पंजाब में बरनाला जिले के गांव गुरम और करमगड में चोरों ने बड़ी संख्या में किसानों के खेतों की मोटरों से केबल तार चोरी करने की घटना को अंजाम दिया है। पूर्व सरपंच राजविंदर सिंह ने बताया कि गांव गुरम में किसान बहादुर सिंह की 40 फीट, निर्मल सिंह की 25 फीट, चमकौर सिंह की 50 फीट, भगवंत सिंह की 250 फीट, नाजर सिंह की 60 फीट, निर्मल सिंह की 40 फीट, जीत सिंह की 50 फीट केबल, हरबंस लाल की 100 फीट, बलदेव सिंह की 50 फुट और गुरजंट सिंह की दो मोटरों से 100 फीट केबल तार चोरी की गई है। जल्द गिरफ्तार होंगे चोर : थाना प्रभारी इसी तरह गांव करमगढ में किसान जतिंदरपाल सिंह की दो मोटरों से 250 फीट, बारा सिंह की 20 फीट, महिंदर सिंह की 20 फीट और जीत सिंह दो मोटरों से 80 फीट केबल तार रात को चोरों ने चोरी कर ली है। किसानों को इस चोरी की जानकारी आज सुबह हुई। किसानों ने बताया कि लगातार हो रही केबल तार चोरी की घटनाओं से उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ-साथ परेशानी भी उठानी पड़ रही है। इसलिए पुलिस प्रशासन को इस तार चोर गिरोह को जल्द गिरफ्तार करना चाहिए। किसानों ने बताया कि चोरी की सूचना ठुलीवाल थाने की पुलिस को दे दी गई है। थाना प्रभारी शरीफ खान ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही चोरों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने पहले भी तार गिरोह पर काबू पाने का दावा किया था। पंजाब में बरनाला जिले के गांव गुरम और करमगड में चोरों ने बड़ी संख्या में किसानों के खेतों की मोटरों से केबल तार चोरी करने की घटना को अंजाम दिया है। पूर्व सरपंच राजविंदर सिंह ने बताया कि गांव गुरम में किसान बहादुर सिंह की 40 फीट, निर्मल सिंह की 25 फीट, चमकौर सिंह की 50 फीट, भगवंत सिंह की 250 फीट, नाजर सिंह की 60 फीट, निर्मल सिंह की 40 फीट, जीत सिंह की 50 फीट केबल, हरबंस लाल की 100 फीट, बलदेव सिंह की 50 फुट और गुरजंट सिंह की दो मोटरों से 100 फीट केबल तार चोरी की गई है। जल्द गिरफ्तार होंगे चोर : थाना प्रभारी इसी तरह गांव करमगढ में किसान जतिंदरपाल सिंह की दो मोटरों से 250 फीट, बारा सिंह की 20 फीट, महिंदर सिंह की 20 फीट और जीत सिंह दो मोटरों से 80 फीट केबल तार रात को चोरों ने चोरी कर ली है। किसानों को इस चोरी की जानकारी आज सुबह हुई। किसानों ने बताया कि लगातार हो रही केबल तार चोरी की घटनाओं से उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ-साथ परेशानी भी उठानी पड़ रही है। इसलिए पुलिस प्रशासन को इस तार चोर गिरोह को जल्द गिरफ्तार करना चाहिए। किसानों ने बताया कि चोरी की सूचना ठुलीवाल थाने की पुलिस को दे दी गई है। थाना प्रभारी शरीफ खान ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही चोरों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने पहले भी तार गिरोह पर काबू पाने का दावा किया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मनमोहन सिंह ने टीचर्स के कहने पर इकोनॉमिक्स चुनी:अमृतसर हिंदू कॉलेज लेता था आधी फीस, क्लासमेट बोले-कम शब्दों में अपनी बात बोल जाते थे
मनमोहन सिंह ने टीचर्स के कहने पर इकोनॉमिक्स चुनी:अमृतसर हिंदू कॉलेज लेता था आधी फीस, क्लासमेट बोले-कम शब्दों में अपनी बात बोल जाते थे देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह नहीं रहे। गुरुवार रात को उन्होंने दिल्ली AIIMS में अंतिम सांस ली। वे अविभाजित भारत में पंजाब के गाह गांव में पैदा हुए थे। उनका परिवार बंटवारे के समय पंजाब के अमृतसर में बस गया था। डॉ. मनमोहन सिंह ने 10वीं के बाद प्री कॉलेज करने के लिए हिंदू कॉलेज को चुना था। सितंबर 1948 में उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया और पहला स्थान पाया। तत्कालीन प्रिंसिपल संत राम ने उन्हें रोल कॉल ऑफ ऑनर के साथ सम्मानित किया। वह पहले स्टूडेंट थे, जिन्हें इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। यह किस्सा खुद डॉ. मनमोहन सिंह ने हिंदू कॉलेज में 2018 में आयोजित एलुमनी मीट और कनवोकेशन के दौरान सुनाया था। डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि शिक्षक ही विद्यार्थी की विलक्षण शक्ति को पहचान सकते हैं। उन्होंने बताया था कि टीचर्स के कहने के बाद उन्होंने बीए ऑनर्स इन इकोनॉमिक्स में दाखिला लिया था। 1952 में एक बार फिर टॉपर बने। डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने पूर्व प्रिंसिपल संत राम, प्रो. मस्त राम, प्रो. एसआर कालिया, डॉ. जुगल किशोर त्रिखा और डॉ. सुदर्शन कपूर को अपना हीरो बताया था। दोस्तों ने साझा की थीं डॉ. मनमोहन सिंह से जुड़ी बातें… कॉलेज पूरा होने के 65 साल के बाद साल 2018 में डॉ. मनमोहन सिंह हिंदू कॉलेज में पहुंचे थे। इस कॉलेज में उन्होंने तकरीबन 4 साल 1948 से 1952 तक शिक्षकों के लेक्चर सुन ज्ञान हासिल किया था। इस दौरान उनके कई क्लासमेट भी कॉलेज पहुंचे थे, जिन्होंने 2018 में प्रिंसिपल रहे डॉ. पीके शर्मा को कई किस्से सुनाए। कम शब्दों में अपनी बात बोल जाते थे मनमोहन
डॉ. मनमोहन सिंह के बैचमेट रहे डीएवी लोकल मैनेजिंग कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट सुदर्शन कपूर ने बताया था कि वह 3 साल तक कॉलेज की डिबेट टीम का हिस्सा रहे थे। डॉ. मनमोहन के पास बोलने व दूसरों को प्रभावित करने की शैली शुरू से ही थी। डिबेट में वह बहुत ही कम शब्दों में व शांति के साथ अपनी बात बोल जाते थे। वह बात इतनी प्रभावशाली होती थी कि कोई उन्हें पहला इनाम देने से खुद को रोक नहीं पाता था। डॉ. मनमोहन का अधिक समय लाइब्रेरी में ही बीतता थे। जब भी वह इकट्ठे बैठते तो फिल्मों व एक्ट्रेस की बातें भी चल पड़ती थीं, लेकिन यह बातें सुन वह शरमा जाते। कपूर बोले- उन्हें मनमोहन कहना आसान नहीं था
डॉ. सुदर्शन कपूर ने बताया कि डॉ. मनमोहन ने उन्हें दिल्ली अपने निवास पर बुलाया था। वह उन्हें डॉक्टर साहिब कह कर बुलाते थे, जिस पर उनकी पत्नी गुरशरण कौर ने उन्हें टोका था। उनका कहना था कि आप दोस्त हैं। इन्हें मनमोहन कह क्यों नहीं बुलाते? हर बार इन्हें डॉक्टर साहिब कहते हैं। इस पर उन्होंने कहा था कि जिस शख्सियत के सामने अब वह बैठे हैं, उनके आगे बैठ अब मनमोहन बोलना आसान नहीं। मुंह से खुद ही डॉक्टर साहिब निकलता है। इस बैठक में उन्होंने सभी दोस्तों और प्रो. जैन, प्रो. त्रिखा और प्रो. जय गोपाल को भी याद किया था। पढ़ाई में शुरू से तेज, आधी फीस लेता था कॉलेज
कॉलेज रिकॉर्ड के अनुसार डॉ. मनमोहन का रोल नंबर 19 और सीरियल नंबर 1420 था। वह पढ़ाई में इतने तेज थे कि उनकी आधी फीस माफ थी। ग्रेजुएशन में उनके सब्जेक्ट इकोनॉमिक्स, पॉलिटिकल साइंस और पंजाबी थे। वह बाद में विश्व विख्यात इकोनॉमिस्ट और देश के प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे। सिग्नेचर में 3 ट्रायंगल डालते थे
उनके क्लासमेट रहे राम प्रकाश सरोज ने तत्कालीन प्रिंसिपल को बताया था कि डॉ. मनमोहन सिंह के सिग्नेचर यूनीक थे। वह 3 जगह ट्रायंगल बनाते थे। पहला मनमोहन का M डालते हुए, दूसरा S लिखते हुए और तीसरा सिंह का G लिखते हुए। प्रो. कालिया दिल्ली पहुंचे, पता चला तो खुद भागते हुए आए
क्लासमेट और यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन से सीनियर लेक्चरर पद से रिटायर्ड सुदर्शन भास्कर ने प्रिंसिपल डॉ. पीके शर्मा से एक किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि डॉ. मनमोहन फाइनेंस डिपार्टमेंट में इकोनॉमिक सेक्रेटरी थे। कॉलेज के प्रो. कालिया उनसे मिलने दिल्ली पहुंच गए। जैसे ही डॉ. सिंह को उनके आने का पता चला, वह सारा काम छोड़ रिसेप्शन की तरफ भागे और खुद डॉ. कालिया का स्वागत किया। अपने दो सहपाठियों को याद कर भावुक हुए थे
डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी स्पीच में कहा था कि जिस समय वह हिंदू कॉलेज में पढ़ रहे थे, उस समय डी. बचिंद्रा गोस्वामी और राज कुमार पठारिया भी यहां थे। इन्होंने भी भारत का नाम विश्व में ऊंचा किया। इसके अलावा हिंदू कॉलेज के अन्य एलुमनी सतिंदर लूंबा का नाम लिया। उन्होंने कहा कि जिस समय वह प्रधानमंत्री थे, सतिंदर लूंबा उनके सलाहकार थे। उन्हें यह जानकार खुशी हुई थी कि सतिंदर लूंबा भी हिंदू कॉलेज का ही हिस्सा रहे। अमृतसर दौरे से जुड़े डॉ. मनमोहन सिंह के PHOTOS… ——————- मनमोहन सिंह से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. बंटवारे में पाकिस्तान छोड़ पंजाब आए मनमोहन सिंह, पौने 16 करोड़ की प्रॉपर्टी; PU में प्रोफेसर रहे डॉ. मनमोहन सिंह का पंजाब और चंडीगढ़ से गहरा नाता रहा। मनमोहन सिंह ने अपनी शुरुआती पढ़ाई अमृतसर में ही। बाद में उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में प्रोफेसर के रूप में सेवाएं दीं। पंजाब ने जब चंडीगढ़ के पास मुल्लांपुर में न्यू चंडीगढ़ बसाना शुरू किया तो मनमोहन सिंह ने ही वहां की मेडिसिटी में होमी भाभा कैंसर अस्पताल का नींव पत्थर रखा था। पूरी खबर पढ़ें…
लुधियाना में पानी की टंकी पर चढ़े पति-पत्नी:आत्महत्या की चेतावनी, ट्रैवल कंपनी से परेशान, 10 लाख रुपए ठगने का आरोप
लुधियाना में पानी की टंकी पर चढ़े पति-पत्नी:आत्महत्या की चेतावनी, ट्रैवल कंपनी से परेशान, 10 लाख रुपए ठगने का आरोप लुधियाना में माडल टाउन स्थित पानी की टंकी पर एक दंपती चढ़ गया है। दंपती को टंकी पर चढ़ा देख आसपास के लोगों ने शोर मचाया। लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। टंकी पर चढ़े व्यक्ति का नाम हरदीप सिंह है और उसकी पत्नी का नाम अमनदीप कौर है। पति-पत्नी धुरी के रहने वाले हैं। टंकी पर चढ़े व्यक्ति ने चिल्लाते हुए बताया कि ग्लोबल नाम की ट्रैवल कंपनी के एजेंट ने उससे 10 लाख रुपए विदेश भेजने के नाम पर ठग लिए हैं। वह कई दिनों से चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसकी सुनवाई रही नहीं हो रही। इसी कारण आज परेशान होकर वह टंकी पर छलांग और आत्महत्या करने के लिए चढ़े हैं। फिलहाल पुलिस कर्मचारी उक्त व्यक्ति और उसके साथ टंकी पर चढ़ी महिला को उतारने की कोशिश कर रहे हैं। घटना स्थल पर एसीपी जतिन बंसल पहुंचे। जनवरी महीने में लगाई थी यूके जाने के लिए फाइल जानकारी देते हुए धुरी के रहने वाले गुरमेल सिंह ने कहा कि उनके बेटे हरदीप सिंह और बहू अमनदीप कौर ने यूके जाना था। दोनों ने जनवरी महीने में फाइल लगाई थी। उस वक्त ग्लोबल इमिग्रेशन के प्रबंधकों ने कहा था कि वीजा लगने के बाद पैसे देने है। बैंक से कर्जा लेकर दिए 10 लाख रुपए दूसरे महीने उन लोगों ने पैसे की मांग की। गुरमेल के मुताबिक, उन्होंने 10 लाख रुपए बैंक से कर्ज लेकर इमीग्रेशन प्रबंधकों को दिए। पैसे लेने के बाद इमिग्रेशन का मालिक रोजाना वीजा के नाम पर गुमराह करने लगा। यदि इमिग्रेशन मालिकों से मिलने की कोशिश करते हैं तो उनके सुरक्षा कर्मी धक्के मारकर बाहर निकाल देते हैं। कुल 26 लाख में सौदा हुआ था। थानों के चक्कर लगा कर हो चुके परेशान गुरमेल सिंह ने कहा कि पुलिस प्रशासन के पास वह चक्कर लगाकर थक चुके हैं। पुलिस कमिश्नर दफ्तर में भी शिकायत पत्र दिया था। उन्होंने धुरी पुलिस को लिख दिया। अब जब धुरी पुलिस लुधियाना जानकारी लेने के लिए फोन करती है तो लुधियाना की पुलिस सहयोग नहीं दे रही। आज यदि आरोपी ट्रैवल एजेंट पर कार्रवाई नहीं होती तो बेटा-बेटी दोनों आत्महत्या कर लेंगे। बोले ACP जतिन बांसल ACP जतिन बांसल ने कहा कि जिस इमिग्रेशन मालिकों के साथ टंकी पर चढ़े दंपती का विवाद है उसे जल्द सुलझा लिया जाएगा। हरदीप और अमनदीप ने इमीग्रेशन मालिकों पर ठगी के आरोप लगाए है। उनका कहना है कि करीब 10 लाख रुपए उनसे ठगे गए है। टंकी पर चढ़े दंपती से फोन पर बात की जा रही है। उन्हें नीचे उतरने के लिए कहा गया है ताकि दोनों पार्टियों से बैठकर बात की जा सके।
युवक से चोरी के 3 बाइक बरामद
युवक से चोरी के 3 बाइक बरामद पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार करके उससे चोरी के तीन मोटरसाइकिल बरामद किए हैं। थाना धर्मकोट के एएसआई रछपाल सिंह ने बताया कि पुलिस पार्टी ने गश्त के दौरान मुखबिर की सूचना पर कस्बे में शक के आधार पर मोटरसाइकिल सवार युवक को रोककर उससे पूछताछ करने पर पता चला कि मोटरसाइकिल चोरी का है। पुलिस ने मोटरसाइकिल को कब्जे में लेने के बाद आरोपी सुखचैन सिंह निवासी धर्मकोट को गिरफ्तार कर लिया। जांच अधिकारी का कहना है कि आरोपी से पूछताछ करके उसकी निशानदेही पर चोरी के दो और मोटरसाइकिल बरामद किए जोकि उसने छिपा कर रखे थे। चोरी के मोटरसाइकिल समेत गिरफ्तार आरोपी के बारे में जानकारी देती पुलिस।