फेसबुक पर प्यार, पाकिस्तानी से शादी… वापस भारत लौटी तो इस वजह से मुश्किल में फंसी महिला

फेसबुक पर प्यार, पाकिस्तानी से शादी… वापस भारत लौटी तो इस वजह से मुश्किल में फंसी महिला

<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> महाराष्ट्र के ठाणे की नगमा नूर मकसूद ने एक दशक पहले एक स्थानीय दुकानदार की मदद से ‘सनम खान’ के नाम से आधार कार्ड बनवाया था. जिसकी वजह से वह अब मुश्किल में फंस गई हैं. नगमा नूर को फर्जीवाड़ा करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. नगमा नूर के खिलाफ पाकिस्तान जाने के लिए पासपोर्ट हासिल करने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया &nbsp;है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 23 साल की नगमा नूर मकसूद अपनी बेटी के साथ फर्जी कागजी कार्रवाई के आधार पर फर्जी पासपोर्ट और वीजा हासिल करने के बाद पाकिस्तान गई थी. समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने महिला के साथ-साथ जाली दस्तावेज बनाने में मदद करने वाले एक अज्ञात शख्स के खिलाफ भी भारतीय पासपोर्ट अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महिला की पहचान नगमा नूर के रूप में की गई है, जिसे सनम खान के नाम से भी जाना जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला हाल ही में अपने बॉयफ्रेंड के लिए पाकिस्तान गई थी, जिससे उसकी मुलाकात फेसबुक के जरिए हुई थी. फेसबुक पर मिलने के बाद महिला ने 2022 में उस पाकिस्तानी व्यक्ति के साथ ऑनलाइन निकाह (विवाह) किया. इसके बाद महाराष्ट्र के ठाणे से पाकिस्तान के एबटाबाद चली गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नगमा जुलाई में लौटीं भारत</strong><br />दावा किया जा रहा है कि महिला करीब डेढ़ महीने तक अपने बॉयफ्रेंड के साथ पाकिस्तान में रही और फिर 17 जुलाई को अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए वापस भारत लौट आई. वहीं नगमा का कहना है कि 22 जुलाई को समन मिलने के बाद अस्पताल के बजाय उन्होंने तीन दिन वर्तक नगर पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाए. तीन दिनों तक पुलिस ने उनसे पूछाताछ की.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने पूछा कि उन्होंने पासपोर्ट और पैन कार्ड समेत कई आधिकारिक दस्तावेज सनम खान के नाम से कैसे हासिल किए, जबकि उनका आधिकारिक नाम अभी भी नगमा ही है. वर्तक नगर पुलिस स्टेशन ने नगमा के खिलाफ जाली दस्तावेजों का उपयोग करके आधार कार्ड हासिल करने का मामला दर्ज किया. इसके बाद उसे 25 जुलाई को गिरफ़्तार कर लिया गया. हालांकि, अगस्त के पहले हफ्ते में नगमा जमानत पर रिहा कर दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जाली दस्तावेज बनाने में लगे 20 हजार रुपये</strong><br />पुलिस ने महिला के साथ-साथ जाली दस्तावेज बनाने में मदद करने वाले एक दुकानदार के खिलाफ भी भारतीय पासपोर्ट अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया. पुलिस ने कहा कि नगमा ने उन्हें बताया कि दुकानदार ने उसके जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड और आधार कार्ड पर उसका बर्थ ईयर 1997 से 2001 में बदलने के अलावा उसका नाम बदलने के लिए उससे 20 हजार रुपये लिए थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “जब हमने दुकानदार से पूछा कि वह उसके नए नाम पर आधार कार्ड कैसे बनवाया, जबकि उसके पास उसके मूल जन्म प्रमाण पत्र सहित कोई सहायक दस्तावेज नहीं था, तो उसने कहा कि उसे सहायक दस्तावेज के रूप में स्थानीय पार्षद से एक साि किया हुआ पत्र मिला था.” अधिकारी ने कहा कि “नाम बदलने की सही प्रक्रिया गजट नोटिफिकेशन और अखबारों में नोटिस देना है, लेकिन नगमा ने ऐसा कुछ नहीं किया. चूंकि वह पाकिस्तान गई थी, इसलिए उसके दस्तावेजों की जांच की गई और इस तरह फर्जीवाड़ा का पता चला.”</p>
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<p><strong>ये भी पढ़ें:&nbsp;</strong><strong><a title=”जो लोग लड़कियों पर हाथ डाले उन्हें नपुंसक बना देना चाहिए’, डिप्टी CM अजित पवार का बयान” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/ajit-pawar-deputy-cm-ncp-leader-on-offence-against-girls-badlapur-school-case-2768279″ target=”_self”>’जो लोग लड़कियों पर हाथ डाले उन्हें नपुंसक बना देना चाहिए’, डिप्टी CM अजित पवार का बयान</a></strong></p>
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</div> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> महाराष्ट्र के ठाणे की नगमा नूर मकसूद ने एक दशक पहले एक स्थानीय दुकानदार की मदद से ‘सनम खान’ के नाम से आधार कार्ड बनवाया था. जिसकी वजह से वह अब मुश्किल में फंस गई हैं. नगमा नूर को फर्जीवाड़ा करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. नगमा नूर के खिलाफ पाकिस्तान जाने के लिए पासपोर्ट हासिल करने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया &nbsp;है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 23 साल की नगमा नूर मकसूद अपनी बेटी के साथ फर्जी कागजी कार्रवाई के आधार पर फर्जी पासपोर्ट और वीजा हासिल करने के बाद पाकिस्तान गई थी. समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने महिला के साथ-साथ जाली दस्तावेज बनाने में मदद करने वाले एक अज्ञात शख्स के खिलाफ भी भारतीय पासपोर्ट अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महिला की पहचान नगमा नूर के रूप में की गई है, जिसे सनम खान के नाम से भी जाना जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला हाल ही में अपने बॉयफ्रेंड के लिए पाकिस्तान गई थी, जिससे उसकी मुलाकात फेसबुक के जरिए हुई थी. फेसबुक पर मिलने के बाद महिला ने 2022 में उस पाकिस्तानी व्यक्ति के साथ ऑनलाइन निकाह (विवाह) किया. इसके बाद महाराष्ट्र के ठाणे से पाकिस्तान के एबटाबाद चली गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नगमा जुलाई में लौटीं भारत</strong><br />दावा किया जा रहा है कि महिला करीब डेढ़ महीने तक अपने बॉयफ्रेंड के साथ पाकिस्तान में रही और फिर 17 जुलाई को अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए वापस भारत लौट आई. वहीं नगमा का कहना है कि 22 जुलाई को समन मिलने के बाद अस्पताल के बजाय उन्होंने तीन दिन वर्तक नगर पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाए. तीन दिनों तक पुलिस ने उनसे पूछाताछ की.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने पूछा कि उन्होंने पासपोर्ट और पैन कार्ड समेत कई आधिकारिक दस्तावेज सनम खान के नाम से कैसे हासिल किए, जबकि उनका आधिकारिक नाम अभी भी नगमा ही है. वर्तक नगर पुलिस स्टेशन ने नगमा के खिलाफ जाली दस्तावेजों का उपयोग करके आधार कार्ड हासिल करने का मामला दर्ज किया. इसके बाद उसे 25 जुलाई को गिरफ़्तार कर लिया गया. हालांकि, अगस्त के पहले हफ्ते में नगमा जमानत पर रिहा कर दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जाली दस्तावेज बनाने में लगे 20 हजार रुपये</strong><br />पुलिस ने महिला के साथ-साथ जाली दस्तावेज बनाने में मदद करने वाले एक दुकानदार के खिलाफ भी भारतीय पासपोर्ट अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया. पुलिस ने कहा कि नगमा ने उन्हें बताया कि दुकानदार ने उसके जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड और आधार कार्ड पर उसका बर्थ ईयर 1997 से 2001 में बदलने के अलावा उसका नाम बदलने के लिए उससे 20 हजार रुपये लिए थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “जब हमने दुकानदार से पूछा कि वह उसके नए नाम पर आधार कार्ड कैसे बनवाया, जबकि उसके पास उसके मूल जन्म प्रमाण पत्र सहित कोई सहायक दस्तावेज नहीं था, तो उसने कहा कि उसे सहायक दस्तावेज के रूप में स्थानीय पार्षद से एक साि किया हुआ पत्र मिला था.” अधिकारी ने कहा कि “नाम बदलने की सही प्रक्रिया गजट नोटिफिकेशन और अखबारों में नोटिस देना है, लेकिन नगमा ने ऐसा कुछ नहीं किया. चूंकि वह पाकिस्तान गई थी, इसलिए उसके दस्तावेजों की जांच की गई और इस तरह फर्जीवाड़ा का पता चला.”</p>
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