बरनाला विधानसभा उप चुनाव के दौरान सांसद मीत हेयर का घर विभिन्न संगठनों के संघर्ष का केंद्र बिंदू बन गया है। आज मीत हेयर के घर के सामने अपनी मांगों को लेकर धरना देने पहुंचे आदर्श विद्यालयों के शिक्षकों और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। इसी बीच टीचर ने पुलिस बैरिकेड्स को उखाड दिया। पुलिस के साथ झड़प में कई शिक्षक घायल हो गए। अध्यापकों के पक्ष में किसान संगठन भी वहां आ गए, जिन्होंने अध्यापकों के साथ पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर प्रदर्शनकारी घायल अध्यापिका सुखदीप कौर सरहान ने कहा कि वे सांसद मीत हेयर के घर के सामने शांतिपूर्वक धरना देने पहुंचे थे। इस दौरान वे बैरिकेडिंग तोड़कर सांसद के घर के सामने आ गए। जिस दौरान उनके साथ पुलिस ने धक्का-मुक्की की है। जिस दौरान वह घायल भी हो गए। वेतन बढ़वाने के लिए कर रहे संघर्ष इस मौके पर प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने कहा कि वे कई वर्षों से कम वेतन पर आदर्श स्कूलों में काम कर रहे हैं और वेतन बढ़वाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस संबंध में शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री की पत्नी के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं। हर बार शिक्षा मंत्री यह कह कर अपना पल्लडा झाड़ लेते हैं कि हमारे मामले की फाइलें मुख्यमंत्री की टेबल पर हैं, लेकिन हमारी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि तीन साल से हमारी ग्रेड-पे की फाइल मुख्यमंत्री की टेबल पर लटकी हुई है। उन्होंने कहा कि ग्रेड तीन या शिक्षकों का वेतन मात्र 10-12 हजार है, जिससे आज के महंगाई के दौर में गुजारा करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार स्कूल ऑफ एमिनेंस और खेलों के कार्यक्रम ला रही है, लेकिन हमारे आदर्श स्कूलों की मांगें नहीं मानी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आज सांसद मीत हेयर के घर के सामने पुलिस की धक्का-मुक्की में उनके शिक्षक भी घायल हो गए हैं। सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देने की जरूरत है। आदर्श विद्यालयों के कर्मचारियों का पे-ग्रेड निर्धारित किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को हमारी मांगें मान लेनी चाहिए और दीवाली के मौके पर हमें दिवाली का तोहफा देना चाहिए। बरनाला विधानसभा उप चुनाव के दौरान सांसद मीत हेयर का घर विभिन्न संगठनों के संघर्ष का केंद्र बिंदू बन गया है। आज मीत हेयर के घर के सामने अपनी मांगों को लेकर धरना देने पहुंचे आदर्श विद्यालयों के शिक्षकों और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। इसी बीच टीचर ने पुलिस बैरिकेड्स को उखाड दिया। पुलिस के साथ झड़प में कई शिक्षक घायल हो गए। अध्यापकों के पक्ष में किसान संगठन भी वहां आ गए, जिन्होंने अध्यापकों के साथ पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर प्रदर्शनकारी घायल अध्यापिका सुखदीप कौर सरहान ने कहा कि वे सांसद मीत हेयर के घर के सामने शांतिपूर्वक धरना देने पहुंचे थे। इस दौरान वे बैरिकेडिंग तोड़कर सांसद के घर के सामने आ गए। जिस दौरान उनके साथ पुलिस ने धक्का-मुक्की की है। जिस दौरान वह घायल भी हो गए। वेतन बढ़वाने के लिए कर रहे संघर्ष इस मौके पर प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने कहा कि वे कई वर्षों से कम वेतन पर आदर्श स्कूलों में काम कर रहे हैं और वेतन बढ़वाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस संबंध में शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री की पत्नी के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं। हर बार शिक्षा मंत्री यह कह कर अपना पल्लडा झाड़ लेते हैं कि हमारे मामले की फाइलें मुख्यमंत्री की टेबल पर हैं, लेकिन हमारी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि तीन साल से हमारी ग्रेड-पे की फाइल मुख्यमंत्री की टेबल पर लटकी हुई है। उन्होंने कहा कि ग्रेड तीन या शिक्षकों का वेतन मात्र 10-12 हजार है, जिससे आज के महंगाई के दौर में गुजारा करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार स्कूल ऑफ एमिनेंस और खेलों के कार्यक्रम ला रही है, लेकिन हमारे आदर्श स्कूलों की मांगें नहीं मानी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आज सांसद मीत हेयर के घर के सामने पुलिस की धक्का-मुक्की में उनके शिक्षक भी घायल हो गए हैं। सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देने की जरूरत है। आदर्श विद्यालयों के कर्मचारियों का पे-ग्रेड निर्धारित किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को हमारी मांगें मान लेनी चाहिए और दीवाली के मौके पर हमें दिवाली का तोहफा देना चाहिए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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इमरजेंसी फिल्क की रिलीज अटकी:कंगना रनोट का फैंस को संदेश; बोली- सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट की प्रतीक्षा कर रहे हैं
इमरजेंसी फिल्क की रिलीज अटकी:कंगना रनोट का फैंस को संदेश; बोली- सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट की प्रतीक्षा कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद व ऐक्ट्रैस कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी की रिलीज अटक गई है। फिल्म की रिलीज तारीख 6 सितंबर थी, लेकिन सिख संगठनों व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के विरोध के बाद सेंसर बोर्ड की तरफ से सर्टिफिकेट ही नहीं दिया गया। जिसके बाद कंगना ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर अपने समर्थकों व फैंस के लिए संदेश दिया है। कंगना ने सोशल मीडिया पर संदेश में लिखा- भारी मन से मैं घोषणा करता हूं कि मेरी निर्देशित इमरजेंसी को स्थगित कर दिया गया है, हम अभी भी सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, नई रिलीज की तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी, आपकी समझ और धैर्य के लिए धन्यवाद। दरअसल, फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ एडवोकेट ईमान सिंह खारा की तरफ से याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई बीते सप्ताह हुई। कोर्ट में सेंसर बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल किया कि इस फिल्म को अभी तक रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया। जवाब के अनुसार फिल्म के खिलाफ कई शिकायतें हैं। शिकायतों को सुने जाने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। एसजीपीसी ने सीन डिलीट करने की मांग रखी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल पहले ही कह चुके हैं कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ-साथ सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। फिल्म का विरोध सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे कि इसमें कंगना रनोट हैं। हमारा रुख हमारे तर्क पर आधारित है। गुरुद्वारा कमेटी ने भी एक कानूनी नोटिस जारी किया था। कई स्टेट्स में याचिका दायर की गई हैं। कंगना अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए बहुत कुछ करती हैं। उनका कहना है कि उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। ये सब फिल्म प्रमोशन के स्टंट हैं, लेकिन अगर सेंसर बोर्ड ने यह (फिल्म को पास न करने का) फैसला किया है, तो यह एक अच्छी बात है, क्योंकि यह मामला सिर्फ सिखों से जुड़ा नहीं है, यह देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है। कंगना सहित जी-स्टूडियो को भेजा जा चुका नोटिस इससे पहले SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा एसजीपीसी की तरफ से कंगना रनोट सहित फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने वाले जी-स्टूडियो को भी नोटिस भेजा जा चुका है। कंगना के बयान से भाजपा ने पल्ला झाड़ा फिल्म इमरजेंसी के विवाद के बीच दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू के बीच कंगना रनोट ने किसानों को लेकर विवादित बयान दे दिया। कंगना का कहना था कि किसान आंदोलन के दौरान रेप हुए और कत्ल हुए। जिसके बाद कंगना एक बार फिर कंट्रोवर्सियों में फंस गई। अंत में भाजपा ने भी उनके इस बयान से पल्ला झाड़ लिया। भाजपा को अलग से बयान जारी करना पड़ा। जिसमें कहा गया- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। कंगना को पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं हैं। पार्टी ने उन्हें आगे ऐसे बयान ना देने की हिदायत भी दी थी। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा सांसद अमृतपाल:NSA के तहत नजरबंदी रद्द करने की मांग; कहा- स्वतंत्रता का अधिकार छीना गया
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा सांसद अमृतपाल:NSA के तहत नजरबंदी रद्द करने की मांग; कहा- स्वतंत्रता का अधिकार छीना गया राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब से नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह ने शुक्रवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अमृतपाल द्वारा दायर अर्जी में उन्होंने हिरासत आदेशों सहित एनएसए के तहत शुरू की गई पूरी कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है। अमृतपाल सिंह ने दायर अर्जी में कहा कि एनएसए के तहत उनकी हिरासत अवैध है। इसे रद्द किया जाना चाहिए। न केवल एक साल से अधिक समय तक हिरासत अधिनियम लागू करके बल्कि उन्हें पंजाब से 2600 किलोमीटर दूर हिरासत में रखकर असामान्य और क्रूर तरीके से उनकी स्वतंत्रता के अधिकार को पूरी तरह से छीन लिया गया है। अमृतपाल सिंह का कहना है कि इस नजरबंदी का कोई उद्देश्य नहीं है, सिवाय इसके कि उन्हें प्रमुख राजनीतिक मुद्दों पर राज्य और केंद्र सरकारों के खिलाफ बोलने के लिए दंडित किया जा रहा है, जो इस देश के प्रत्येक नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है। अमृतसर डीसी द्वारा एनएसए लगाए जाने को गलत ठहराया गया अमृतपाल सिंह ने अपनी अर्जी में कहा है कि उनकी हिरासत का आधार मुख्य रूप से दुनिया भर के विभिन्न व्यक्तियों द्वारा अपलोड किए गए सोशल मीडिया पोस्ट हैं। जिसका पंजाब राज्य में शायद ही कोई प्रभाव पड़ता हो। भारत राज्य की सुरक्षा इतनी कमजोर नहीं हो सकती कि सोशल मीडिया पोस्ट से उस पर असर पड़ सके। अमृतपाल सिंह ने अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा एनएसए के तहत भारत की सुरक्षा के संबंध में आदेश पारित किए जाने को भी गलत ठहराया है। याचिका में कहा गया है कि अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट एनएसए की धारा 3(3) के तहत “भारत की सुरक्षा” के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं कर सकते हैं और केवल केंद्र सरकार या राज्य सरकार ही एनएसए की धारा 3(1) के तहत इसे जारी कर सकती है। मार्च 2023 से डिब्रूगढ़ जेल में बंद है अमृतपाल अमृतपाल सिंह की बात करें तो वे मार्च 2023 से NSA के तहत असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। NSA एक ऐसा कानून है जो सरकार को बिना किसी औपचारिक आरोप के 12 महीने तक किसी व्यक्ति को हिरासत में रखने की अनुमति देता है। लेकिन अमृतपाल सिंह की हिरासत अवधि तीन महीने और बढ़ा दी गई है। चुनाव से पहले परिवार ने अमृतपाल सिंह और उनके 9 साथियों को पंजाब शिफ्ट करने के कई प्रयास किए, जो असफल रहे। अंत में परिवार ने अमृतपाल सिंह को लोकसभा चुनाव में उतारने की कोशिश की। हैरानी की बात यह रही कि खडूर साहिब की जनता ने पारंपरिक पार्टियों को इस कदर नकार दिया कि अमृतपाल 1.97 लाख वोटों के अंतर से जीत गए। 12 मामले हैं अमृतपाल पर सरकार चुनावों के परिणाम देखते हुए अगर NSA हटा देती है तो भी अमृतपाल सिंह को अदालतों के फेर में फंसे रहना पड़ेगा। अमृतपाल सिंह पर अजनाला थाने पर अवैध हथियारों के साथ हमला करने सहित 12 मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। इतना ही नहीं, एक मामला उस पर असम के थाने में भी दर्ज है। जिसमें उससे पुलिस ने सर्च के दौरान डिब्रूगढ़ जेल से इलेक्ट्रानिक गैजेट्स बरामद किए थे।
अमृतसर में युवक ने किया सुसाइड:पहले पत्नी और बेटे पर किया चाकू से हमला, काफी समय से नहीं कर रहा था काम
अमृतसर में युवक ने किया सुसाइड:पहले पत्नी और बेटे पर किया चाकू से हमला, काफी समय से नहीं कर रहा था काम अमृतसर के बटाला रोड स्थित मुस्तफाबाद में एक युवक ने पहले अपनी पत्नी और बेटे पर हमला किया, फिर खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक मानसिक रुप से परेशान बताया जा रहा था और नशे का आदी था। वहीं पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। मृतक अनिल कुमार के रिश्तेदार ने बताया कि अनिल कुमार काफी समय से कोई काम नहीं कर रहा था। वह नशे का भी आदी था। आज सुबह पत्नी के साथ उसका झगड़ा हुआ था जिसके बाद 4 बजे पहले उसने अपनी पत्नी और बेटे पर चाकुओं से हमला किया। जिससे वह दोनों गंभीर रुप से घायल हो गए। दोनों को मरा समझ खुद को लगाई आग परिवार के लोगों को चाकुओं से गोदकर मृतक ने उन्हें बेहोश कर दिया। दोनों को मरा समझकर उसके खुद को दूसरे कमरे में बंद कर लिया और वहां आग लगा ली। जिसके बाद दम घुटने से उसकी मौत हो गई। मोहल्ले वालों लोगों ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया, जहां महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है। जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनिल कुमार मानसिक रूप से असंतुलित था, इसलिए आज उसने अपनी पत्नी के बच्चे पर हमला कर उसे मारने की कोशिश की और बाद में खुद को कमरे में आग लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और बच्चे का इलाज अस्पताल में चल रहा है और अनिल कुमार के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।