लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सपा के बागी विधायक अभय सिंह के खिलाफ दो अलग-अलग फैसले दिए। मामला हत्या के प्रयास का है। जस्टिस मसूदी ने अभय सिंह को 3 साल की सजा सुनाई, जबकि जस्टिस अभय श्रीवास्तव ने बरी कर दिया। अब यह मामला चीफ जस्टिस की बेंच में जाएगा, क्योंकि ऑर्डर में दोनों जजों की राय एक नहीं है। चीफ जस्टिस की बेंच ने अगर 3 साल की सजा कायम रखी तो अभय सिंह की विधायकी जा सकती है। साल 2010 में हत्या के प्रयास के एक मामले में अयोध्या की गोसाईगंज सीट से विधायक अभय सिंह नामजद हुए थे। अभय सिंह के खिलाफ कई गंभीर अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं। अब विस्तार से पढ़िए… 2010 में फायरिंग कराने का आरोप, निचली अदालत ने किया था बरी
साल 2010 में फैजाबाद (अयोध्या) के रहने वाले विकास सिंह ने अयोध्या में अभय सिंह के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। विकास ने बताया था कि वह अपनी गाड़ी से कहीं जा रहे थे। इस बीच अभय सिंह के साथियों ने उनकी गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। किसी तरह से भाग कर जान बचाई। अयोध्या में सुनवाई होने के बाद मामले को अंबेडकरनगर निचली कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। यहां से सभी को बरी कर दिया गया। जजमेंट को दी थी चुनौती पीड़ित विकास सिंह ने 2023 में लखनऊ हाईकोर्ट में अंबेडकरनगर कोर्ट के जजमेंट के खिलाफ याचिका दायर की। इस बीच हाईकोर्ट में कई बार सुनवाई हुई। शुक्रवार (20 दिसंबर) को मामले में दो जजों ने अलग-अलग फैसला सुनाया। राज्यसभा चुनाव में हुए थे बागी
फरवरी, 2024 में हुए राज्यसभा चुनाव में सपा विधायक अभय सिंह अपने सियासी कदमों के चलते चर्चा में रहे। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में वोट डाला था। आरोप भी लगे थे कि बीजेपी ने धनबल और बाहुबल के जरिए सपा के विधायकों को तोड़ने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने सपा से बगावत भी की। कौन है अभय सिंह? अभय सिंह का जन्म अयोध्या के रहने वाले भगवान बक्स सिंह के घर हुआ था। उन्होंने 1994 में लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। अभय सिंह ने सक्रिय राजनीति की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। 2012 विधानसभा चुनाव में अभय सिंह ने विधायकी का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में अभय सिंह ने बसपा कैंडिडेट इंद्र प्रताप तिवारी को हराकर जीत दर्ज की थी। 2017 में अभय सिंह चुनाव हार गए थे। 2022 विधानसभा चुनाव में अभय सिंह ने तीसरी बार सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा और बीजेपी उम्मीदवार आरती तिवारी को हरा दिया था। आरती तिवारी पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी की पत्नी हैं। मौजूदा समय में अभय सिंह गोसाईगंज सीट से सपा विधायक हैं। लेकिन, बीजेपी से ज्यादा नजदीकी चल रही है। ……………………………… इस खबर को भी पढ़ें… लखनऊ में पहली बार कैमरे में कैद हुआ बाघ:CISH के चौथे ब्लॉक में सुबह 5 बजे घूमते हुए दिखा; ग्रामीणों को किया गया अलर्ट लखनऊ में पहली बार बाघ ट्रैप कैमरे में नजर आया है। रहमानखेड़ा के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) के चौथे ब्लॉक में सुबह 5 बजे मूवमेंट करते हुए कैद हुआ। इलाके में 15 ट्रैप कैमरे और दो केज लगाए गए हैं। पढ़ें पूरी खबर… लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सपा के बागी विधायक अभय सिंह के खिलाफ दो अलग-अलग फैसले दिए। मामला हत्या के प्रयास का है। जस्टिस मसूदी ने अभय सिंह को 3 साल की सजा सुनाई, जबकि जस्टिस अभय श्रीवास्तव ने बरी कर दिया। अब यह मामला चीफ जस्टिस की बेंच में जाएगा, क्योंकि ऑर्डर में दोनों जजों की राय एक नहीं है। चीफ जस्टिस की बेंच ने अगर 3 साल की सजा कायम रखी तो अभय सिंह की विधायकी जा सकती है। साल 2010 में हत्या के प्रयास के एक मामले में अयोध्या की गोसाईगंज सीट से विधायक अभय सिंह नामजद हुए थे। अभय सिंह के खिलाफ कई गंभीर अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं। अब विस्तार से पढ़िए… 2010 में फायरिंग कराने का आरोप, निचली अदालत ने किया था बरी
साल 2010 में फैजाबाद (अयोध्या) के रहने वाले विकास सिंह ने अयोध्या में अभय सिंह के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। विकास ने बताया था कि वह अपनी गाड़ी से कहीं जा रहे थे। इस बीच अभय सिंह के साथियों ने उनकी गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। किसी तरह से भाग कर जान बचाई। अयोध्या में सुनवाई होने के बाद मामले को अंबेडकरनगर निचली कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। यहां से सभी को बरी कर दिया गया। जजमेंट को दी थी चुनौती पीड़ित विकास सिंह ने 2023 में लखनऊ हाईकोर्ट में अंबेडकरनगर कोर्ट के जजमेंट के खिलाफ याचिका दायर की। इस बीच हाईकोर्ट में कई बार सुनवाई हुई। शुक्रवार (20 दिसंबर) को मामले में दो जजों ने अलग-अलग फैसला सुनाया। राज्यसभा चुनाव में हुए थे बागी
फरवरी, 2024 में हुए राज्यसभा चुनाव में सपा विधायक अभय सिंह अपने सियासी कदमों के चलते चर्चा में रहे। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में वोट डाला था। आरोप भी लगे थे कि बीजेपी ने धनबल और बाहुबल के जरिए सपा के विधायकों को तोड़ने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने सपा से बगावत भी की। कौन है अभय सिंह? अभय सिंह का जन्म अयोध्या के रहने वाले भगवान बक्स सिंह के घर हुआ था। उन्होंने 1994 में लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। अभय सिंह ने सक्रिय राजनीति की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। 2012 विधानसभा चुनाव में अभय सिंह ने विधायकी का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में अभय सिंह ने बसपा कैंडिडेट इंद्र प्रताप तिवारी को हराकर जीत दर्ज की थी। 2017 में अभय सिंह चुनाव हार गए थे। 2022 विधानसभा चुनाव में अभय सिंह ने तीसरी बार सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा और बीजेपी उम्मीदवार आरती तिवारी को हरा दिया था। आरती तिवारी पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी की पत्नी हैं। मौजूदा समय में अभय सिंह गोसाईगंज सीट से सपा विधायक हैं। लेकिन, बीजेपी से ज्यादा नजदीकी चल रही है। ……………………………… इस खबर को भी पढ़ें… लखनऊ में पहली बार कैमरे में कैद हुआ बाघ:CISH के चौथे ब्लॉक में सुबह 5 बजे घूमते हुए दिखा; ग्रामीणों को किया गया अलर्ट लखनऊ में पहली बार बाघ ट्रैप कैमरे में नजर आया है। रहमानखेड़ा के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) के चौथे ब्लॉक में सुबह 5 बजे मूवमेंट करते हुए कैद हुआ। इलाके में 15 ट्रैप कैमरे और दो केज लगाए गए हैं। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर