ब्रेन में एक केमिकल सेरोटोनिम की कमी के कारण होने वाली मानसिक बीमारी का नाम ट्राइकोटीलोंमैनिया है। इसकी चपेट में आने के बाद मरीज अपने शरीर के कई हिस्सों के बाल खुद से ही खींचने लगता है। यहां तक कि बीमार व्यक्ति सिर के अलावा हाथ, पैर और प्राइवेट पार्ट तक के बाल खींचकर उसे निगलने की आदत पड़ जाती है। यह बाल पेट के अंदर जाने के बाद ये इंटेस्टाइन को ब्लॉक कर देता है। इससे मरीज की जान भी जा सकती है। ये गंभीर मानसिक रोग जरूर है, लेकिन लाइलाज नहीं। दवाई के अलावा कई साइकोलॉजिकल तरीकों से इलाज किया जाता है। हैबिट रिवर्सल थेरेपी और काउंसिलिंग थेरेपी के जरिए इसका इलाज होता है। कई मरीजों को जब इससे भी फायदा नहीं मिलता तो उनके इलाज के लिए ट्रांस क्रेनियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन की शुरुआत की जाती है। ये कहना है यूपी के सबसे बड़े मेडिकल यूनिवर्सिटी के मानसिक रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुजीत कुमार कर का। डॉ. सुजीत कर कहते हैं कि सिस्टेमेटिक रिसर्च में ये सामने आया है कि दवा और काउंसिलिंग के इलाज के बावजूद भी जिन्हें फायदा नहीं मिलता, उनके लिए मैग्नेटिक सिस्टम के जरिए किया गया ये इलाज यानी ट्रांस क्रेनियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन (TMS) बेहद कारगर है। इससे उनकी लाइफ में काफी सुधार आया है और उनका जीवन बदल चुका है। कैंपस@ सीरीज के 76वें एपिसोड में KGMU के साइकेट्री डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुजीत कुमार कर से खास बातचीत… डॉ. सुजीत कहते हैं कि इससे जुड़ा रिसर्च मेटा एनालिसिस में पब्लिश करने के लिए सेलेक्ट हुआ है। बहुत जल्द ये पब्लिश भी होगा। देखें पूरा वीडियो ब्रेन में एक केमिकल सेरोटोनिम की कमी के कारण होने वाली मानसिक बीमारी का नाम ट्राइकोटीलोंमैनिया है। इसकी चपेट में आने के बाद मरीज अपने शरीर के कई हिस्सों के बाल खुद से ही खींचने लगता है। यहां तक कि बीमार व्यक्ति सिर के अलावा हाथ, पैर और प्राइवेट पार्ट तक के बाल खींचकर उसे निगलने की आदत पड़ जाती है। यह बाल पेट के अंदर जाने के बाद ये इंटेस्टाइन को ब्लॉक कर देता है। इससे मरीज की जान भी जा सकती है। ये गंभीर मानसिक रोग जरूर है, लेकिन लाइलाज नहीं। दवाई के अलावा कई साइकोलॉजिकल तरीकों से इलाज किया जाता है। हैबिट रिवर्सल थेरेपी और काउंसिलिंग थेरेपी के जरिए इसका इलाज होता है। कई मरीजों को जब इससे भी फायदा नहीं मिलता तो उनके इलाज के लिए ट्रांस क्रेनियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन की शुरुआत की जाती है। ये कहना है यूपी के सबसे बड़े मेडिकल यूनिवर्सिटी के मानसिक रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुजीत कुमार कर का। डॉ. सुजीत कर कहते हैं कि सिस्टेमेटिक रिसर्च में ये सामने आया है कि दवा और काउंसिलिंग के इलाज के बावजूद भी जिन्हें फायदा नहीं मिलता, उनके लिए मैग्नेटिक सिस्टम के जरिए किया गया ये इलाज यानी ट्रांस क्रेनियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन (TMS) बेहद कारगर है। इससे उनकी लाइफ में काफी सुधार आया है और उनका जीवन बदल चुका है। कैंपस@ सीरीज के 76वें एपिसोड में KGMU के साइकेट्री डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुजीत कुमार कर से खास बातचीत… डॉ. सुजीत कहते हैं कि इससे जुड़ा रिसर्च मेटा एनालिसिस में पब्लिश करने के लिए सेलेक्ट हुआ है। बहुत जल्द ये पब्लिश भी होगा। देखें पूरा वीडियो उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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वाराणसी में 6 साल की बच्ची से रेप:बारात आए युवक ने पड़ोस की बच्ची को किडनैप किया, रेलवे ट्रैक किनारे लहूलुहान मिली वाराणसी में सोमवार की रात बारात में आए युवक ने पड़ोस की छह साल की बच्ची का किडनैप कर लिया। घर के बाहर बारात देख रही बच्ची को उठाया और फिर रेलवे ट्रैक किनारे झाड़ियों में ले जाकर दुष्कर्म किया। वारदात के बाद बच्ची को लहूलुहान हालत में छोड़कर फरार हो गया। परिजनों ने जब उसकी तलाश की तो रेलवे ट्रैक के पास बदहवास मिली। परिजनों ने बच्ची को घर लाकर उसकी हालत जानी तो मासूम ने पूरी घटना बता दी। इसके बाद परिजन पड़ाेसी के घर गए और पूरा मामला बताया। बारात में आए आरोपी की तलाश की, लेकिन वह फरार हो चुका था। सोमवार रात रोहनिया पुलिस ने केस दर्ज किया। गांव के बाहर घूमते समय आरोपी को अरेस्ट कर लिया है। चॉकलेट दिलाने के बहाने बाइक पर ले गया
सोमवार को रोहनिया के मोहनसराय चौकी अंतर्गत एक गांव में शादी थी। गांव में बारात आई थी और उसे देखने के लिए कई परिवार भी घर से बाहर बैठे थे। छह साल की बच्ची भी बारात की रोशनी और आतिशबाजी में खुश हो रही थी। उसे खेलता देखकर बारात में आए युवक ने गोद में उठा लिया। फिर बच्ची को चॉकलेट दिलाने के बहाने बाइक पर बैठा कर ले गया। युवक बच्ची को लेकर गांव के बाहर आ गया और रेलवे क्रॉसिंग की ओर ले गया। परिजनों ने सोचा कि उसे घुमाने ले गया है, लेकिन काफी देर तक उसे लौटाकर नहीं लाया। युवक ने बच्ची को बदनीयती से दबोच लिया और रेलवे ट्रैक किनारे ले जाकर रेप किया। जब बच्ची लहूलुहान होकर अचेत हो गई तो रेलवे ट्रैक के पास छोड़कर भाग गया। बच्ची हॉस्पिटल में एडमिट है
उधर, बच्ची की तलाश में जुटे परिजनों ने पहले गांव के अंदर तलाश की। तलाश करते हुए परिजन गांव के बाहर रेलवे ट्रैक की ओर आए, जहां बच्ची बदहवास हालात में मिली। पीड़िता के थाने पहुंचने पर इंस्पेक्टर रोहनिया ने पुलिस अफसरों को सूचना दी। फिर वरुणा जोन के ADCP सरवनन टी और ADCP महिला अपराध ममता रानी ने पीड़ित परिवार से बात की। ADCP ने इंस्पेक्टर रोहनिया से केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार करने के आदेश दिए। पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। —————— ये खबर भी पढ़िए- मेरठ पेशाब कांड के पीड़ित छात्र की हत्या:रात डेढ़ बजे पिता को फोन आया, कहा- इमरजेंसी है आ जाओ, वहां मिली लाश मेरठ में एक साल पहले एक छात्र पर कुछ युवकों ने पेशाब कर वीडियो बनाया था। आज उस छात्र रितिक की हत्या कर दी गई है। रितिक के परिजनों का आरोप है कि जिन लड़कों ने पिछले साल बेटे को सरेआम मारा-पीटा और यूरिन पिलाया था, उन्हीं लड़कों ने उसकी हत्या की है। रितिक के पिता ने दैनिक भास्कर को बताया- मंगलवार रात डेढ़ बजे उनके बेटे के मोबाइल से राहुल नाम के युवक का फोन आया था। राहुल ने कहा- रितिक के पिता बोल रहे हो क्या? जल्दी मेडिकल इमरजेंसी आ जाओ। जब हम अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने बेटे को मृत बता दिया। पढ़ें पूरी खबर…
वल्टोहा ने छोड़ा शिरोमणि अकाली दल:श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश, पेशी के बाद लिया फैसला
वल्टोहा ने छोड़ा शिरोमणि अकाली दल:श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश, पेशी के बाद लिया फैसला श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के बाद विरसा सिंह वल्टोहा ने खुद ही शिरोमणि अकाली दल के सभी पदों से अपना इस्तीफा दे दिया है। अकाली दल की प्रारंभिक मेंबरशिप से इस्तीफा देने के बाद विरसा सिंह वल्टोहा ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- आज श्री अकाल तख्त साहिब पर सिंह साहिब के सामने पेश होने के बाद मेरे बारे में जो आदेश जारी किया गया है, मैं उसे सिर झुकाकर स्वीकार करता हूं। इस आदेश को लागू करने के लिए शिरोमणि अकाली दल नेतृत्व को किसी भी खतरे में डाले बिना, मैं स्वयं अकाली दल की प्राथमिक सदस्यता छोड़ता हूं। मुझे पता है कि अकाली दल का नेतृत्व मुझसे बहुत प्यार करता है और हमेशा मेरा समर्थन एक शास्त्रीय विचारक का करेगा। मेरी रगों में अकाली खून बहता है और हमेशा बहता रहेगा एक विनम्र सिख के रूप में, मैं सिंह साहिबों के आदेश को दिल से स्वीकार करता हूं। मेरी जिंदगी में एक अकाली को अकाली दल से तोड़ने के लिए सिख राजनीति में यह पहला मामला है। यह पहला बहुत ही आश्चर्यजनक आदेश है। उन्होंने कहा कि आज अकाली विरोधी ताकतें जरूर खुश होंगी। हां ज्ञानी हरप्रीत और अन्य लोगों ने ऐसा आदेश देकर अकाली खेमे में दहशत पैदा करने की कोशिश जरूर की है। लेकिन तख्तों से सिख धर्म से जोड़ने और अकाली सोच से जोड़ने के लिए कदम उठाए जाते हैं न कि खौफ पैदा करने के लिए। वीडियोग्राफी सार्वजनिक करने की मांग वल्टोहा ने कहा कि आज मैंने विनम्रतापूर्वक सिंह साहबों के सामने अपना पक्ष रखा। सिंह साहबों ने पेशी बैठक की शुरुआत में मुझसे कहा कि, आपकी पूरी सुनवाई की वीडियो ग्राफी की जा रही है, जिसे बाद में मीडिया के लिए जारी किया जाएगा। मेरे जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह जी से अनुरोध है कि कृपया वीडियो ग्राफी के वीडियो मीडिया को सार्वजनिक करें। मेरा अनुरोध है कि कृपया मेरे स्पष्टीकरण पत्र और उस पेन ड्राइव को सार्वजनिक करें जिसमें ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी के भाजपा और केंद्र सरकार के साथ संबंध साबित करने वाले दस्तावेज़ प्रस्तुत किए गए थे। अगर किसी कारण से श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय ने मेरा स्पष्टीकरण पत्र और पेन ड्राइव सबूतों के साथ जारी नहीं किया तो कल मैं खुद यह सब सार्वजनिक कर दूंगा। श्री अकाल तख्त साहिब ने दिए थे आदेश आपको बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब ने पेशी के बाद शिरोमणि अकाली दल को आदेश दिए हैं कि विरसा सिंह वल्टोहा को पार्टी से निकाला जाए। पार्टी के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ को 24 घंटे में उन्हें अकाली दल से निकालने के लिए कहा गया है। साथ ही उनकी प्रारंभिक मेंबरशिप को भी खारिज की जाएगी। शिरोमणि अकाली दल में दस साल तक उनकी वापसी पर रोक लगाई जाए। अगर इसके बाद भी वह कुछ बयानबाजी करते है तो सख्त फैसला लिया जाएगा। इस मौके जत्थेदारों ने कहा कि उन्होंने विश्वासघात किया। उनकी हालचाल पूछने के बहाने रिकॉर्डिंग की है। इससे पहले विरसा सिंह वल्टोहा आज सुबह श्री अकाल तख्त साहिब पेश हुए । उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से 15 अक्तूबर को सुबह 9 बजे सबूतों सहित पेश होने के आदेश दिए गए थे। विरसा सिंह वल्टोहा ने दो दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों पर आरएसएस और बीजेपी का दबाव बताया था। विरसा सिंह वल्टोहा के पेश होने के बाद पांच सिंह साहिबानों की बैठक चल रही है। 13 अक्तूबर को पेश होने के दिए थे निर्देश श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से 13 अक्तूबर को लिखित में विरसा सिंह वल्टोहा को आदेश भेजे गए थे और 15 अक्तूबर को 9 बजे तक पेश होने के लिए कहा गया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि अगर वो उस समय तक पेश नहीं हुए तो हुए तो यह माना जाएगा कि विरसा सिंह वल्टोहा ने जत्थेदारों पर दबाव बनाने के लिए उनके चरित्र हनन की कोशिश की है। पोस्ट के जरिए वल्टोहा ने लगाए थे इल्जाम विरसा सिंह वल्टोहा ने 12 अक्तूबर को एक पोस्ट शेयर की थी। जिसमें उन्होंने सुखबीर सिंह बादल पर कार्रवाई के संबंध में जत्थेदार साहिब पर आरोप लगाए थे। उन्होंने लिखा था कि ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि सिख विरोधी ताकतों और शिरोमणि अकाली दल को हर समय कमजोर करने की साजिश करने वालों की सोच और साजिशें हमारी सम्मानित और राष्ट्र-अग्रणी संस्थाओं तक पहुंच जाएंगी। भगवान मेरे इस संदेह को निराधार बनाए, हमारी ये संस्थाएं सिखों के सम्मान और गौरव का प्रतीक हैं। विरसा सिंह ने कहा कि पिछले दिनों मैंने अपनी भावनाएं साझा करते हुए एक फेसबुक पोस्ट किया था कि, “जत्थेदार साहिबों द्वारा सुखबीर सिंह बादल को वेतनभोगी घोषित करने के बाद सजा देने में इतनी देरी क्यों हो रही है?” फेसबुक पोस्ट मिलने के बाद जो चौंकाने वाली जानकारी मुझ तक पहुंची वह परेशान करने वाली है। सोशल मीडिया पर लगाए थे आरोप मेरी पहली फेसबुक पोस्ट के बाद हमारे देश के सम्मानित जत्थेदारों के कई करीबी, जो शिरोमणि अकाली दल के समर्थक भी हैं, मुझसे अलग-अलग संपर्क कर बहुत गंभीर और चिंताजनक जानकारी दी कि, “जत्थेदार साहिबों पर बहुत आंतरिक दबाव डाला जा रहा है कि सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब से धार्मिक दंड दिया जाए। साथ ही शिरोमणि अकाली दल को भी नेतृत्वहीन कर दिया जाए। इन सूत्रों के मुताबिक सुखबीर सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल पर दबाव बनाने वालों में केंद्र सरकार, बीजेपी और आरएसएस के साथ-साथ देश-विदेश में बैठे सिख चरित्र के वे लोग भी शामिल हैं जो हमेशा अकाली दल के खिलाफ रहे हैं।
जब मैं पृष्ठभूमि के इतिहास और वर्तमान स्थिति के बारे में कहानियां सुनता हूं, तो मुझे बहुत चिंता होती है। इतिहास है कि श्री अकाल तख्त साहिब का दिल्ली तख्त से हमेशा टकराव रहा है। लेकिन दिल्ली तख्त के प्रभाव को स्वीकार करने वाले हमारे सम्मानित महानुभावों की ओर से जो ताजा सूचनाएं और राय सामने आ रही हैं, वह चिंता का विषय है। आदेशों के बाद लिखा था कि जबाव के लिए फोन ना करें इस पोस्ट के बाद उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब से सबूतों सहित पेश होने के आदेश आ गए थे। फिर जब आदेश मिले तो उन्होंने आदेशों की कापी को भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था और कहा था कि पूज्य जत्थेदार साहिब जी का आदेश प्राप्त हुआ। वह स्वीकार्य है। आदरणीय जत्थेदार साहिब जी के आदेशानुसार दास 15 अक्टूबर को समय पर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखेंगे। लेकिन इस आदेश में कुछ ऐसा भी है जिसका मेरी पोस्ट या मुझसे कोई लेना-देना नहीं है। आदेश में दर्ज है कि सिंह साहिबों द्वारा सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ सुनाए गए फैसले पर मुझे कोई आपत्ति है। लेकिन इसके विपरीत, मैं बल्कि एक वादी हूं कि सुखबीर सिंह बादल को कड़ी धार्मिक सजा/वेतन/दंड दिया जाना चाहिए।
लेकिन अकाली दल के विरोधियों के दबाव में अकाली दल के राजनीतिक व्यक्तित्व को कमजोर करने की रणनीति नहीं चलने दी जानी चाहिए, इस दबाव का जिक्र मैंने अपनी पोस्ट में किया है, जो बिल्कुल सच है। मीडिया के लिए भी कहा था विरसा सिंह वल्टोहा ने इसके बाद अगले दिन मीडिया कर्मियों के लिए भी कहा था कि वह भी उन्हें फोन करके स्पष्टीकरण के बारे में ना पूछें और ना ही बयान के लिए फोन करें। वो अपना स्पष्टीकरण समय पर श्री अकाल तख्त साहिब भेजेंगे।
सहारनपुर में 18 सेंटरों पर होगी CTET की परीक्षा:दो पालियों की परीक्षा में 12 हजार अभ्यार्थियों ने किया आवेदन, पानी की बोतल होनी चाहिए पारदर्शी
सहारनपुर में 18 सेंटरों पर होगी CTET की परीक्षा:दो पालियों की परीक्षा में 12 हजार अभ्यार्थियों ने किया आवेदन, पानी की बोतल होनी चाहिए पारदर्शी सहारनपुर में केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) की परीक्षा 18 सेंटरों पर होगी। परीक्षा 12 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी देंगे। CTET की परीक्षा दो पालियों में होगी। परीक्षा में सीसीटीवी और वायस रिकॉर्डर की निगरानी में होगी। परीक्षा केंद्रों के आसपास की फोटो स्टेट की दुकानें और साइबर कैफे बंद रहेंगे। दो पालियों में होगी परीक्षा
CTET की परीक्षा दो पालियों में होगी। पहली पाली सुबह 9:30 बजे से दोपहर एक बजे तक होगी। जबकि दूसरी पाली दोपहर दो बजे से शाम 4:30 बजे तक चलेगी। फर्स्ट पेपर उन आवेदकों के लिए होगा, जो कक्षा एक से 5 तक की कक्षाओं के लिए शिक्षक बनना चाहते हैं। जबकि दूसरा पेपर उन आवेदकों के लिए होगा जो कक्षा 6 से 8 तक के शिक्षक बनना चाहते हैं। कई परीक्षार्थी ऐसे हैं, जिन्होंने दोनों पालियों के लिए आवेदन किया है। सीसीटीवी और वायस रिकार्डर से होगी निगरानी
परीक्षा को नकलविहीन कराने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए है। सभी सेंटरों पर भारी पुलिस बल तैनात रहेगा। वहीं सीबीएसई से भी अधिकारी पहुंचेंगे। परीक्षा सेंटरों पर सीसीटीवी और वायर रिकार्डर लगाए गए है। परीक्षा सेंटरों के आसपास की फोटो स्टेट की दुकानें और साइबर कैफे बंद रहेंगे। जिससे पेपर लीक होने जैसी कोई घटना न हो। अभ्यर्थियों की हाजिरी बायो मैट्रिक मशीन से लगेगी। अभ्यर्थियों को सेंटर पर एक घंटा पहले पहुंचना होगा। परीक्षा में नहीं लाएंगे व्हाईटनर
समन्वयक डॉ.दिव्य जैन ने बताया कि अभ्यर्थियों को समय से पहुंचना होगा। प्रवेश पत्र और कोई पहचान पत्र लाना होगा। अभ्यर्थी काले या नीले रंग का बॉल पेन का इस्तेमाल कर सकेंगे। कोई भी अभ्यार्थी व्हाईटनर आदि परीक्षा केंद्र में नहीं ले जा सकेगा। क्योंकि व्हाईटनर प्रतिबंधित है। पानी की बोतल पारदर्शी होनी चाहिए। स्टील और अन्य प्रकार की पानी की बोतल प्रतिबंधित है। मोबाइल और इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स भी परीक्षा केंद्रों पर ले जाने की अनुमति नहीं होगी।