<p style=”text-align: justify;”><strong>Bombay High Court on Slaughter Animals:</strong> बॉम्बे हाई कोर्ट ने मीरा भयंदर नगर निगम (MBMC) को बकरीद त्योहार के दौरान जानवरों की कुर्बानी की अनुमति मांगने वाली एक नई याचिका पर विचार करने का निर्देश दिया है. अदालत ने शुक्रवार को निगम को 16 जून को दोपहर तक निर्णय लेने का निर्देश दिया. एमबीएमसी का पशुपालन विभाग ने 10 जून को त्यौहार के दौरान बलि के जानवरों की कुर्बानी के लिए दी गई अस्थायी अनुमति को रद्द कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्थानीय पुलिस के इस तर्क पर विचार करने के बाद कि इससे क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है, नागरिक निकाय ने कुर्बानी की अनुमति देने के अपने 5 जून के आदेश को रद्द कर दिया. इसके बाद, याचिकाकर्ता रिजवान खान ने कुर्बानी की अनुमति रद्द करने के नगर निकाय के फैसले पर रोक लगाने की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस श्याम चांडक और जस्टिस रेवती डेरे की खंडपीठ ने कहा कि सरल कानून और व्यवस्था की समस्या अनुमति रद्द करने का आधार नहीं हो सकती है, जिसे निगम ने 5 जून को प्रदान किया था. अदालत ने कहा कि बहस के दौरान, हमने नोट किया कि अनुमति कुछ अधिनियमों या नियमों और विशेष रूप से, महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम, 1976 और 1978 नियमों की धारा 6 के अनुसार सख्ती से नहीं दी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मामले की तात्कालिकता पर विचार करते हुए कोर्ट की बेंच ने याचिकाकर्ता को एक तय जगह पर जानवरों की कुर्बानी की अनुमति मांगने के लिए म्युनिसपल कॉरपोरेशन के सामने एक नया आवेदन दायर करने का निर्देश दिया. अगर ऐसा कोई आवेदन किया जाता है, तो तात्कालिकता को ध्यान में रखते हुए संबंधित सक्षम प्राधिकारी जानवरों की कुर्बानी के लिए आवेदन या अनुमति पर शीघ्रता से और किसी भी स्थिति में 16 जून, 2024 को या उससे पहले फैसला करेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट की बेंच ने एमबीएमसी को निर्देश दिया कि वह भैंसों की कुर्बानी के लिए अनुमति पर शीघ्रता से निर्णय ले. महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम, 1976 के प्रावधानों सहित जानवारों की कुर्बानी से संबंधित सभी अधिनियमों/नियमों पर विचार करें. अदालत ने कहा कि निर्णय 16 जून को दोपहर तक लिया जाना है और याचिकाकर्ता को उसी दिन 2 बजे से पहले इसके बारे में सूचित किया जाना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”टनल हादसे के 18 दिन बाद भी लापता है JCB ऑपरेटर, सीएम शिंदे ने परिवार से मिल सहायता का दिया भरोसा” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/cm-eknath-shinde-meet-family-of-jcb-operator-who-got-trapped-in-tunnel-debris-2715564″ target=”_self”>टनल हादसे के 18 दिन बाद भी लापता है JCB ऑपरेटर, सीएम शिंदे ने परिवार से मिल सहायता का दिया भरोसा</a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bombay High Court on Slaughter Animals:</strong> बॉम्बे हाई कोर्ट ने मीरा भयंदर नगर निगम (MBMC) को बकरीद त्योहार के दौरान जानवरों की कुर्बानी की अनुमति मांगने वाली एक नई याचिका पर विचार करने का निर्देश दिया है. अदालत ने शुक्रवार को निगम को 16 जून को दोपहर तक निर्णय लेने का निर्देश दिया. एमबीएमसी का पशुपालन विभाग ने 10 जून को त्यौहार के दौरान बलि के जानवरों की कुर्बानी के लिए दी गई अस्थायी अनुमति को रद्द कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्थानीय पुलिस के इस तर्क पर विचार करने के बाद कि इससे क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है, नागरिक निकाय ने कुर्बानी की अनुमति देने के अपने 5 जून के आदेश को रद्द कर दिया. इसके बाद, याचिकाकर्ता रिजवान खान ने कुर्बानी की अनुमति रद्द करने के नगर निकाय के फैसले पर रोक लगाने की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस श्याम चांडक और जस्टिस रेवती डेरे की खंडपीठ ने कहा कि सरल कानून और व्यवस्था की समस्या अनुमति रद्द करने का आधार नहीं हो सकती है, जिसे निगम ने 5 जून को प्रदान किया था. अदालत ने कहा कि बहस के दौरान, हमने नोट किया कि अनुमति कुछ अधिनियमों या नियमों और विशेष रूप से, महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम, 1976 और 1978 नियमों की धारा 6 के अनुसार सख्ती से नहीं दी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मामले की तात्कालिकता पर विचार करते हुए कोर्ट की बेंच ने याचिकाकर्ता को एक तय जगह पर जानवरों की कुर्बानी की अनुमति मांगने के लिए म्युनिसपल कॉरपोरेशन के सामने एक नया आवेदन दायर करने का निर्देश दिया. अगर ऐसा कोई आवेदन किया जाता है, तो तात्कालिकता को ध्यान में रखते हुए संबंधित सक्षम प्राधिकारी जानवरों की कुर्बानी के लिए आवेदन या अनुमति पर शीघ्रता से और किसी भी स्थिति में 16 जून, 2024 को या उससे पहले फैसला करेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट की बेंच ने एमबीएमसी को निर्देश दिया कि वह भैंसों की कुर्बानी के लिए अनुमति पर शीघ्रता से निर्णय ले. महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम, 1976 के प्रावधानों सहित जानवारों की कुर्बानी से संबंधित सभी अधिनियमों/नियमों पर विचार करें. अदालत ने कहा कि निर्णय 16 जून को दोपहर तक लिया जाना है और याचिकाकर्ता को उसी दिन 2 बजे से पहले इसके बारे में सूचित किया जाना चाहिए.</p>
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