भास्कर न्यूज | लुधियाना पंजाब रोडवेज के कच्चे मुलाजिमों ने वेतन न मिलने के विरोध में हड़ताल कर दी और बस स्टैंड को करीब एक घंटे के लिए पूरी तरह बंद कर दिया। प्रदर्शन के दौरान सरकारी और प्राइवेट बसों की आवाजाही रोक दी गई, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। खासकर महिलाओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि वे सरकारी बसों में मुफ्त सफर नहीं कर पाईं। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि ठेकेदारी सिस्टम ने युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेल दिया है और सरकार किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने बताया कि वे बीते दो महीनों से वेतन न मिलने की वजह से आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब भगवंत मान सरकार सत्ता में आई थी, तब ठेकेदारी सिस्टम खत्म करने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। मुलाजिमों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही उनकी तनख्वाह नहीं दी गई, तो उन्हें मजबूरी में और बड़ा कदम उठाना पड़ेगा। मुलाजिमों ने दोपहर करीब तीन बजे बस स्टैंड को पूरी तरह बंद कर दिया। इसके कारण यात्रियों, खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई यात्रियों को घंटों तक बस स्टैंड पर इंतजार करना पड़ा, जबकि कुछ को वैकल्पिक साधनों से सफर करना पड़ा। मुलाजिमों का कहना था कि वे अपनी जायज मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रही है। बाद में, मैनेजमेंट द्वारा वेतन जल्द खातों में डालने के आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने धरना समाप्त कर दिया। हालांकि, पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन ने सरकार को कड़ी चेतावनी दी कि अगर शुक्रवार सुबह 10 बजे तक वेतन नहीं दिया गया, तो डिपो और बस स्टैंड को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा और रोष प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि इस स्थिति के लिए पूरी जिम्मेदारी सरकार और मैनेजमेंट की होगी। भास्कर न्यूज | लुधियाना पंजाब रोडवेज के कच्चे मुलाजिमों ने वेतन न मिलने के विरोध में हड़ताल कर दी और बस स्टैंड को करीब एक घंटे के लिए पूरी तरह बंद कर दिया। प्रदर्शन के दौरान सरकारी और प्राइवेट बसों की आवाजाही रोक दी गई, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। खासकर महिलाओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि वे सरकारी बसों में मुफ्त सफर नहीं कर पाईं। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि ठेकेदारी सिस्टम ने युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेल दिया है और सरकार किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने बताया कि वे बीते दो महीनों से वेतन न मिलने की वजह से आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब भगवंत मान सरकार सत्ता में आई थी, तब ठेकेदारी सिस्टम खत्म करने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। मुलाजिमों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही उनकी तनख्वाह नहीं दी गई, तो उन्हें मजबूरी में और बड़ा कदम उठाना पड़ेगा। मुलाजिमों ने दोपहर करीब तीन बजे बस स्टैंड को पूरी तरह बंद कर दिया। इसके कारण यात्रियों, खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई यात्रियों को घंटों तक बस स्टैंड पर इंतजार करना पड़ा, जबकि कुछ को वैकल्पिक साधनों से सफर करना पड़ा। मुलाजिमों का कहना था कि वे अपनी जायज मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रही है। बाद में, मैनेजमेंट द्वारा वेतन जल्द खातों में डालने के आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने धरना समाप्त कर दिया। हालांकि, पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन ने सरकार को कड़ी चेतावनी दी कि अगर शुक्रवार सुबह 10 बजे तक वेतन नहीं दिया गया, तो डिपो और बस स्टैंड को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा और रोष प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि इस स्थिति के लिए पूरी जिम्मेदारी सरकार और मैनेजमेंट की होगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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