हरियाणा में खाली पड़े ह्यूमन राइट्स कमीशन में बिना नेता प्रतिपक्ष के भी नियुक्तियां हो सकती हैं। केंद्रीय कानून में इसको लेकर भी व्यवस्था की गई है। कमीशन न केवल पिछले 19 महीनों से चेयरमैन (अध्यक्ष) विहीन है, बल्कि पिछले 14 महीने से इसमें कोई सदस्य भी नहीं है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट भी सरकार को इसको लेकर फटकार लगा चुका है। साथ ही नियुक्तियों को लेकर 28 नवंबर की डेडलाइन भी चुका है। सरकार की ओर से आयोग के अध्यक्ष और अन्य दोनों मेंबरों के पदों को भरने के लिए संभावित नामों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण सर्च कमेटी की मीटिंग कर चुके हैं, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई। कारण यह कि सर्च कमेटी की बैठक में विपक्ष के नेता का होना अनिवार्य है। इसलिए अलर्ट है सरकार हरियाणा में मानवाधिकार आयोग में चेयरमैन और सदस्य न होने के चलते कामकाज ठप पड़ने पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट नाराजगी जाहिर कर चुका है। जिसके बाद आनन-फानन में सीएम नायब सैनी सर्च कमेटी की मीटिंग कर चुके हैं। लेकिन इस मीटिंग में कमीशन में नियुक्ति को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। यदि अगली सुनवाई यानी 28 नवंबर तक पद नहीं भरे गए तो संबंधित अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट के समक्ष पेश होकर याचिकाकर्ता को मुकदमे की लागत के रूप में 50 हजार रुपए अपनी जेब से देने होंगे। डेढ़ महीने से नेता प्रतिपक्ष का नहीं हुआ चुनाव मौजूदा 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन को करीब डेढ़ महीना बीत चुका है। इतना लंबा समय बीत जाने के बाद आज तक सदन में सबसे बड़े 37 सदस्यों का विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक दल द्वारा अपना नेता नहीं चुना गया है। जिस कारण विधानसभा स्पीकर द्वारा उस चुने जाने वाले नेता को सदन के नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिया जाना भी लंबित है। कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष को लेकर चंडीगढ़ में हुई बैठक में भी नेता प्रतिपक्ष पर आम राय नहीं बन पाई। अब यहां पढ़िए क्यों नहीं नेता प्रतिपक्ष की है जरूरत…. आयोग में नियुक्ति के लिए चार मेंबरी कमेटी जरूरी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार का कहना है, भारतीय संसद द्वारा अधिनियमित मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सभी प्रदेशों में राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन किया जाता है। इस अधिनियम की धारा 22 (1) के अनुसार राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति प्रदेश के राज्यपाल द्वारा गठित की जाने वाली 4 मेंबरी कमेटी की सिफारिश से की जाती है। मुख्यमंत्री होते हैं कमेटी के अध्यक्ष राज्यपाल के द्वारा गठित की गई कमेटी का प्रदेश का मुख्यमंत्री अध्यक्ष होता है। जबकि कमेटी के अन्य तीन मेंबरों में राज्य विधानसभा के स्पीकर, प्रदेश के गृह मंत्री एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शामिल होते हैं। अब चूंकि हरियाणा की मौजूदा नायब सैनी सरकार में प्रदेश का गृह विभाग भी मुख्यमंत्री के पास ही है, इसलिए हरियाणा में ये कमेटी तीन सदस्यीय हो जाती है। इस नियम की वजह से नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति जरूरी नहीं कानूनी विश्लेषक हेमंत ने बताया कि हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष के न होने अर्थात कमेटी में उनकी अनुपस्थिति के कारण नियुक्ति पर कोई संकट नहीं है। हेमंत ने बताया कि केंद्र के अधिनियम की धारा 22(2) के स्पष्ट उल्लेख है कि राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति केवल इस कारण से अविधिमान्य (गैर-कानूनी) नहीं होगी, क्योंकि कमेटी में कोई रिक्ति है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस भी बने चुके अध्यक्ष हरियाणा मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस एसके मित्तल (सेवानिवृत्त) का 5 साल का कार्यकाल 19 महीने पहले 22 अप्रैल 2023 को पूर्ण हो गया था। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पद से सेवानिवृत्त हुए मित्तल को अप्रैल, 2018 में आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उनके साथ आयोग में एक (न्यायिक) सदस्य के तौर पर नियुक्त जस्टिस केसी पुरी (सेवानिवृत्त) का 5 साल का कार्यकाल भी अप्रैल, 2023 में समाप्त हो गया था। हालांकि आयोग में एक अन्य गैर-न्यायिक पृष्ठभूमि के सदस्य नामत दीप भाटिया को 20 सितंबर 2018 को 5 वर्ष के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया था, जो 11 मई 2023 तक पांच साल की अवधि के लिए इस पद पर बने रहे। इसके बाद 12 मई 2023 से 19 सितंबर 2023 तक भाटिया ने आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। हरियाणा में खाली पड़े ह्यूमन राइट्स कमीशन में बिना नेता प्रतिपक्ष के भी नियुक्तियां हो सकती हैं। केंद्रीय कानून में इसको लेकर भी व्यवस्था की गई है। कमीशन न केवल पिछले 19 महीनों से चेयरमैन (अध्यक्ष) विहीन है, बल्कि पिछले 14 महीने से इसमें कोई सदस्य भी नहीं है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट भी सरकार को इसको लेकर फटकार लगा चुका है। साथ ही नियुक्तियों को लेकर 28 नवंबर की डेडलाइन भी चुका है। सरकार की ओर से आयोग के अध्यक्ष और अन्य दोनों मेंबरों के पदों को भरने के लिए संभावित नामों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण सर्च कमेटी की मीटिंग कर चुके हैं, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई। कारण यह कि सर्च कमेटी की बैठक में विपक्ष के नेता का होना अनिवार्य है। इसलिए अलर्ट है सरकार हरियाणा में मानवाधिकार आयोग में चेयरमैन और सदस्य न होने के चलते कामकाज ठप पड़ने पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट नाराजगी जाहिर कर चुका है। जिसके बाद आनन-फानन में सीएम नायब सैनी सर्च कमेटी की मीटिंग कर चुके हैं। लेकिन इस मीटिंग में कमीशन में नियुक्ति को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। यदि अगली सुनवाई यानी 28 नवंबर तक पद नहीं भरे गए तो संबंधित अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट के समक्ष पेश होकर याचिकाकर्ता को मुकदमे की लागत के रूप में 50 हजार रुपए अपनी जेब से देने होंगे। डेढ़ महीने से नेता प्रतिपक्ष का नहीं हुआ चुनाव मौजूदा 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन को करीब डेढ़ महीना बीत चुका है। इतना लंबा समय बीत जाने के बाद आज तक सदन में सबसे बड़े 37 सदस्यों का विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक दल द्वारा अपना नेता नहीं चुना गया है। जिस कारण विधानसभा स्पीकर द्वारा उस चुने जाने वाले नेता को सदन के नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिया जाना भी लंबित है। कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष को लेकर चंडीगढ़ में हुई बैठक में भी नेता प्रतिपक्ष पर आम राय नहीं बन पाई। अब यहां पढ़िए क्यों नहीं नेता प्रतिपक्ष की है जरूरत…. आयोग में नियुक्ति के लिए चार मेंबरी कमेटी जरूरी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार का कहना है, भारतीय संसद द्वारा अधिनियमित मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सभी प्रदेशों में राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन किया जाता है। इस अधिनियम की धारा 22 (1) के अनुसार राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति प्रदेश के राज्यपाल द्वारा गठित की जाने वाली 4 मेंबरी कमेटी की सिफारिश से की जाती है। मुख्यमंत्री होते हैं कमेटी के अध्यक्ष राज्यपाल के द्वारा गठित की गई कमेटी का प्रदेश का मुख्यमंत्री अध्यक्ष होता है। जबकि कमेटी के अन्य तीन मेंबरों में राज्य विधानसभा के स्पीकर, प्रदेश के गृह मंत्री एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शामिल होते हैं। अब चूंकि हरियाणा की मौजूदा नायब सैनी सरकार में प्रदेश का गृह विभाग भी मुख्यमंत्री के पास ही है, इसलिए हरियाणा में ये कमेटी तीन सदस्यीय हो जाती है। इस नियम की वजह से नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति जरूरी नहीं कानूनी विश्लेषक हेमंत ने बताया कि हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष के न होने अर्थात कमेटी में उनकी अनुपस्थिति के कारण नियुक्ति पर कोई संकट नहीं है। हेमंत ने बताया कि केंद्र के अधिनियम की धारा 22(2) के स्पष्ट उल्लेख है कि राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति केवल इस कारण से अविधिमान्य (गैर-कानूनी) नहीं होगी, क्योंकि कमेटी में कोई रिक्ति है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस भी बने चुके अध्यक्ष हरियाणा मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस एसके मित्तल (सेवानिवृत्त) का 5 साल का कार्यकाल 19 महीने पहले 22 अप्रैल 2023 को पूर्ण हो गया था। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पद से सेवानिवृत्त हुए मित्तल को अप्रैल, 2018 में आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उनके साथ आयोग में एक (न्यायिक) सदस्य के तौर पर नियुक्त जस्टिस केसी पुरी (सेवानिवृत्त) का 5 साल का कार्यकाल भी अप्रैल, 2023 में समाप्त हो गया था। हालांकि आयोग में एक अन्य गैर-न्यायिक पृष्ठभूमि के सदस्य नामत दीप भाटिया को 20 सितंबर 2018 को 5 वर्ष के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया था, जो 11 मई 2023 तक पांच साल की अवधि के लिए इस पद पर बने रहे। इसके बाद 12 मई 2023 से 19 सितंबर 2023 तक भाटिया ने आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
कुवैत अग्निकांड में हरियाणा-पंजाब के भी 2 लोग मरे:रोजी-रोटी कमाने गए; एक वैल्डिंग असिस्टेंट तो दूसरा स्टील फैब्रिक कंपनी में फोरमैन था
कुवैत अग्निकांड में हरियाणा-पंजाब के भी 2 लोग मरे:रोजी-रोटी कमाने गए; एक वैल्डिंग असिस्टेंट तो दूसरा स्टील फैब्रिक कंपनी में फोरमैन था कुवैत के अग्निकांड में मारे गए करीब 52 लोगों में से 45 भारतीय हैं। इनके शव आज देश लाए गए हैं। इन लोगों में एक व्यक्ति हरियाणा के यमुनानगर और एक पंजाब के होशियारपुर का रहने वाला था। ये लोग सालों पहले रोजी रोटी कमाने के लिए कुवैत गए थे। इनके परिवार अब भी यहीं रहते हैं। दोनों मृतकों की पहचान अनिल गिरि निवासी विजय कॉलोनी यमुनानगर हरियाणा (मूल रूप से बिहार के गोपालगंज निवासी) और हिम्मत राय निवासी ज्योति एन्कलेव हरियाणा रोड होशियारपुर पंजाब के रूप में हुई है। वैल्डिंग असिस्टेंट थे अनिल
यमुनानगर निवासी अनिल करीब 5 साल पहले कुवैत गए थे। उनका परिवार यमुनानगर में ही रह रहा था। अनिल को कुवैत में वैल्डिंग असिस्टेंट के तौर पर काम मिला था। बताया जा रहा है कि वह 4 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनका परिवार गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वालों में शामिल है। अनिल गिरी के 2 बच्चे हैं, जो अभी पढ़ रहे हैं। दोनों ही नाबालिग हैं। परिवार बिहार हुआ रवाना
यमुनानगर में अनिल के पड़ोस में रहने वाले समाजसेवी जगदीश बाबर का कहना है कि जैसे ही उन्हें अनिल के बारे में पता चला तो उन्होंने घरवालों को बताना चाहा। हालांकि, घरवालों को पहले ही सूचना मिल चुकी थी, जिससे वे बिहार के लिए रवाना हो गए। अनिल का उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार होगा। 30 साल पहले कुवैत गए हिम्मत राय
उधर, होशियारपुर निवासी हिम्मत राय पुत्र रामलाल 30 साल पहले कुवैत गए थे। वहां वह एनबीटीसी स्टील फैब्रिक कंपनी के फोरमैन थे। हिम्मत की पत्नी सरबजीत कौर और 3 बच्चे यहीं होशियारपुर में ही रह रहे हैं। उनकी पत्नी ने बताया है कि उनके घर में केवल हिम्मत ही कमाने वाले थे। सरबजीत कौर ने बच्चे को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। प्रशासन ने परिवार को मदद का भरोसा दिलाया
वहीं, होशियारपुर की DC कोमल मित्तल ने कहा है कि प्रशासन पीड़ित के परिवार की हर संभव सहायता करेगा। हिम्मत की डेडबॉडी आज दिल्ली पहुंचेगी। उसे लाने के लिए पहले ही एम्बुलेंस भेज दी गई है।
हांसी में बाइक मेकैनिक ने की आत्महत्या:2 साल पहले छोड़ कर मायके चली गई थी पत्नी; परिजन बोले- दुखी रहता था
हांसी में बाइक मेकैनिक ने की आत्महत्या:2 साल पहले छोड़ कर मायके चली गई थी पत्नी; परिजन बोले- दुखी रहता था हरियाणा के हिसार जिले के हांसी में 32 वर्षीय युवक ने फांसी का फंदा लगा कर अपनी जीवन लीला समाप्त की। युवक काफ़ी समय से मानसिक तौर पर परेशान रह रहा था। देर रात को घर में अकेला पाकर गले में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। परेशानी का नहीं बताया कारण जानकारी के अनुसार 32 वर्षीय प्रदीप हांसी की ढाणी राजू का निवासी था। प्रदीप बाइक मेकैनिक का काम करता था। प्रदीप के परिजनों ने बताया कि प्रदीप काफ़ी समय से मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। प्रदीप से बार-बार पूछने पर भी उसने कभी परेशानी का कारण नहीं बताया। प्रदीप शादीशुदा था, लेकिन उसकी पत्नी पीछे 2-3 सालों से उसको छोड़ कर अपने मायके में रह रहीं थीं। डॉक्टरों ने मृत किया घोषित प्रदीप के परिजनों ने बताया कि प्रदीप अपने अलग घर ने रहता था, देर शाम उनको पता चला कि प्रदीप ने फांसी लगा ली है। जिसके बाद सभी परिजन उसके घर पर पहुंचे और उसको हांसी के नागरिक अस्पताल लाए जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद उसके शव को हांसी के नागरिक अस्पताल के शवगृह में रखवा गया। जहां पर आज दोपहर में उसके शव का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है। इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई। पुलिस ने परिजनों के बयां पर मामला दर्ज़ कर लिया है। आज प्रदीप के शव का पोस्टमॉर्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।।
हरियाणा में CM संग 12 विधायक ले सकते हैं शपथ:दलित समाज से बन सकते हैं 2 मंत्री, स्पीकर RSS बैकग्राउंड से; 3 नाम आगे
हरियाणा में CM संग 12 विधायक ले सकते हैं शपथ:दलित समाज से बन सकते हैं 2 मंत्री, स्पीकर RSS बैकग्राउंड से; 3 नाम आगे हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। मंत्रिमंडल के गठन को लेकर कार्यवाहक CM नायब सिंह सैनी की आलाकमान से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी चर्चा हो चुकी है। वहीं दूसरी तरफ शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां तेज हो गई हैं। समारोह में मुख्यमंत्री के साथ 12 विधायक भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इसमें हर जातिवर्ग और क्षेत्र का ध्यान रखा जाएगा। जहां से कोई विधायक चुनकर नहीं आया वहां से चेयरमैन बनाए जा सकते हैं, मगर इसका फैसला शपथ ग्रहण समारोह के बाद किया जाएगा। सबसे अहम बात है कि पूर्ण बहुमत की सरकार आने पर इस बार डिप्टी सीएम का पद खाली रखा जाएगा। जरूरत के हिसाब से ही इस पद पर कोई फैसला होगा। वहीं स्पीकर पद के लिए RSS बैकग्राउंड वाले विधायक को चुना जाएगा। इसके लिए हरविंद्र कल्याण, मूलचंद शर्मा और अनिज विज का नाम सबसे आगे है। बरवाला से चुनकर आए रणबीर गंगवा कैबिनेट मंत्री बनने के इच्छुक हैं इसलिए उनको ना तो डिप्टी स्पीकर के लिए दोबारा चुना जाएगा ना ही स्पीकर के लिए। स्पीकर के लिए किसका नाम आगे
स्पीकर पद के लिए हरविंद्र कल्याण और मूलचंद शर्मा के साथ अनिल विज का नाम आगे है इनमें से 12 विधायक बनेंगे मंत्री
अनिल विज, महिपाल ढांडा, कृष्णा गहलावत, सुनील सांगवान, विपुल गोयल, रामकुमार गौतम, अरविंद शर्मा, रणबीर गंगवा, आरती राव, लक्ष्मण यादव, कृष्ण बेदी, कृष्ण लाल पंवार, विनोद भयाणा, कृष्ण मिड्ढा में से 12 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। नई सरकार में ये हो सकते हैं प्रमुख चेहरे…