झांसी में चलती कार में 17 साल की लड़की से गैंगरेप का मामला फर्जी निकला। बॉयफ्रेंड से शादी करने के लिए लड़की घर से भागी। लड़का नहीं आया तो शहर में घूमती रही। दोपहर को रोते हुए अपनी बुआ के यहां पहुंची। यहां बुआ ने मौके का फायदा उठाने की बात कही। फिर बुआ और उसके बेटे ने लड़की के पड़ोसियों को फंसाकर पैसे ऐंठने की साजिश रची। सीसीटीवी से मामले का खुलासा हुआ। लड़की ने 20 अगस्त की सुबह परिजनों से झगड़ा किया और भागकर शहर आ गई। यहां बॉयफ्रेंड के इंतजार में घूमती रही। सिंदूर, बिछिया और पायल खरीदी। खुद ही अपनी मांग में सिंदूर भर लिया, मगर बॉयफ्रेंड नहीं आया। 4 घंटे के बाद बुआ के घर पहुंची। करीब 12 घंटे तक तीनों ने गैंगरेप की साजिश रची। पुलिस को गैंगरेप की सूचना दी और केस दर्ज कराया। गुरुवार रात एसएसपी ने खुलासा करते हुए बताया- लड़की, उसकी बुआ और बुआ के बेटे को हिरासत में लिया है। तीनों के खिलाफ पोक्सो एक्ट में कार्रवाई की जा रही है। सबसे पहले 3 तस्वीरें देखिए… लड़की के ममेरे भाई ने दर्ज कराई थी FIR
हंसारी के मनीष परिहार ने बुधवार को बताया था कि 20 अगस्त की सुबह मेरे मामा की बेटी (17) अपने घर से किसी काम से निकली। जब वह घर नहीं लौटी तो मामा ढूंढ़ने लगे। खेत में उसकी चप्पल मिली। करीब 10:30 बजे ममेरी बहन मेरे घर आई। पहले उसने कुछ नहीं बताया। बाद में मां को बताया कि पड़ोसी सोनू, मनीष व एक अन्य व्यक्ति जबरदस्ती उसे कार में डालकर ले गए। उसके साथ गैंगरेप किया। मनीष की तहरीर पर प्रेमनगर थाना में केस दर्ज हुआ। घटना के समय क्रिकेट खेल रहा था एक आरोपी
केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने बुधवार को सोनू को पकड़ा। फिर देर रात मनीष को हिरासत में लिया। दोनों ने कहा कि उन्होंने किसी के साथ गैंगरेप नहीं किया। मनीष बोला- वह घटना के दिन सुबह से क्रिकेट खेल रहा था। दोस्तों ने भी उसके क्रिकेट खेलने की बात कही। यहीं से पुलिस को शक हुआ। तब एसएसपी राजेश एस. ने प्रेमनगर थाना प्रभारी के अलावा रक्सा एसओ, बड़ागांव एसओ और स्वाट टीम को लगाया। 50 कैमरे खंगाले, तब सामने आया सच
80 पुलिसकर्मियों ने 50 सीसीटीवी कैमरे खंगाले और कड़ी से कड़ी जोड़ी तो पूरा केस झूठा मिला। पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि उसे कार में जबरदस्ती डालकर ले गए। मगर उस समय सीसीटीवी कैमरे में कोई कार नजर नहीं आई। जबकि पीड़िता ऑटो से शहर पहुंची। किला व शहर में घूमने के बाद वह बुआ के घर पहुंची। CCTV फुटेज देखकर नरम पड़े तेवर
एसएसपी राजेश एस. ने बताया- पीड़िता के बयान में विरोधाभास था, लेकिन वह गैंगरेप पर कायम थी। पहले पुलिस को बयान में गैंगरेप होने की जानकारी दी। फिर कोर्ट में बयान दिए। मगर, तब तक पुलिस सीसीटीवी और तमाम साक्ष्य जुटा चुकी थी। इसके बाद गुरुवार शाम को पीड़िता से पूछताछ की गई। तब भी वह हर सवाल का बेबाकी से जबाव दे रही थी। कह रही थी कि गैंगरेप हुआ है। मगर, सीसीटीवी फुटेज दिखाए गए तो वह टूट गई और पूरी सच्चाई बता दी। लड़की, बुआ और उसका बेटा हिरासत में
एसएसपी ने बताया- लड़की एक युवक से बातचीत करती थी। वह उस युवक से शादी करना चाहती थी। इसलिए 20 अगस्त को घर से निकली थी। एक दुकान पर जाकर उसे कॉल लगाया। इसके बाद किला पर जाकर उसका इंतजार किया, मगर वो नहीं आया। तब वह घर न जाकर बुआ के घर पहुंची। वहां घर से जाने और गायब रहने का कारण नहीं बताया। मगर परिजन बार-बार दबाव बना रहे थे। इसलिए उसने सब कुछ बता दिया। तब बुआ फूलवती और उसके बेटे मनीष परिहार ने उसे समझाया कि यह तुम्हारे पड़ोसी सोनू भार्गव और मनीष पांडेय से पैसे वसूलने का सही मौका है। तब दोनों के खिलाफ गैंगरेप का केस लिखाने की साजिश रची गई। तीनों ने मिलकर केस दर्ज करवाया। लेकिन जांच में पीड़िता द्वारा बताई गई पूरी कहानी झूठी पाई गई। पीड़िता, उसकी बुआ फूलवती और उसके बेटे मनीष परिहार को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है। इन 4 सबूतों ने निर्दोषों को जेल जाने से बचाया ये भी पढ़ें: यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा, बस-रेलवे स्टेशन फुल:पेपर लीक की अफवाह पर सपा के पूर्व मंत्री पर FIR; गोरखपुर में महिला सिपाही को STF ने उठाया यूपी पुलिस की की सिपाही भर्ती परीक्षा आज से शुरू हो रही है। शुक्रवार को पहला दिन है। रात से ही रेलवे-बस स्टेशन परीक्षार्थियों से फुल हो गए। प्रयागराज में इतनी भीड़ थी कि बस में छात्रों ने खिड़की से एंट्री की। कानपुर सेंट्रल में भी कमोबेश यही हालत रहे। यहां ट्रेनों में परीक्षार्थियों की भीड़ की वजह जमकर धक्का-मुक्की हुई…(पूरी खबर पढ़ें) झांसी में चलती कार में 17 साल की लड़की से गैंगरेप का मामला फर्जी निकला। बॉयफ्रेंड से शादी करने के लिए लड़की घर से भागी। लड़का नहीं आया तो शहर में घूमती रही। दोपहर को रोते हुए अपनी बुआ के यहां पहुंची। यहां बुआ ने मौके का फायदा उठाने की बात कही। फिर बुआ और उसके बेटे ने लड़की के पड़ोसियों को फंसाकर पैसे ऐंठने की साजिश रची। सीसीटीवी से मामले का खुलासा हुआ। लड़की ने 20 अगस्त की सुबह परिजनों से झगड़ा किया और भागकर शहर आ गई। यहां बॉयफ्रेंड के इंतजार में घूमती रही। सिंदूर, बिछिया और पायल खरीदी। खुद ही अपनी मांग में सिंदूर भर लिया, मगर बॉयफ्रेंड नहीं आया। 4 घंटे के बाद बुआ के घर पहुंची। करीब 12 घंटे तक तीनों ने गैंगरेप की साजिश रची। पुलिस को गैंगरेप की सूचना दी और केस दर्ज कराया। गुरुवार रात एसएसपी ने खुलासा करते हुए बताया- लड़की, उसकी बुआ और बुआ के बेटे को हिरासत में लिया है। तीनों के खिलाफ पोक्सो एक्ट में कार्रवाई की जा रही है। सबसे पहले 3 तस्वीरें देखिए… लड़की के ममेरे भाई ने दर्ज कराई थी FIR
हंसारी के मनीष परिहार ने बुधवार को बताया था कि 20 अगस्त की सुबह मेरे मामा की बेटी (17) अपने घर से किसी काम से निकली। जब वह घर नहीं लौटी तो मामा ढूंढ़ने लगे। खेत में उसकी चप्पल मिली। करीब 10:30 बजे ममेरी बहन मेरे घर आई। पहले उसने कुछ नहीं बताया। बाद में मां को बताया कि पड़ोसी सोनू, मनीष व एक अन्य व्यक्ति जबरदस्ती उसे कार में डालकर ले गए। उसके साथ गैंगरेप किया। मनीष की तहरीर पर प्रेमनगर थाना में केस दर्ज हुआ। घटना के समय क्रिकेट खेल रहा था एक आरोपी
केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने बुधवार को सोनू को पकड़ा। फिर देर रात मनीष को हिरासत में लिया। दोनों ने कहा कि उन्होंने किसी के साथ गैंगरेप नहीं किया। मनीष बोला- वह घटना के दिन सुबह से क्रिकेट खेल रहा था। दोस्तों ने भी उसके क्रिकेट खेलने की बात कही। यहीं से पुलिस को शक हुआ। तब एसएसपी राजेश एस. ने प्रेमनगर थाना प्रभारी के अलावा रक्सा एसओ, बड़ागांव एसओ और स्वाट टीम को लगाया। 50 कैमरे खंगाले, तब सामने आया सच
80 पुलिसकर्मियों ने 50 सीसीटीवी कैमरे खंगाले और कड़ी से कड़ी जोड़ी तो पूरा केस झूठा मिला। पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि उसे कार में जबरदस्ती डालकर ले गए। मगर उस समय सीसीटीवी कैमरे में कोई कार नजर नहीं आई। जबकि पीड़िता ऑटो से शहर पहुंची। किला व शहर में घूमने के बाद वह बुआ के घर पहुंची। CCTV फुटेज देखकर नरम पड़े तेवर
एसएसपी राजेश एस. ने बताया- पीड़िता के बयान में विरोधाभास था, लेकिन वह गैंगरेप पर कायम थी। पहले पुलिस को बयान में गैंगरेप होने की जानकारी दी। फिर कोर्ट में बयान दिए। मगर, तब तक पुलिस सीसीटीवी और तमाम साक्ष्य जुटा चुकी थी। इसके बाद गुरुवार शाम को पीड़िता से पूछताछ की गई। तब भी वह हर सवाल का बेबाकी से जबाव दे रही थी। कह रही थी कि गैंगरेप हुआ है। मगर, सीसीटीवी फुटेज दिखाए गए तो वह टूट गई और पूरी सच्चाई बता दी। लड़की, बुआ और उसका बेटा हिरासत में
एसएसपी ने बताया- लड़की एक युवक से बातचीत करती थी। वह उस युवक से शादी करना चाहती थी। इसलिए 20 अगस्त को घर से निकली थी। एक दुकान पर जाकर उसे कॉल लगाया। इसके बाद किला पर जाकर उसका इंतजार किया, मगर वो नहीं आया। तब वह घर न जाकर बुआ के घर पहुंची। वहां घर से जाने और गायब रहने का कारण नहीं बताया। मगर परिजन बार-बार दबाव बना रहे थे। इसलिए उसने सब कुछ बता दिया। तब बुआ फूलवती और उसके बेटे मनीष परिहार ने उसे समझाया कि यह तुम्हारे पड़ोसी सोनू भार्गव और मनीष पांडेय से पैसे वसूलने का सही मौका है। तब दोनों के खिलाफ गैंगरेप का केस लिखाने की साजिश रची गई। तीनों ने मिलकर केस दर्ज करवाया। लेकिन जांच में पीड़िता द्वारा बताई गई पूरी कहानी झूठी पाई गई। पीड़िता, उसकी बुआ फूलवती और उसके बेटे मनीष परिहार को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है। इन 4 सबूतों ने निर्दोषों को जेल जाने से बचाया ये भी पढ़ें: यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा, बस-रेलवे स्टेशन फुल:पेपर लीक की अफवाह पर सपा के पूर्व मंत्री पर FIR; गोरखपुर में महिला सिपाही को STF ने उठाया यूपी पुलिस की की सिपाही भर्ती परीक्षा आज से शुरू हो रही है। शुक्रवार को पहला दिन है। रात से ही रेलवे-बस स्टेशन परीक्षार्थियों से फुल हो गए। प्रयागराज में इतनी भीड़ थी कि बस में छात्रों ने खिड़की से एंट्री की। कानपुर सेंट्रल में भी कमोबेश यही हालत रहे। यहां ट्रेनों में परीक्षार्थियों की भीड़ की वजह जमकर धक्का-मुक्की हुई…(पूरी खबर पढ़ें) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर