<p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh News:</strong> देश के राज्यों में बिजली उत्पादन में छत्तीसगढ़ राज्य अव्वल रहने के बावजूद भी अपने ही क्षेत्र के कुछ गांवों को रोशन करने के लिए हर महीने तेलंगाना सरकार को 8 लाख रुपये का भुगतान कर रही है, दरअसल तत्कालीन राज्य सरकार ने तेलंगाना से बिजली लेकर छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कुछ गांवों को रोशन करने का निर्णय लिया था.<br /><br />हालांकि इन गांवों तक बिजली तो पहुंच गई, लेकिन इतने सालों बाद भी अब तक छत्तीसगढ़ के CSEB विभाग ने यहां विद्युत सब स्टेशन नहीं बनाया है, जिसके चलते छत्तीसगढ़ सरकार को हर महीने तेलंगाना राज्य के बिजली विभाग को 7 से 8 लाख रुपये बिजली का भुगतान करना पड़ता है. जानकारी के मुताबिक तेलंगाना की बिजली से पामेड़ इलाके के आधा दर्जन से अधिक गांव रौशन हो रहे हैं और इन गांवो में हर माह लगभग 35 से 40 हजार यूनिट बिजली की खपत हो रही है, इसके लिए सरकार को हर महीने में लगभग 7 से 8 लाख रुपये का भार आ रहा है.<br /><br /><strong>तेलंगाना के सब स्टेशन से पामेड़ में की जा रही बिजली की आपूर्ति</strong><br />दरअसल छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्य से लगे छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पामेड़ इलाके के लगभग 500 घर तेलंगाना की बिजली से रौशन हो रहे हैं ,वहीं अब तक छत्तीसगढ़ से यहां बिजली पहुंचाने का सिर्फ लंबे समय से प्रयास ही हो रहा है और अब तक लाइन भी नहीं बिछ पाई है, जिसके चलते हर महीने छत्तीसगढ़ सरकार को बिजली शुल्क भुगतान के लिए 7 से 8 लाख रुपये तेलंगाना राज्य को देना पड़ रहा है, जानकारी के मुताबिक बीजापुर जिला मुख्यालय से करीब 210 किलोमीटर दूर तेलंगाना से लगा हुआ पामेड़ गांव में पहली बार 23 जुलाई 2020 को बिजली पहुंची थी.<br /><br /><strong>नहीं किया जा सका है कोई ठोस प्रयास</strong><br />तेलंगाना राज्य के चेरला तिपापुरम सब स्टेशन से पामेड़ में बिजली आपूर्ति की जा रही है ,खास बात यह है कि आजादी के बाद से बीजापुर जिले के अंदरूनी गांव अंधेरे में थे, लेकिन तत्कालीन राज्य सरकार ने इन गांवों तक छत्तीसगढ़ की ओर से बिजली पहुंचाने में हो रही परेशानी को देखते हुए तेलंगाना राज्य से बिजली खरीद कर रौशन करने का निर्णय लिया और तेलंगाना से उन अंदरूनी गांव तक आसानी से बिजली पहुंच रही है, हालांकि इन गांव में छत्तीसगढ़ की ओर से बिजली पहुंचाने का लगातार प्रयास किए जाने का दावा किया जा रहा है लेकिन अब तक इसके लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया जा सका है.<br /><br /><strong>पामेड़ में लंबे समय से 33 केवी का सब स्टेशन है प्रस्तावित</strong><br />इधर छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी ने पामेड़ इलाके में तेलंगाना से बिजली पहुंचने के बाद लाइनमैन और हेल्पर की नियुक्ति की है ,और कर्मचारी हमेशा उसी गांव में रहते हैं, खराबी आने पर तत्काल सुधार किया जाता है ,नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण पामेड़ इलाके में बीजापुर मुख्यालय से बिजली कर्मचारियो को पहुंचने में दिक्कत होती है.<br /><br />इधर इस मामले में CSEB विभाग के कार्यपालक निदेशक एस.के ठाकुर का कहना है कि बीजापुर जिले के कुछ गांव के लिए तेलंगाना से बिजली ली जा रही है, लेकिन बहुत जल्द तररेम- चिन्नागेलूर होते हुए पामेड़ के लिए लाइन बिछाई जाएगी, पामेड़ में 33 केवी सब स्टेशन भी प्रस्तावित है, और कार्य स्वीकृत है, जल्द ही सभी कार्य पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है.</p>
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