दुर्गा एनक्लेव में अवारा कुत्तों का आतंक…:इलाकावासी बोले- अब तो घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है भास्कर न्यूज | जालंधर आदमपुर में कांग्रेस व अकाली दल के कैंडिडेट जीतते रहे हैं। आप का खाता नहीं खुला। वर्तमान राज्य सरकार के 3 साल पूरे होने पर अधूरे प्रोजेक्टों के बारे में इस इलाके में चर्चा है। आदमपुर एयरपोर्ट रोड, मेन बाजार के सामने अधूरे फ्लाईओवर प्रोजेक्ट अब तक नहीं बने हैं। फ्लाईओवर न बनने से बिस्त दोआब नगर की संकरी पुली के कारण लगने वाले जाम के शिकार हो चुके हैं। नया कॉलेज न बनने से भी नाराजगी है। इस समय कांग्रेस के सुखविंदर सिंह कोटली आदमपुर से ही विधायक हैं। बुजुर्गों ने कहा- जनवरी से अप्रैल तक एनआरआईज के कारण यहां का बाजार खचाखच भरा होता है। इस कारण लोगों खरीदारी के लिए बड़े शहरों में जाने लगे हैं। लॉ एंड ऑर्डर को भी और बेहतरीन करने की मांग हो रही है। जहां विधायक कोटली प्रदेश सरकार पर आदमपुर को इग्नोर करने का आरोप लगा रहे हैं तो सत्तापक्ष के टीनू रहते हैं कि सड़कें जल्द बनेंगी। सरकार विकास कार्यों को लेकर बहुत ही सकारात्मक सोच रखती है। जालंधर| दुर्गा एनक्लेव नजदीक सोढल रोड में बंद स्ट्रीट लाइटों और अवारा कुत्तों की समस्या से इलाकावासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इलाके की समस्या के संबंध में निगम अधिकारियों को बताया गया, लेकिन किसी भी प्रकार से कोई सुनवाई नहीं हुई। इलाकावासियों ने बताया कि बुधवार शाम लगभग 7 बजे गली में बच्चे खेल रहे थे। अचानक कुत्तों के झुंड ने हमला कर दस साल के अक्षण पर हमला कर दिया, जिससे इलाके में बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों के मन में भय बना हुआ है। अब वह घर से बाहर निकलने में भी संकोच कर रहे हैं। इलाकावासियों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि इलाके की समस्या पर ध्यान दें। पीड़ित बच्चे की मां नेहा ने बताया कि हम इलाके में लगभग 3 साल रहे हैं। लेकिन दिन-प्रतिदिन कुत्तों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। उन्होंने बताया कि बच्चों के पेपर खत्म होने के बाद अब बच्चों को घर में भी नहीं बैठा सकते। बच्चे खेलने के लिए बाहर निकलते हैं तो कुत्तों की समस्या बनी हुई है। अब करें तो क्या करें…। निगम के हेल्थ ऑफिसर ने बताया कि जिस वार्ड में कुत्तों की शिकायत मिलती है, वहां पर टीम को भेज दिया जाता है। वैसे डॉग्स में रोजाना 20 से 25 कुत्तों की नसबंदी करने का काम जारी है। ^विधायक कोटली अपनी ड्यूटी भूल चुके हैं। विधायक का रुतबा चीफ सेक्रेटरी के बराबर होता है। वह अपने हलके के काम सरकार तथा अफसरों के पास रखता है। विधायक कोटली अपनी ड्यूटी भूल गए। वह बताएं कि हलके में कितनी सड़कें बनवाई हैं? मुझ से इलाके के लोगों ने सड़कों के मुद्दे पर संपर्क किया था। मैंने ये मामला मुख्यमंत्री मान के सामने रखा। जल्द सड़कों का काम आरंभ होगा। विधायक कोटली की धरना-प्रदर्शन की सियासत गैर तरक्की वाली है। धरनों की सियासत हमेशा सही नहीं होती।’ -पवन टीनू , पूर्व विधायक ^आदमपुर हलके को सरकार इग्नोर कर रही है। मैंने विधानसभा में अधूरी योजनाओं के 10 मामले रखे हैं। सीएम मान ने आदमपुर आकर वादा किया कि हाईवे का अधूरा फ्लाईओवर पूरा कराएंगे, ये आज तक अधूरा है। आदमपुर में सरकारी कॉलेज चाहिए। पूर्व सरकार में कांशी राम जी के नाम पर िडग्री कॉलेज की योजना मंजूर हुई। इसे राज्य सरकार ने रोक रखा है। एयरपोर्ट रोड के लिए जमीन के एक हिस्से का अधिग्रहण नहीं किया जा रहा, जिससे प्रोजेक्ट अधूरा है। आदमपुर को चंडीगढ़ से जोड़ने वाले रूट पर रोड चौड़ी कर हाईवे के मानकोें पर लाने का मुद्दा भी रखा। जालंधर के सरफेस वाटर प्रोजेक्ट का ट्रीटमेंट प्लांट आदमपुर में बना है, लेकिन हमारे कस्बे को इसका पानी देने की योजना का लाभ नहीं मिला। सब डिवीजन तो आदमपुर बना, लेकिन अफसर बैठें कहां? भोगपुर चीनी मिल में सीएनजी प्लांट लगाने से होने वाले प्रदूषण के मुद्दे पर आंदोलन चल रहा है। पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप, पंचायतों को फंड देने पर सरकार उदासीन है। -सुखविंदर सिंह कोटली, विधायक