पंजाब में गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। धीमी गति से चल रहे मानसून के कारण तापमान एक बार फिर 40 डिग्री के करीब पहुंच गया है। पंजाब में मानसून 1 जुलाई से लगभग पहले ही पहुंच गया था, इसके बावजूद पूरे महीने में पूरे राज्य में सामान्य से काफी कम बारिश दर्ज की गई है। जिसके कारण पंजाब रेड जोन में पहुंच गया है। आज मौसम विभाग की तरफ से 6 जिलों कपूरथला, जालंधर, अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर और पठानकोट में सुबह 9 बजे तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। आज और आने वाले कुछ दिनों में पंजाब में अच्छी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने पंजाब के 5 जिलों में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट हिमाचल प्रदेश से सटे जिलों के लिए जारी किया गया है। इसके अनुसार पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर और नवांशहर में बारिश की संभावना है। पंजाब के अलग-अलग जिलों में 31 जुलाई तक बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। अनुमान है कि इन दिनों में पंजाब में अच्छी बारिश हो सकती है। बारिश को लेकर जारी अलर्ट, संभावनाएं व तस्वीरें- 28 जुलाई तक 82.8 मिमी बारिश मानसून का महीना होने के बावजूद जुलाई में सूखे की स्थिति बनी हुई है। 28 जुलाई तक पंजाब में सिर्फ 82.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार इस महीने के 28 दिनों में 136.6 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार 43% कम बारिश हुई है, जो चिंता का विषय है। फतेहगढ़ साहिब की बात करें तो यहां राज्य में सबसे कम बारिश हुई है। यहां सामान्य से 71% कम बारिश हुई है। जबकि पठानकोट में सामान्य से 29% अधिक और तरनतारन और मानसा में भी सामान्य बारिश हुई। पंजाब में गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। धीमी गति से चल रहे मानसून के कारण तापमान एक बार फिर 40 डिग्री के करीब पहुंच गया है। पंजाब में मानसून 1 जुलाई से लगभग पहले ही पहुंच गया था, इसके बावजूद पूरे महीने में पूरे राज्य में सामान्य से काफी कम बारिश दर्ज की गई है। जिसके कारण पंजाब रेड जोन में पहुंच गया है। आज मौसम विभाग की तरफ से 6 जिलों कपूरथला, जालंधर, अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर और पठानकोट में सुबह 9 बजे तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। आज और आने वाले कुछ दिनों में पंजाब में अच्छी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने पंजाब के 5 जिलों में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट हिमाचल प्रदेश से सटे जिलों के लिए जारी किया गया है। इसके अनुसार पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर और नवांशहर में बारिश की संभावना है। पंजाब के अलग-अलग जिलों में 31 जुलाई तक बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। अनुमान है कि इन दिनों में पंजाब में अच्छी बारिश हो सकती है। बारिश को लेकर जारी अलर्ट, संभावनाएं व तस्वीरें- 28 जुलाई तक 82.8 मिमी बारिश मानसून का महीना होने के बावजूद जुलाई में सूखे की स्थिति बनी हुई है। 28 जुलाई तक पंजाब में सिर्फ 82.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार इस महीने के 28 दिनों में 136.6 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार 43% कम बारिश हुई है, जो चिंता का विषय है। फतेहगढ़ साहिब की बात करें तो यहां राज्य में सबसे कम बारिश हुई है। यहां सामान्य से 71% कम बारिश हुई है। जबकि पठानकोट में सामान्य से 29% अधिक और तरनतारन और मानसा में भी सामान्य बारिश हुई। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब राज्य फार्मेसी काउंसिल की चुनाव प्रक्रिया शुरू, 6 चयनित सदस्य लेंगे हिस्सा
पंजाब राज्य फार्मेसी काउंसिल की चुनाव प्रक्रिया शुरू, 6 चयनित सदस्य लेंगे हिस्सा जालंधर | पंजाब राज्य फार्मेसी काउंसिल की चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस चुनाव प्रक्रिया में 6 चयनित सदस्यों का चुनाव होगा। चितकारा यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ठाकुर सुरजीत सिंह, सरदूलगढ़ से संजीव कुमार, पंजाब फार्मेसी काउंसिल के प्रधान सुशील कुमार बंसल, अमृतसर से सुरेंद्र कुमार शर्मा, जालंधर से तजेंद्र पाल सिंह और रवि शंकर नंदा इस चुनाव प्रक्रिया में अपनी किस्मत को आजमा रहे हैं। इस संबंध में तेजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि इस चुनाव प्रक्रिया में पंजाब के 40000 रजिस्टर्ड सदस्य अपने मत का प्रयोग करेंगे। 12 सितंबर से लेकर 5 अक्टूबर तक रजिस्ट्री पत्र के माध्यम से सदस्यों को अपने मत का प्रयोग करने के लिए निमंत्रण दिया जा रहा है । बाद में 28 अक्टूबर शाम तक जो सदस्य ऑनलाइन माध्यम से अपने मत का प्रयोग कर काउंसिल के प्रधान का चुनाव करेंगे। चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद 5 नवंबर को इसका परिणाम घोषित किया जाएगा। इस काउंसिल में कुल 15 सदस्य होते हैं ।
कनाडा मंदिर हमला केस- गिरफ्तारी के बाद छोड़ा आरोपी:खालिस्तान समर्थक की रिहाई से बढ़ा विवाद, हिंदुओं ने जताया रोष
कनाडा मंदिर हमला केस- गिरफ्तारी के बाद छोड़ा आरोपी:खालिस्तान समर्थक की रिहाई से बढ़ा विवाद, हिंदुओं ने जताया रोष कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में किए गए उपद्रव के मामले में कनाडा की पील पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी खालिस्तान समर्थक इंद्रजीत गोसाल के रूप में हुई है। आरोपी को पील पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। जिसके बाद उसे जमानत पर छोड़ दिया गया। इसे लेकर हिंदुओं में काफी रोष है और हिंदु इस बात का विरोध कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा- 21 डिवीजन आपराधिक जांच ब्यूरो और जांच दल (SIT) द्वारा ब्रैम्पटन मंदिर में हिंसक प्रदर्शन में शामिल एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अधिकारी बोले- शर्तों के साथ किया रिहा गिरफ्तारी के बाद आरोपी गोसाल को रिहा कर दिया गया था। अधिकारियों ने कहा- उसे शर्तों के साथ रिहा किया गया है और उसे बाद में ब्रैम्पटन में ओंटारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस में पेश होना है। 3 नवंबर 2024 को पील क्षेत्रीय पुलिस ने ब्रैम्पटन में गोर रोड पर एक मंदिर में प्रदर्शन के दौरान हुए विवाद पर कार्रवाई की। जैसे-जैसे विरोधी पक्षों के बीच तनाव बढ़ता गया, प्रदर्शन शारीरिक और हमलावर होते गए। पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान हुई कई घटनाओं की जांच शुरू की, जिनमें से कई वीडियो में कैद हो गईं। जिसमें लोगों पर हमला करने के लिए झंडे और डंडों का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति भी शामिल हैं। जिसमें ब्रैम्पटन के 35 वर्षीय इंद्रजीत गोसल की भी पहचान की गई थी। आरोपी को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की गई। 3 और 4 नवंबर की घटनाओं के दौरान आपराधिक घटनाओं की जांच करने के लिए समर्पित एक रणनीतिक जांच दल का गठन किया गया है। कनाडा में पहले भी मंदिरों पर हो चुके हमले कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में उच्चायोग ने हिंदू सभा मंदिर के बाहर कॉन्सुलर कैंप लगाया था। यह कैंप भारतीय नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगा था। इसमें जीवन प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के 40 साल पूरे होने को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे खालिस्तानी वहां पहुंचे और उन्होंने लोगों पर हमला कर दिया। कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने से भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है। PM मोदी ने उक्त हमले का किया था विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि हमें कनाडा सरकार से कार्रवाई की उम्मीद है। ऐसी घटनाएं हमें कमजोर नहीं कर सकती। पीएम मोदी ने लिखा था कि मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे डिप्लोमेट्स को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही निंदनीय हैं। ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी। कनाडाई पीएम ने भी घटना की निंदा की थी इस बारे में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी निंदा की थी। जिसमें उन्होंने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है। घटना के बाद से इलाके में तनाव है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। भारत का आरोप- वोट बैंक के लिए भारत विरोधी राजनीति कर रहे PM ट्रूडो भारत और कनाडा के बीच संबंधों में एक साल से भी ज्यादा समय से गिरावट देखी गई है। इसकी शुरुआत जून 2020 में खालिस्तानी समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद हुई। पिछले साल सितंबर में PM ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसी का हाथ है। इसके बाद ट्रूडो ने पिछले महीने 13 अक्टूबर निज्जर हत्याकांड में भारतीय राजनयिकों के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत ने संजय वर्मा समेत अपने 6 राजनयिकों को वापस बुला लिया। भारत का कहना है कि कनाडा सरकार के आरोप बेबुनियाद हैं। कनाडा ने भारत सरकार के साथ एक भी सबूत साझा नहीं किया है। वे बिना तथ्य के दावे कर रहे हैं। ट्रूडो सरकार राजनीतिक लाभ उठाने के लिए जानबूझकर भारत को बदनाम करने की कोशिश में जुटी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि PM ट्रूडो की भारत से दुश्मनी लंबे समय से जारी है। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो खुले तौर पर चरमपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं।
RGNUL मामले में 52 घंटे बाद जागी सरकार:शिक्षामंत्री ने रजिस्ट्रार से रिपोर्ट तलब की, पूर्व केंद्रीय मंत्री बोले- मामले की जांच हो
RGNUL मामले में 52 घंटे बाद जागी सरकार:शिक्षामंत्री ने रजिस्ट्रार से रिपोर्ट तलब की, पूर्व केंद्रीय मंत्री बोले- मामले की जांच हो पंजाब के पटियाला में स्थित राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (RGNUL) के वाइस चांसलर (VC) के गर्ल्स हॉस्टल की अचानक चेकिंग और उनके कपड़ों पर किए कमेंट को लेकर शुरू हुए बबाल के 52.32 घंटे बाद राज्य सरकार की भी नींद खुल गई है। शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इस मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार से इस बारे में रिपोर्ट तलब की है। साथ ही कहा है कि मैं छात्रों को आश्वासन देता हूं कि न्याय होगा। दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर और करुणा नंदी भी इस मामले को लेकर आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। जब तक जांच पूरी नहीं होती है, तब वीसी को पद से हटा देना चाहिए। शिक्षामंत्री ने यह पोस्ट में लिखा है शिक्षा मंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर मंगलवार रात एक पोस्ट डाली थी। इसमें उन्होंने लिखा है कि उच्च शिक्षा विभाग ने छात्रों के चल रहे विरोध प्रदर्शन के संबंध में RGNUL, पटियाला के रजिस्ट्रार से रिपोर्ट तलब की है। मैं छात्रों को आश्वासन देता हूं कि न्याय होगा। कुलपति को निजता के संवैधानिक अधिकार का पता नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि यह पढ़कर दुख होता है कि पटियाला के RGNUL को उस समय बंद कर दिया है। जब छात्र कुलपति के इस्तीफे की मांग की है। क्योंकि पहले आधी रात के बाद शराब पीने की जांच” करने के लिए यूनिवर्सिटी के वीसी ने लड़कियों के छात्रावास का औचक निरीक्षण किया। महिलाओं पर अपमानजनक टिप्पणी की। यह चौंकाने वाली बात है कि एक विधि विश्वविद्यालय के कुलपति को अपने छात्रों के निजता के संवैधानिक अधिकार के बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं है। सरकार को तुरंत एक जांच आयोग नियुक्त करना चाहिए, और कुलपति को इसके निष्कर्ष जारी होने तक पद से हट जाना चाहिए। उन्होंने मीडिया की खबर भी शेयर की। आरोप सही है तो भयावह है सुप्रीम कोर्ट की सीनियर वकील करुणा नंदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि अगर RGNUL के कुलपति के खिलाफ आरोप सच हैं तो वे भयावह हैं। जांच समिति का गठन तुरंत किया जाना चाहिए, जबकि कुलपति को अंतरिम अवकाश लेने के लिए कहा जाना चाहिए। सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला अचानक VC रेजिडेंस के सामने प्रदर्शन करने लगी छात्राएं रविवार (22 सितंबर) दोपहर करीब साढ़े 3 बजे लॉ यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने अचानक वीसी रेजिडेंस के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि वाइस चांसलर अचानक गर्ल्स हॉस्टल की चेकिंग करते हैं। वह जिन कपड़ों में होती हैं, उन पर कमेंट्स करते हैं। यह उनकी प्राइवेसी के अधिकार का उल्लंघन है। छात्राएं यहां ‘नॉट यूअर डॉटर’ के पोस्टर लेकर पहुंची थीं। यह धरना पूरी रात चलता रहा। वीसी ने उस वक्त मीडिया से बात नहीं की लेकिन यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रोफेसर आनंद पंवार ने छात्राओं के आरोपों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी कोई दिक्कत है तो यूनिवर्सिटी प्रशासन को बताना चाहिए। पुलिस थाना बख्शीवाला के इंचार्ज इंस्पेक्टर जसविंदर सिंह का कहना था कि उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली, इसलिए जांच शुरू नहीं की गई। रात भर रहा धरना, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कमेटी बनाई सोमवार तक छात्राओं के साथ दूसरे स्टूडेंट्स भी जुड़ गए और वे पूरी रात धरने पर बैठे रहे। उन्होंने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के सामने पक्का मोर्चा लगा दिया। हालात बिगड़ते देख यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 9 मेंबरी कमेटी गठित कर दी। कमेटी ने सोमवार दोपहर पौने 3 बजे छात्राओं को एडमिन ब्लॉक में आकर बयान दर्ज कराने को कहा। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट डालकर इस घटना को भयावह बताया है। साथ ही इस मामले की जांच की मांग उठाई है। भले ही यूनिवर्सिटी में अगले आदेशों तक छुट्टी कर दी गई है। लेकिन स्टूडेंट चौथे दिन भी डटे हुए है।शिक्षा मंत्री ने लिखा रिपोर्ट मांगी है। माहौल बिगड़ते देख यूनिवर्सिटी बंद की गई मामला बिगड़ते देख यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक नोटिस जारी किया। जिसमें स्टूडेंट्स के वेलफेयर का हवाला देकर यूनिवर्सिटी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दे दिया गया। इसमें ये भी कहा गया कि जो स्टूडेंट्स घर जाना चाहते हैं, वह जा सकते हैं। हालांकि स्टूडेंट्स ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, यह आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा। वीसी ने कहा- शिकायत की जांच के लिए गए थे मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक VC जेएस सिंह ने इस मामले में कहा कि गर्ल्स हॉस्टल में क्षमता से ज्यादा लड़कियों को रखने और आधी रात के बाद गर्ल्स हॉस्टल में स्मोकिंग और शराब पीने की शिकायतें मिली थी। जिसकी जांच के लिए वह हॉस्टल में गए थे। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वाइस चांसलर ने बातचीत में कहा कि जो लड़कियां स्मोकिंग और शराब नहीं पीती, उनकी शिकायत मिली थी। उनका कहना था कि ये सारा कार्यक्रम रात 12 बजे के बाद शुरू करते हैं। बाहर से खाने की आड़ में वे ये सब चीजें मंगवाती हैं। मैं फीमेल वार्डन और अच्छे व्यवहार वाली स्टूडेंट्स के साथ चेकिंग करने गया था। उन्होंने कहा कि हर बैच के कुछ स्टूडेंट्स विरोध कर रहे हैं। बाकी क्लासरूम में पढ़ाई करते रहे। मैंने किसी के कपड़ों पर कोई कमेंट नहीं किया। ये कुछ चुनिंदा स्टूडेंट्स की तरफ से झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।