झांसी में शनिवार रात को एक दिल दहलाने वाली वारदात सामने आई। युवक ने अपने 4 साल के मासूम बेटे और पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। फिर बेटे की लाश को रस्सी के सहारे खूंटी पर लटका दिया। इसके बाद किचन में जाकर युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। इस पूरी वारदात के पीछे की वजह घरेलु कलह है। पति शराब पीकर अक्सर पत्नी को पीटता रहा। 3 दिन पहले महिला बच्चे को लेकर अपने भतीजे के बर्थ-डे में मायके आई तो यहां भी झगड़ा हो गया। तब पत्नी ने पति से रिश्ता तोड़ दिया। पति बेटे को लेकर घर चला गया। एक दिन बाद ही वह मायके आया और इस घटना को अंजाम दे दिया। पूरी घटना प्रेमनगर थाना क्षेत्र के नैनागढ़ के तलैया मोहल्ले की है। अब चलिए, सिलसिलेवार पूरी घटना को जानते हैं 8 साल पहले हुई थी दोनों की शादी कोतवाली के पठौरिया मोहल्ला निवासी नीलेश साहू (40) की शादी 8 साल पहले तलैया मोहल्ला निवासी प्रियंका (35) से हुई थी। उनका 4 साल का बेटा हिमांशु था। नीलेश ऑटो चलाता था, जबकि उसके पिता जुगल होमगार्ड में हैं और उनकी पोस्टिंग कोतवाली थाना में है। प्रियंका के भाई मोनू ने बताया कि “नीलेश शराब पीकर अक्सर बहन प्रियंका को पीटता था। हर बार हम लोग समझाते थे, लेकिन उसकी आदतों में सुधार नहीं हुआ। 29 मई को मेरे बेटे प्रिंस का पहला बर्थ-डे था। घर पर पार्टी थी, इसलिए बहन परिवार के साथ 28 मई को ही मेरे घर पर आ गई थी। धूमधाम से बर्थ-डे मनाया गया। लेकिन जब से जीजा मेरे घर पर आए तो शराब पीकर बहन प्रियंका से झगड़ा कर रहे थे। ऐसे में शुक्रवार को बहन ने जीजा के साथ रहने से मना कर दिया और रिश्ता तोड़ दिया। जीजा नीलेश बेटे को ले जाने की जिद पर अड़ गए तो बहन ने बेटा भी उनको दे दिया। इसके बाद वे अपने घर चले गए थे।” ऑटो में बेटे को लेकर आया नीलेश मोनू ने बताया कि “मेरे पिता ज्वाला प्रसाद और मां कमलेश बल्लमपुर में रहकर एक ब्रेकरी में काम करते हैं। बर्थ-डे पार्टी के बाद दोनों बल्लमपुर चले गए थे। छोटी बहन नेहा की शादी बबीना हुई है। प्रेग्नेंट होने की वजह से नेहा पार्टी में नहीं आ पाई थी। ऐसे में शनिवार शाम करीब 4 बजे मैं पत्नी भावना को लेकर शगुन देने नेहा के ससुराल गया था। घर पर बड़ी बहन प्रियंका अकेली थी। शाम करीब 7 बजे जीजा नीलेश ऑटो से घर पर आया। वो साथ में बच्चे को भी लिए थे। बाहर ऑटो खड़ा करके वह बेटे को लेकर घर के अंदर चला गया।” मासूम बेटे को मारते वक्त नहीं कांपे पिता के हाथ मोनू ने आगे बताया कि “प्रियंका के रिश्ता तोड़कर अलग रहने के फैसले से नीलेश खफा था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद होने लगा। घर के सबसे लास्ट में बने कमरे के अंदर नीलेश ने प्रियंका की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद बेटे हिमांशु का भी गला घोंट दिया और उसके शव को रस्सी के सहारे खूंटी पर लटका दिया। मासूम बेटे को मारते वक्त भी उसके हाथ नहीं कांपे। पत्नी और बेटे की हत्या कर नीलेश ने कमरे की बाहर से कुंडी बंद कर दी। फिर किचन में जाकर फांसी लगाकर जान दे दी।” मोनू ने आगे बताया कि “रात करीब 9:30 बजे बहन के घर से लौटा तो जीजा नीलेश की ऑटो घर के बाहर रखी थी। देखा तो मैन गेट लटके हुए थे। अंदर गया तो किचन में जीजा का शव लटका था। तब मैं चिल्लाता हुआ बाहर आ गया। मुझे बहन और बच्चा नजर नहीं आया। लोगों के लेकर दोबारा अंदर गया। कमरे की कुंदी खोली तो जमीन पर प्रियंका की लाश पड़ी थी और भांजा का शव खूंटी पर लटका था।” दरवाजे पर खड़ी हुई मां, बोली- लाश नहीं जाने दूंगी प्रियंका की मां कमलेश का कहना है कि शनिवार दोपहर करीब एक बजे बेटी से बात हुई तो बोली कि मम्मी पूजा कर रही हूं। इसके बाद शाम को मौत की खबर आ गई। इसके बाद वह मौके पर पहुंच गई। मां गेट को रोककर खड़ी हो गई और बोली कि पहले बेटी के सास-ससुर को बुलाया जाए। जब तक उनके ससुराल वाले नहीं आ जाते, हम लाश को नहीं जाने देने। पुलिस और परिवार के लोगों ने किसी तरह मां को समझाया। इसके बाद शवों को मोर्चरी भेजा गया। इस घटना के बाद सनसनी फैल गई। तमाम लोग मौके पर एकत्र हो गए। पुलिस ने डीवीआर कब्जे में लिया घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी राजेश एस, एडीएम प्रशासन अरुण कुमार सिंह, एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह और कई थानों का पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गया। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य सांकलन किए। घर के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, पुलिस ने डीवीआर को कब्जे में ले लिया है। तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए। मामले में एसएसपी राजेश एस का कहना है कि शुक्रवार को पति-पत्नी के बीच काफी झगड़ा हुआ था। इसके बाद पत्नी ने अलग रहने का फैसला ले लिया था। पति बच्चे को लेकर चला गया था। पत्नी के अलग रहने के फैसले से खफा होकर पति ने पत्नी और बेटे की हत्या की। फिर खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। महिला का शव जमीन पर पड़ा था, जबकि बेटा का शव खूंटी पर लटका मिला है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। आगे की जांच की जा रही है। झांसी में शनिवार रात को एक दिल दहलाने वाली वारदात सामने आई। युवक ने अपने 4 साल के मासूम बेटे और पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। फिर बेटे की लाश को रस्सी के सहारे खूंटी पर लटका दिया। इसके बाद किचन में जाकर युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। इस पूरी वारदात के पीछे की वजह घरेलु कलह है। पति शराब पीकर अक्सर पत्नी को पीटता रहा। 3 दिन पहले महिला बच्चे को लेकर अपने भतीजे के बर्थ-डे में मायके आई तो यहां भी झगड़ा हो गया। तब पत्नी ने पति से रिश्ता तोड़ दिया। पति बेटे को लेकर घर चला गया। एक दिन बाद ही वह मायके आया और इस घटना को अंजाम दे दिया। पूरी घटना प्रेमनगर थाना क्षेत्र के नैनागढ़ के तलैया मोहल्ले की है। अब चलिए, सिलसिलेवार पूरी घटना को जानते हैं 8 साल पहले हुई थी दोनों की शादी कोतवाली के पठौरिया मोहल्ला निवासी नीलेश साहू (40) की शादी 8 साल पहले तलैया मोहल्ला निवासी प्रियंका (35) से हुई थी। उनका 4 साल का बेटा हिमांशु था। नीलेश ऑटो चलाता था, जबकि उसके पिता जुगल होमगार्ड में हैं और उनकी पोस्टिंग कोतवाली थाना में है। प्रियंका के भाई मोनू ने बताया कि “नीलेश शराब पीकर अक्सर बहन प्रियंका को पीटता था। हर बार हम लोग समझाते थे, लेकिन उसकी आदतों में सुधार नहीं हुआ। 29 मई को मेरे बेटे प्रिंस का पहला बर्थ-डे था। घर पर पार्टी थी, इसलिए बहन परिवार के साथ 28 मई को ही मेरे घर पर आ गई थी। धूमधाम से बर्थ-डे मनाया गया। लेकिन जब से जीजा मेरे घर पर आए तो शराब पीकर बहन प्रियंका से झगड़ा कर रहे थे। ऐसे में शुक्रवार को बहन ने जीजा के साथ रहने से मना कर दिया और रिश्ता तोड़ दिया। जीजा नीलेश बेटे को ले जाने की जिद पर अड़ गए तो बहन ने बेटा भी उनको दे दिया। इसके बाद वे अपने घर चले गए थे।” ऑटो में बेटे को लेकर आया नीलेश मोनू ने बताया कि “मेरे पिता ज्वाला प्रसाद और मां कमलेश बल्लमपुर में रहकर एक ब्रेकरी में काम करते हैं। बर्थ-डे पार्टी के बाद दोनों बल्लमपुर चले गए थे। छोटी बहन नेहा की शादी बबीना हुई है। प्रेग्नेंट होने की वजह से नेहा पार्टी में नहीं आ पाई थी। ऐसे में शनिवार शाम करीब 4 बजे मैं पत्नी भावना को लेकर शगुन देने नेहा के ससुराल गया था। घर पर बड़ी बहन प्रियंका अकेली थी। शाम करीब 7 बजे जीजा नीलेश ऑटो से घर पर आया। वो साथ में बच्चे को भी लिए थे। बाहर ऑटो खड़ा करके वह बेटे को लेकर घर के अंदर चला गया।” मासूम बेटे को मारते वक्त नहीं कांपे पिता के हाथ मोनू ने आगे बताया कि “प्रियंका के रिश्ता तोड़कर अलग रहने के फैसले से नीलेश खफा था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद होने लगा। घर के सबसे लास्ट में बने कमरे के अंदर नीलेश ने प्रियंका की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद बेटे हिमांशु का भी गला घोंट दिया और उसके शव को रस्सी के सहारे खूंटी पर लटका दिया। मासूम बेटे को मारते वक्त भी उसके हाथ नहीं कांपे। पत्नी और बेटे की हत्या कर नीलेश ने कमरे की बाहर से कुंडी बंद कर दी। फिर किचन में जाकर फांसी लगाकर जान दे दी।” मोनू ने आगे बताया कि “रात करीब 9:30 बजे बहन के घर से लौटा तो जीजा नीलेश की ऑटो घर के बाहर रखी थी। देखा तो मैन गेट लटके हुए थे। अंदर गया तो किचन में जीजा का शव लटका था। तब मैं चिल्लाता हुआ बाहर आ गया। मुझे बहन और बच्चा नजर नहीं आया। लोगों के लेकर दोबारा अंदर गया। कमरे की कुंदी खोली तो जमीन पर प्रियंका की लाश पड़ी थी और भांजा का शव खूंटी पर लटका था।” दरवाजे पर खड़ी हुई मां, बोली- लाश नहीं जाने दूंगी प्रियंका की मां कमलेश का कहना है कि शनिवार दोपहर करीब एक बजे बेटी से बात हुई तो बोली कि मम्मी पूजा कर रही हूं। इसके बाद शाम को मौत की खबर आ गई। इसके बाद वह मौके पर पहुंच गई। मां गेट को रोककर खड़ी हो गई और बोली कि पहले बेटी के सास-ससुर को बुलाया जाए। जब तक उनके ससुराल वाले नहीं आ जाते, हम लाश को नहीं जाने देने। पुलिस और परिवार के लोगों ने किसी तरह मां को समझाया। इसके बाद शवों को मोर्चरी भेजा गया। इस घटना के बाद सनसनी फैल गई। तमाम लोग मौके पर एकत्र हो गए। पुलिस ने डीवीआर कब्जे में लिया घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी राजेश एस, एडीएम प्रशासन अरुण कुमार सिंह, एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह और कई थानों का पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गया। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य सांकलन किए। घर के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, पुलिस ने डीवीआर को कब्जे में ले लिया है। तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए। मामले में एसएसपी राजेश एस का कहना है कि शुक्रवार को पति-पत्नी के बीच काफी झगड़ा हुआ था। इसके बाद पत्नी ने अलग रहने का फैसला ले लिया था। पति बच्चे को लेकर चला गया था। पत्नी के अलग रहने के फैसले से खफा होकर पति ने पत्नी और बेटे की हत्या की। फिर खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। महिला का शव जमीन पर पड़ा था, जबकि बेटा का शव खूंटी पर लटका मिला है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। आगे की जांच की जा रही है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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करनाल में आज कष्ट निवारण समिति की बैठक:स्थानीय शहरी निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा करेंगे लोगों की समस्याओं का समाधान हरियाणा में करनाल के नागरिकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए आज जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक का आयोजन किया जाएगा। यह बैठक दोपहर 3 बजे पंचायत भवन में होगी। इस बैठक की अध्यक्षता हरियाणा के स्थानीय शहरी निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा करेंगे। बैठक के आयोजन का मुख्य उद्देश्य करनाल के नागरिकों की समस्याओं का समाधान करना है। सभी विभागों के अधिकारी रहेंगे मौजूद DC उत्तम सिंह ने बताया कि बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी समय पर पहुंचना सुनिश्चित करें ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। बैठक का मुख्य उद्देश्य नागरिकों की शिकायतों को सुनना और उनका तुरंत समाधान करना है। समस्या सुनेंगे और मौके पर समाधान करेंगे बैठक के दौरान नागरिक अपनी समस्याओं को सीधे राज्य मंत्री के सामने रख सकेंगे। राज्य मंत्री सुभाष सुधा न केवल समस्याओं को सुनेंगे, बल्कि उनकी समाधान के लिए त्वरित कार्रवाई भी सुनिश्चित करेंगे। इस बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी समस्या बिना समाधान के न रहे। पूरी तैयारी के साथ पहुंचे बैठक में उपायुक्त उत्तम सिंह ने जोर देकर कहा कि सभी विभागों के अधिकारी पूरी तैयारी के साथ बैठक में शामिल हों। यह बैठक नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां वे अपनी समस्याओं को रख सकते हैं और समाधान प्राप्त कर सकते हैं। नागरिकों को इस बैठक में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके।
स्मार्ट सिटी फंड खर्चने में निगम पीछे, वजह- लोगों के सुझाव ही नहीं िलए
स्मार्ट सिटी फंड खर्चने में निगम पीछे, वजह- लोगों के सुझाव ही नहीं िलए भले ही सरकार और निगम लुधियाना को स्मार्ट सिटी की कैटेगरी में शामिल कर ऑल इज वेल के दावे कर रहे हों, लेकिन हकीकत इसके उलट है। निगम प्रबंधन स्मार्ट सिटी के लिए आवंटित फंड का सही तरीके से इस्तेमाल करने में फिसड्डी साबित हुआ है। परियोजना के तहत मिले 433.70 करोड़ रुपये में से मात्र 277 करोड़ ही लुधियाना शहर में खर्च हो सके, जबकि 156.70 करोड़ निगम अफसर खर्च नहीं कर सके। स्टेट फाइनेंस ऑडिट कमेटी ने 2023 की ये रिपोर्ट पंजाब सरकार को भेजी है। 2016 में लुधियाना में आरओबी, आरयूबी समेत अन्य डेवलपमेंट के कामों के लिए 980 करोड़ के बजट से 81 प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू किया गया था। 60 प्रोजेक्ट कंप्लीट हो चुके हैं। जबकि 21 प्रोजेक्ट अधूरे हैं। स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर 2023 में तैयार की गई कैग रिपोर्ट पंजाब सरकार को 12 जून को भेजी गई है। इस रिपोर्ट में कैग ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और टिप्पणी की कि फंड का उचित उपयोग न होने और इंप्लीमेंटेशन में देरी से परियोजनाओं का अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सका। भूमि अधिग्रहण और कानूनी अड़चनें प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण में कानूनी अड़चनें आईं, जिससे देरी हुई। कानूनी प्रक्रियाओं के कारण आवंटित फंड में से अधिकांश फंड उपयोग नहीं हुआ। लुधियाना स्मार्ट सिटी को लेकर ये बातें कही गई हैं {वित्तीय नुकसान हुआ : स्मार्ट सिटी मिशन के तहत लुधियाना को 433 करोड़ आवंटित किए गए थे। प्रोजेक्ट की प्रगति धीमी रही और खर्च भी काफी कम रहा है। जिससे आर्थिक नुकसान हुआ। {277 करोड़ खर्चे: स्मार्ट सिटी परियोजना में 433.70 करोड़ आवंटित किए गए। 2022-23 के अंत तक 277 करोड़ ही खर्च किए गए थे, जो निर्धारित राशि से काफी कम है। {156.70 करोड़ नहीं हुए इस्तेमाल : परियोजना में 156.70 करोड़ की बचत अनस्पेंटस फंड की श्रेणी में दर्शाई गई है। इसका मतलब है कि कई प्रस्तावित प्रोजेक्ट या तो धीमी गति से चले हैं या पूरी तरह से लागू नहीं हो पाए। {प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन में देरी : कई योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा नहीं किया जा सका। फंड का समुचित उपयोग भी नहीं हो पाया। विभिन्न कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों से फंड का समय पर उपयोग नहीं हो पाया, जिससे कई परियोजनाएं अधूरी रह गईं। {योजनाओं की प्राथमिकता तय नहीं : परियोजनाओं की प्राथमिकता तय करने में कमी रही। कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को प्राथमिकता न मिलने से आवश्यक फंड का आवंटन भी नहीं हो पाया। {अफसरों में समन्वय की कमी : प्रशासनिक विभागों के बीच समन्वय की कमी रही। इससे परियोजनाओं का प्रभावी इंप्लीमेंटेशन बाधित हुआ। ये काम अभी अधूरे {गुरु नानक स्टेडियम प्रोजेक्ट {सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट {कॉम्पेक्टर प्रोजेक्ट {बायोरेमिडशन ऑफ लिगेसी वेस्ट {यूआईडी नंबर प्लेट प्रोजेक्ट {पुलों का निर्माण कार्य {अफसरों में समन्वय की कमी : प्रशासनिक विभागों के बीच समन्वय की कमी रही। इससे परियोजनाओं का प्रभावी इंप्लीमेंटेशन बाधित हुआ। {सार्वजनिक जागरूकता का अभाव : परियोजनाओं में स्थानीय नागरिकों की भागीदारी और जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए। स्थानीय लोगों का फीडबैक न लेने से परियोजनाओं की गुणवत्ता प्रभावित हुई। {टेक्नोलॉजी का सीमित उपयोग: स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम और आईटी-आधारित सेवाओं के क्रियान्वयन में तकनीकी व वित्तीय प्रबंधन की कमी रही। जिससे स्मार्ट सिटी का उद्देश्य आंशिक रूप से पूरा हो पाया। {मॉनीटरिंग और पारदर्शिता का अभाव: 156.70 करोड़ की अप्रयुक्त राशि ये दर्शाती है कि परियोजनाओं की मॉनीटरिंग और फंड के उपयोग में पारदर्शिता की कमी रही। {विशेषज्ञता की कमी : परियोजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए तकनीकी विशेषज्ञता की कमी रही। इससे योजनाओं का समुचित संचालन नहीं हो सका। आवश्यक प्रबंधकीय और प्रशासनिक कर्मचारियों की कमी के कारण फंड का सही उपयोग नहीं हो पाया।
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