बिना पर्ची-खर्ची भर्ती से शाह का सपा पर हमला:योगी-केशव को तवज्जो दे अगड़े-पिछड़े को साधा; पंचायत चुनाव से पहले BJP फ्रंटफुट पर

बिना पर्ची-खर्ची भर्ती से शाह का सपा पर हमला:योगी-केशव को तवज्जो दे अगड़े-पिछड़े को साधा; पंचायत चुनाव से पहले BJP फ्रंटफुट पर

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 15 जून को लखनऊ में यूपी पुलिस भर्ती के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में शिरकत की। संदेश दिया, पारदर्शी भर्तियां हो रही हैं। साथ ही अगड़े-पिछड़े के समीकरण को भी मजबूती दे गए। इस भव्य आयोजन में 60,244 सिपाहियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। इसमें मंच पर 15 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपकर जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का सियासी गुलदस्ता पेश किया गया। शाह ने योगी सरकार की तारीफ करते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को ‘मित्र’ कहकर साधा। सपा पर बिना नाम लिए ‘पर्ची-खर्ची’ का तंज कस तीखा हमला बोला। पंचायत चुनाव से पहले यह आयोजन बीजेपी के लिए युवाओं को रोजगार और पारदर्शिता का संदेश देने का बड़ा मंच साबित हुआ। पढ़िए इस आयोजन से भाजपा ने क्या-क्या साधा… बिना पर्ची-खर्ची की भर्ती, सपा पर करारा हमला
अमित शाह ने मंच से सपा सरकार के दौरान पुलिस भर्ती में हुई धांधली पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘पिछली सरकारों में भर्ती के लिए पर्ची भेजी जाती थी, जाति विशेष को तरजीह दी जाती थी। लेकिन, आज मेरे सामने बैठे 60,244 अभ्यर्थियों को मैं हिम्मत के साथ कहता हूं कि किसी को एक पाई की रिश्वत नहीं देनी पड़ी। न खर्ची, न पर्ची, न सिफारिश, न जाति, न भ्रष्टाचार। केवल योग्यता के आधार पर 48 लाख आवेदनों में से आपका चयन हुआ।’ यह बयान न केवल योगी सरकार की पारदर्शिता की गवाही देता है, बल्कि सपा के ‘जातिवादी भर्ती’ के आरोपों का जवाब भी है। मंच पर जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का प्रदर्शन
मंच पर जिन 15 सिपाहियों को नियुक्ति पत्र दिए गए, उनमें संत कबीरनगर के सत्यम नायक, खीरी के प्रेम सागर, फर्रुखाबाद की शालिनी शाक्य, बलिया के उपेंद्र कुमार यादव, बरेली की शिल्पा सिंह, कानपुर देहात के बीनू बाबू, महोबा के योगेंद्र सिंह, उन्नाव के शिवांश पटेल, वाराणसी के मनीष त्रिपाठी, लखनऊ की रोशन जहां, कानपुर नगर के आजाद कुशवाहा, गोरखपुर की मिथिलेश भट्ट, रायबरेली की सोनी रावत, मऊ की नेहा गोंड और बागपत के सचिन सैनी शामिल थे। इन नामों में ब्राह्मण, ठाकुर, यादव, कुशवाहा, गोंड, सैनी, शाक्या जैसे विविध जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व था, जो यूपी के हर कोने से आए थे। यह चयन भाजपा की समावेशी नीति और जातीय संतुलन का साफ संदेश देता है। खासकर अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों को देखते हुए। योगी-केशव की जोड़ी को तवज्जो, सियासी संदेश
शाह ने मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा, ‘2014 में मोदी सरकार आने के बाद कई योजनाएं बनीं। लेकिन, यूपी में इन्हें धरातल पर 2017 के बाद योगी सरकार ने उतारा। आज यूपी केंद्र की हर स्कीम में नंबर वन है।’ साथ ही, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को ‘मित्र’ कहकर उन्होंने पिछड़े वर्ग के नेतृत्व को सम्मान दिया। यह कदम भाजपा की अगड़े-पिछड़े के बीच संतुलन की रणनीति को दर्शाता है, जो यूपी की जटिल जातीय राजनीति में अहम है। मौर्य ने भी मंच से अभ्यर्थियों से पूछा, ‘किसी ने एक रुपया लिया क्या?’ जवाब में एक सुर में ‘नहीं’ की गूंज ने पारदर्शिता के दावे को और मजबूत किया। बेरोजगारी पर अब आक्रामक रहेगी भाजपा
मुख्यमंत्री योगी ने इस आयोजन में डबल इंजन सरकार के 8 साल के कार्यकाल में साढ़े 8 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां देने की बात कही। इससे उन्होंने साफ कर दिया कि अब बेरोजगारी पर भाजपा आक्रामक रहेगी। पेपर लीक के मुद्दे पर बैकफुट रहने वाली योगी सरकार सिपाही की अब तक की सबसे बड़ी भर्ती की निष्पक्ष प्रक्रिया पूरी की। इससे ये सियासी संदेश देने में कामयाब रही कि उसकी सरकार में बिना रिश्वत के सिर्फ योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी पाई जा सकती है। खुद डिप्टी सीएम के पूछने पर चयनित सिपाहियों ने एक स्वर में कहा, ‘एक भी रुपया घूस नहीं देना पड़ा।’ कानून-व्यवस्था और योगी सरकार की उपलब्धियों को हथियार बनाएगी भाजपा
भाजपा पंचायत चुनाव में योगी सरकार की कानून-व्यवस्था की उपलब्धियों को बड़ा हथियार बनाएगी। शाह ने कहा, ‘योगी सरकार में गुंडों का फरमान नहीं चलता। अगले 5 साल में हर FIR पर 3 साल में सुप्रीम कोर्ट तक फैसला होगा।’ नक्सलवाद को 31 मार्च, 2026 तक खत्म करने का दावा भी ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा का भरोसा दिलाने की रणनीति है। योगी ने साइबर थानों, फोरेंसिक लैब्स, और ट्रेनिंग क्षमता बढ़ाने जैसे कदमों का जिक्र कर पुलिस बल को आधुनिक बनाने की बात दोहराई। यह बात ग्रामीण मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है। यूपी पंचायत चुनाव- 2026 की रणनीति अभी से बुन रही भाजपा
उत्तर प्रदेश में 2026 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को 2027 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने इस महत्वपूर्ण चुनाव के लिए अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसमें पारदर्शी भर्ती, जातीय संतुलन, और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को केंद्र में रखा गया है। भाजपा ने पंचायत चुनाव की तैयारी के लिए परिसीमन और मतदाता सूची पुनरीक्षण पर कमेटियां बनाई हैं। मंडल और जिला स्तर पर समितियां बनाई जा रही हैं, प्रदेश स्तर पर कंट्रोल रूम बनेगा। यह रणनीति सुनिश्चित करेगी कि परिसीमन में कोई गड़बड़ी न हो, जिसका आरोप सपा ने लगाया है। इसी कड़ी में प्रदेश में 500 नई ग्राम पंचायतों और 75 नए ब्लॉक बनाकर के भाजपा ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। सिपाही नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में सहयोगियों को भी साधा
भाजपा के लिए चुनौती गठबंधन सहयोगियों- निषाद पार्टी, अपना दल (एस) और सुभासपा- के अलग-अलग पंचायत चुनाव लड़ने के ऐलान से भी है। पार्टी अपने समर्थित उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेगी। भले ही चुनाव पार्टी चिह्न पर न हों। लेकिन, सिपाही भर्ती के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में सहयोगियों को मंच पर तवज्जो देकर भाजपा ने साफ कर दिया है कि उनकी एकजुटता कायम है। आगे के चुनाव में भी सभी सहयोगी दल मिलकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। ————————– ये खबर भी पढ़ें… डॉल्फिन-कछुओं की लगातार हो रहीं मौतें, यूपी में जहां सबसे ज्यादा संख्या वहां नहीं दिखती डॉल्फिन, पार्ट-2 बुलंदशहर जिले का गांव राजघाट। गंगा का ये इलाका डॉल्फिन, कछुओं और मछलियों की मौजूदगी के लिए मशहूर है। अकेले इसी जगह गंगा में 20 से ज्यादा डॉल्फिन हैं। लेकिन, हमें निराश होना पड़ा। दो घंटे मोटरबोट में घूमने के बाद भी हमें डॉल्फिन की एक झलक भी नहीं दिखी। पढ़ें पूरी खबर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 15 जून को लखनऊ में यूपी पुलिस भर्ती के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में शिरकत की। संदेश दिया, पारदर्शी भर्तियां हो रही हैं। साथ ही अगड़े-पिछड़े के समीकरण को भी मजबूती दे गए। इस भव्य आयोजन में 60,244 सिपाहियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। इसमें मंच पर 15 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपकर जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का सियासी गुलदस्ता पेश किया गया। शाह ने योगी सरकार की तारीफ करते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को ‘मित्र’ कहकर साधा। सपा पर बिना नाम लिए ‘पर्ची-खर्ची’ का तंज कस तीखा हमला बोला। पंचायत चुनाव से पहले यह आयोजन बीजेपी के लिए युवाओं को रोजगार और पारदर्शिता का संदेश देने का बड़ा मंच साबित हुआ। पढ़िए इस आयोजन से भाजपा ने क्या-क्या साधा… बिना पर्ची-खर्ची की भर्ती, सपा पर करारा हमला
अमित शाह ने मंच से सपा सरकार के दौरान पुलिस भर्ती में हुई धांधली पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘पिछली सरकारों में भर्ती के लिए पर्ची भेजी जाती थी, जाति विशेष को तरजीह दी जाती थी। लेकिन, आज मेरे सामने बैठे 60,244 अभ्यर्थियों को मैं हिम्मत के साथ कहता हूं कि किसी को एक पाई की रिश्वत नहीं देनी पड़ी। न खर्ची, न पर्ची, न सिफारिश, न जाति, न भ्रष्टाचार। केवल योग्यता के आधार पर 48 लाख आवेदनों में से आपका चयन हुआ।’ यह बयान न केवल योगी सरकार की पारदर्शिता की गवाही देता है, बल्कि सपा के ‘जातिवादी भर्ती’ के आरोपों का जवाब भी है। मंच पर जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का प्रदर्शन
मंच पर जिन 15 सिपाहियों को नियुक्ति पत्र दिए गए, उनमें संत कबीरनगर के सत्यम नायक, खीरी के प्रेम सागर, फर्रुखाबाद की शालिनी शाक्य, बलिया के उपेंद्र कुमार यादव, बरेली की शिल्पा सिंह, कानपुर देहात के बीनू बाबू, महोबा के योगेंद्र सिंह, उन्नाव के शिवांश पटेल, वाराणसी के मनीष त्रिपाठी, लखनऊ की रोशन जहां, कानपुर नगर के आजाद कुशवाहा, गोरखपुर की मिथिलेश भट्ट, रायबरेली की सोनी रावत, मऊ की नेहा गोंड और बागपत के सचिन सैनी शामिल थे। इन नामों में ब्राह्मण, ठाकुर, यादव, कुशवाहा, गोंड, सैनी, शाक्या जैसे विविध जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व था, जो यूपी के हर कोने से आए थे। यह चयन भाजपा की समावेशी नीति और जातीय संतुलन का साफ संदेश देता है। खासकर अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों को देखते हुए। योगी-केशव की जोड़ी को तवज्जो, सियासी संदेश
शाह ने मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा, ‘2014 में मोदी सरकार आने के बाद कई योजनाएं बनीं। लेकिन, यूपी में इन्हें धरातल पर 2017 के बाद योगी सरकार ने उतारा। आज यूपी केंद्र की हर स्कीम में नंबर वन है।’ साथ ही, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को ‘मित्र’ कहकर उन्होंने पिछड़े वर्ग के नेतृत्व को सम्मान दिया। यह कदम भाजपा की अगड़े-पिछड़े के बीच संतुलन की रणनीति को दर्शाता है, जो यूपी की जटिल जातीय राजनीति में अहम है। मौर्य ने भी मंच से अभ्यर्थियों से पूछा, ‘किसी ने एक रुपया लिया क्या?’ जवाब में एक सुर में ‘नहीं’ की गूंज ने पारदर्शिता के दावे को और मजबूत किया। बेरोजगारी पर अब आक्रामक रहेगी भाजपा
मुख्यमंत्री योगी ने इस आयोजन में डबल इंजन सरकार के 8 साल के कार्यकाल में साढ़े 8 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां देने की बात कही। इससे उन्होंने साफ कर दिया कि अब बेरोजगारी पर भाजपा आक्रामक रहेगी। पेपर लीक के मुद्दे पर बैकफुट रहने वाली योगी सरकार सिपाही की अब तक की सबसे बड़ी भर्ती की निष्पक्ष प्रक्रिया पूरी की। इससे ये सियासी संदेश देने में कामयाब रही कि उसकी सरकार में बिना रिश्वत के सिर्फ योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी पाई जा सकती है। खुद डिप्टी सीएम के पूछने पर चयनित सिपाहियों ने एक स्वर में कहा, ‘एक भी रुपया घूस नहीं देना पड़ा।’ कानून-व्यवस्था और योगी सरकार की उपलब्धियों को हथियार बनाएगी भाजपा
भाजपा पंचायत चुनाव में योगी सरकार की कानून-व्यवस्था की उपलब्धियों को बड़ा हथियार बनाएगी। शाह ने कहा, ‘योगी सरकार में गुंडों का फरमान नहीं चलता। अगले 5 साल में हर FIR पर 3 साल में सुप्रीम कोर्ट तक फैसला होगा।’ नक्सलवाद को 31 मार्च, 2026 तक खत्म करने का दावा भी ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा का भरोसा दिलाने की रणनीति है। योगी ने साइबर थानों, फोरेंसिक लैब्स, और ट्रेनिंग क्षमता बढ़ाने जैसे कदमों का जिक्र कर पुलिस बल को आधुनिक बनाने की बात दोहराई। यह बात ग्रामीण मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है। यूपी पंचायत चुनाव- 2026 की रणनीति अभी से बुन रही भाजपा
उत्तर प्रदेश में 2026 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को 2027 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने इस महत्वपूर्ण चुनाव के लिए अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसमें पारदर्शी भर्ती, जातीय संतुलन, और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को केंद्र में रखा गया है। भाजपा ने पंचायत चुनाव की तैयारी के लिए परिसीमन और मतदाता सूची पुनरीक्षण पर कमेटियां बनाई हैं। मंडल और जिला स्तर पर समितियां बनाई जा रही हैं, प्रदेश स्तर पर कंट्रोल रूम बनेगा। यह रणनीति सुनिश्चित करेगी कि परिसीमन में कोई गड़बड़ी न हो, जिसका आरोप सपा ने लगाया है। इसी कड़ी में प्रदेश में 500 नई ग्राम पंचायतों और 75 नए ब्लॉक बनाकर के भाजपा ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। सिपाही नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में सहयोगियों को भी साधा
भाजपा के लिए चुनौती गठबंधन सहयोगियों- निषाद पार्टी, अपना दल (एस) और सुभासपा- के अलग-अलग पंचायत चुनाव लड़ने के ऐलान से भी है। पार्टी अपने समर्थित उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेगी। भले ही चुनाव पार्टी चिह्न पर न हों। लेकिन, सिपाही भर्ती के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में सहयोगियों को मंच पर तवज्जो देकर भाजपा ने साफ कर दिया है कि उनकी एकजुटता कायम है। आगे के चुनाव में भी सभी सहयोगी दल मिलकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। ————————– ये खबर भी पढ़ें… डॉल्फिन-कछुओं की लगातार हो रहीं मौतें, यूपी में जहां सबसे ज्यादा संख्या वहां नहीं दिखती डॉल्फिन, पार्ट-2 बुलंदशहर जिले का गांव राजघाट। गंगा का ये इलाका डॉल्फिन, कछुओं और मछलियों की मौजूदगी के लिए मशहूर है। अकेले इसी जगह गंगा में 20 से ज्यादा डॉल्फिन हैं। लेकिन, हमें निराश होना पड़ा। दो घंटे मोटरबोट में घूमने के बाद भी हमें डॉल्फिन की एक झलक भी नहीं दिखी। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर