ते हैं तो सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने बताया- सिर्फ केमिस्ट्री में 99 अंक हैं। और सभी में 100 में 100 हैं। करन पिलानिया की माता ममता हाउस वाइफ हैं। पिता बबलू सिंह बीएसएफ में हैं। मूल रूप से बुलंदशहर के बांहपुर स्याना के बबलू सिंह परिवार के साथ रोहटा रोड पर वर्णिका स्टेट कॉलोनी में रहते हैं। बेटी साक्षी पिलानिया आठवीं में है। करन की मां ममता बताती हैं कि बेटे के पढ़ने का कोई समय नहीं था। दिन-रात पढ़ाई ही करता रहता था। कई बार तो किताब छीननी पड़ती थी। वह सोशल मीडिया से दूर था। वो आईआईटी से इंजीनियरिंग करना चाहते हैं। करन को टेबल टेनिस और क्रिकेट खेलना अच्छा लगता है। सावी बोलीं- NCERT की किताबों को लगन से पढ़ा शामली की रहने वाली सावी जैन कहती हैं- मैंने किसी साथी से मुकाबला करने के बजाय खुद से कॉम्पिटिशन रखा। अच्छे से बेहतर होते हुए सर्वोत्तम तक पहुंचने का खुद का मंत्र गढ़ा। स्कूल में क्या पढ़ाया गया। शिक्षक ने क्या बताया, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह माना कि हमने क्या सीखा। NCERT की किताबों को लगन से पढ़ा। बस मुझे इसी से सक्सेस मिली। अब मेरा टारगेट IAS बनना है। पापा की फर्नीचर की है दुकान
CBSE 12वीं के मानविकी वर्ग में 500 में से 499 अंक प्राप्त करने वाली सावी जैन के पिता अंकित जैन का फर्नीचर का शोरूम है। मां कविता जैन हाउस वाइफ हैं। सावी कहती हैं कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि इतने अच्छे अंक आएंगे। यह मेरे जीवन का पहला लक्ष्य था। इसको मैंने हासिल कर लिया है। अब मैं अपने अगले लक्ष्य के लिए मेहनत करूंगी। वह कहती हैं कि मैंने अपनी पूरी पढ़ाई NCERT की किताबों से की है। रोजाना 4 से 5 घंटे पढ़ाई करती थीं। कमजोर टापिक को को समझने के लिए रोजाना अभ्यास किया। दिमाग को रिलैक्स करने के लिए शतरंज और बैडमिंटन खेलती थी। छात्र-छात्राओं के लिए संदेश है कि जिस टापिक में डाउट हो, उसे पहले हल करने में जुटें। कानपुर की मुद्रा और आशुतोष के 99.2% नंबर कानपुर जिले में टॉपर की पोजिशन पर दो बच्चे हैं। पहली- मुद्रा शुक्ला। दूसरे हैं- आशुतोष जालान। दोनों ने 99.2% मार्क्स हासिल किए हैं। दैनिक भास्कर ने मुद्रा से बात की। हमने पूछा- सक्सेस के लिए क्या टारगेट सेट किए थे? उन्होंने कहा- चैप्टर की डीप रीडिंग बहुत अहम हैं। मैंने पूरे साल लगातार सभी सब्जेक्ट को रिवाइज किया। उन्होंने कहा- मुझे सेल्फ स्टडी पर भरोसा था, इसलिए कोचिंग नहीं की। जो कुछ भी स्कूल में पढ़ाया जाता था, उसी को घर पर आकर दोबारा पढ़ती थी। जैसे-जैसे टीचर पढ़ा रहे हैं वैसे-वैसे अपने खुद के नोट्स तैयार किए। उन्होंने कहा- मैंने कभी कोई ऑनलाइन वीडियो नहीं देखें। मुझे यूट्यूब या सोशल मीडिया हमेशा ही फोकस खत्म करने वाले लगते हैं। मैं IAS बनना चाहती हूं, इसलिए सिविल सर्विस की तैयारी करूंगी। आगरा की सृष्टि बोलीं- 15 घंटे जरूरी नहीं है पढ़ना सृष्टि ने 12वीं के एग्जाम में 99.4 फीसदी नंबर हासिल कर आगरा में पहला स्थान प्राप्त किया है। कमलानगर की रहने वाली सृष्टि गुप्ता के पिता अशोक कुमार गुप्ता बिजनेस करते हैं। मां रेनू गुप्ता होम मेकर हैं। सृष्टि बताती हैं कि कंसिसटेंसी बहुत जरूरी है। 15 घंटे पढ़ना जरूरी नहीं है। अगर दिन में सिर्फ दो घंटे ही पढ़ो लेकिन प्रोडक्टिव रहो। सृष्टि सीए बनना चाहती हैं। उनका कहना है कि जो अब 12वीं का एग्जाम देंगे, वो भी कंसिसटेंसी का ध्यान रखें। उन्होंने कहा- सोशल मीडिया डिस्ट्रेक्शन नहीं है, अगर सही चीजें फॉलो करते हैं तो वो फायदा ही देगा। रील देखने से कुछ नहीं होता। सृष्टि ने बताया कि स्टडी के समय कंसिस्टेंसी रखनी चाहिए, ऐसे में सोशल मीडिया से दूरी होनी चाहिए। अक्सर स्टूडेंट 8 से 10 घंटे पढ़ाई करते हैं, लेकिन ये जरुरी नहीं हैं। सृष्टि के परिवार के लोग और स्कूल के टीचर्स को उन पर नाज है। लखनऊ के आदीश दीक्षित को 12वीं में 99.2% अंक मिले हैं। दैनिक भास्कर से बात करते हुए उन्होंने कहा- रेगुलर क्लास में रहता था। स्टडी के लिए थोड़ा रिजर्व रहता था। लोगों से ज्यादा घुलते-मिलते नहीं थे। मेरा सपना है कि एंथ्रोपोलॉजिस्ट बन सकूं। मेरे पिता प्रमोद कुमार शर्मा FCI में डीजीएम हैं। अब 12वीं के रिजल्ट का एनालिसिस भी जानिए लड़कियों का रिजल्ट 5.94% बेहतर सीबीएसई 12वीं के ओवरऑल 17 रीजनल सेंटर की बात करें तो रिजल्ट में लड़कियों के नतीजे 5.94% बेहतर आए हैं। 2025 में लड़कों का पासिंग परसेंटेज 85.70% रहा है, जबकि लड़कियों का पासिंग परसेंटेज 91.64% रहा है। अगर 2024 के नतीजों की तरफ देखें तो 91.52% लड़कियां पास हुईं थीं, जबकि 85.12% लड़के पास हुए थे। ट्रांसजेंडर के रिजल्ट की तुलना करें तो पिछले साल 2024 में 50% बच्चे पास हुए थे। 2025 में 100% पासिंग परसेंटेज रही है। 2024 से 0.41% रिजल्ट बेहतर हुआ
सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट 0.41% बेहतर हुआ है। 2024 में 87.88% बच्चे पास हुए थे। जबकि 2025 में 88.39% बच्चे पास हुए हैं। 2024 की तुलना में सीबीएसई के ओवरऑल 882 स्कूल नए खुले। इस बार कुल 18417 स्कूल शामिल हुए थे। यही वजह है कि 204 सेंटर पिछले साल से ज्यादा बनाए गए थे। पिछले साल 7330 सेंटर बनाए गए हैं। प्रयागराज और नोएडा रीजन का रिजल्ट सबसे खराब सीबीएसई के 17 रीजनल सेंटर हैं। 99.60% रिजल्ट के साथ विजयवाड़ा रीजनल सेंटर टॉप पर रहा। जबकि, त्रिवेंद्रम 99.32% रिजल्ट के साथ दूसरे नंबर पर रहा है। 2024 में त्रिवेंद्रम सेंटर टॉप पर था। सभी रीजनल सेंटर में देखें तो सबसे खराब रिजल्ट प्रयागराज रीजनल सेंटर का है। यहां 79.53% बच्चे ही पास हो सके हैं, इनमें यूपी के 49 जिले आते हैं। वहीं नोएडा रीजन में 18 शहर आते हैं, इसका औसत पासिंग परसेंट 81.29% है। यह लिस्ट में 16वें पायदान पर आता है। वहीं यूपी के 8 शहर देहरादून रीजनल सेंटर के तहत आते हैं। इनका ओवरऑल रिजल्ट 83.45% है। यह सेंटर 13 पायदान पर है। ……………….. ये खबर भी पढ़ें… मां झाड़ू–पोछा करती हैं, बेटी को 95.2% नंबर मिले:CBSE 12वीं में आदीश को 99.2% नंबर, 10वीं में ईशान 98.6% को पहली पोजिशन सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने आज 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया। 12वीं में DPS गोमती नगर एक्सटेंशन के आदीश दीक्षित को 99.2% अंक मिले। 12वीं में ही RLB सेक्टर-14 इंदिरा नगर की अनुष्का के 99%, LPS साउथ सिटी की आंचल भारद्वाज को 98.8% और अनुभूति वर्मा को 97.8% अंक मिले। पढ़िए पूरी खबर… CBSE बोर्ड के 12वीं के रिजल्ट आ गए। शामली की सावी जैन और मेरठ के करन पिलानिया ने स्टेट में टॉप किया। दोनों ने 500 में से 499 स्कोर किया, उन्हें 99.80% मार्क्स मिले। सावी के पिता की फर्नीचर की दुकान है, जबकि करन के पिता BSF में हैं, जो राजौरी में तैनात हैं। करन का कहना है कि डिफेंस इंजीनियर करके देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करना चाहता हूं। 99.2% मार्क्स हासिल करने वाली कानपुर की टॉपर मुद्रा शुक्ला कहती हैं- हाई स्कोर के लिए मैंने यूट्यूब वीडियो और सोशल मीडिया से हमेशा दूरी रखी। लखनऊ के टॉपर्स की बात करें तो आदीश कहते हैं- रिजल्ट को बेहतर करने के लिए पूरे सत्र में रिजर्व रहा। डेली रूटीन का मतलब ही स्टडी थी। बहुत ज्यादा घूम-फिरा भी नहीं। वहीं, आगरा की टॉपर सृष्टि कहती हैं- आजकल लोग रील बहुत देखते हैं, मगर यह आपको टारगेट से भटकाता है। इसलिए लक्ष्य पर फोकस करिए। पढ़िए यूपी के टॉपर्स की राय…. करन को पढ़ाई का ऐसा जुनून, मां को छीननी पड़ती थी किताब
करन ने PCM स्ट्रीम से 12वीं में 99.8% अंक हासिल किए हैं। JEE मेंस में भी उन्होंने मेरठ में टॉप किया। उनकी ऑल इंडिया में 2301वीं रैंक है। अब JEE एडवांस की तैयारी कर रहे हैं। करन के पिता बबलू सिंह BSF में हैं। उनकी मां ममता ने बताया कि करन दिन रात पढ़ाई करता था। कई बार उससे किताब छीननी पड़ती थी। करन ने बताया- टीचर्स जो पढ़ाते हैं, उसी की पढ़ाई की। स्कूल मैनेजमेंट की ओर से जो अलग से विशेष रूप से स्टडी कराई जाती थी, उससे तैयारी में काफी मदद मिलती थी। बोले- मैंने कभी भी किसी भी सब्जेक्ट की कोई कोचिंग नहीं ली। करन ने कहा- एग्जाम के समय तनाव नहीं लेना चाहिए। क्योंकि एग्जाम में जो भी क्वेश्चन पूछे जाते हैं, वह सभी आपको क्लास के समय टीचर जरूर कराते हैं। ऐसे में अगर आप क्लास में अपना सब्जेक्ट सही से पढ़ते हैं तो सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने बताया- सिर्फ केमिस्ट्री में 99 अंक हैं। और सभी में 100 में 100 हैं। करन पिलानिया की माता ममता हाउस वाइफ हैं। पिता बबलू सिंह बीएसएफ में हैं। मूल रूप से बुलंदशहर के बांहपुर स्याना के बबलू सिंह परिवार के साथ रोहटा रोड पर वर्णिका स्टेट कॉलोनी में रहते हैं। बेटी साक्षी पिलानिया आठवीं में है। करन की मां ममता बताती हैं कि बेटे के पढ़ने का कोई समय नहीं था। दिन-रात पढ़ाई ही करता रहता था। कई बार तो किताब छीननी पड़ती थी। वह सोशल मीडिया से दूर था। वो आईआईटी से इंजीनियरिंग करना चाहते हैं। करन को टेबल टेनिस और क्रिकेट खेलना अच्छा लगता है। सावी बोलीं- NCERT की किताबों को लगन से पढ़ा शामली की रहने वाली सावी जैन कहती हैं- मैंने किसी साथी से मुकाबला करने के बजाय खुद से कॉम्पिटिशन रखा। अच्छे से बेहतर होते हुए सर्वोत्तम तक पहुंचने का खुद का मंत्र गढ़ा। स्कूल में क्या पढ़ाया गया। शिक्षक ने क्या बताया, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह माना कि हमने क्या सीखा। NCERT की किताबों को लगन से पढ़ा। बस मुझे इसी से सक्सेस मिली। अब मेरा टारगेट IAS बनना है। पापा की फर्नीचर की है दुकान
CBSE 12वीं के मानविकी वर्ग में 500 में से 499 अंक प्राप्त करने वाली सावी जैन के पिता अंकित जैन का फर्नीचर का शोरूम है। मां कविता जैन हाउस वाइफ हैं। सावी कहती हैं कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि इतने अच्छे अंक आएंगे। यह मेरे जीवन का पहला लक्ष्य था। इसको मैंने हासिल कर लिया है। अब मैं अपने अगले लक्ष्य के लिए मेहनत करूंगी। वह कहती हैं कि मैंने अपनी पूरी पढ़ाई NCERT की किताबों से की है। रोजाना 4 से 5 घंटे पढ़ाई करती थीं। कमजोर टापिक को को समझने के लिए रोजाना अभ्यास किया। दिमाग को रिलैक्स करने के लिए शतरंज और बैडमिंटन खेलती थी। छात्र-छात्राओं के लिए संदेश है कि जिस टापिक में डाउट हो, उसे पहले हल करने में जुटें। कानपुर की मुद्रा और आशुतोष के 99.2% नंबर कानपुर जिले में टॉपर की पोजिशन पर दो बच्चे हैं। पहली- मुद्रा शुक्ला। दूसरे हैं- आशुतोष जालान। दोनों ने 99.2% मार्क्स हासिल किए हैं। दैनिक भास्कर ने मुद्रा से बात की। हमने पूछा- सक्सेस के लिए क्या टारगेट सेट किए थे? उन्होंने कहा- चैप्टर की डीप रीडिंग बहुत अहम हैं। मैंने पूरे साल लगातार सभी सब्जेक्ट को रिवाइज किया। उन्होंने कहा- मुझे सेल्फ स्टडी पर भरोसा था, इसलिए कोचिंग नहीं की। जो कुछ भी स्कूल में पढ़ाया जाता था, उसी को घर पर आकर दोबारा पढ़ती थी। जैसे-जैसे टीचर पढ़ा रहे हैं वैसे-वैसे अपने खुद के नोट्स तैयार किए। उन्होंने कहा- मैंने कभी कोई ऑनलाइन वीडियो नहीं देखें। मुझे यूट्यूब या सोशल मीडिया हमेशा ही फोकस खत्म करने वाले लगते हैं। मैं IAS बनना चाहती हूं, इसलिए सिविल सर्विस की तैयारी करूंगी। आगरा की सृष्टि बोलीं- 15 घंटे जरूरी नहीं है पढ़ना सृष्टि ने 12वीं के एग्जाम में 99.4 फीसदी नंबर हासिल कर आगरा में पहला स्थान प्राप्त किया है। कमलानगर की रहने वाली सृष्टि गुप्ता के पिता अशोक कुमार गुप्ता बिजनेस करते हैं। मां रेनू गुप्ता होम मेकर हैं। सृष्टि बताती हैं कि कंसिसटेंसी बहुत जरूरी है। 15 घंटे पढ़ना जरूरी नहीं है। अगर दिन में सिर्फ दो घंटे ही पढ़ो लेकिन प्रोडक्टिव रहो। सृष्टि सीए बनना चाहती हैं। उनका कहना है कि जो अब 12वीं का एग्जाम देंगे, वो भी कंसिसटेंसी का ध्यान रखें। उन्होंने कहा- सोशल मीडिया डिस्ट्रेक्शन नहीं है, अगर सही चीजें फॉलो करते हैं तो वो फायदा ही देगा। रील देखने से कुछ नहीं होता। सृष्टि ने बताया कि स्टडी के समय कंसिस्टेंसी रखनी चाहिए, ऐसे में सोशल मीडिया से दूरी होनी चाहिए। अक्सर स्टूडेंट 8 से 10 घंटे पढ़ाई करते हैं, लेकिन ये जरुरी नहीं हैं। सृष्टि के परिवार के लोग और स्कूल के टीचर्स को उन पर नाज है। लखनऊ के आदीश दीक्षित को 12वीं में 99.2% अंक मिले हैं। दैनिक भास्कर से बात करते हुए उन्होंने कहा- रेगुलर क्लास में रहता था। स्टडी के लिए थोड़ा रिजर्व रहता था। लोगों से ज्यादा घुलते-मिलते नहीं थे। मेरा सपना है कि एंथ्रोपोलॉजिस्ट बन सकूं। मेरे पिता प्रमोद कुमार शर्मा FCI में डीजीएम हैं। अब 12वीं के रिजल्ट का एनालिसिस भी जानिए लड़कियों का रिजल्ट 5.94% बेहतर सीबीएसई 12वीं के ओवरऑल 17 रीजनल सेंटर की बात करें तो रिजल्ट में लड़कियों के नतीजे 5.94% बेहतर आए हैं। 2025 में लड़कों का पासिंग परसेंटेज 85.70% रहा है, जबकि लड़कियों का पासिंग परसेंटेज 91.64% रहा है। अगर 2024 के नतीजों की तरफ देखें तो 91.52% लड़कियां पास हुईं थीं, जबकि 85.12% लड़के पास हुए थे। ट्रांसजेंडर के रिजल्ट की तुलना करें तो पिछले साल 2024 में 50% बच्चे पास हुए थे। 2025 में 100% पासिंग परसेंटेज रही है। 2024 से 0.41% रिजल्ट बेहतर हुआ
सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट 0.41% बेहतर हुआ है। 2024 में 87.88% बच्चे पास हुए थे। जबकि 2025 में 88.39% बच्चे पास हुए हैं। 2024 की तुलना में सीबीएसई के ओवरऑल 882 स्कूल नए खुले। इस बार कुल 18417 स्कूल शामिल हुए थे। यही वजह है कि 204 सेंटर पिछले साल से ज्यादा बनाए गए थे। पिछले साल 7330 सेंटर बनाए गए हैं। प्रयागराज और नोएडा रीजन का रिजल्ट सबसे खराब सीबीएसई के 17 रीजनल सेंटर हैं। 99.60% रिजल्ट के साथ विजयवाड़ा रीजनल सेंटर टॉप पर रहा। जबकि, त्रिवेंद्रम 99.32% रिजल्ट के साथ दूसरे नंबर पर रहा है। 2024 में त्रिवेंद्रम सेंटर टॉप पर था। सभी रीजनल सेंटर में देखें तो सबसे खराब रिजल्ट प्रयागराज रीजनल सेंटर का है। यहां 79.53% बच्चे ही पास हो सके हैं, इनमें यूपी के 49 जिले आते हैं। वहीं नोएडा रीजन में 18 शहर आते हैं, इसका औसत पासिंग परसेंट 81.29% है। यह लिस्ट में 16वें पायदान पर आता है। वहीं यूपी के 8 शहर देहरादून रीजनल सेंटर के तहत आते हैं। इनका ओवरऑल रिजल्ट 83.45% है। यह सेंटर 13 पायदान पर है। ……………….. ये खबर भी पढ़ें… मां झाड़ू–पोछा करती हैं, बेटी को 95.2% नंबर मिले:CBSE 12वीं में आदीश को 99.2% नंबर, 10वीं में ईशान 98.6% को पहली पोजिशन सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने आज 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया। 12वीं में DPS गोमती नगर एक्सटेंशन के आदीश दीक्षित को 99.2% अंक मिले। 12वीं में ही RLB सेक्टर-14 इंदिरा नगर की अनुष्का के 99%, LPS साउथ सिटी की आंचल भारद्वाज को 98.8% और अनुभूति वर्मा को 97.8% अंक मिले। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
फर्नीचर बनाने वाले की बिटिया स्टेट टॉपर:यूपी के 2 टॉपरों में मेरठ के करन भी, 99.80% नंबर मिले, कहा- डिफेंस इंजीनियरिंग से देशसेवा करूंगा
