‘अम्मा ने मुझे बचपन से पाला, मैं उन्हें सबसे ज्यादा चाहता था। होली की शाम को अम्मा आंगन में काम कर रही थीं। उन्होंने घर में पले डॉगी रॉबर्ट को अपनी छड़ी से मार दिया। इसके बाद वह दादी के ऊपर झपट पड़ा।’ यह सब बताते हुए धीर त्रिवेदी थोड़ा सांस लेते हैं। उनकी 93 साल की दादी मोहिनी त्रिवेदी को घर में पले जर्मन शेफर्ड कुत्ते ने नोच-नोचकर मार डाला है। पोते धीर और उनकी पत्नी चाहकर भी कुछ नहीं कर सके, क्योंकि दोनों के पैर में फ्रैक्चर था। सिर्फ बेबस होकर चीखते-चिल्लाते रहे। धीर आगे कहते हैं- हमारी अम्मा को हार्ट और ब्लड प्रेशर की बीमारी थी। हमें लगता है कि कुत्ते के काटने से नहीं, उनकी सदमे से मौत हो गई है। हमनें पूछा- कुत्ता नोच रहा है, काट रहा है, तो क्या मौत नहीं हो सकती? धीर ने जवाब दिया- कुत्ते को हटाने के लिए मम्मी ने उस पर पानी डाल दिया था। इस वजह से आंगन खून से लाल हो गया था, बाकी ऐसा कुछ बड़ा नहीं हुआ था। इस बातचीत से समझ आया कि धीर त्रिवेदी को दादी की जान जाने के बावजूद अपने कुत्ते पर गुस्सा नहीं है। यही वजह है कि मंगलवार को वह नगर निगम पहुंचे। हलफनामा देकर कुत्ते को वापस मांगा है। धीर को अपने कुत्ते पर गुस्सा क्यों नहीं है? क्या वाकई दादी की गलती से उनकी जान गई, इसको समझने के लिए दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप टीम रावतपुर थाने के विकास नगर पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… धीर त्रिवेदी का घर बहुत ही सामान्य था। कंपाउंड से होते हुए हम एक कमरे तक पहुंचे। यहां एक बेड पर धीर लेट हुए थे। हमसे बात करने के लिए वह उठकर बैठ गए। उनके पैर में फ्रैक्चर हुआ है। हमने सवाल पूछा- आखिर अब आप कुत्ते को नगर निगम से वापस क्यों लेना चाह रहे हैं? आपकी दादी को रॉबर्ट ने बेरहमी से मार डाला? इस पर धीर ने कहा- अब वह तो जानवर है, उसकी क्या गलती है, सिर में छड़ी मारने से आक्रोशित हो गया था। इस वजह से हमला किया है। दादी को कहीं भी नोचा नहीं है। इस बातचीत के दौरान मोहिनी त्रिवेदी की बहू किरण कमरे में आती हैं। वह उस शाम को हुए वाकये को याद करके कहती हैं- होली की शाम थी। हमने चाय बनाई, माता जी शाम को आंगन में बैठकर चाय पी रही थीं। इस दौरान रॉबर्ट उनके पैर के पास पहुंच गया उन्होंने उसके सिर पर छड़ी मार दी। इसके बाद कुत्ता उनके ऊपर चढ़ गया। उनका हाथ दबोच लिया। वो गिर गईं, तब भी कुत्ता उनसे लिपटा रहा। वो अक्सर खेलते हुए भी ऐसा करता था। उसने अम्मा के हाथ पर काट भी लिया। उन्होंने बताया कि मोहिनी पुड्डुचेरी के पूर्व उपराज्यपाल त्रिभुवन प्रसाद तिवारी की बहन थीं। नगर निगम से वापस मांगा कुत्ता
मोहिनी की मौत के बाद नगर निगम की टीम कुत्ते को घर से पकड़ ले गई थी। चार दिन बाद पोते धीर ने नगर निगम को लेटर लिखकर कुत्ते को वापस मांगा है। नगर निगम की टीम ने कुत्ते के बिहैवियर का एनालिसिस किया है। वापस देना या नहीं, इस पर नगर निगम भी मंथन कर रहा है। उम्मीद है कि अगर पोता अपनी जिम्मेदारी पर लिखकर देगा तो उसे वापस दे दिया जाएगा। ‘अम्मा ने मुझे बचपन से पाला, मैं उन्हें सबसे ज्यादा चाहता था। होली की शाम को अम्मा आंगन में काम कर रही थीं। उन्होंने घर में पले डॉगी रॉबर्ट को अपनी छड़ी से मार दिया। इसके बाद वह दादी के ऊपर झपट पड़ा।’ यह सब बताते हुए धीर त्रिवेदी थोड़ा सांस लेते हैं। उनकी 93 साल की दादी मोहिनी त्रिवेदी को घर में पले जर्मन शेफर्ड कुत्ते ने नोच-नोचकर मार डाला है। पोते धीर और उनकी पत्नी चाहकर भी कुछ नहीं कर सके, क्योंकि दोनों के पैर में फ्रैक्चर था। सिर्फ बेबस होकर चीखते-चिल्लाते रहे। धीर आगे कहते हैं- हमारी अम्मा को हार्ट और ब्लड प्रेशर की बीमारी थी। हमें लगता है कि कुत्ते के काटने से नहीं, उनकी सदमे से मौत हो गई है। हमनें पूछा- कुत्ता नोच रहा है, काट रहा है, तो क्या मौत नहीं हो सकती? धीर ने जवाब दिया- कुत्ते को हटाने के लिए मम्मी ने उस पर पानी डाल दिया था। इस वजह से आंगन खून से लाल हो गया था, बाकी ऐसा कुछ बड़ा नहीं हुआ था। इस बातचीत से समझ आया कि धीर त्रिवेदी को दादी की जान जाने के बावजूद अपने कुत्ते पर गुस्सा नहीं है। यही वजह है कि मंगलवार को वह नगर निगम पहुंचे। हलफनामा देकर कुत्ते को वापस मांगा है। धीर को अपने कुत्ते पर गुस्सा क्यों नहीं है? क्या वाकई दादी की गलती से उनकी जान गई, इसको समझने के लिए दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप टीम रावतपुर थाने के विकास नगर पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… धीर त्रिवेदी का घर बहुत ही सामान्य था। कंपाउंड से होते हुए हम एक कमरे तक पहुंचे। यहां एक बेड पर धीर लेट हुए थे। हमसे बात करने के लिए वह उठकर बैठ गए। उनके पैर में फ्रैक्चर हुआ है। हमने सवाल पूछा- आखिर अब आप कुत्ते को नगर निगम से वापस क्यों लेना चाह रहे हैं? आपकी दादी को रॉबर्ट ने बेरहमी से मार डाला? इस पर धीर ने कहा- अब वह तो जानवर है, उसकी क्या गलती है, सिर में छड़ी मारने से आक्रोशित हो गया था। इस वजह से हमला किया है। दादी को कहीं भी नोचा नहीं है। इस बातचीत के दौरान मोहिनी त्रिवेदी की बहू किरण कमरे में आती हैं। वह उस शाम को हुए वाकये को याद करके कहती हैं- होली की शाम थी। हमने चाय बनाई, माता जी शाम को आंगन में बैठकर चाय पी रही थीं। इस दौरान रॉबर्ट उनके पैर के पास पहुंच गया उन्होंने उसके सिर पर छड़ी मार दी। इसके बाद कुत्ता उनके ऊपर चढ़ गया। उनका हाथ दबोच लिया। वो गिर गईं, तब भी कुत्ता उनसे लिपटा रहा। वो अक्सर खेलते हुए भी ऐसा करता था। उसने अम्मा के हाथ पर काट भी लिया। उन्होंने बताया कि मोहिनी पुड्डुचेरी के पूर्व उपराज्यपाल त्रिभुवन प्रसाद तिवारी की बहन थीं। नगर निगम से वापस मांगा कुत्ता
मोहिनी की मौत के बाद नगर निगम की टीम कुत्ते को घर से पकड़ ले गई थी। चार दिन बाद पोते धीर ने नगर निगम को लेटर लिखकर कुत्ते को वापस मांगा है। नगर निगम की टीम ने कुत्ते के बिहैवियर का एनालिसिस किया है। वापस देना या नहीं, इस पर नगर निगम भी मंथन कर रहा है। उम्मीद है कि अगर पोता अपनी जिम्मेदारी पर लिखकर देगा तो उसे वापस दे दिया जाएगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
बुजुर्ग महिला को कुत्ते ने नोचकर मार डाला:पोते बोले- अम्मा ने छड़ी मारी तो रॉबर्ट भड़क गया, कुत्ते की कोई गलती नहीं
