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
झांसी में 17 नवजातों की मौत के बाद योगी सरकार का सख्त एक्शन, तीन सस्पेंड, प्रधानाचार्य हटाए गए
झांसी में 17 नवजातों की मौत के बाद योगी सरकार का सख्त एक्शन, तीन सस्पेंड, प्रधानाचार्य हटाए गए <p>झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में प्रधानाचार्य हटाए, तीन निलंबित</p>
<p>प्रिन्सिपल को निदेशालय से सम्बध कर दिया , मेडिकल college से हटाया गया</p>
<p>डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर हुई कार्रवाई<br />झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में प्रधानाचार्य हटाए, तीन निलंबित</p>
<p>डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर हुई कार्रवाई, </p>
<p>डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के प्रधानाचार्य को हटा दिया है। साथ ही तीन अन्य को निलंबित किया गया है।<br /> जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर को पद से हटा दिया गया है। उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशालय से संबद्ध किया गया है। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहुर को आरोप पत्र दिया गया है। वहीं, कॉलेज के अवर अभियन्ता (विद्युत) संजीत कुमार, एनआईसीयू वार्ड की नर्सिंग सिस्टर इंचार्ज संध्या राय एवं मेडिकल कॉलेज की प्रमुख अधीक्षक डॉ. सुनीता राठौर को तत्काल निलम्बित करते हुए आरोप पत्र दिया गया।</p>
<p>झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड की दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुःखद घटना का संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा दिये गए निर्देश के क्रम में प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा द्वारा महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय एक कमेटी गठित कर जाँच करायी गयी। जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर मेरे द्वारा गहन समीक्षा कर घटना में दोषी कतिपय अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की गयी है। जनमानस की पीड़ा हमारी पीड़ा है और सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है। </p>
<p>- महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झाँसी के प्रधानाचार्य को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय, लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया है। <br />- मेडिकल कॉलेज की प्रमुख अधीक्षका को तत्काल निलंबित करते हुए आरोप पत्र दिया गया है।<br />- महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झाँसी के सह-आचार्य रेडियो थेरेपी विभाग व मुख्य चिकित्सा अधिक्षक को आरोप पत्र दिया गया है। <br />- एन०आई०सी०यू० वार्ड की नर्सिंग सिस्टर इंचार्ज को निलंबित कर आरोप पत्र दिया गया है। आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, बालरोग विभाग तथा सह – आचार्य सर्जरी विभाग एवं प्रभारी अधिकारी, विद्युत महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झाँसी को आरोप पत्र देकर मंडलायुक्त झाँसी को जाँच अधिकारी बनाया गया है। <br />- महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झाँसी के अवर अभियंता (विद्युत) को निलंबित किया गया तथा आरोप पत्र भी दिया गया है।</p>

जगदलपुर में सिटी बसों का संचालन ठप, निगम आयुक्त बोले- ‘कबाड़ में तब्लीद हो चुकी हैं बसें अब…’
जगदलपुर में सिटी बसों का संचालन ठप, निगम आयुक्त बोले- ‘कबाड़ में तब्लीद हो चुकी हैं बसें अब…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Bastar News Today:</strong> छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में पिछले 3 साल से सिटी बस सेवा ठप पड़ी हुई है. संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में सिटी बस का संचालन बंद होने से एक बड़ा वर्ग प्रभावित हो रहा है. लाख कोशिशों के बावजूद सिटी बस सेवा पटरी पर लौट नहीं पाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, जगदलपुर शहर के धरमपुरा इलाके में स्थित कॉलेज और यूनिवर्सिटी जाने के लिए छात्रों को ऑटो का सहारा लेना पड़ता है. इसी तरह शहर से 10 किलोमीटर दूर स्थित डिमरापाल में मेडिकल कॉलेज तक जाने के लिए भी सार्वजनिक यातायात सुविधा नहीं मिल पाती. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सिटी बसें हो चुकी हैं कबाड़ में तब्दील'</strong><br />इसी तरह बड़ी संख्या में हर रोज कर्मचारी और मरीज मेडिकल कॉलेज तक आना जाना होता है. इसके अलावा जगदलपुर से पर्यटन स्थल चित्रकोट, तीरथगढ़ जाने के लिए भी सार्वजनिक यातायात सुविधा उपलब्ध नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>निगम आयुक्त हरीश मंडावी का कहना है कि कोरोना काल के बाद से सभी सिटी बसें बंद हो गई. फिलहाल सिटी बसें अब कबाड़ में तब्दील हो रही हैं. इन बसों को सड़कों पर उतारने के लिए करीब 25 लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>निगम आयुक्त का कहना है कि जल्द ही नए सिरे से सिटी बसों के संचालन के लिए ठेका दिया जाएगा. आने वाली सिक्योरिटी मनी के जरिए पहले वाहनों को सुधारा जाएगा, इसके बाद सिटी बसों का परिचालन शुरू किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>11 साल पहले शुरू की गई थी योजना</strong><br />दरअसल, जगदलपुर शहर के अलावा ग्रामीण अंचल के लोगों को भी आवागमन के लिए सस्ते दामों में यात्री परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करीब 11 साल पहले बीजेपी शासनकाल में सिटी बस की शुरुआत की गई थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस योजना के तहत जगदलपुर शहर को 12 से अधिक सिटी बसें मिली थी, लेकिन पिछले 6 सालों से इन बसों का संचालन बंद है. जिसके चलते करोड़ों की बसें यार्ड में खड़ी- खड़ी कबाड़ में तब्दील हो रही हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस सेवा शुरू होने से बढ़ा था रोजगार व्यपार</strong><br />सिटी बस सेवा शुरू होने के बाद बस्तर के ग्रामीण अंचल के लोगों को आवगमन में काफी आसानी हो गई थी. ग्रामीणों के अलावा कॉलेज में पढ़ने वाले ग्रामीण छात्र- छात्राओं को भी किफायती दाम में सिटी बस की सेवा मिल रही थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों को सिटी बस जगदलपुर शहर से कनेक्ट करने पर यहां पर व्यापार में काफी बढ़ोतरी हुई थी. हालांकि बीते कई सालों से सिटी बस सेवा रखरखाव और मेंटनेंस के अभाव में कबाड़ में तब्दील होती जा रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>निजी बस संचालक वसूल रहे मनमाना किराया</strong><br />बताया जा रहा है कि इन बसों का रखरखाव सही तरीके से नहीं किए जाने की वजह से सभी बसे खड़ी-खड़ी कबाड़ हो गई हैं. जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान में निजी यात्री बस संचालकों के जरिये उनसे मनमानी किराया वसूला जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>थोड़ी दूर के सफर के लिए लोगों को इन बसों में नहीं बिठाया जाता है. निजी बस सेवा अगर बैठा भी लेते हैं, तो उनसे किराए के रुप में मनमाना पैसा वसूला जाता है. सिटी बसों के संचालन से आस-पास के गांव में जाने वालों को भी सुविधा मिल रही थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिटी बस के लिए उठ रही ये मांग</strong><br />बस्तर के जानकारों का कहना है कि वर्तमान में इन सिटी बसों को संचालित करने के लिए कोई ठेकेदार सामने नहीं आ रहा है, ऐसे में इन बसों को पूरी तरह से दुरुस्त करवाकर बस्तर के बेरोजगारों को किराए पर संचालित करने के लिए दिया जा सकता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जिससे उन्हें भी रोजगार मिलेगा और लोगों को आवगमन की सुविधा भी दस्तयाब हो जाएगी. इसके लिए प्रशासन को पहल करना चाहिए. हालांकि निगम आयुक्त हरीश मंडावी का कहना है कि एक बार फिर से सिटी बस संचालन के लिए ठेका लिया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”> निगम आयुक्त हरीश मंडावी ने इस ठेके से आने वाली सिक्योरिटी मनी से बसों को सुधारा जाएगा और इसके बाद फिर से इसका संचालन शुरू किया जाएगा. हालांकि इसके लिए अभी और समय लग सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”बस्तर में माओवादी संगठन को बड़ा झटका, 5 नक्सलियों ने सुकमा में किया सरेंडर, 19 लाख का था इनाम” href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/five-hardcore-naxalites-with-cumulative-bounty-of-rs-19-lakh-surrender-in-sukma-police-ann-2747128″ target=”_blank” rel=”noopener”>बस्तर में माओवादी संगठन को बड़ा झटका, 5 नक्सलियों ने सुकमा में किया सरेंडर, 19 लाख का था इनाम</a></strong></p>

तुंगनाथ मंदिर में इस सीजन पहुंचे रिकॉर्ड श्रद्धालु, अब तक 1.40 लाख से अधिक भक्त कर चुके हैं दर्शन
तुंगनाथ मंदिर में इस सीजन पहुंचे रिकॉर्ड श्रद्धालु, अब तक 1.40 लाख से अधिक भक्त कर चुके हैं दर्शन <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News Today:</strong> उत्तराखंड के पंच केदारों में से एक तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर में इस साल अब तक एक लाख चालीस हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है. यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है और इस बढ़ती संख्या से मंदिर समिति की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>तुंगनाथ मंदिर का आकर्षण केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां का प्राकृतिक सौंदर्य भी दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. श्रद्धालुओं को एक तरफ प्राकृतिक को करीब से निहारने का मौका मिलता है तो दूसरी तरफ उनकी आध्यात्मिक मनोकामना भी पूरी होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तुंगनाथ पहुंचे रिकॉर्ड श्रद्धालु</strong><br />पिछले कुछ सालों में तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इस साल अब तक 1 लाख 40 हजार 322 यात्रियों ने भगवान तुंगनाथ के दर्शन किए हैं, जो अब तक का सर्वाधिक रिकॉर्ड है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस संख्या ने पिछले साल के रिकॉर्ड को भी पार कर लिया है, जब पूरे सीजन में 1 लाख 36 हजार 430 श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे. इस बढ़ती संख्या का एक प्रमुख कारण तुंगनाथ के आकर्षक ट्रैकिंग रूट को माना जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>तुंगनाथ मंदिर का रुट मात्र साढ़े तीन किलोमीटर लंबा है और जिसमें कई सुंदर बुग्याल (घास के मैदान) पड़ते हैं. इन बुग्यालों की प्राकृतिक सुंदरता यात्रियों को भक्ति के साथ-साथ एक प्राकृतिक अनुभव का अहसास कराती है, जिससे एक विशेष शांति की अनुभूति होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कपाट खुलने पर यात्रियों का तांता</strong><br />भगवान तुंगनाथ के कपाट इस साल 10 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे. तब से अब तक प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं. मंदिर समिति के अनुसार, तुंगनाथ यात्रा के शुरुआती एक महीने में ही 45 हजार 380 श्रद्धालु यहां पहुंच चुके थे, जो पिछले सालों की तुलना में काफी अधिक है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पिछले साल की तुलना करें, तो तुंगनाथ मंदिर का कपाट खुलने के एक महीने के भीतर सिर्फ 16 हजार श्रद्धालु ही पहुंचे थे. इस साल कपाट खुलने के बाद पहले एक महीने में 45 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>श्रद्धालुओं से रोजगार के मौके बढ़े</strong><br />तुंगनाथ यात्रा से न केवल मंदिर समिति की आय में इजाफा हुआ है, बल्कि यात्रा से जुड़े स्थानीय व्यापारियों के चेहरों पर भी रौनक लौट आई है. दुकानें, लॉज और भोजनालयों की आय में वृद्धि के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिले हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस साल के आंकड़ों की बात करें तो तुंगनाथ यात्रा अब तक की सबसे बड़ी यात्रा बन चुकी है. अभी यात्रा का समापन चार सप्ताह बाद होगा, यानी यात्रियों की संख्या में और भी वृद्धि की संभावना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तुंगनाथ मंदिर 3 हजार 460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और पंच केदारों में यह सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित मंदिर है. यहां की यात्रा न सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोरोना के बाद यात्रा में उछाल</strong><br />केदारनाथ आपदा के बाद तुंगनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या में गिरवाट दर्ज की गई. साल 2012 में पूरे सीजन में सिर्फ 14 हजार यात्री तुंगनाथ पहुंचे थे, इसी तरह 2013 में आई केदारनाथ आपदा के बाद से यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”>2014 से 2020 के बीच पूरे सीजन यात्रियों की संख्या 5 हजार से 17 हजार के बीच रही. कोरोना महामारी के दौरान, साल 2020 और 2021 में यात्रियों की संख्या और भी कमी दर्ज की गई. साल 2020 में सिर्फ 4 हजार 513 और 2021 में महज 5 हजार 486 यात्री ही तुंगनाथ का दर्शन कर पाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके उलट पिछले दो सालों में स्थिति में यहां की स्थिति में सुधार हुआ है. साल 2022 में 28 हजार 198 यात्री तुंगनाथ पहुंचे थे और इस साल यानी 2024 में 13 अक्टूबर तक 1 लाख 40 हजार 322 यात्री ने तुंगनाथ का दर्शन कर चुके हैं, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रचार से बढ़ेंगी संभावनाएं</strong><br />केदारनाथ के अलावा पंच केदारों में शामिल द्वितीय केदार मदमहेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ और पंचम केदार कल्पेश्वर की यात्राओं में भी धीरे-धीरे वृद्धि देखी जा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय का मानना है कि अगर इन पवित्र स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और इन स्थानों पर बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं, तो यहां यात्रियों की संख्या में और भी अधिक वृद्धि हो सकती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इन धार्मिक स्थलों के महत्व का जिक्र करते हुए बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा कि इससे न केवल इन धार्मिक स्थलों का महत्व बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यात्रियों का आंकड़ा</strong><br />साल 2024 में अब तक तुंगनाथ मंदिर में 1 लाख 40 हजार 322 यात्री पहुंचे हैं, जबकि 2023 में यह संख्या 1 लाख 36 हजार 430 थी. 2022 में 28 हजार 198 यात्री, 2021 में 5 हजार 486 और 2020 में 4 हजार 513 यात्री पहुंचे थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले साल 2019 में 17 हजार 124 यात्री तुंगनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे थे. यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि तुंगनाथ यात्रा में लगातार इजाफा हो रहा है और इस यात्रा का धार्मिक और पर्यटन महत्व लगातार बढ़ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”कुंभ में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रहेगा प्रतिबंध? श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज का बड़ा ऐलान” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/akhil-bharatiya-akhara-parishad-announce-ban-non-hindus-entry-ban-in-kumbh-mela-2025-ann-2803198″ target=”_blank” rel=”noopener”>कुंभ में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रहेगा प्रतिबंध? श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज का बड़ा ऐलान</a></strong></p>