भाखड़ा बांध जल विवाद मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई:पंजाब सरकार ने रखा अपना पक्ष, अब 26 को होगी अगली सुनवाई

भाखड़ा बांध जल विवाद मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई:पंजाब सरकार ने रखा अपना पक्ष, अब 26 को होगी अगली सुनवाई

भाखड़ा बांध के पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे विवाद पर आज (शुक्रवार को) पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान पंजाब सरकार की तरफ से जवाब दाखिल कर दिया गया। वहीं, अब इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। बांध पर सीआईएसएफ की तैनाती की प्रक्रिया की तैयारी शुरू हो गई है। वहां बने क्वार्टरों को खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिए गए हैं। जिससे वहां रहने वाले लोग परेशान हैं। पंजाब सीएम भगवंत मान ने इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि जब पंजाब पुलिस खुद सुरक्षा दे रही है तो हम पैसे क्यों दें। उन्होंने इस मामले में पंजाब भाजपा के नेताओं से सवाल किए हैं। साथ ही पूछा है कि क्या यह पत्र आपकी सहमति से जारी किया गया है। हालांकि सूत्रों से पता चला है कि 23 जुलाई 2021 को एक बैठक हुई थी। उस समय यह निर्णय लिया गया था कि बांध की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ संभालेगी। हालांकि अब इसे लागू कर दिया गया है। बीबीएमबी व हरियाणा सरकार ने किया गुमराह
जब इस मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई हुई तो पंजाब ने केंद्र और हरियाणा सरकार पर तथ्य छुपाने का आरोप लगाया। सरकार की तरफ से एक एप्लिकेशन लगाई गई, जिसमें कहा गया कि 28 अप्रैल को बीबीएमबी में पानी के मुद्दे पर सभी राज्यों की मीटिंग हुई थी, लेकिन उसमें जब इस मामले का कोई हल नहीं निकला तो हरियाणा सरकार ने बीबीएमबी के चेयरमैन को पत्र लिखा। साथ ही हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर को पत्र लिखा। वहीं, बीबीएमबी के चेयरमैन ने मामला केंद्र को भेज दिया। इसके बाद हुई मीटिंग में गृह सचिव की अध्यक्षता में जो बैठक हुई, जबकि पावर डिपार्टमेंट कभी मीटिंग नहीं लेता है। बिट्‌टू ने दिया सीएम को जवाब
इस मामले में पंजाब सीएम का कहना है कि पंजाब भाजपा के नेता बताए कि क्या उनकी सहमति से सीआईएसएफ लगाने का फैसला हुआ है। सीएम ने कहा कि उनकी चुप्पी को सहमति समझा जाएगा। दूसरी तरफ इस मामले में केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि सीआईएसएफ का काम सुरक्षा का है। पानी छोड़ने से उनका लेना देना नहीं है। भाखड़ा बांध के पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे विवाद पर आज (शुक्रवार को) पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान पंजाब सरकार की तरफ से जवाब दाखिल कर दिया गया। वहीं, अब इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। बांध पर सीआईएसएफ की तैनाती की प्रक्रिया की तैयारी शुरू हो गई है। वहां बने क्वार्टरों को खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिए गए हैं। जिससे वहां रहने वाले लोग परेशान हैं। पंजाब सीएम भगवंत मान ने इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि जब पंजाब पुलिस खुद सुरक्षा दे रही है तो हम पैसे क्यों दें। उन्होंने इस मामले में पंजाब भाजपा के नेताओं से सवाल किए हैं। साथ ही पूछा है कि क्या यह पत्र आपकी सहमति से जारी किया गया है। हालांकि सूत्रों से पता चला है कि 23 जुलाई 2021 को एक बैठक हुई थी। उस समय यह निर्णय लिया गया था कि बांध की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ संभालेगी। हालांकि अब इसे लागू कर दिया गया है। बीबीएमबी व हरियाणा सरकार ने किया गुमराह
जब इस मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई हुई तो पंजाब ने केंद्र और हरियाणा सरकार पर तथ्य छुपाने का आरोप लगाया। सरकार की तरफ से एक एप्लिकेशन लगाई गई, जिसमें कहा गया कि 28 अप्रैल को बीबीएमबी में पानी के मुद्दे पर सभी राज्यों की मीटिंग हुई थी, लेकिन उसमें जब इस मामले का कोई हल नहीं निकला तो हरियाणा सरकार ने बीबीएमबी के चेयरमैन को पत्र लिखा। साथ ही हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर को पत्र लिखा। वहीं, बीबीएमबी के चेयरमैन ने मामला केंद्र को भेज दिया। इसके बाद हुई मीटिंग में गृह सचिव की अध्यक्षता में जो बैठक हुई, जबकि पावर डिपार्टमेंट कभी मीटिंग नहीं लेता है। बिट्‌टू ने दिया सीएम को जवाब
इस मामले में पंजाब सीएम का कहना है कि पंजाब भाजपा के नेता बताए कि क्या उनकी सहमति से सीआईएसएफ लगाने का फैसला हुआ है। सीएम ने कहा कि उनकी चुप्पी को सहमति समझा जाएगा। दूसरी तरफ इस मामले में केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि सीआईएसएफ का काम सुरक्षा का है। पानी छोड़ने से उनका लेना देना नहीं है।   पंजाब | दैनिक भास्कर