भगवान काशी विश्वनाथ को नहीं सताएगी गर्मी, ठंडक के लिए गर्भगृह में लगाया गया खास फव्वरा

भगवान काशी विश्वनाथ को नहीं सताएगी गर्मी, ठंडक के लिए गर्भगृह में लगाया गया खास फव्वरा

<p style=”text-align: justify;”><strong>Kashi Vishwanath Dham:</strong> द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक भगवान विश्वनाथ के प्रति शिव भक्तों का एक अटूट आस्था देखा जाता है. अक्सर श्रद्धालु अपने दैनिक जीवन से जुड़ी हुई हर एक प्रक्रिया को भी भगवान विश्वनाथ से जोड़े रखते हैं. इसी क्रम में भगवान विश्वनाथ के गर्भगृह में जलधारी ( फव्वरा) लगाया गया है जिससे अनवरत भगवान विश्वनाथ का जलाभिषेक होता रहेगा. मान्यता है कि इससे विश्वनाथ जी को प्रचंड गर्मी से राहत मिलेगी. यह परंपरा सैकड़ो वर्षों से निभाई जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के अनुसार – वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर में निभाई जाने वाली अनेकों परंपराओं का विधि विधान से निर्वहन किया जाता है. इसी क्रम में अक्षय तृतीया से भगवान विश्वनाथ के गर्भगृह में जलधारी लगाया गया है जो सावन माह तक भगवान विश्वनाथ का निर्धारित अवधि के दौरान अनवरत जलाभिषेक करता रहेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बाबा विश्वनाथ को नहीं सताएगी गर्मी<br /></strong>इस जलधारी का जल सीधे बाबा विश्वनाथ के गर्भ गृह में अर्पित किया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार मान्यता है की ईश्वर स्वरूप शंकर जी खुद प्रकृति से ही जुड़े हैं लेकिन उनके लिए भक्त इस बात का ख्याल रखते हुए उन्हें गर्मी का एहसास ना हो. इसी बात का ध्यान रखते हुए जलधारी लगाया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>”सैकड़ो वर्ष प्राचीन परंपरा “</strong><br />मई के महीने में इस प्रचंड गर्मी के दौरान &nbsp;बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है. इसी क्रम में बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में जलधारी से उन्हें जल अर्पित किया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार यह परंपरा सैकड़ो वर्षों से निभाई जा रही है, जिसका आज भी विधि विधान से पालन किया जाता है. आपको बता दें कि हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान काशी विश्वनाथ का दर्शन पाने के लिए वाराणसी आते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/chardham-yatra-2025-badrinath-temple-doors-of-opened-first-puja-done-in-the-name-of-pm-modi-2937523″><strong>चारधाम यात्रा 2025: बदरीनाथ मंदिर के खुले कपाट, PM मोदी के नाम से की गई पहली पूजा</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Kashi Vishwanath Dham:</strong> द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक भगवान विश्वनाथ के प्रति शिव भक्तों का एक अटूट आस्था देखा जाता है. अक्सर श्रद्धालु अपने दैनिक जीवन से जुड़ी हुई हर एक प्रक्रिया को भी भगवान विश्वनाथ से जोड़े रखते हैं. इसी क्रम में भगवान विश्वनाथ के गर्भगृह में जलधारी ( फव्वरा) लगाया गया है जिससे अनवरत भगवान विश्वनाथ का जलाभिषेक होता रहेगा. मान्यता है कि इससे विश्वनाथ जी को प्रचंड गर्मी से राहत मिलेगी. यह परंपरा सैकड़ो वर्षों से निभाई जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के अनुसार – वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर में निभाई जाने वाली अनेकों परंपराओं का विधि विधान से निर्वहन किया जाता है. इसी क्रम में अक्षय तृतीया से भगवान विश्वनाथ के गर्भगृह में जलधारी लगाया गया है जो सावन माह तक भगवान विश्वनाथ का निर्धारित अवधि के दौरान अनवरत जलाभिषेक करता रहेगा.</p>
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