बिना पगड़ी के डिपोर्ट सिख युवक का मुद्दा पहुंचा अमेरिका:भारत सरकार ने कहा- मानवीय व्यवहार करे, धार्मिक संवेदनाओं का भी ध्यान रखे

बिना पगड़ी के डिपोर्ट सिख युवक का मुद्दा पहुंचा अमेरिका:भारत सरकार ने कहा- मानवीय व्यवहार करे, धार्मिक संवेदनाओं का भी ध्यान रखे

अमेरिका से डिपोर्ट होकर बिना पगड़ी के अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचे सिख युवक मामले को अब भारत सरकार ने अमेरिकी सरकार के समक्ष भी उठाया है। ये युवक शनिवार (15 फरवरी) रात को अमेरिका से डिपोर्ट हुए 116 भारतीयों वाले बैच में भारत पहुंचा था। बिना पगड़ी के तस्वीर वायरल होने के बाद सिख समुदाय में इसके प्रति रोष देखने को मिला था। इस मामले के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भी हरकत में आई थी और भारत सरकार से इसके लिए कदम उठाने का अगृह किया गया था। जिस पर अब भारत सरकार ने अमेरिकी सरकार से इस संबंध में बातचीत भी की है। अमेरिका से भारतीय नागरिकों को लेकर अमृतसर पहुंची उड़ानों पर विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा- “15 और 16 फरवरी को अमृतसर पहुंची उड़ानें हमारे लिए चिंता का विषय थीं, और हमने इस संबंध में अमेरिका सरकार के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया। हमने इस पर जोर दिया कि जिन्हें डिपोर्ट किया जा रहा है, उनके साथ मानवीय व्यवहार किया जाए और उनकी धार्मिक संवेदनाओं का भी ध्यान रखा जाए। जानकारी के अनुसार, 15 और 16 फरवरी को अमृतसर में उतरी उड़ानों में बच्चों और महिलाओं को किसी भी प्रकार की बेड़ियों में नहीं रखा गया था।” मनदीप ने दैनिक भास्कर के साथ सांझा की थी घटना अमृतसर एयरपोर्ट पर जो युवक बिना पगड़ी के दिखा था, उसका नाम मंदीप सिंह है। वह अमृतसर का रहने वाला है। भारतीय सेना से रिटायरमेंट लेने के बाद मिली रकम और पत्नी के गहने बेचकर मंदीप सिंह डंकी रूट से अमेरिका गया था। मंदीप के अनुसार, वहां अमेरिकी सैनिकों ने पकड़ने के बाद उसकी पगड़ी उतारकर कूड़ेदान में फेंक दी थी। उसकी दाढ़ी और सिर के केश भी काट दिए गए। 30 घंटे बिना खाए सफर किया तय मंदीप ने बताया कि बाकी भारतीयों के साथ डिपोर्ट किया गया तो हाथ-पैरों में हथकड़ी और बेड़ियां डाल दी गईं थी। खाने को सिर्फ सेब, चिप्स और फ्रूटी दी गई। मंदीप सिंह ने 30 घंटे लंबे सफर के दौरान इस डर के चलते कुछ भी नहीं खाया कि क्या पता अमेरिकी सैनिक कहीं बाथरूम तक न जाने दें? या फिर बाथरूम में पानी तक न हो। अमेरिका से भारत पहुंचने का 30 घंटे लंबा सफर उसने सिर्फ पानी पीकर किया और वह भी बेहद कम। अमेरिका से डिपोर्ट होकर बिना पगड़ी के अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचे सिख युवक मामले को अब भारत सरकार ने अमेरिकी सरकार के समक्ष भी उठाया है। ये युवक शनिवार (15 फरवरी) रात को अमेरिका से डिपोर्ट हुए 116 भारतीयों वाले बैच में भारत पहुंचा था। बिना पगड़ी के तस्वीर वायरल होने के बाद सिख समुदाय में इसके प्रति रोष देखने को मिला था। इस मामले के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भी हरकत में आई थी और भारत सरकार से इसके लिए कदम उठाने का अगृह किया गया था। जिस पर अब भारत सरकार ने अमेरिकी सरकार से इस संबंध में बातचीत भी की है। अमेरिका से भारतीय नागरिकों को लेकर अमृतसर पहुंची उड़ानों पर विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा- “15 और 16 फरवरी को अमृतसर पहुंची उड़ानें हमारे लिए चिंता का विषय थीं, और हमने इस संबंध में अमेरिका सरकार के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया। हमने इस पर जोर दिया कि जिन्हें डिपोर्ट किया जा रहा है, उनके साथ मानवीय व्यवहार किया जाए और उनकी धार्मिक संवेदनाओं का भी ध्यान रखा जाए। जानकारी के अनुसार, 15 और 16 फरवरी को अमृतसर में उतरी उड़ानों में बच्चों और महिलाओं को किसी भी प्रकार की बेड़ियों में नहीं रखा गया था।” मनदीप ने दैनिक भास्कर के साथ सांझा की थी घटना अमृतसर एयरपोर्ट पर जो युवक बिना पगड़ी के दिखा था, उसका नाम मंदीप सिंह है। वह अमृतसर का रहने वाला है। भारतीय सेना से रिटायरमेंट लेने के बाद मिली रकम और पत्नी के गहने बेचकर मंदीप सिंह डंकी रूट से अमेरिका गया था। मंदीप के अनुसार, वहां अमेरिकी सैनिकों ने पकड़ने के बाद उसकी पगड़ी उतारकर कूड़ेदान में फेंक दी थी। उसकी दाढ़ी और सिर के केश भी काट दिए गए। 30 घंटे बिना खाए सफर किया तय मंदीप ने बताया कि बाकी भारतीयों के साथ डिपोर्ट किया गया तो हाथ-पैरों में हथकड़ी और बेड़ियां डाल दी गईं थी। खाने को सिर्फ सेब, चिप्स और फ्रूटी दी गई। मंदीप सिंह ने 30 घंटे लंबे सफर के दौरान इस डर के चलते कुछ भी नहीं खाया कि क्या पता अमेरिकी सैनिक कहीं बाथरूम तक न जाने दें? या फिर बाथरूम में पानी तक न हो। अमेरिका से भारत पहुंचने का 30 घंटे लंबा सफर उसने सिर्फ पानी पीकर किया और वह भी बेहद कम।   पंजाब | दैनिक भास्कर