फाजिल्का में पेट्रोल पंप कर्मचारी की लगी लॉटरी:200 रुपए के टिकट पर निकला 90 हजार का इनाम; बोला- पूरा कर्जा चुक गया

फाजिल्का में पेट्रोल पंप कर्मचारी की लगी लॉटरी:200 रुपए के टिकट पर निकला 90 हजार का इनाम; बोला- पूरा कर्जा चुक गया

फाजिल्का के एक पेट्रोल पंप कर्मचारी की 90 हजार रुपए की लॉटरी लगी। उन्होंने 200 रुपए में टिकट खरीदा था। पेट्रोल पंप कर्मचारी ने कहा कि अब इस राशि से उसका पूरा कर्जा चुक गया। पेट्रोल पंप कर्मचारी रमेश सिंह ने बताया कि एक ग्राहक से पेट्रोल भरवाने के बाद रंग लगा 200 रुपए का नोट मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे नोट को बदलवाने की कोशिश करते हैं, लेकिन उन्होंने इससे अलग सोचा। उन्हें पता चला कि फाजिल्का में रूपचंद लॉटरी सेंटर पर पुराने और खराब नोट बदले जाते हैं। वहां पहुंचकर उन्होंने नोट बदलवाने की बजाय उसी पैसे से एक लॉटरी टिकट खरीदने का फैसला किया। यह फैसला उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। 50-60 हजार रुपए का था कर्जा भाग्य ने रमेश का साथ दिया और उनके टिकट पर 90 हजार रुपए का इनाम निकला। यह जीत उनके लिए वरदान साबित हुई, क्योंकि उन पर लगभग 50-60 हजार रुपए का कर्ज था, जो इस जीत से पूरी तरह चुक गया। लॉटरी सेंटर के संचालक बॉबी ने बताया कि रमेश सिंह का यह साहसिक निर्णय उनके लिए सौभाग्यशाली साबित हुआ। एक रंग लगे नोट ने न केवल उनकी आर्थिक परेशानियों को दूर किया, बल्कि उनकी जिंदगी को भी नई दिशा दे दी। फाजिल्का के एक पेट्रोल पंप कर्मचारी की 90 हजार रुपए की लॉटरी लगी। उन्होंने 200 रुपए में टिकट खरीदा था। पेट्रोल पंप कर्मचारी ने कहा कि अब इस राशि से उसका पूरा कर्जा चुक गया। पेट्रोल पंप कर्मचारी रमेश सिंह ने बताया कि एक ग्राहक से पेट्रोल भरवाने के बाद रंग लगा 200 रुपए का नोट मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे नोट को बदलवाने की कोशिश करते हैं, लेकिन उन्होंने इससे अलग सोचा। उन्हें पता चला कि फाजिल्का में रूपचंद लॉटरी सेंटर पर पुराने और खराब नोट बदले जाते हैं। वहां पहुंचकर उन्होंने नोट बदलवाने की बजाय उसी पैसे से एक लॉटरी टिकट खरीदने का फैसला किया। यह फैसला उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। 50-60 हजार रुपए का था कर्जा भाग्य ने रमेश का साथ दिया और उनके टिकट पर 90 हजार रुपए का इनाम निकला। यह जीत उनके लिए वरदान साबित हुई, क्योंकि उन पर लगभग 50-60 हजार रुपए का कर्ज था, जो इस जीत से पूरी तरह चुक गया। लॉटरी सेंटर के संचालक बॉबी ने बताया कि रमेश सिंह का यह साहसिक निर्णय उनके लिए सौभाग्यशाली साबित हुआ। एक रंग लगे नोट ने न केवल उनकी आर्थिक परेशानियों को दूर किया, बल्कि उनकी जिंदगी को भी नई दिशा दे दी।   पंजाब | दैनिक भास्कर