<p style=”text-align: justify;”><strong>Omar Abdullah on Bakrid 2025:</strong> बकरीद के मौके पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सभी को मुबारकबाद दी. उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि यह ईद भारत और दुनिया के मुसलमानों के लिए बेहतर दिन लेकर आएगी. मुझे उम्मीद है कि यह शांति लाएगी और भाईचारे को मजबूत करेगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी के साथ सीएम उमर अब्दुल्ला ने खेद व्यक्त करते हुए कहा, “हम ईद मना रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से एक बार फिर श्रीनगर की प्रतिष्ठित जामा मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी गई है. मुझे इन फैसलों का आधार नहीं पता, लेकिन हमें अपने लोगों पर भरोसा करना सीखना होगा. ये वही लोग हैं जो <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> आतंकवादी हमले का विरोध करने के लिए बाहर आए थे. सरकार को ऐतिहासिक जामा मस्जिद में नमाज की अनुमति देने के बारे में सोचना चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महबूबा मुफ्ती ने जताई आपत्ती</strong><br />ईद-उल-अज़हा के मौके पर PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, “अफसोस है कि आज के दिन श्रीनगर के जामा मस्जिद को ताला लगा दिया है. उमर फारूक साहब को फिर से नजरबंद किया है. ये बहुत गलत है. इसके लिए मैं यहां की सरकार की मज़म्मत करती हूं. मैं सभी लोगों को अपनी तरफ से ईद मुबारक दे रही हूं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मीरवाइज उमर फारुक को नजरबंद करने पर नाराज इल्तिजा</strong><br />वहीं, PDP नेता इल्तिजा मुफ्ती ने भी ईद की बधाइयां देते हुए कहा, “अफसोस की बात यह है कि श्रीनगर जामा मस्जिद के दरवाजों को फिर से बंद कर दिया गया है. मीरवाइज उमर फारुक को नजरबंद किया गया है. मैं यहां मौजूद NC सरकार और उपराज्यपाल से पूछना चाहती हूं कि अगर आप दावा करते है कि परिस्थिति सामान्य है तो फिर क्यों उन्हें (मीरवाइज उमर फारुक) नजरबंद किया गया है?”</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को श्रीनगर के पुराने शहर में स्थित ईदगाह मैदान और जामा मस्जिद में ईद की नमाज अदा करने पर रोक लगा दी, जबकि हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने दावा किया कि उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है. ऐतिहासिक जामा मस्जिद के प्रबंधन ने एक बयान में कहा, ‘श्रीनगर स्थित अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद को यह सूचित करते हुए गहरा खेद है कि अधिकारियों ने एक बार फिर ईदगाह के साथ-साथ श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी है.’ </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मीरवाइज उमर फारुक का आया था बयान</strong><br />बयान में कहा गया है कि प्राधिकारियों ने सुबह (फज्र) की नमाज की भी अनुमति नहीं दी. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मीरवाइज ने प्रशासन के इस कदम की कड़ी निंदा की. मीरवाइज ने कहा, ‘ईद मुबारक! एक बार फिर कश्मीर को दुखद वास्तविकता का सामना करना पड़ा है: ईदगाह में ईद की नमाज़ नहीं पढ़ी गई और जामा मस्जिद लगातार सातवें साल भी बंद है. मुझे भी मेरे घर में नजरबंद रखा गया है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, ‘मुस्लिम बहुल क्षेत्र में मुसलमानों को नमाज अदा करने के उनके मौलिक अधिकार से वंचित किया जाता है, यहां तक कि दुनिया भर में मनाए जाने वाले उनके सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर पर भी!’ यह उन लोगों के लिए शर्म की बात है जो हम पर शासन करते हैं और उन लोगों के लिए भी जो जनता द्वारा चुने गए हैं एवं जो हमारे अधिकारों के बार-बार कुचले जाने पर भी चुप रहना पसंद करते हैं.'</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Omar Abdullah on Bakrid 2025:</strong> बकरीद के मौके पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सभी को मुबारकबाद दी. उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि यह ईद भारत और दुनिया के मुसलमानों के लिए बेहतर दिन लेकर आएगी. मुझे उम्मीद है कि यह शांति लाएगी और भाईचारे को मजबूत करेगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी के साथ सीएम उमर अब्दुल्ला ने खेद व्यक्त करते हुए कहा, “हम ईद मना रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से एक बार फिर श्रीनगर की प्रतिष्ठित जामा मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी गई है. मुझे इन फैसलों का आधार नहीं पता, लेकिन हमें अपने लोगों पर भरोसा करना सीखना होगा. ये वही लोग हैं जो <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> आतंकवादी हमले का विरोध करने के लिए बाहर आए थे. सरकार को ऐतिहासिक जामा मस्जिद में नमाज की अनुमति देने के बारे में सोचना चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महबूबा मुफ्ती ने जताई आपत्ती</strong><br />ईद-उल-अज़हा के मौके पर PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, “अफसोस है कि आज के दिन श्रीनगर के जामा मस्जिद को ताला लगा दिया है. उमर फारूक साहब को फिर से नजरबंद किया है. ये बहुत गलत है. इसके लिए मैं यहां की सरकार की मज़म्मत करती हूं. मैं सभी लोगों को अपनी तरफ से ईद मुबारक दे रही हूं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मीरवाइज उमर फारुक को नजरबंद करने पर नाराज इल्तिजा</strong><br />वहीं, PDP नेता इल्तिजा मुफ्ती ने भी ईद की बधाइयां देते हुए कहा, “अफसोस की बात यह है कि श्रीनगर जामा मस्जिद के दरवाजों को फिर से बंद कर दिया गया है. मीरवाइज उमर फारुक को नजरबंद किया गया है. मैं यहां मौजूद NC सरकार और उपराज्यपाल से पूछना चाहती हूं कि अगर आप दावा करते है कि परिस्थिति सामान्य है तो फिर क्यों उन्हें (मीरवाइज उमर फारुक) नजरबंद किया गया है?”</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को श्रीनगर के पुराने शहर में स्थित ईदगाह मैदान और जामा मस्जिद में ईद की नमाज अदा करने पर रोक लगा दी, जबकि हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने दावा किया कि उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है. ऐतिहासिक जामा मस्जिद के प्रबंधन ने एक बयान में कहा, ‘श्रीनगर स्थित अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद को यह सूचित करते हुए गहरा खेद है कि अधिकारियों ने एक बार फिर ईदगाह के साथ-साथ श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी है.’ </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मीरवाइज उमर फारुक का आया था बयान</strong><br />बयान में कहा गया है कि प्राधिकारियों ने सुबह (फज्र) की नमाज की भी अनुमति नहीं दी. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मीरवाइज ने प्रशासन के इस कदम की कड़ी निंदा की. मीरवाइज ने कहा, ‘ईद मुबारक! एक बार फिर कश्मीर को दुखद वास्तविकता का सामना करना पड़ा है: ईदगाह में ईद की नमाज़ नहीं पढ़ी गई और जामा मस्जिद लगातार सातवें साल भी बंद है. मुझे भी मेरे घर में नजरबंद रखा गया है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, ‘मुस्लिम बहुल क्षेत्र में मुसलमानों को नमाज अदा करने के उनके मौलिक अधिकार से वंचित किया जाता है, यहां तक कि दुनिया भर में मनाए जाने वाले उनके सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर पर भी!’ यह उन लोगों के लिए शर्म की बात है जो हम पर शासन करते हैं और उन लोगों के लिए भी जो जनता द्वारा चुने गए हैं एवं जो हमारे अधिकारों के बार-बार कुचले जाने पर भी चुप रहना पसंद करते हैं.'</p> जम्मू और कश्मीर पोंटी चड्ढा हत्याकांड के 12 साल बाद फिर उभरा पारिवारिक संपत्ति विवाद, टीटू चड्ढा ने जताई नाराज़गी
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