बठिंडा बस हादसा, किसानों ने दिया धरना:नौकरी-मुआवजे की मांग, हरियाणा की रहने वाली थी 6 बेटियों की मां, जा रही थी मायके

बठिंडा बस हादसा, किसानों ने दिया धरना:नौकरी-मुआवजे की मांग, हरियाणा की रहने वाली थी 6 बेटियों की मां, जा रही थी मायके

बठिंडा में हुए बस हादसे में हुई एक महिला की मौत के बाद आज मुआवजे की मांग को लेकर बीकेयू उग्राहां से जुडे़े किसानों ने सरकारी अस्पताल के बाहर धरना दिया। किसान नेताओं ने परिवार को 10 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की है। बता दें कि बठिंडा के गांव चुग्गेवाला निवासी परमजीत कौर की बस हादसे में मौत हो गई थी। परमजीत कौर अपनी दो बेटियों के साथ हरियाणा के गांव हुकमांवाली स्थित अपने मायके जा रही थी। हालांकि, उनकी एक बेटी ने अपनी छोटी बहन को हिम्मत से बचा लिया और खुद भी मौत के मुंह से बाहर निकली। मां को नहीं बचा सकी : गगनदीप कौर बेटी गगनदीप कौर ने बताया कि उसने बस की पाइप का सहारा लिया और अपनी छोटी बहन को गोद में लेकर बचाया। उसने अपनी मां को भी बाहर निकालने की पूरी कोशिश की और उनका हाथ पकड़ा, लेकिन दुर्भाग्यवश उसकी मां की जान नहीं बच सकी। मृतका के पति प्रेम कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी अपने मायके जा रही थी। वह अपनी चार बेटियों को साथ लेकर जाने वाली थीं, लेकिन दो बेटियों ने मायके जाने से इनकार कर दिया। इस वजह से वह केवल दो बेटियों के साथ ही गई थीं। मृतका के पति ने यह भी बताया कि उनकी पत्नी घर चलाने में उनका साथ देती थीं। वह शादी और अन्य कार्यक्रमों में रोटियां पकाने का काम करती थीं। गांववासियों ने इस परिवार के लिए सरकार से मदद की अपील की है, क्योंकि इस परिवार में छह बेटियां थीं, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है और एक को रिश्तेदार ने गोद ले लिया था। अब चार बेटियों की परवरिश मृतका और उनके पति मिलकर करते थे। पंजाब सरकार ने नहीं जाना हालचाल : जगदेव इस घटना ने परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है, और गांववासी सरकार से आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं। उधर, मृतकों के परिवारों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर बीकेयू उगराहां ने तलवंडी साबो सरकारी अस्पताल के बाहर धरना दिया। किसान नेता जगदेव सिंह लेलेवाला ने कहा कि जब तक हर परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी नहीं मिलती तब तक परिवार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मुआवजे का ऐलान कर दिया, जबकि पंजाब सरकार ने अब तक परिवार का दुख तक नहीं जाना मुआवजा तो दूर की बात है। बठिंडा में हुए बस हादसे में हुई एक महिला की मौत के बाद आज मुआवजे की मांग को लेकर बीकेयू उग्राहां से जुडे़े किसानों ने सरकारी अस्पताल के बाहर धरना दिया। किसान नेताओं ने परिवार को 10 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की है। बता दें कि बठिंडा के गांव चुग्गेवाला निवासी परमजीत कौर की बस हादसे में मौत हो गई थी। परमजीत कौर अपनी दो बेटियों के साथ हरियाणा के गांव हुकमांवाली स्थित अपने मायके जा रही थी। हालांकि, उनकी एक बेटी ने अपनी छोटी बहन को हिम्मत से बचा लिया और खुद भी मौत के मुंह से बाहर निकली। मां को नहीं बचा सकी : गगनदीप कौर बेटी गगनदीप कौर ने बताया कि उसने बस की पाइप का सहारा लिया और अपनी छोटी बहन को गोद में लेकर बचाया। उसने अपनी मां को भी बाहर निकालने की पूरी कोशिश की और उनका हाथ पकड़ा, लेकिन दुर्भाग्यवश उसकी मां की जान नहीं बच सकी। मृतका के पति प्रेम कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी अपने मायके जा रही थी। वह अपनी चार बेटियों को साथ लेकर जाने वाली थीं, लेकिन दो बेटियों ने मायके जाने से इनकार कर दिया। इस वजह से वह केवल दो बेटियों के साथ ही गई थीं। मृतका के पति ने यह भी बताया कि उनकी पत्नी घर चलाने में उनका साथ देती थीं। वह शादी और अन्य कार्यक्रमों में रोटियां पकाने का काम करती थीं। गांववासियों ने इस परिवार के लिए सरकार से मदद की अपील की है, क्योंकि इस परिवार में छह बेटियां थीं, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है और एक को रिश्तेदार ने गोद ले लिया था। अब चार बेटियों की परवरिश मृतका और उनके पति मिलकर करते थे। पंजाब सरकार ने नहीं जाना हालचाल : जगदेव इस घटना ने परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है, और गांववासी सरकार से आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं। उधर, मृतकों के परिवारों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर बीकेयू उगराहां ने तलवंडी साबो सरकारी अस्पताल के बाहर धरना दिया। किसान नेता जगदेव सिंह लेलेवाला ने कहा कि जब तक हर परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी नहीं मिलती तब तक परिवार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मुआवजे का ऐलान कर दिया, जबकि पंजाब सरकार ने अब तक परिवार का दुख तक नहीं जाना मुआवजा तो दूर की बात है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर