पंजाब में बरनाला जिले के कस्बा भदौड़ के बाजाखाना रोड पर हुए एक हादसे में दो छात्रों की मौत हो गई। यह हादसा मीरी पीरी खालसा कॉलेज भदौड़ के पास ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल की सीधी टक्कर दौरान हुआ। जानकारी के अनुसार गांव गुरुसर (बठिंडा) निवासी जसविंदर सिंह और भगता भाई (बठिंडा) निवासी तरनप्रीत सिंह दोनों अकाल अकादमी भदौड़ में बारहवीं कक्षा के छात्र थे। स्कूल में गुरुपर्व समारोह मनाया जा रहा था। दोनों छात्र अपने ड्यूटी कार्य में लगे हुए थे। डीएमसी लुधियाना में तोड़ा दम दोपहर बाद वह दोनों स्कूल से छुट्टी पाकर मोटरसाइकिल से अपने घर लौट रहे थे। जब वह मीरी पीरी खालसा कॉलेज के पास पहुंचे तो सामने से आ रहे ट्रैक्टर ने बाइक को टक्कर मार दी। जिससे दोनों छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें तुरंत सिवल अस्पताल बरनाला दाखिल कराया गया। जहां से डाक्टरों ने ने उन्हें डीएमसी लुधियाना रेफर कर दिया, जहां इलाज के दौरान उक्त दोनों छात्रों की मौत हो गई। अकाल अकादमी की प्रिंसिपल मेडल प्रीति ग्रोवर और जसवंत सिंह साइना समेत पूरे स्टाफ ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहरा दुख जताया और परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। भदौड़ पुलिस थाने के एएसआई कमलजीत सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और ट्रैक्टर चालक भजन सिंह भदौड़ के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। पंजाब में बरनाला जिले के कस्बा भदौड़ के बाजाखाना रोड पर हुए एक हादसे में दो छात्रों की मौत हो गई। यह हादसा मीरी पीरी खालसा कॉलेज भदौड़ के पास ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल की सीधी टक्कर दौरान हुआ। जानकारी के अनुसार गांव गुरुसर (बठिंडा) निवासी जसविंदर सिंह और भगता भाई (बठिंडा) निवासी तरनप्रीत सिंह दोनों अकाल अकादमी भदौड़ में बारहवीं कक्षा के छात्र थे। स्कूल में गुरुपर्व समारोह मनाया जा रहा था। दोनों छात्र अपने ड्यूटी कार्य में लगे हुए थे। डीएमसी लुधियाना में तोड़ा दम दोपहर बाद वह दोनों स्कूल से छुट्टी पाकर मोटरसाइकिल से अपने घर लौट रहे थे। जब वह मीरी पीरी खालसा कॉलेज के पास पहुंचे तो सामने से आ रहे ट्रैक्टर ने बाइक को टक्कर मार दी। जिससे दोनों छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें तुरंत सिवल अस्पताल बरनाला दाखिल कराया गया। जहां से डाक्टरों ने ने उन्हें डीएमसी लुधियाना रेफर कर दिया, जहां इलाज के दौरान उक्त दोनों छात्रों की मौत हो गई। अकाल अकादमी की प्रिंसिपल मेडल प्रीति ग्रोवर और जसवंत सिंह साइना समेत पूरे स्टाफ ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहरा दुख जताया और परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। भदौड़ पुलिस थाने के एएसआई कमलजीत सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और ट्रैक्टर चालक भजन सिंह भदौड़ के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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श्री अकाल तख्त साहिब की चिट्ठी वायरल:सुखबीर बादल सहित 17 पूर्व मंत्रियों को नोटिस; 15 दिन में देना है जवाब
श्री अकाल तख्त साहिब की चिट्ठी वायरल:सुखबीर बादल सहित 17 पूर्व मंत्रियों को नोटिस; 15 दिन में देना है जवाब पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रधान सुखबीर बादल सहित 17 पूर्व मंत्रियों को श्री अकाल तख्त साहिब से नोटिस भेजा गया है। 30 अगस्त को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक के बाद जारी आदेश की कॉपी वायरल हुई है। जिसमें सुखबीर बादल सहित 17 पूर्व अकाली मंत्रियों के नाम दर्ज हैं। इन सभी को 15 दिन में अपना-अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी लेटर में लिखा गया है- आप को सूचित किया जाता है कि 30 अगस्त 2024 को 5 सिख साहिबान की बैठक श्री अकाल तख्त साहिब में हुई। जिसमें शिरोमणि अकाली दल के साथ उस समय के कैबिनेट मिनिस्टर होते हुए आप भी बराबर के जिम्मेदार हैं। जिस लिए आप ने अपना स्पष्टीकरण 15 दिन के अंदर-अंदर श्री अकाल तख्त साहिब में निजी तौर पर पेश होकर दें। जाने कौन-कौन से पूर्व अकाली मंत्रियों को भेजा गया नोटिस सुखबीर बादल सहित इस नोटिस में डॉ. उपिंदर कौर, आदेश प्रताप सिंह कैरों, गुलजार सिंह रणिके, परमिंदर सिंह, सुच्चा सिंह लंगाह, जनमेजा सिंह, हीरा सिंह, सरवन सिंह फिल्लौर, सोहन सिंह, दलजीत सिंह, सिकंदर सिंह मलूका, बीबी जगीर कौर, मनप्रीत सिंह बादल, शरणजीत सिंह, सुरजीत सिंह और महेशइंद्र सिंह को ये नोटिस जारी किया गया है। बेअदबी व डेरा सच्चा सौदा मुखी को काफी दिलाने के खिलाफ हुई कार्रवाई सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।” अगले ही दिन सुखबीर पहुंचे थे श्री अकाल तख्त साहिब आदेश जारी किए जाने के अगले ही दिन सुखबीर बादल और डॉ. दलजीत चीमा व गुलाजर सिंह रणिके के साथ श्री अकाल तख्त साहिब पहुंच गए थे। इस दौरान उन्होंने अपना स्पष्टीकरण श्री अकाल तख्त साहिब पर सौंपा था और श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक होकर माफी भी मांगी थी। बैठक से पहले अकाली दल ने बनाया कार्यकारी प्रधान अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से एक दिन पहले ही पूर्व सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ को कार्यकारी प्रधान नियुक्त कर दिया था। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है। कार्यकारी प्रधान नियुक्त किए गए बलविंदर सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी हैं। अकाली दल के बागी गुट ने सौंपा था माफीनामा अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। इस दौरान जत्थेदार को माफ़ीनामा सौंपा गया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई- 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने 10वें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। 14 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। सुखबीर बादल के स्पष्टीकरण को सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी। जिसके बाद 5 जुलाई को स्पष्टीकरण सार्वजनिक किया गया। जाने क्या लिखा था स्पष्टीकरण में सुखबीर बादल द्वारा श्री अकाल तख्त पर बंद लिफाफे में दिए गए स्पष्टीकरण के साथ दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का भी एक पुराना पत्र वायरल किया, जो बेअदबी की घटनाओं के बाद लिखा गया था। इसमें प्रकाश सिंह बादल ने अपने दिल का दर्द बयां किया था। प्रकाश सिंह बादल द्वारा अक्तूबर 2015 में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को दिए गए पत्र में बेअदबी की घटनाओं पर अपना दुख व्यक्त किया था। सितंबर 2015 में बेअदबी की बड़ी घटनाएं हुईं। उस वक्त आरोपियों को पकड़ न पाने के प्रदर्शन के लिए तत्कालीन अकाली सरकार की आलोचना हुई थी। 17 अक्तूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका और श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को एक पत्र सौंपा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि पंजाब का प्रशासनिक मुखिया होने के नाते मुझे इस तरह की अप्रत्याशित घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी है। मैंने सौंपे गए कर्तव्यों का पूरी लगन और परिश्रम से पालन करने की कोशिश की है, लेकिन अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते समय कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है, जो अचानक घटित होता है। इससे आपका मन गहरी पीड़ा से गुजरता है और आप आत्मिक रूप से परेशान हो जाते हैं। इस मामले में हमारी पश्चाताप की भावना प्रबल है। ऐसे समय में वे आंतरिक पीड़ा से भी गुजर रहे हैं, ऐसी भावना के साथ, वे गुरु को नमन कर रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं कि गुरु साहब शक्ति और दया प्रदान करें।
लुधियाना ESIC अस्पताल के कर्मी और उसका साथी गिरफ्तार:नौकरी लगवाने के नाम पर मांगी रिश्वत, 25000 रुपए नकदी बरामद
लुधियाना ESIC अस्पताल के कर्मी और उसका साथी गिरफ्तार:नौकरी लगवाने के नाम पर मांगी रिश्वत, 25000 रुपए नकदी बरामद पंजाब के लुधियाना में विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने बुधवार को ESIC अस्पताल में तैनात सुखबीर सिंह और उसके साथी नवनीत कुमार निवासी गुरु अर्जन देव नगर को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। SSP रविंदरपाल सिंह संधू ने कहा कि आरोपियों को लुधियाना जिले के गांव फुल्लांवाल निवासी दिनेश कुमार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने विजिलेंस से संपर्क किया और बताया कि उसे पता चला है कि ESIC अस्पताल, भारत नगर चौक लुधियाना में एग्रीमेंट के आधार पर लैब टेक्नीशियन के पद भरे जाने थे। इस संबंध में वह ESICअस्पताल की एचआर शाखा के सुखबीर सिंह से मिला। जिन्होंने उसे अपने वॉट्सऐप नंबर पर अपनी शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज भेजने के लिए कहा। नौकरी दिलवाने के नाम पर मांगी रिश्वत शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि कुछ दिनों के बाद एक अज्ञात व्यक्ति ने उसे समराला चौक पर मिलने के लिए बुलाया और बताया कि सुखबीर सिंह ने अस्पताल में नौकरी लगवाने के लिए 1,10,000 रुपए की रिश्वत मांगी है। इसके बाद सुखबीर सिंह ने काम करवाने के लिए 100000 रुपए का प्रबंध करने को भी कहा। 25 हजार नकदी लेते पकड़ा SSP रविंदरपाल सिंह संधू ने कहा कि इस शिकायत की प्राथमिक जांच के बाद विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाया और दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में शिकायतकर्ता से 25000 रुपए की रिश्वत लेते समय उक्त आरोपी सुखबीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद मुख्य आरोपी सुखबीर सिंह के एक साथी नवनीत कुमार निवासी गुरु अर्जन देव नगर लुधियाना को भी समराला चौक लुधियाना से गिरफ्तार कर लिया गया। इस संबंध में दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7 A और IPC की धारा 120-बी के तहत विजिलेंस ब्यूरो के थाना लुधियाना रेंज में मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों को कल अदालत में पेश किया जाएगा।
लुधियाना में ड्रग ओवरडोज से युवक की मौत,VIDEO:दोस्तों ने दिया नशा,बेसुध हुआ तो सिर पत्थर पर पटकने लगा,पोस्टमॉर्टम में होगा खुलासा
लुधियाना में ड्रग ओवरडोज से युवक की मौत,VIDEO:दोस्तों ने दिया नशा,बेसुध हुआ तो सिर पत्थर पर पटकने लगा,पोस्टमॉर्टम में होगा खुलासा पंजाब के लुधियाना में ड्रग ओवरडोज से 19 वर्षीय युवक की मौत का मामला सामने आया है। ओवरडोज के बाद किस तरह युवक ने दम तोड़ा इसकी वीडियो भी लोगों ने बनाई। रूह कंपाने वाली इस वीडियो ने पुलिस के दावों को कटघरे में खड़ा कर दिया है जो नशा खत्म करने का दावा करते है। मरने वाले युवक का नाम दीपक (19) है। मृतक दीपक राहों रोड का रहने वाला है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। आज दीपक का पोस्टमॉर्टम होगा जिसमें मौत के असल कारणों का पता चलेगा। लोगों ने बनाई वीडियो मामला न्यू बाजवा नगर का है। जहां दो दोस्तों ने अपने साथी को ओवरडोज दी, जब वो बेसुध हो गया तो उसका सिर पत्थरों पर पटकने लगे। ये सारा मामला पास के लोगों ने अपने कैमरों में रिकार्ड कर लिया। लोगों को देखकर दोनों साथी फरार हो गए। युवक को बेसुध हालत में पड़ा देख लोगों ने तुरंत एम्बुलेंस और पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया। पुलिस कर्मचारियों की मदद से बेसुध युवक को डॉक्टर के पास पहुंचाया लेकिन डॉक्टर ने उसे मृतक करार दे दिया। होश में लाने के लिए जमीन पर सिर पटकने लगा दोस्त
इलाके लोगों के मुताबिक न्यू बाजवा नगर के खाली प्लाट में युवक नशा करने के लिए आते हैं। जिनमें दीपक भी आया था। उसके साथ उसके दो और दोस्त थे, जोकि पहले ही नशे में थे। प्लाट में आने के बाद उन्होंने पहले खुद एक-एक इंजेक्शन लगाया और फिर दीपक को इंजेक्शन लगाने लगे। दीपक को इंजेक्शन जैसे ही लगाया, तो दीपक को झटका लगा और वो पीछे की तरफ गिर गया। जिसके बाद उसे सांस मुश्किल से आने लगी। दीपक के दोस्त नशे में इस कदर चूर थे कि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। उनमें से एक ने दीपक का सिर पकड़ा और उसे नीचे पटकने लगे, उन्हें ये भी पता नहीं चला कि नीचे पत्थर है, वो लगातार उसका सिर पटक रहे थे, लेकिन वो होश में नहीं आ रहा था। दीपक के दोस्त को जब उसकी वीडियो बनने का पता चला तो वह खुद अपना हाथ माथे पर जोर-जोर से मारने लगा। उसने दीपक पर काफी पानी भी डाला लेकिन वह नहीं उठा। दीपक के दोस्त ने वीडियो बनाने वाले लोगों को भी धमकियां दी। नशेड़ियों से लोग परेशान
कारोबारी हरप्रीत सिंह ने बताया कि आए दिन प्लाट में लोग नशा करने के लिए आते हैं। पुलिस इलाके में गश्त करती है और कई बार नशेड़ियों को पकड़कर भी गई है। लेकिन हालात हैं कि टस से मस नहीं होते। बावजूद इसके लोग प्लाट में नशेड़ियों का तांता लगा रहता है। यही नशेड़ी इलाके में लूटपाट की वारदातें करते है। पुलिस को रुटीन में खाली प्लाटो में चक्कर लगाने चाहिए। इस मामले संबंधी थाना डिवीजन नंबर 4 के एएसआई जसविंदर सिंह ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।