बदायूं में डकैती-हत्या के 14 दोषियों को ताउम्र कैद, जुर्माना:कत्ल का बदला लेने को घरों में दिनदहाड़े डाका डाला, बीच गांव में काट डाला था आरोपी पक्ष का युवक

बदायूं में डकैती-हत्या के 14 दोषियों को ताउम्र कैद, जुर्माना:कत्ल का बदला लेने को घरों में दिनदहाड़े डाका डाला, बीच गांव में काट डाला था आरोपी पक्ष का युवक

बदायूं में डकैती-हत्या के 14 दोषियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। फैसला सुनाते वक्त कोर्ट ने 10 दोषियों पर 50-50 हजार तो सात पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। फैसला सुनाने से पहले स्पेशल जज डकैती रेखा शर्मा ने कोर्ट में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करा दिया, ताकि पूरी तरह शांति व्यवस्था कायम रहे। पुलिस के मुताबिक डीजीपी के ओर से चलाए जा रहे आपरेशन कंविक्शन के तहत प्रभावी पैरवी के बाद यह फैसला आया है। पूरा मामला जरीफनगर थाना क्षेत्र के गांव खरखोल का है। यहां रहने वाले हरपाल सिंह ने 15 फरवरी 2007 को 16 लोगों के खिलाफ डकैती के बाद युवक की हत्या का मुकदमा लिखाया था। इसमें बताया गया कि आठ दिन पहले गांव के ही राधेश्याम पुत्र जसवंत की हत्या अज्ञात लोगों ने कर दी थी। उसमें बेटे नरेश व अन्य परिजनों को नामजद करते हुए जेल भिजवा दिया गया था। इसी बात की रंजिश राधेश्याम के परिजन मानने लगे और 15 फरवरी की सुबह करीब आठ बजे हरपाल के घर धावा बोल दिया। उस वक्त हरपाल के भाई रेवी व आराम सिंह घर पर थे। दूसरे पक्ष के साधु सिंह, भरोसे, राम फूल, अतर सिंह , उरमान, राम सिंह, नरेश, भगवान सिंह, वीरपाल व वलवीर समेत करीब 16 लोग असलहा व फरसा आदि लेकर वहां आ धमके। हमलावरों ने दहशत फैलाने के लिहाज से जमकर फायरिंग की। साथ ही घरों में रखा सामान समेत चार बैलगाड़ी, आठ बैल, एक घोड़ी, 20 भैंस व उनके बच्चे, जेवरात आदि कीमती सामान लूटकर ले गए। बेटे को बीच गांव में काट डाला
जाते वक्त हमलावर वादी के बेटे पान सिंह को घर से खींचकर ले गए। उसे बीच गांव में मंदिर के पास जाकर जमीन पर पटका और कुल्हाड़ी से काट डाला। इस वारदात के बाद पूरा गांव सहम गया। पुलिस जघन्य हत्या-लूटकांड की सूचना पर पहुंची और तहरीर लेकर मुकदमा लिख लिया। जबकि तफ्तीश के बाद 16 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। दो आरोपियों की हो चुकी मौत
मुकदमे के ट्रायल के दौरान आरोपी साधु सिंह व रामौतार की मौत हो गई। जबकि बाकी के आरोपी फिलहाल जीवित हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद साक्ष्यों का अवलोकन किया। जबकि इसके बाद यह सजा सुनाई है। बदायूं में डकैती-हत्या के 14 दोषियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। फैसला सुनाते वक्त कोर्ट ने 10 दोषियों पर 50-50 हजार तो सात पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। फैसला सुनाने से पहले स्पेशल जज डकैती रेखा शर्मा ने कोर्ट में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करा दिया, ताकि पूरी तरह शांति व्यवस्था कायम रहे। पुलिस के मुताबिक डीजीपी के ओर से चलाए जा रहे आपरेशन कंविक्शन के तहत प्रभावी पैरवी के बाद यह फैसला आया है। पूरा मामला जरीफनगर थाना क्षेत्र के गांव खरखोल का है। यहां रहने वाले हरपाल सिंह ने 15 फरवरी 2007 को 16 लोगों के खिलाफ डकैती के बाद युवक की हत्या का मुकदमा लिखाया था। इसमें बताया गया कि आठ दिन पहले गांव के ही राधेश्याम पुत्र जसवंत की हत्या अज्ञात लोगों ने कर दी थी। उसमें बेटे नरेश व अन्य परिजनों को नामजद करते हुए जेल भिजवा दिया गया था। इसी बात की रंजिश राधेश्याम के परिजन मानने लगे और 15 फरवरी की सुबह करीब आठ बजे हरपाल के घर धावा बोल दिया। उस वक्त हरपाल के भाई रेवी व आराम सिंह घर पर थे। दूसरे पक्ष के साधु सिंह, भरोसे, राम फूल, अतर सिंह , उरमान, राम सिंह, नरेश, भगवान सिंह, वीरपाल व वलवीर समेत करीब 16 लोग असलहा व फरसा आदि लेकर वहां आ धमके। हमलावरों ने दहशत फैलाने के लिहाज से जमकर फायरिंग की। साथ ही घरों में रखा सामान समेत चार बैलगाड़ी, आठ बैल, एक घोड़ी, 20 भैंस व उनके बच्चे, जेवरात आदि कीमती सामान लूटकर ले गए। बेटे को बीच गांव में काट डाला
जाते वक्त हमलावर वादी के बेटे पान सिंह को घर से खींचकर ले गए। उसे बीच गांव में मंदिर के पास जाकर जमीन पर पटका और कुल्हाड़ी से काट डाला। इस वारदात के बाद पूरा गांव सहम गया। पुलिस जघन्य हत्या-लूटकांड की सूचना पर पहुंची और तहरीर लेकर मुकदमा लिख लिया। जबकि तफ्तीश के बाद 16 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। दो आरोपियों की हो चुकी मौत
मुकदमे के ट्रायल के दौरान आरोपी साधु सिंह व रामौतार की मौत हो गई। जबकि बाकी के आरोपी फिलहाल जीवित हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद साक्ष्यों का अवलोकन किया। जबकि इसके बाद यह सजा सुनाई है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर