छठवें फेज में 2% कम वोटिंग, नुकसान किसको:अंबेडकरनगर में सबसे ज्यादा, फूलपुर में कम वोटिंग; एक्सपर्ट बोले- भाजपा को 2-3 सीटों का फायदा यूपी में छठवें फेज की 14 सीटों पर शनिवार को 54.02% वोटिंग हुई। वोटिंग 2019 से 2.19% कम हुई। तब 56.21% वोट पड़े थे। एक्सपर्ट कहते हैं- वोटिंग परसेंटेज 2014 जैसा है, भाजपा को फायदा होता दिख रहा है। 2019 के चुनाव में 14 सीटों में से 9 भाजपा को मिली थीं। इस बार 2-3 सीटें बढ़ती दिख रही हैं। 2009 में इन 14 सीटों पर 45.58% वोटिंग हुई थी। 2014 में वोटिंग 8.82% बढ़कर 54.40% हो गई। तब मोदी लहर थी। 2019 के चुनाव में 1.81% की बढ़त हुई और वोटिंग 56.21% तक पहुंच गई। 2009 में भाजपा को सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली थी। सपा को 2, बसपा को 7 और कांग्रेस को 4 सीटें मिली थीं। 2014 में वोटिंग 2009 की तुलना में 8.82% बढ़ गई। तब भाजपा ने 14 में से 13 सीटों पर जीत दर्ज की। सपा आजमगढ़ जीतने में कामयाब रही। जबकि 1 सीट प्रतापगढ़ पर अपना दल के कैंडिडेट जीते, जोकि भाजपा गठबंधन में थे। इससे एक बात निकलकर सामने आई कि वोटिंग परसेंटेज बढ़ने से भाजपा को बड़ा फायदा हुआ। 2019 के चुनाव में स्थिति पलट गई। तब वोटिंग में 1.81% की बढ़त हुई। मगर चुनाव में भाजपा को 4 सीट का नुकसान हुआ। सपा गठबंधन में बसपा ने जौनपुर, लालगंज, श्रावस्ती और अंबेडकरनगर में जीत दर्ज की। जबकि सपा को 1 ही सीट आजमगढ़ मिली। 2019 में भाजपा ने 9 सीटों पर कब्जा किया। यूपी में पहले फेज की 8 सीटों पर 61.11% वोटिंग हुई थी, ये 2019 की तुलना में 8% कम थी। दूसरे फेज में 8 सीटों पर 9% कम यानी 55.19% वोटिंग हुई। तीसरे फेज में 57.34% वोटिंग हुई, जो करीब 3.92% कम थी। चौथे फेज की वोटिंग 58.09% रही। पांचवें फेज में 0.89% कम वोटिंग हुई। कुल वोट 57.79% पड़े। छठवें फेज में 54.02% वोटिंग हुई। एक्सपर्ट इसको I.N.D.I. गठबंधन के लिए फायदेमंद बता रहे हैं। छठवें फेज की 14 सीटों पर 3 चुनाव में वोटिंग के गणित को समझिए… सुल्तानपुर में 2019 से 2.55% कम वोटिंग, फाइट टफ रहेगी 40°C तापमान के बावजूद सुल्तानपुर में दोपहर 1 बजे तक 38.42% वोटिंग हो गई थी। शाम 6 बजे तक 55.52% वोटिंग हो सकी। ये 2019 से 2.55% कम रही। एक्सपर्ट के मुताबिक, वोटिंग डाउन रहने का मतलब है कि यहां फाइट कट टू कट हो सकता है। 2014 में जब 56.66% वोटिंग हुई, तब भाजपा के वरुण गांधी सांसद बने। इसके बाद 2019 में 58.07% वोटिंग होने पर मेनका गांधी सांसद बनीं। 2009 में 49.47% वोटिंग होने पर कांग्रेस के डॉ. संजय सिंह सांसद बने थे। इससे समझ में आता है कि वोटिंग बढ़ने के साथ सत्ता भाजपा की तरफ शिफ्ट हो गई। प्रतापगढ़ में लोग घरों से निकले, मगर 3 चुनाव में सबसे कम वोटिंग राजा भैया के प्रभाव वाली सीट प्रतापगढ़ में लोग बूथ तक पहुंचे। दोपहर 11 बजे तक 26% वोटिंग हुई। जबकि 3 बजे तक करीब 42% मत पड़े। शाम 6 बजे तक 51.60% वोटिंग हुई। प्रतापगढ़ में भी गर्मी के इफेक्ट से 2019 की तुलना में 2% कम वोटिंग हो सकी। 2019 में 53.56% वोटिंग होने पर भाजपा के पाले में सीट गई। 2014 में 52.12% वोटिंग होने पर अपना दल के कुंवर हरिवंश सिंह जीते थे। 2009 में 44% वोटिंग हुई, तब कांग्रेस की राजकुमारी रत्ना सिंह प्रतापगढ़ में सांसद बनी थीं। फूलपुर में छठवें फेज में सबसे कम वोटिंग, लोग बूथ तक नहीं पहुंचे तेज धूप की वजह से सुबह से वोटिंग प्रतिशत डाउन रहा। सुबह 9 बजे तक सबसे कम 7% वोटिंग हुई। 11 बजे तक भी बूथ पर लोग कम दिखे, सिर्फ 22% वोटिंग हुई। मगर दोपहर 3 बजे तक करीब 40% वोट पड़ गए। 6 बजे तक 48.94% वोटिंग हो सकी। जोकि छठवें चरण में सबसे कम रही। फूलपुर में 2009 में 38.7% वोटिंग होने पर बसपा के कपिल मुनि करवरिया सांसद बने। इसके बाद 11% वोटिंग बढ़ी, 2014 में 50.20% मत पड़े और भाजपा के पाले में सीट आ गई। 2019 में भी फूलपुर में कमल खिला। भाजपा कैंडिडेट को 5.44 लाख वोट मिले थे। इलाहाबाद में 3 चुनाव की सबसे कम वोटिंग, एक्सपर्ट बोले- भाजपा को डेंट नहीं सुबह 9 बजे तक सिर्फ 9.37% वोटिंग हुई। मगर 11 बजे के बाद लोग घरों से बूथ तक पहुंचे। इसका असर 3 बजे तक दिखा, करीब 41% वोटिंग हो गई। शाम 6 बजे तक 51.75% वोटिंग हो सकी। एक्सपर्ट के मुताबिक, इलाहाबाद सीट पर भाजपा को नुकसान का सीन नहीं दिख रहा है। 2014 में इलाहाबाद में 53.5% वोटिंग हुई, जबकि 2019 में 53.38% मत पड़े। दोनों चुनाव में भाजपा के सांसद बने। 2009 में 43.4% वोटिंग होने पर सपा के कुंवर रेवती रमण सिंह सांसद बने। अंबेडकरनगर में सबसे ज्यादा वोटिंग, भाजपा के फेवर में गर्मी के बावजूद लोग घरों से बूथ तक पहुंचे। दोपहर 3 बजे तक अंबेडकरनगर में 50% वोटिंग हो गई। शाम छह बजे तक 61.54% वोटिंग हुई। जोकि 2019 से 1.61% कम रही। यह छठवें चरण में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड वोटिंग है। एक्सपर्ट के मुताबिक, यह भाजपा के फेवर में है। वोटिंग ट्रेंड पिछले 3 चुनाव में बढ़ता हुआ दिखा है, 2009 में 54% वोटिंग होने पर बसपा के पाले में सीट पहुंच गई। 2014 में वोटिंग प्रतिशत बढ़कर 60.2% तक पहुंचा। सीट भाजपा ने जीत ली, ये बढ़त का ट्रेंड 2019 में जारी रहा। 63.15% वोटिंग हुई, इस बार अंबेडकरनगर के लोगों ने बसपा को चुना। श्रावस्ती में 2019 से कम वोटिंग, एक्सपर्ट बोले- नतीजे बदलाव वाले होंगे श्रावस्ती में सुबह 9 बजे तक सिर्फ 9% वोटिंग हुई। धूप तेज होने के साथ लोग बूथ तक पहुंचे। नतीजा दोपहर 3 बजे तक 43.50% और शाम 6 बजे तक 52.76% वोटिंग हो सकी। एक्सपर्ट बोले- यहां नतीजे फेरबदल वाले हो सकते हैं। यहां पिछले 3 चुनाव में वोटिंग के घटते-बढ़ते ट्रेंड का हार-जीत पर असर नहीं है। श्रावस्ती के लोग हर चुनाव में नया विकल्प चुन रहे हैं। 2009 में 43.1% वोटिंग होने पर कांग्रेस जीती, जबकि 2014 में 54.8% वोटिंग होने पर भाजपा के दद्दन मिश्रा सांसद बने। फिर 2019 में 54.3% वोटिंग होने पर बसपा के राम शिरोमणि ने जीत दर्ज की थी। डुमरियागंज में भाजपा के लिए चुनाव आसान, लोग बूथ तक पहुंचे डुमरियागंज में सुबह से लोग बूथों तक पहुंचे। 11 बजे तक 27% वोटिंग हो गई। लोगों में उत्साह दिखा। नतीजा शाम 6 बजे तक 51.94% वोटिंग हो गई। डुमरियागंज में 2014 में 53% वोट पड़ने पर भाजपा जीती थी। मामूली गिरावट के साथ 2019 में 52.64% वोटिंग हुई। मगर जीत भाजपा के सांसद की हुई। 2009 में डुमरियागंज में 49.1% वोटिंग होने पर कांग्रेस के जगदंबिका पाल जीते थे। बस्ती में 2014 जैसी वोटिंग ट्रेंड, तब भी भाजपा जीती थी बस्ती में सुबह से बूथों पर लोगों की कतारें दिखीं। शाम 6 बजे तक 56.66% वोटिंग हुई। यह 2019 की तुलना में 1.5% कम थी। 2014 में 56.8% वोटिंग होने पर भाजपा का सांसद बना। 2019 में 1.1% बढ़त के साथ वोट 57.9% मत पड़े और सीट भाजपा के पास ही रही। 2009 के चुनाव में 49.3% मत पड़े थे। तब बसपा के अरविंद चौधरी चुनाव जीते थे। संतकबीरनगर में आखिरी 1 घंटे में कम वोटिंग, एक्सपर्ट बोले- I.N.D.I को फायदा नहीं संतकबीरनगर में वोट डालने पहुंची एक महिला की मौत हो गई। सुबह 11 बजे तक 27% वोटिंग हुई। तेज धूप के बावजूद शाम 5 बजे तक 51.11% वोटिंग हो गई। आखिरी 1 घंटे में वोटिंग कम हुई, इसलिए 6 बजे तक 52.64% वोटिंग हो सकी। एक्सपर्ट का कहना है कि I.N.D.I. को फायदा नहीं। 2009 में संतकबीरनगर सीट बसपा के पास थी, तब 47.3% वोटिंग हुई थी। 2014 में 5.8% वोटिंग बढ़ी और सांसद भाजपा का बन गया। 2019 में भी लोग घरों से मतदान के लिए निकले और वोटिंग 55% हुई। सीट पर एक बार फिर सांसद भाजपा का ही बना। इस बार भाजपा ने सीटिंग सांसद का टिकट रिपीट किया है। लालगंज में 2019 से कम वोटिंग, I.N.D.I को फायदा लालगंज में सुबह से वोटिंग ट्रेंड ठीक चला। शाम 5 बजे तक 53% मतदान हो गया। 6 बजे तक 54.39% वोटिंग हो सकी। एक्सपर्ट के मुताबिक, यह ट्रेंड I.N.D.I गठबंधन के लिए फायदेमंद दिख रहा है। हालांकि, लालगंज में वोटिंग ट्रेंड से लोगों का मिजाज नहीं भांपा जा सकता है। 2009 में वोटिंग 43.7% रही, बसपा ने सीट जीत ली। 2014 के चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़कर 54.1% तक पहुंचा, तब भाजपा जीती। 2019 में वोटिंग प्रतिशत फिर बढ़कर 55.72% हुआ, लोगों ने बसपा को एक बार फिर चुना। आजमगढ़ में निरहुआ के लिए चुनाव मुश्किल, यहां 2019 से 2.34% कम वोटिंग आजमगढ़ में 2009 वोटिंग प्रतिशत सिर्फ 44.7% रहा था, तब भाजपा के रमाकांत चुनाव जीते। फिर वोटिंग ट्रेंड बढ़ता गया। 2014 में 56.4% और फिर 2019 में 58.43%। दोनों बार सपा के सांसद बने। 2022 के उपचुनाव में सिर्फ 49.365 वोटिंग हुई, मगर सत्ता सपा से शिफ्ट हो गई। यहां से भाजपा के निरहुआ जीते। इसलिए आजमगढ़ के लोगों का सियासी मिजाज भी वोटिंग ट्रेंड से नहीं भांपा जा सकता है। बावजूद इसके 2024 में आजमगढ़ के 56.09% लोगों ने वोट दिया। एक्सपर्ट आजमगढ़ में भाजपा कैंडिडेट निरहुआ के लिए चुनाव मुश्किल बता रहे हैं। जौनपुर में 4% वोटिंग कम, एक्सपर्ट बोले- भाजपा के लिए परेशानी नहीं बाहुबली धनंजय सिंह के प्रभाव वाली सीट जौनपुर में सुबह अच्छी वोटिंग देखी गई। 9 बजे तक करीब 13% वोटिंग हो गई थी। शाम 5 बजे तक 53% वोटिंग हुई। मगर शाम 6 बजे तक 55.52% ही वोटिंग हो सकी। जोकि 2019 से 3.76% कम रही। एक्सपर्ट कहते हैं कि धनंजय फैक्टर के चलते कम वोटिंग के बावजूद भाजपा के लिए परेशानी नहीं है। जौनपुर में 2009 में बसपा जीती थी, तब 46% वोटिंग हुई थी। 2014 के चुनाव में 54.5% वोटिंग हुई और भाजपा का सांसद बना। फिर 2019 में वोटिंग 5% बढ़कर 59.28% हो गई और फिर एक बार बसपा का सांसद चुनाव जीत गया। मछलीशहर की रिजर्व सीट पर 55% वोटिंग, यहां फाइट टफ मछलीशहर की रिजर्व सीट पर सुबह से अच्छी वोटिंग हुई। सुबह 9 बजे तक ही 14% वोटिंग हो गई। मगर गर्मी फैक्टर के चलते शाम 6 बजे तक 54.43% वोटिंग हुई। यह 2019 की तुलना में 4.47% कम रही। एक्सपर्ट के मुताबिक, यहां फाइट टफ मानी जा रही है। 2014 में 52.7% वोटिंग होने पर भाजपा जीती थी। इसके बाद वोटिंग प्रतिशत 6.2% बढ़ा और सीट भाजपा के पास ही रही। 2009 में 41% वोटिंग होने पर सपा के तूफानी सरोज ने चुनाव जीता था। भदोही में 53% वोटिंग, लोग बूथ तक नहीं पहुंचे भदोही में भी वोटिंग ट्रेंड कम दिखा। सुबह से बूथों पर मतदाताओं की कतार नहीं दिखी। मगर 1 बजे तक 37% वोटिंग हो सकी। शाम 6 बजे तक 53% वोटिंग हो सकी। यहां 2009 में 43.4% वोटिंग होने पर बसपा के गोरखनाथ सांसद बने थे। इसके बाद वोटिंग ट्रेंड बढ़ा और सीट भाजपा के पास आ गई। 2014 में 53.5% वोटिंग हुई। 2019 में 55.57% वोटिंग हुई। इस लिंक को भी पढ़ें… यूपी में 5वें फेज में 2019 जैसी वोटिंग, फायदा किसको: 2 केंद्रीय मंत्रियों की सीटें फंसीं; एक्सपर्ट बोले- भाजपा को 3-4 सीटों का नुकसान