बरनाला विधानसभा उप चुनाव के दौरान नशे के खिलाफ पुलिस ने नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए भारी मात्रा में नशीली गोलियों और शीशियों के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। डीएसपी सतवीर सिंह ने बताया कि उप चुनाव के चलते वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के आदेश पर पुलिस नशा तस्करों व अन्य असमाजिक तत्वों के खिलाफ विशेष अभियान चला रही है। जिसके तहत बरनाला पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है। बरनाला थाना सिटी के SHO कुलजिंदर सिंह और बस स्टैंड चौकी प्रभारी चरणजीत सिंह ने नशा तस्करी गिरोह को काबू किया है। पुलिस ने आरोपी जगजीत सिंह ज्ञानी निवासी बरनाला और दो महिलाएं, घंसो निवासी बरनाला और भूसी निवासी शेरमाजारा पटियाला लंबे समय से ड्रग्स सप्लाई कर रहे हैं। पुलिस ने आरोपी जगजीत सिंह को गिरफ्तार कर उसके पास से 16 हजार नशीली गोलियां और 250 नशीली दवाओं की बोतलें बरामद की हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी भूसी नशे की गोलियां और शीशियां पटियाला से लाकर घंसो और जगजीत सिंह को बरनाला शहर में सप्लाई करती थी। जिसके बाद ये दोनों आरोपी शहर में इसकी तस्करी करते थे। उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। डीएसपी सतवीर सिंह ने बताया कि इनमें से आरोपी जगजीत सिंह पर 2 एनडीपीएस के मामले दर्ज हैं, जबकि आरोपी घंसो पर 3 एनडीपीएस और 1 एक्साइज का मामला दर्ज है। बरनाला विधानसभा उप चुनाव के दौरान नशे के खिलाफ पुलिस ने नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए भारी मात्रा में नशीली गोलियों और शीशियों के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। डीएसपी सतवीर सिंह ने बताया कि उप चुनाव के चलते वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के आदेश पर पुलिस नशा तस्करों व अन्य असमाजिक तत्वों के खिलाफ विशेष अभियान चला रही है। जिसके तहत बरनाला पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है। बरनाला थाना सिटी के SHO कुलजिंदर सिंह और बस स्टैंड चौकी प्रभारी चरणजीत सिंह ने नशा तस्करी गिरोह को काबू किया है। पुलिस ने आरोपी जगजीत सिंह ज्ञानी निवासी बरनाला और दो महिलाएं, घंसो निवासी बरनाला और भूसी निवासी शेरमाजारा पटियाला लंबे समय से ड्रग्स सप्लाई कर रहे हैं। पुलिस ने आरोपी जगजीत सिंह को गिरफ्तार कर उसके पास से 16 हजार नशीली गोलियां और 250 नशीली दवाओं की बोतलें बरामद की हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी भूसी नशे की गोलियां और शीशियां पटियाला से लाकर घंसो और जगजीत सिंह को बरनाला शहर में सप्लाई करती थी। जिसके बाद ये दोनों आरोपी शहर में इसकी तस्करी करते थे। उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। डीएसपी सतवीर सिंह ने बताया कि इनमें से आरोपी जगजीत सिंह पर 2 एनडीपीएस के मामले दर्ज हैं, जबकि आरोपी घंसो पर 3 एनडीपीएस और 1 एक्साइज का मामला दर्ज है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
जालंधर में घर से दूध लेने निकले युवक की मौत:आवारा पशु से टकराई स्कूटी, सींग लगने से जख्मी हुआ, इलाज दौरान दम तोड़ा
जालंधर में घर से दूध लेने निकले युवक की मौत:आवारा पशु से टकराई स्कूटी, सींग लगने से जख्मी हुआ, इलाज दौरान दम तोड़ा पंजाब के जालंधर में मकसूदां के शहीद भगत सिंह कॉलोनी पर एक आवारा पशु की चपेट में आने से 27 साल के युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान मकसूदा के जिंदा रोड पर स्थित मोहल्ला श्री गुरु रविदास नगर के रहने वाले जसविंदर सिंह उर्फ किट्टी पुत्र नंद सिंह के रूप में हुई है। हालांकि मामले में पुलिस द्वारा केस में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जसविंदर सिंह उर्फ किट्टी अपनी एक्टिवा पर सवार होकर कहीं जा रहा था। इस दौरान ये हादसा हो गया। जालंधर-अमृतसर रोड पर स्थित निजी अस्पताल में उसके जख्मी अवस्था में भर्ती करवाया गया था। बीती रात जसविंदर सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई। घर से दूध लेने निकला था मृतक बीते दिन रात करीब 9 बजे जसविंदर सिंह के परिवार के सदस्य ने उसे घर से दूध लेने के लिए भेजा था। जब वह थाना डिवीजन एक के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र शहीद भगत सिंह कॉलोनी के पास स्थित पेट्रोल पंप पर पहुंचा तो, वहां आवारा पशु आ गया। जिससे दोनों की टक्कर हो गई। टक्कर के दौरान एक्टिवा सवार युवक सड़क पर गिर गया। पशु के सींग लगने से जसविंदर बुरी तरह से जख्मी हो गया था। इस दौरान उसके पेट और पैर पर गंभीर घाव हो गए। जिसे राहगीर- उन्होंने उसे पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया। जब रेफर किया गया तो परिवार ने जसविंदर को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
जालंधर में नशे की ओवरडोज से युवक की मौत:इलाज कराने के लिए ले गया था पैसे, प्लाट में पड़ा मिला शव
जालंधर में नशे की ओवरडोज से युवक की मौत:इलाज कराने के लिए ले गया था पैसे, प्लाट में पड़ा मिला शव पंजाब के जालंधर में राज नगर के पास शुक्रवार को शाम एक 30 वर्षीय युवक की नशे की ओवर डोज से मौत हो गई। मृतक की पहचान राज नगर के रहने वाले राजपाल सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। आज राजपाल का पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। राजपाल घर से पेट दर्द का इलाज करवाने के लिए अपनी मां से 2 हजार रुपए लेकर निकला था। जिसके बाद उसकी मौत हो गई। स्कैनिंग का कहकर 2 हजार लेकर निकला था राज नगर की रहने वाली मृतक की मां रीटा ने बताया कि वह रोजाना की तरह सुबह अपने काम पर चली गई थी। सुबह करीब 10 बजे राजपाल घर आया था। तब वह घर पर नहीं थी। राजपाल अपने पत्नी से कहने लगा कि अब वह नशा नहीं करता, उसके बेटे को नशे के कारण दर्द है। इसकी स्कैनिंग करवाने के लिए मुझे जाना होगा। राजपाल घर से 2 हजार रुपए लेकर निकल गया। जिसके बाद उसके दोस्तों ने बताया कि एक प्लाट में उसका बेसुध पड़ा हुआ है। फिर परिवार किसी तरह राजपाल को घर लेकर आया। जहां उसकी मौत हो चुकी थी। 5 माह से बुरी संगत में पड़ चुका था राजपाल परिवार के अनुसार राजपाल शादीशुदा था और उसका एक साढ़े पांच साल का बेटा और सवा तीन साल की बेटी थी। वह ई-रिक्शा चलाकर किसी तरह से घर का गुजारा करता था। परिवार ने बताया कि जब घर से गया तो, वह 2 हजार रुपए लेकर गया था। जानकारी के अनुसार राजपाल का शव कच्चा कोट मोहल्ले के पास से बरामद किया गया था। परिवार ने बताया कि राजपाल के बेसुध पड़े होने की सूचना देने के लिए उसके 3 दोस्त घर आए थे। परिवार द्वारा राजपाल को इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। जिसके बाद इसकी जानकारी पुलिस को भी दी गई। जांच के लिए थाना बस्ती बावा खेल की पुलिस घटना स्थल पर जांच के लिए मौके पर पहुंच गई थी।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के आवास का घेराव:किसान मजदूरों ने किया प्रदर्शन, AAP सरकार के सामने रखी अपनी मांग
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के आवास का घेराव:किसान मजदूरों ने किया प्रदर्शन, AAP सरकार के सामने रखी अपनी मांग आम आदमी पार्टी सरकार से तंग आकर किसान मजदूरों ने वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के आवास का घेराव किया और सरकार को चेतावनी दी कि अगर मजदूरों की ठोस मांगों को लागू नहीं किया गया तो सरकार को खेत मजदूरों के तीखे गुस्से का सामना करना पड़ेगा। कर्मचारियों ने अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया और कहा कि बार-बार लिखित बैठकों के बावजूद पंजाब के मुख्यमंत्री ने श्रमिकों से बातचीत नहीं की. जिससे यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री और उनकी सरकार वर्ग विरोध के कारण खेत मजदूरों को समान नागरिक मानने और उन्हें उचित सम्मान देने से बच रही है। जिसे कर्मचारी अधिक समय तक बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसानों ने रोजगार और पेंशन बढ़ाने की उठाई मांग पंजाब खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जोरा सिंह नसराली और राज्य कमेटी सदस्य हरभगवान मूनक ने वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की कोठी के सामने पुलिस द्वारा रोके गए मजदूरों की सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि रोजगार की गारंटी दी जाए, बेघरों और जरूरतमंदों को भूखंड और मकान बनाने के लिए अनुदान दिया जाए, पेंशन बढ़ाई जाए, सभी वयस्क सदस्यों को साल भर काम दिया जाए और मनरेगा में राजनीतिक हस्तक्षेप बंद किया जाए। साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं पर रसोई के बर्तन सस्ते दामों पर उपलब्ध करवाने तथा कॉलेजों में प्रवेश करने वाले अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों से पीटीए फंड की वसूली बंद करने आदि मांगों को लेकर धरना दिया गया। मज़दूर नेताओं ने भगवंत मान सरकार की मज़दूरों की अनदेखी करने की नीति की आलोचना की और कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार न केवल खेत मजदूरों की मांगों से आँखें मूँद रही है, बल्कि लगातार मजदूर विरोधी फैसले भी लागू कर रही है। AAP सरकार का किया विरोध उन्होंने कहा कि AAP सरकार द्वारा भूमिगत जल बचाने के नाम पर 2 लाख 48 एकड़ जमीन पर सीधे खेती करने से मजदूरों को 86 करोड़ 80 लाख रुपये का रोजगार गंवाना पड़ा है। इस कार्य विस्थापन हेतु श्रमिकों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।ओलावृष्टि से गेहूं के नुकसान को लेकर जारी मुआवजे में से मजदूरों को दस फीसदी भी मुआवजा नहीं दिया गया और न ही चुनावी वादे के मुताबिक पेंशन की राशि में कोई बढ़ोतरी की गयी। उन्होंने कहा कि मनरेगा में काम शुरू करने के लिए पहले स्थान से प्रतिदिन दो बार उपस्थित होने का आदेश जारी कर मनरेगा मजदूरों को भीषण गर्मी में कई किलोमीटर पैदल चलने के लिए मजबूर किया जा रहा है और ग्रामीण स्तर पर आम आदमी पार्टी के नेता सीधे तौर पर हस्तक्षेप कर जश्न मना रहे हैं। नशे का व्यापार करने वालों की बढ़ रही संपत्ति मजदूर नेता ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली अकाली व कांग्रेस सरकार की तरह मजदूरों को पंचायत की जमीन का तीसरा हिस्सा सस्ते दाम पर देने की बजाय डमी बोली लगाई जा रही है। मजदूरों को सहकारी समिति का सदस्य बनाकर सस्ता ऋण देने के उनके कानूनी अधिकार से वंचित कर उन्हें माइक्रो फाइनेंस कंपनी के जाल में फंसाया जा रहा है, इसके बावजूद नशे की महामारी ने और भी विकराल रूप धारण कर लिया है, जिसे माता-पिता के जवान बेटे चला रहे हैं और दूसरी ओर सरकार और पुलिस की छत्रछाया में थोक स्तर पर नशा बेचने वाले व्यापारियों की संपत्ति बढ़ती जा रही है।