पंजाब पुलिस ने हाई-प्रोफाइल बटाला गोलीबारी घटना के सिलसिले में प्रतिबंधित खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के सदस्यों की संपत्तियों को कुर्क कर लिया है, जिसमें जून में बटाला में शिव सेना नेता राजीव महाजन और उनके रिश्तेदारों पर हमला किया गया था। गोलीबारी बटाला के नीलम टीवी सेंटर में हुई थी, जहां दो अज्ञात नकाबपोश हमलावरों ने राजीव महाजन पर गोलियां चला दीं, जिससे वह, उनके चाचा और चचेरे भाई घायल हो गए। जांच में सीमा पार कनेक्शन वाले केएलएफ सदस्यों की संलिप्तता का पता चला। मामला, शुरुआत में आईपीसी की धारा 452, 307, 34 और शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था, बाद में यूएपीए की धारा 16, 17, 18, 18 (बी), और 20 के तहत आरोप बढ़ा दिए गए। निज्जर की मौत का बदला लेने के लिए रची साजिश केएलएफ के एक प्रमुख सदस्य और आदतन अपराधी इंद्रजीत सिंह बाजवा की पहचान प्राथमिक साजिशकर्ता के रूप में की गई थी। बाजवा ने रणजोध सिंह उर्फ बाबा (कनाडा में रहने वाले) के साथ मिलकर कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की मौत का बदला लेने के लिए हमले की साजिश रची थी। आरोपियों के पास से 32 बोर की पिस्तौल, मैगजीन, गोला-बारूद और संचार उपकरण बरामद किए गए, साथ ही हमले को अंजाम देने के लिए पैसे के लेनदेन के सबूत भी मिले थे। तरनतारन के रायशियाना गांव के रेड लाइन इलाके में इंद्रजीत सिंह और उनके पिता कुलवंत सिंह का 32 मरला का घर आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया था। संपत्ति अब यूएपीए प्रावधानों के तहत कुर्क कर ली गई है। तरनतारन में घर समेत कृषि भूमि जब्त किला संतोख सिंह गांव तरनतारन का 7.11 मरला घर और 16.5 मरला कृषि भूमि, जो जश्नप्रीत सिंह के नाम पर पंजीकृत है, को भी कुर्क किया गया है। केएलएफ के एक अन्य सदस्य जश्नप्रीत ने इन परिसरों से हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में मदद की। जांच के दौरान दलबीर सिंह उर्फ जस्सा, लखविंदर सिंह, देव सिंह, जगदीश सिंह और अमित सहित आरोपियों के एक बड़े नेटवर्क का पता चला। ये सब कनाडा में लिंक वाले एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा थे, जो पंजाब में आतंकी अभियानों को बढ़ावा दे रहा था। रणजोध सिंह उर्फ बाबा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए अंतरराष्ट्रीय संबंध को और उजागर किया था। एसएसपी बटाला सोहेल कासिम मीर ने कहा, “संपत्तियों की कुर्की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों और संगठनों को एक कड़ा संदेश देती है। पंजाब पुलिस आतंकी नेटवर्क को खत्म करने और राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।” पंजाब पुलिस ने हाई-प्रोफाइल बटाला गोलीबारी घटना के सिलसिले में प्रतिबंधित खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के सदस्यों की संपत्तियों को कुर्क कर लिया है, जिसमें जून में बटाला में शिव सेना नेता राजीव महाजन और उनके रिश्तेदारों पर हमला किया गया था। गोलीबारी बटाला के नीलम टीवी सेंटर में हुई थी, जहां दो अज्ञात नकाबपोश हमलावरों ने राजीव महाजन पर गोलियां चला दीं, जिससे वह, उनके चाचा और चचेरे भाई घायल हो गए। जांच में सीमा पार कनेक्शन वाले केएलएफ सदस्यों की संलिप्तता का पता चला। मामला, शुरुआत में आईपीसी की धारा 452, 307, 34 और शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था, बाद में यूएपीए की धारा 16, 17, 18, 18 (बी), और 20 के तहत आरोप बढ़ा दिए गए। निज्जर की मौत का बदला लेने के लिए रची साजिश केएलएफ के एक प्रमुख सदस्य और आदतन अपराधी इंद्रजीत सिंह बाजवा की पहचान प्राथमिक साजिशकर्ता के रूप में की गई थी। बाजवा ने रणजोध सिंह उर्फ बाबा (कनाडा में रहने वाले) के साथ मिलकर कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की मौत का बदला लेने के लिए हमले की साजिश रची थी। आरोपियों के पास से 32 बोर की पिस्तौल, मैगजीन, गोला-बारूद और संचार उपकरण बरामद किए गए, साथ ही हमले को अंजाम देने के लिए पैसे के लेनदेन के सबूत भी मिले थे। तरनतारन के रायशियाना गांव के रेड लाइन इलाके में इंद्रजीत सिंह और उनके पिता कुलवंत सिंह का 32 मरला का घर आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया था। संपत्ति अब यूएपीए प्रावधानों के तहत कुर्क कर ली गई है। तरनतारन में घर समेत कृषि भूमि जब्त किला संतोख सिंह गांव तरनतारन का 7.11 मरला घर और 16.5 मरला कृषि भूमि, जो जश्नप्रीत सिंह के नाम पर पंजीकृत है, को भी कुर्क किया गया है। केएलएफ के एक अन्य सदस्य जश्नप्रीत ने इन परिसरों से हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में मदद की। जांच के दौरान दलबीर सिंह उर्फ जस्सा, लखविंदर सिंह, देव सिंह, जगदीश सिंह और अमित सहित आरोपियों के एक बड़े नेटवर्क का पता चला। ये सब कनाडा में लिंक वाले एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा थे, जो पंजाब में आतंकी अभियानों को बढ़ावा दे रहा था। रणजोध सिंह उर्फ बाबा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए अंतरराष्ट्रीय संबंध को और उजागर किया था। एसएसपी बटाला सोहेल कासिम मीर ने कहा, “संपत्तियों की कुर्की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों और संगठनों को एक कड़ा संदेश देती है। पंजाब पुलिस आतंकी नेटवर्क को खत्म करने और राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।” पंजाब | दैनिक भास्कर
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फतेहगढ़ साहिब में DDPO गिरफ्तार:40.85 लाख के गबन का आरोप, एक साथी भी पकड़ा, सरकारी फंड में की हेराफेरी पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने ब्लॉक अमलोह और पंचायतों को जारी किए गए सरकारी फंड में 40,85,175 रुपए के गबन के आरोप में फतेहगढ़ साहिब में तैनात डीडीपीओ को गिरफ्तार किया है। कुलविंदर सिंह रंधावा और एक व्यक्ति हंसपाल को गिरफ्तार किया गया। इस घोटाले को लेकर अमलोह के तत्कालीन बीडीपीओ कुलविंदर सिंह रंधावा (अब डीडीपीओ) समेत 5 लोगों के खिलाफ विजिलेंस थाना पटियाला रेंज में आईपीसी धारा 409, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) और 13 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की है। कल अदालत में करेंगे पेश उक्त आरोपियों ने आपसी मिलीभगत से कुछ निजी फर्मों और एक निजी व्यक्ति के नाम पर फर्जी फंड जारी कर 40,85,175 रुपए की सरकारी धनराशि की हेराफेरी की है। उन्होंने आगे बताया कि इस मामले में आरोपी कुलविंदर सिंह रंधावा (तत्कालीन बीडीपीओ अमलोह) और एक व्यक्ति हंसपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिन्हें कल अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले की आगे की जांच जारी है। खन्ना में 58 लाख रुपए गबन के आरोप में सस्पेंड तत्कालीन बीडीपीओ कुलविंदर सिंह रंधावा को खन्ना में 58 लाख रुपए गबन के आरोप में भी सस्पेंड किया गया था। बैंक एंट्रियों ने गबन की पोल खोली थी। बीडीपीओ कुलविंदर सिंह ने ईओपीएस के तीन बोगस खाते खुलवाए थे। इनमें से 2 अमलोह और 1 खन्ना में खुलवाया गया था। नसराली गांव की पंचायत के करीब 40 लाख रुपए और बुल्लेपुर की पंचायत के 18 लाख रुपए अपने चहेतों की बोगस फर्मों में ट्रांसफर कर दिए गए थे। जिसके बाद प्रस्ताव पारित करके डायरेक्टर के साथ साथ विभाग के अन्य अधिकारियों व डीसी को भेजा गया था। इसके बाद बीडीपीओ को सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं दूसरी तरफ बीडीपीओ कुलविंदर सिंह इस मामले में अदालत चले गए थे और वहां से आदेश मिलने के बाद दोबारा ड्यूटी पर लौटे थे।
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लुधियाना में शिवसेना नेता को मिली धमकी:फोन कर की गाली-गलौज, जान से मारने की बात, डीजीपी और कमिश्नर से की शिकायत पंजाब के लुधियाना में शिव सेना नेता संदीप थापर पर हुए क़ातिलाना हमले का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि अज्ञात लोगों द्वारा एक और शिव सेना नेता को फ़ोन कर उसे जान से मारने की धमकी दी गई है। धमकी भरा फ़ोन आने के बाद शिव सेना नेता ने इसकी शिकायत डीजीपी पंजाब और लुधियाना पुलिस कमिश्नर से की है। वहीं पुलिस ने भी अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया है। अमित अरोड़ा को आया धमकी भरा फोन पंजाब में अब शिवसेना के उप प्रधान अमित अरोड़ा को जान से मारने की धमकी मिली। अमित अरोड़ा ने बताया कि उनके मोबाइल पर बाहर के नंबर की एक अज्ञात व्यक्ति की कॉल आई, जो उसे गाली गलौज कर उसे जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने बताया कि उन्होंने फ़ोन कॉल की सारी रिकॉर्डिंग फ़ोन नंबर सहित डीजीपी पंजाब और सीपी लुधियाना कुलदीप चहल को भेज दी। 5 जुलाई को थापर पे हुआ था हमला बता दें कि 5 जुलाई को लुधियाना में शिव सेना नेता संदीप थापर पर हमला हुआ था। जिसका तीसरा दोषी अभी तक पुलिस पकड़ से दूर है, और शिव सेना नेताओं का गुस्सा अभी शांत भी नहीं था कि लुधियाना में अब एक और शिव सेना नेता को जान से मारने की धमकी भरी कॉल आई। 18 जुलाई अमृतसर में जागो अमृतसर में हिंदू संगठनों की बैठक की गई। इस बैठक में जागरूकता रैली (जागो) निकालने का निर्णय लिया गया है। शिव सेना पंजाब के चेयरमैन राजीव टंडन ने बताया कि हिंदू शक्ति को इकट्ठा करने के लिए 18 जुलाई को जागो बुलाई गई है जिसमें समस्त हिंदू संगठनों ने मिलकर अपने समाज की आवाज बुलंद करने का निर्णय लिया है। पुलिस ने किया केस दर्ज लुधियाना के पुलिस कमिश्नर कुलदीप चहल ने बताया कि लुधियाना पुलिस ने भड़काऊ भाषण देने और किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले तीन लोगों पर केस दर्ज किया है। पुलिस ने रोबिन गिल, सुमित जासूजा लुधियाना और नीरज निवासी लुधियाना के ख़िलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस कमिश्नर कुलदीप चहल ने अपील लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह की भड़काऊ भाषणबाजी और किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले लोगों को बख्शा नहीं जायेगा और लोग भाषणबाजी से गूरेज करें।
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लुधियाना में ज्योति कत्लकांड के पोस्टमॉर्टम में खुलासा:हत्यारे ने 17 CM तक काटा गला,कंबल से मिला चाकू,अंडरगारमेंट्स और 10 स्वेप सेंपल भेजे पंजाब के लुधियाना में 30 अक्तूबर को 21 वर्षीय युवती का संदिग्ध परिस्थितियों में पड़ोसी की किचन कपबोर्ड (अलमारी) से शव मिला। शव की हालत इतनी खराब थी कि बदबू आ रही थी। शव को कंबल में लपेट कर बदमाश कपबोर्ड में छिपा कर फरार हो गया। 3 दिन बाद जब शव मिला तो उसका बीती रात पोस्टमॉर्टम हुआ। पोस्टमॉर्टम में कई खुलासे हुए। गले पर कई सैंटीमीटर लंबा लगा खंजर से कट सूत्रों मुताबिक युवती के गले को करीब 17 सैंटीमीटर लंबाई से काटा गया है। जिस कंबल में उसका शव पड़ा मिला उसी कंबल में हत्यारे ने वारदात में इस्तेमाल किया खंजर रखा था। आम चाकू की जगह यह खंजर कुछ बड़ा है और इसकी हत्थी पर लकड़ी का हेंडल बना है। खंजर पर हत्यारे की अंगुलियों के निशान जरूर आए है जिसे फोरेंसिक टीम के सुपुर्द किया जाएगा। युवती के माथे और बाजू पर भी चोट के निशान है। गुप्तांगों के 10 स्वेप सेंपल लैब में भेजे युवती की बेरहमी से हत्या की गई है। पोस्टमॉर्टम दौरान युवती के करीब 10 स्वेप सेंपल लिए गए है जिन्हें रिपोर्ट के लिए खरड़ भेजा गया है। इन सेंपल से खुलासा हो पाएगा कि हत्यारे ने उससे रेप किया है या नहीं। सूत्रों मुताबिक युवती के शरीर पर पहले कपड़े और अंडरगारमेंट्स तक फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए है। युवती के अंडरगारमेंट्स से छेड़छाड़ हुई है जिस कारण डॉक्टरों ने स्वेप के सेंपल लिए है ताकि रेप की बारे पूर्ण रूप से जानकारी मिल सके। 3 दिन तक शव कंबल से लपेट कर कप-बोर्ड में बंद रहा है जिस कारण शव से बदबू नहीं आई थी। शव की हालत बहुत ही खराब है। मकान मालिक ने नहीं करवाई थी विश्वनाथ वैरिफिकेशन उधर, इस मामले में पुलिस मकान मालिक पर एक्शन लेने की तैयारी में है। पता चला है कि जिस मकान में युवती परिवार के साथ रहती थी वहां आरोपी विश्वनाथ पिछले 15 साल से रह रहा है लेकिन उसकी वैरिफिकेशन नहीं करवाई गई थी। विश्वजीत की सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद उसके चेहरे की पहचान करने में पुलिस जुट गई है। फिलहाल देर रात युवती के शव का पोस्टमार्टम हुआ है लेकिन उसका शव अभी भी सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखा है। क्या था पूरा मामला लुधियाना के आजाद नगर में युवती ज्योति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। परिवार को पड़ोसी पर युवती की हत्या करने का शक था। मृतक युवती का शव पड़ोसी की किचन सेल्फ के नीचे बने कपबोर्ड से पुलिस को मिला। युवती 30 अक्तूबर से लापता थी। परिवार को पड़ोसी पर शक हुआ, क्योंकि वह पिछले 3 दिनों से कमरे में नहीं आया था। परिजनों ने पुलिस की मौजूदगी में कमरे का ताला तोड़कर देखा तो सभी दंग रह गए। युवती का शव किचन में पड़ा था। ज्योति की 3 बहनें और एक भाई है। मृतक स्टिकर बनाने वाली फैक्ट्री में काम करती थी। 30 अक्तूबर से थी लापता
जानकारी देते हुए मृतका की मां पिंकी ने बताया कि वह अपनी छोटी बेटी को स्कूल छोड़ने गई थी। इस बीच उसकी बेटी कमरे में थी, लेकिन जब वह वापस लौटी तो बेटी कमरे में नहीं मिली। बेटी की काफी तलाश की, लेकिन उसके बारे कुछ पता नहीं चला। पड़ोस में रहने वाले पंडित विश्वनाथ पर शक हुआ क्योंकि वह तीन दिन से कमरे में नहीं आया। आरोपी पहले भी महीने में कुछ दिन ही कमरे में रहता था बाकी दिन वह बाहर ही रहता था। विश्वनाथ अकेला कमरे में था रहता
विश्वनाथ अकेला ही कमरे में रहता था। उसके कमरे की जब तलाशी ली तो ज्योति का शव किचन से मिला। जिसके बाद थाना माडल टाउन की पुलिस को सूचित किया गया। वहीं, पुलिस विश्वनाथ की तलाश कर रही है। विश्वनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी में बिल्टी बनाने का काम करता है। मूलरुप से वह खुद को बनारत का रहने वाला बताता था। इस मामले में थाना माडल टाउन की एसएचओ अवनीत कौर ने कहा कि मामले की जांच जारी है। पोस्टमॉर्टम की रिर्पोट के बाद ही कुछ सही से कहा जा सकता है। अभी इस मामले में कोई सफलता नहीं मिली।