बठिंडा में हुए बस हादसे में हुई एक महिला की मौत के बाद आज मुआवजे की मांग को लेकर बीकेयू उग्राहां से जुडे़े किसानों ने सरकारी अस्पताल के बाहर धरना दिया। किसान नेताओं ने परिवार को 10 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की है। बता दें कि बठिंडा के गांव चुग्गेवाला निवासी परमजीत कौर की बस हादसे में मौत हो गई थी। परमजीत कौर अपनी दो बेटियों के साथ हरियाणा के गांव हुकमांवाली स्थित अपने मायके जा रही थी। हालांकि, उनकी एक बेटी ने अपनी छोटी बहन को हिम्मत से बचा लिया और खुद भी मौत के मुंह से बाहर निकली। मां को नहीं बचा सकी : गगनदीप कौर बेटी गगनदीप कौर ने बताया कि उसने बस की पाइप का सहारा लिया और अपनी छोटी बहन को गोद में लेकर बचाया। उसने अपनी मां को भी बाहर निकालने की पूरी कोशिश की और उनका हाथ पकड़ा, लेकिन दुर्भाग्यवश उसकी मां की जान नहीं बच सकी। मृतका के पति प्रेम कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी अपने मायके जा रही थी। वह अपनी चार बेटियों को साथ लेकर जाने वाली थीं, लेकिन दो बेटियों ने मायके जाने से इनकार कर दिया। इस वजह से वह केवल दो बेटियों के साथ ही गई थीं। मृतका के पति ने यह भी बताया कि उनकी पत्नी घर चलाने में उनका साथ देती थीं। वह शादी और अन्य कार्यक्रमों में रोटियां पकाने का काम करती थीं। गांववासियों ने इस परिवार के लिए सरकार से मदद की अपील की है, क्योंकि इस परिवार में छह बेटियां थीं, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है और एक को रिश्तेदार ने गोद ले लिया था। अब चार बेटियों की परवरिश मृतका और उनके पति मिलकर करते थे। पंजाब सरकार ने नहीं जाना हालचाल : जगदेव इस घटना ने परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है, और गांववासी सरकार से आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं। उधर, मृतकों के परिवारों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर बीकेयू उगराहां ने तलवंडी साबो सरकारी अस्पताल के बाहर धरना दिया। किसान नेता जगदेव सिंह लेलेवाला ने कहा कि जब तक हर परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी नहीं मिलती तब तक परिवार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मुआवजे का ऐलान कर दिया, जबकि पंजाब सरकार ने अब तक परिवार का दुख तक नहीं जाना मुआवजा तो दूर की बात है। बठिंडा में हुए बस हादसे में हुई एक महिला की मौत के बाद आज मुआवजे की मांग को लेकर बीकेयू उग्राहां से जुडे़े किसानों ने सरकारी अस्पताल के बाहर धरना दिया। किसान नेताओं ने परिवार को 10 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की है। बता दें कि बठिंडा के गांव चुग्गेवाला निवासी परमजीत कौर की बस हादसे में मौत हो गई थी। परमजीत कौर अपनी दो बेटियों के साथ हरियाणा के गांव हुकमांवाली स्थित अपने मायके जा रही थी। हालांकि, उनकी एक बेटी ने अपनी छोटी बहन को हिम्मत से बचा लिया और खुद भी मौत के मुंह से बाहर निकली। मां को नहीं बचा सकी : गगनदीप कौर बेटी गगनदीप कौर ने बताया कि उसने बस की पाइप का सहारा लिया और अपनी छोटी बहन को गोद में लेकर बचाया। उसने अपनी मां को भी बाहर निकालने की पूरी कोशिश की और उनका हाथ पकड़ा, लेकिन दुर्भाग्यवश उसकी मां की जान नहीं बच सकी। मृतका के पति प्रेम कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी अपने मायके जा रही थी। वह अपनी चार बेटियों को साथ लेकर जाने वाली थीं, लेकिन दो बेटियों ने मायके जाने से इनकार कर दिया। इस वजह से वह केवल दो बेटियों के साथ ही गई थीं। मृतका के पति ने यह भी बताया कि उनकी पत्नी घर चलाने में उनका साथ देती थीं। वह शादी और अन्य कार्यक्रमों में रोटियां पकाने का काम करती थीं। गांववासियों ने इस परिवार के लिए सरकार से मदद की अपील की है, क्योंकि इस परिवार में छह बेटियां थीं, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है और एक को रिश्तेदार ने गोद ले लिया था। अब चार बेटियों की परवरिश मृतका और उनके पति मिलकर करते थे। पंजाब सरकार ने नहीं जाना हालचाल : जगदेव इस घटना ने परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है, और गांववासी सरकार से आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं। उधर, मृतकों के परिवारों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर बीकेयू उगराहां ने तलवंडी साबो सरकारी अस्पताल के बाहर धरना दिया। किसान नेता जगदेव सिंह लेलेवाला ने कहा कि जब तक हर परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी नहीं मिलती तब तक परिवार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मुआवजे का ऐलान कर दिया, जबकि पंजाब सरकार ने अब तक परिवार का दुख तक नहीं जाना मुआवजा तो दूर की बात है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार के आशा राम आश्रम से नकदी हुई चोरी:एक मिनट में दानपात्र तोड़ निकाली राशि, घटना सीसीटीवी में कैद
हिसार के आशा राम आश्रम से नकदी हुई चोरी:एक मिनट में दानपात्र तोड़ निकाली राशि, घटना सीसीटीवी में कैद हिसार जिले के ढंढूर गांव के पास स्थित आशा राम आश्रम के अंदर रखे दानपात्र को तोड़कर चोर हजारों की नकदी चोरी कर ले गया। पूरा घटनाक्रम आश्रम के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। सदर थाना पुलिस ने सेवादार रणजीत की शिकायत पर चोर के खिलाफ चोरी का केस दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। काम से बाहर गया था सेवादार जानकारी के अनुसार शिकायत में सेवादार रणजीत ने बताया कि वह 30 नवंबर की सुबह किसी काम से आश्रम से बाहर गया हुआ था। दोपहर बाद जब आश्रम में आया, तो अंदर रखा दानपात्र टूटा हुआ था। दानपात्र में 35 से 40 हजार की नकदी थी। शाम को सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी, तो पता चला कि पड़ोस में रहने वाला युवक आश्रम में आया और दानपात्र तोड़कर नकदी चोरी कर ले गया। बाहर से लाया लोहे का औजार सीसीटीवी फुटेज देखने पर एक युवक कमरे के अंदर आता है और इस दौरान युवक दान पत्र को खोलने का प्रयास करता है, लेकिन नहीं खुलता, तो वापस बाहर से लोहे का औजार लेकर आता है और एक ही मिनट में दान पत्र का ताला तोड़कर उसमें से नकदी निकालकर चला जाता है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
विनेश फोगाट बोलीं- भारतीय दल ने कोई मदद नहीं की:पेरिस ओलिंपिक में कानूनी विकल्प नहीं बताए; BJP ने मेरा मेडल देश का नहीं समझा
विनेश फोगाट बोलीं- भारतीय दल ने कोई मदद नहीं की:पेरिस ओलिंपिक में कानूनी विकल्प नहीं बताए; BJP ने मेरा मेडल देश का नहीं समझा हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट ने पहली बार पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम बढ़े वजन से मेडल से चूकने के बारे में बात की। विनेश ने दावा किया कि मेडल को लेकर उनके पास कानूनी विकल्प था, यह उन्हें भारतीय डेलिगेशन नहीं, बल्कि एक दोस्त ने बताया था। विनेश ने यह भी कहा कि BJP वालों ने ओलिंपिक मेडल को मेरा मेडल समझा। मेरी कोई मदद नहीं की गई। विनेश 6 सितंबर को ही कांग्रेस में शामिल हुई हैं। कांग्रेस ने उन्हें जींद जिले की जुलाना विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। विनेश फोगाट भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष भाजपा नेता बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों से जुड़े आंदोलन की अगुआई करने वालों में शामिल थीं। विनेश फोगाट ने बजरंग पूनिया के साथ 6 सितंबर को कांग्रेस जॉइन की। इससे पहले दोनों पहलवानों ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी। विनेश बोलीं- भाजपा वाले ईगो पर बात ले गए, 4 सवालों के जवाब सवाल: पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन बढ़ा हुआ मिला तो आपके पास कानूनी विकल्प थे, ये किसने बताया?
विनेश: जब हम प्रोटेस्ट में थे तो एक फ्रेंड थी जो इंटरनेशनल स्पोर्ट्स में है। उन्होंने मुझे अप्रोच किया कि ऐसी चीजें हैं। सवाल: भारतीय प्रतिनिधिमंडल में जो लोग थे, उन्होंने कोई आपकी मदद नहीं की?
विनेश: नहीं, वह सब बाद में आए। केस मैंने किया। इनके वकील बाद में आए। सवाल: आपको कुछ विदेशी खिलाड़ियों ने बताया कि सही तरीके से लड़ाई लड़ी जाती तो मेडल आपका होता।
विनेश: यह सच है। दुर्भाग्य देश का है। ये इतनी ईगो पर बात ले गए कि वह मेडल मेरा था। वह मेरा नहीं, देश का मेडल था। देश चाहता तो ला सकता था। वह कौन नहीं लेकर आए, सबको पता है। सवाल: विनेश का कैसे, वह मेडल तो भारत का था?
विनेश: BJP वाले तो सोच रहे हैं कि विनेश का था। तभी इन्होंने मुझसे बदला लेने के लिए इतना कुछ किया। मुझे कोई मदद नहीं मिली। मेरे चुनाव लड़ने का फैसला कांग्रेस का- विनेश
कांग्रेस में शामिल होकर चुनाव लड़ने के बारे में विनेश फोगाट ने कहा कि बजरंग पूनिया के साथ चुनाव लड़ने को लेकर कोई बात नहीं हुई थी। हमने यह कांग्रेस पार्टी पर छोड़ा था और उन्होंने फैसला कर दिया। बजरंग को जो ऑल इंडिया किसान कांग्रेस का वर्किंग चेयरमैन बनाया गया है, वह भी हमारे दिल के करीब है। मुझे लगता है कि बजरंग के पास मुझसे ज्यादा जिम्मेदारी है।कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष भाजपा नेता बृजभूषण सिंह। बृजभूषण को थप्पड़ मारने का भी टाइम आएगा
पूर्व कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण के छेड़छाड़ पर थप्पड़ क्यों नहीं मारने के सवाल पर विनेश ने कहा कि वही हमारी गलती रह गई। भगवान ने पहले इतनी हिम्मत नहीं दी थी, वर्ना बहुत सारी बच्चियां बच जातीं। थप्पड़ मारने का भी टाइम आएगा। वह अभी क्यों डर रहा है। इतना क्यों बौखला रहा है। बृजभूषण के एक दिन में डबल ट्रायल के आरोपों पर विनेश ने कहा कि यह सब नियमों के तहत हुआ। अगर मैं इतनी शक्तिशाली होती तो बृजभूषण को जेल के अंदर नहीं डाल देती। विनेश फोगाट मामले में क्या हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. पेरिस ओलिंपिक में 1 दिन में 3 पहलवानों को हराया
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में 6 अगस्त को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। 2. डाइट से वजन बढ़ा, पूरी रात कोशिश बेकार गई
सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के दौरान उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना-पानी दिया गया। जिससे उनका वजन 52.700 kg तक बढ़ गया। भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। पूरी टीम रातभर विनेश का वजन कम करने की कोशिश में लगी रही। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन 100 ग्राम ज्यादा मिला, वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट थे
7 अगस्त की सुबह नियम के अनुसार दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। उनका वजन ज्यादा निकला। उन्हें 15 मिनट मिले लेकिन आखिरी बार वजन में भी वह 100 ग्राम अधिक निकलीं। जिसके बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। 4. विनेश ने अयोग्य करार देने के खिलाफ अपील की
इसके बाद विनेश ने अयोग्य करार देने पर खेल कोर्ट (CAS) में अपील की। जिसमें विनेश ने फाइनल मुकाबला खेलने देने की अपील की। यह संभव नहीं था तो विनेश ने अपील बदलकर कहा कि सेमीफाइनल तक उसका वजन नियमों के अनुरूप था। उसे संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए। 5. विनेश ने संन्यास का ऐलान किया
विनेश फोगाट ने 8 अगस्त को कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया पोस्ट लिखी। विनेश ने लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।”। 6. खेल कोर्ट ने याचिका खारिज की
विनेश फोगाट की याचिका पर खेल कोर्ट में सुनवाई चली। हालांकि पेरिस ओलिंपिक के बाद इसका फैसला आया, जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई। जिसके बाद विनेश बिना मेडल के ही देश वापस लौटी। यहां दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर पैतृक गांव बलाली तक उनका काफिले के तौर पर स्वागत किया गया। ये खबर भी पढ़ें… बजरंग पूनिया को जान से मारने की धमकी:विदेशी नंबर से वॉट्सऐप मैसेज आया, लिखा- कांग्रेस छोड़ दो, वर्ना परिवार के लिए अच्छा नहीं होगा हरियाणा के रेसलर बजरंग पूनिया को कांग्रेस में शामिल होने के 2 दिन बाद जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी उन्हें वॉट्सऐप मैसेज के जरिए मिली है। वॉट्सऐप पर उन्हें विदेशी नंबर से मैसेज आया है, जिसमें जान से मारने की धमकी दी गई है। कांग्रेस ने बजरंग पूनिया को ऑल इंडिया किसान कांग्रेस का वर्किंग चेयरमैन बनाया है। पूरी खबर पढ़ें…
हरियाणा कर रहा राजस्थान के हिस्से का पानी इस्तेमाल:पंजाब सरकार ने जताई आपत्ति, लिखा पत्र; 15 दिन में पैमाइश के बाद खुलासा
हरियाणा कर रहा राजस्थान के हिस्से का पानी इस्तेमाल:पंजाब सरकार ने जताई आपत्ति, लिखा पत्र; 15 दिन में पैमाइश के बाद खुलासा पंजाब द्वारा भाखड़ा नहर से राजस्थान को छोड़े जाने वाले पानी का हरियाणा अपने हिस्से से ज्यादा इस्तेमाल कर रहा है। यह बात पंजाब द्वारा राजस्थान को छोड़े जाने वाले पानी की 15 दिन में माप के बाद सामने आई है। पानी की माप रिपोर्ट सामने आने के बाद पंजाब जल संसाधन विभाग की ओर से राजस्थान सरकार को पत्र लिखा गया है। साथ ही इस संबंध में पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। राजस्थान ने पहले उठाया था मुद्दा जानकारी के अनुसार, कुछ समय पहले चंडीगढ़ में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति की बैठक में राजस्थान की ओर से कम पानी मिलने का मुद्दा उठाया गया था। राजस्थान ने कहा था कि हरियाणा भाखड़ा मेन लाइन से उचित तरीके से पानी नहीं छोड़ रहा है। इसके साथ ही हरियाणा ने दावा किया है कि पंजाब कम पानी दे रहा है। इस कारण हम उस हिसाब से पानी नहीं दे पा रहे हैं। यह भी सामने आया है कि इस मामले में राजस्थान सरकार की ओर से काफी समय पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सरकार ने माप कराई इस मामले के सामने आते ही सरकार ने अपने स्तर पर जांच की। पंजाब सरकार की ओर से हरियाणा को लिखे पत्र में कहा गया है कि भाखड़ा मेन लाइन की शुरुआत से लेकर हरियाणा एंट्री प्वाइंट तक 390 प्वाइंट हैं। जल संसाधन विभाग ने 1 नवंबर से 15 नवंबर तक पानी की माप कराई। इस दौरान भाखड़ा से हर दिन 6062 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जबकि जरूरत 6017 क्यूसेक पानी की थी। इसमें राजस्थान का पानी भी शामिल था। राजस्थान की भाखड़ा मेन लाइन से रोजाना पानी की मांग 623 क्यूसेक है। जबकि उसे 423 क्यूसेक पानी मिल रहा है। इससे साफ है कि राजस्थान को नहर से हर दिन 199 क्यूसेक कम पानी मिल रहा है।