भाजपा ने 7 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया:करहल से अखिलेश यादव के बहनोई को उतारा; सीसामऊ से नसीम के सामने अभी प्रत्याशी तय नहीं; देखें पूरी लिस्ट

भाजपा ने 7 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया:करहल से अखिलेश यादव के बहनोई को उतारा; सीसामऊ से नसीम के सामने अभी प्रत्याशी तय नहीं; देखें पूरी लिस्ट

भाजपा ने यूपी विधानसभा उपचुनाव के लिए गुरुवार को पहली लिस्ट जारी कर दी। पार्टी ने 9 में से 7 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। करहल में अनुजेश यादव को टिकट दिया। अनुजेश अखिलेश यादव के रिश्ते में बहनोई लगते हैं। कटेहरी से धर्मराज निषाद, कुंदरकी से रामवीर सिंह ठाकुर, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, खैर से सुरेंद्र दिलेर, फूलपुर से दीपक पटेल, ​​​​​​मझवां से सुचिस्मिता मौर्य को टिकट दिया है। भाजपा ने अभी कानपुर की सीसामऊ और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है। बताया जा रहा है कि सीसामऊ सीट से अभी प्रत्याशी तय नहीं हो पाया है। यहां सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उतारा है। वहीं, मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट गठबंधन के तहत रालोद को दिए जाने की बात है। भाजपा ने जिनको टिकट दिया, उनकी प्रोफाइल… चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर को यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर चुनाव की तारीख का ऐलान किया था। 13 नवंबर को इन सीटों पर वोटिंग होनी है। सपा ने अब तक 6 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे हैं। उप चुनाव को 2027 के रण का सेमीफाइनल माना जा रहा है। बीजेपी इन चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पूरी जान लगा रही है। संगठन से लेकर सरकार पूरी जी-तोड़ कोशिश में जुटी हुई है। यूपी में किन पार्टियों का किससे गठबंधन NDA: भाजपा बड़ी पार्टी है। NDA में सुभासपा, निषाद पार्टी, अपना दल (सोनेलाल) शामिल है। INDI: कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन है। सपा ने गाजियाबाद और खैर कांग्रेस को दी है। हालांकि अभी कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं घोषित किए हैं। PDM: अपना दल (कमेरावादी) नेता और सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल ने सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM और प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है। AIMIM ने कुंदरकी में मोहम्मद वारिस और मीरापुर में अरशद राणा को टिकट दिया है। मझवां सीट से प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के स्वयंबर पाल को प्रत्याशी घोषित किया गया है। सपा ने इन सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए बसपा ने इन सीटों पर उम्मीदवार उतारे उप चुनाव की 9 सीटों का समीकरण… 1- करहल सीट: अखिलेश यादव के सांसद बनने के बाद करहल विधानसभा सीट खाली हुई है। मैनपुरी जिले की इस सीट से लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव ने जीत दर्ज की थी। 2024 लोकसभा चुनाव में सपा को करहल विधानसभा में सबसे ज्यादा 1.34 लाख वोट मिले थे। यहां भाजपा के ठाकुर जयवीर सिंह को डिंपल यादव से 57 हजार 540 कम वोट मिले। इस सीट पर भाजपा ने सिर्फ एक बार 2002 में जीत दर्ज की है। जातीय समीकरण: करहल सीट यादव बाहुल्य है। यहां सवा लाख यादव मतदाता हैं। दूसरे स्थान पर शाक्य, तीसरे पर बघेल और क्षत्रिय मतदाता हैं। 2. कटेहरी सीट: अंबेडकरनगर जिले की कटेहरी सीट से विधायक लालजी वर्मा ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की। इसके बाद अब यहां उपचुनाव होने हैं। इस सीट पर सपा का दबदबा बरकरार है। यहां पर भाजपा सिर्फ एक बार 1992 में चुनाव जीती है। लोकसभा चुनाव का रिजल्ट देखें, तो लालजी वर्मा को कटेहरी विधानसभा में 1.07 लाख वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी रितेश पांडेय को 90 हजार। जातीय समीकरण: कटेहरी में दलित वोटर्स सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद मुस्लिम, ब्राह्मण और कुर्मी मतदाता हैं। यादव-ठाकुर, निषाद और राजभर भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं। यहां जातीय समीकरण साधने में सपा माहिर है। 3. कुंदरकी सीट: संभल सीट से जियाउर रहमान बर्क ने सपा के टिकट पर जीत दर्ज की। वह कुंदरकी विधानसभा सीट से विधायक थे। लोकसभा चुनाव में कुंदरकी सीट पर सपा को रिकॉर्ड 57 हजार वोटों से जीत मिली। जियाउर रहमान बर्क को यहां 1.43 लाख वोट मिले, जबकि भाजपा के परमेश्वर लाल सैनी को 86 हजार। जातिगत समीकरण: इस सीट पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या करीब 58 फीसदी है। इसके अलावा ओबीसी और दलित वोटर्स निर्णायक भूमिका में रहते हैं। 4. खैर सीट: सीएम योगी के मंत्री और अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट से विधायक अनूप वाल्मीकि को हाथरस लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया। वो हाथरस में चुनाव जीत गए। लेकिन, जिस विधानसभा सीट से वो विधायक थे। वहां सपा गठबंधन को सबसे ज्यादा वोट मिले। यहां सपा के बिजेंद्र सिंह को 95,391 वोट, जबकि भाजपा के सतीश गौतम को 93,900 वोट मिले। हालांकि, रालोद गठबंधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव में भाजपा मजबूत स्थिति में दिख रही है। जातीय समीकरण: इस क्षेत्र में जाट वोटर्स की संख्या ज्यादा है। यहां 1.10 लाख जाट, इसके बाद दलित-50 हजार, ब्राह्मण-40 हजार और 30 हजार मुस्लिम वोटर्स हैं। इसके अलावा वैश्य वोटर्स की संख्या भी निर्णायक रहती है। 5-गाजियाबाद सदर: लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद सदर से विधायक अतुल गर्ग जीते, इस वजह से सीट खाली हुई। उनके विधानसभा सीट पर भाजपा को रिकॉर्ड 1.37 लाख वोट मिले। यहां सपा-कांग्रेस गठबंधन की प्रत्याशी डॉली शर्मा को 73,950 वोट मिले। इससे पहले इस सीट पर 2004 में उपचुनाव हुए थे। तब सपा ने यहां जीत दर्ज की थी। यहां दो बार से लगातार भाजपा जीत दर्ज कर रही है। जातीय समीकरण : गाजियाबाद सदर सीट पर वैश्य, अनुसूचित जाति के वोटर्स निर्णायक हैं। जाट वोट बैंक भी मायने रखता है। 6- मीरापुर: मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से विधायक चंदन चौहान ने बिजनौर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है। लेकिन, अपनी विधानसभा सीट पर उन्हें सपा प्रत्याशी से कम वोट मिले। यहां सपा प्रत्याशी दीपक सैनी को 89429 और चंदन चौहान को 88,438 वोट मिले। ऐसे में उपचुनाव में इस सीट पर कांटे की टक्कर तय है। जातीय समीकरण : मीरापुर विधानसभा सीट पर एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं, जबकि 50 हजार से अधिक अनुसूचित जाति के वोटर हैं। इसी तरह से जाट 24 हजार और गुर्जर 18 हजार हैं। 7- फूलपुर: फूलपुर विधानसभा सीट से विधायक प्रवीण पटेल ने सांसदी जीती है। अपनी विधानसभा सीट पर उन्होंने सपा को 29 हजार 705 वोटों से हराया। इस सीट पर पिछले तीन चुनाव में भाजपा को दो बार और सपा को एक बार जीत मिली है। जातीय समीकरण : फूलपुर में 21 से 23% दलित, 20% यादव मतदाता है। यहां सवर्ण वोटर्स 10 से 12% के बीच हैं। वहीं मुस्लिम मदताताओं की संख्या 14% है। 8- मझवां सीट: मिर्जापुर जिले की मझवां विधानसभा सीट से विधायक विनोद कुमार बिंद को भाजपा ने भदोही से टिकट दिया। यहां उन्होंने टीएमसी प्रत्याशी ललितेश मिश्रा को हराया। वहीं, मिर्जापुर में अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल ने जीत दर्ज की। मझवां विधानसभा सीट से उन्हें सपा प्रत्याशी से 1762 वोट ज्यादा मिले। जातिगत समीकरण : दलित, ब्राह्मण, बिंद की संख्या 60-60 हजार है। कुशवाहा 30 हजार, पाल 22 हजार, राजपूत 20 हजार, मुस्लिम 22 हजार, पटेल 16 हजार हैं। 9-सीसामऊ सीट: कानपुर की सीसामऊ विधानसभा से सपा विधायक इरफान सोलंकी को जाजमऊ आगजनी केस में 7 साल की सजा सुनाई गई है। इसलिए यहां उपचुनाव हो रहा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के रमेश अवस्थी ने जीत दर्ज की। लेकिन सीसामऊ विधानसभा सीट पर उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी आलोक मिश्रा से कम वोट मिले। जातीय समीकरण : मुस्लिम वोटर्स 80 हजार हैं। दूसरे नंबर पर ब्राह्मण लगभग 55 हजार हैं। दलित 35 हजार, कायस्थ 20 हजार, वैश्य 15 हजार, यादव 16 हजार, सिंधी-पंजाबी 2000 हैं। अन्य वोटर्स की संख्या लगभग 35 है। आखिर में पढ़िए राजनीतिक दल किस तरह तैयारी कर रहे
NDA: सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन दो-दो सीटों की कमान संभाल रहे हैं। सभी ने अपने-अपने हिस्से की सीट पर दौरा कर भी लिया है। साथ ही सीएम योगी ने 30 मंत्रियों की टीम भी उतारी है। भाजपा की ओर से भी हर सीट पर एक-एक प्रभारी तैनात किए गए हैं। समाजवादी पार्टी: लोकसभा चुनाव में जीत से उत्साहित सपा भी उप चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव साफ कर चुके हैं, संविधान और आरक्षण के साथ PDA के मुद्दे पर ही पार्टी चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने पहले मिल्कीपुर, कटेहरी, मझवां, करहल, फूलपुर और सीसामऊ सीट पर पहले चुनाव प्रभारी घोषित कर दिए हैं। बसपा: बहुजन समाज पार्टी ने भी सभी 10 सीटों पर उप चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। पार्टी की ओर से 4 सीटों पर प्रत्याशी भी घोषित कर दिए गए हैं। कांग्रेस: उप चुनाव को लेकर कांग्रेस पांच सीटें सपा से मांग रही है। हांलाकि सपा ने सिर्फ 2 सीटें दी हैं। अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस इन दो सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी या सपा प्रत्याशी को समर्थन देगी। हालांकि सभी सीटों पर कांग्रेस ने पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया। अब जानिए किस सीट पर किसका था कब्जा…. अब बात चुनाव टाइम लाइन की… उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 10 में से 9 सीटों पर उप-चुनाव का ऐलान हो गया। 13 नवंबर को वोटिंग होगी। नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर पर भी चुनाव होना था। यह सीट अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई थी। लेकिन चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में विचाराधीन भाजपा के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ की याचिका के चलते चुनाव टाल दिया। बाबा गोरखनाथ ने याचिका वापसी की लगाई अर्जी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया, ‘विधानसभा चुनाव 2022 में मिल्कीपुर से भाजपा प्रत्याशी रहे बाबा गोरखनाथ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी। इस कारण मिल्कीपुर में उप चुनाव की घोषणा नहीं हुई है।’ चुनाव तारीख घोषित होने के बाद बाबा गोरखनाथ ने 9 सीटों के साथ मिल्कीपुर में भी चुनाव कराने के लिए याचिका वापस लेने की अर्जी हाईकोर्ट में दाखिल की है। हालांकि उस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। ———————————— यह भी पढ़ें: यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, कौन कितना ताकतवर:8 सीटों पर सपा मजबूत, कानपुर में इरफान का विकल्प ढूंढ रही पार्टी यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। 8 विधायक सांसद बन गए हैं। एक सीट पर सपा विधायक इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा हुई है, उनकी विधायकी चली जाएगी। विधानसभा की इन 9 सीटों पर उपचुनाव के लिए हर पार्टी मंथन कर रही है। लोकसभा चुनाव के नतीजों से सामने आए आंकड़ों के मुताबिक- 7 सीटों पर सपा का पलड़ा भारी है। एक सीट पर भाजपा और एक पर अपना दल (एस) मजबूत स्थिति में है। पढ़ें पूरी खबर… भाजपा ने यूपी विधानसभा उपचुनाव के लिए गुरुवार को पहली लिस्ट जारी कर दी। पार्टी ने 9 में से 7 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। करहल में अनुजेश यादव को टिकट दिया। अनुजेश अखिलेश यादव के रिश्ते में बहनोई लगते हैं। कटेहरी से धर्मराज निषाद, कुंदरकी से रामवीर सिंह ठाकुर, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, खैर से सुरेंद्र दिलेर, फूलपुर से दीपक पटेल, ​​​​​​मझवां से सुचिस्मिता मौर्य को टिकट दिया है। भाजपा ने अभी कानपुर की सीसामऊ और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है। बताया जा रहा है कि सीसामऊ सीट से अभी प्रत्याशी तय नहीं हो पाया है। यहां सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उतारा है। वहीं, मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट गठबंधन के तहत रालोद को दिए जाने की बात है। भाजपा ने जिनको टिकट दिया, उनकी प्रोफाइल… चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर को यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर चुनाव की तारीख का ऐलान किया था। 13 नवंबर को इन सीटों पर वोटिंग होनी है। सपा ने अब तक 6 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे हैं। उप चुनाव को 2027 के रण का सेमीफाइनल माना जा रहा है। बीजेपी इन चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पूरी जान लगा रही है। संगठन से लेकर सरकार पूरी जी-तोड़ कोशिश में जुटी हुई है। यूपी में किन पार्टियों का किससे गठबंधन NDA: भाजपा बड़ी पार्टी है। NDA में सुभासपा, निषाद पार्टी, अपना दल (सोनेलाल) शामिल है। INDI: कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन है। सपा ने गाजियाबाद और खैर कांग्रेस को दी है। हालांकि अभी कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं घोषित किए हैं। PDM: अपना दल (कमेरावादी) नेता और सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल ने सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM और प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है। AIMIM ने कुंदरकी में मोहम्मद वारिस और मीरापुर में अरशद राणा को टिकट दिया है। मझवां सीट से प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के स्वयंबर पाल को प्रत्याशी घोषित किया गया है। सपा ने इन सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए बसपा ने इन सीटों पर उम्मीदवार उतारे उप चुनाव की 9 सीटों का समीकरण… 1- करहल सीट: अखिलेश यादव के सांसद बनने के बाद करहल विधानसभा सीट खाली हुई है। मैनपुरी जिले की इस सीट से लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव ने जीत दर्ज की थी। 2024 लोकसभा चुनाव में सपा को करहल विधानसभा में सबसे ज्यादा 1.34 लाख वोट मिले थे। यहां भाजपा के ठाकुर जयवीर सिंह को डिंपल यादव से 57 हजार 540 कम वोट मिले। इस सीट पर भाजपा ने सिर्फ एक बार 2002 में जीत दर्ज की है। जातीय समीकरण: करहल सीट यादव बाहुल्य है। यहां सवा लाख यादव मतदाता हैं। दूसरे स्थान पर शाक्य, तीसरे पर बघेल और क्षत्रिय मतदाता हैं। 2. कटेहरी सीट: अंबेडकरनगर जिले की कटेहरी सीट से विधायक लालजी वर्मा ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की। इसके बाद अब यहां उपचुनाव होने हैं। इस सीट पर सपा का दबदबा बरकरार है। यहां पर भाजपा सिर्फ एक बार 1992 में चुनाव जीती है। लोकसभा चुनाव का रिजल्ट देखें, तो लालजी वर्मा को कटेहरी विधानसभा में 1.07 लाख वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी रितेश पांडेय को 90 हजार। जातीय समीकरण: कटेहरी में दलित वोटर्स सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद मुस्लिम, ब्राह्मण और कुर्मी मतदाता हैं। यादव-ठाकुर, निषाद और राजभर भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं। यहां जातीय समीकरण साधने में सपा माहिर है। 3. कुंदरकी सीट: संभल सीट से जियाउर रहमान बर्क ने सपा के टिकट पर जीत दर्ज की। वह कुंदरकी विधानसभा सीट से विधायक थे। लोकसभा चुनाव में कुंदरकी सीट पर सपा को रिकॉर्ड 57 हजार वोटों से जीत मिली। जियाउर रहमान बर्क को यहां 1.43 लाख वोट मिले, जबकि भाजपा के परमेश्वर लाल सैनी को 86 हजार। जातिगत समीकरण: इस सीट पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या करीब 58 फीसदी है। इसके अलावा ओबीसी और दलित वोटर्स निर्णायक भूमिका में रहते हैं। 4. खैर सीट: सीएम योगी के मंत्री और अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट से विधायक अनूप वाल्मीकि को हाथरस लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया। वो हाथरस में चुनाव जीत गए। लेकिन, जिस विधानसभा सीट से वो विधायक थे। वहां सपा गठबंधन को सबसे ज्यादा वोट मिले। यहां सपा के बिजेंद्र सिंह को 95,391 वोट, जबकि भाजपा के सतीश गौतम को 93,900 वोट मिले। हालांकि, रालोद गठबंधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव में भाजपा मजबूत स्थिति में दिख रही है। जातीय समीकरण: इस क्षेत्र में जाट वोटर्स की संख्या ज्यादा है। यहां 1.10 लाख जाट, इसके बाद दलित-50 हजार, ब्राह्मण-40 हजार और 30 हजार मुस्लिम वोटर्स हैं। इसके अलावा वैश्य वोटर्स की संख्या भी निर्णायक रहती है। 5-गाजियाबाद सदर: लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद सदर से विधायक अतुल गर्ग जीते, इस वजह से सीट खाली हुई। उनके विधानसभा सीट पर भाजपा को रिकॉर्ड 1.37 लाख वोट मिले। यहां सपा-कांग्रेस गठबंधन की प्रत्याशी डॉली शर्मा को 73,950 वोट मिले। इससे पहले इस सीट पर 2004 में उपचुनाव हुए थे। तब सपा ने यहां जीत दर्ज की थी। यहां दो बार से लगातार भाजपा जीत दर्ज कर रही है। जातीय समीकरण : गाजियाबाद सदर सीट पर वैश्य, अनुसूचित जाति के वोटर्स निर्णायक हैं। जाट वोट बैंक भी मायने रखता है। 6- मीरापुर: मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से विधायक चंदन चौहान ने बिजनौर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है। लेकिन, अपनी विधानसभा सीट पर उन्हें सपा प्रत्याशी से कम वोट मिले। यहां सपा प्रत्याशी दीपक सैनी को 89429 और चंदन चौहान को 88,438 वोट मिले। ऐसे में उपचुनाव में इस सीट पर कांटे की टक्कर तय है। जातीय समीकरण : मीरापुर विधानसभा सीट पर एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं, जबकि 50 हजार से अधिक अनुसूचित जाति के वोटर हैं। इसी तरह से जाट 24 हजार और गुर्जर 18 हजार हैं। 7- फूलपुर: फूलपुर विधानसभा सीट से विधायक प्रवीण पटेल ने सांसदी जीती है। अपनी विधानसभा सीट पर उन्होंने सपा को 29 हजार 705 वोटों से हराया। इस सीट पर पिछले तीन चुनाव में भाजपा को दो बार और सपा को एक बार जीत मिली है। जातीय समीकरण : फूलपुर में 21 से 23% दलित, 20% यादव मतदाता है। यहां सवर्ण वोटर्स 10 से 12% के बीच हैं। वहीं मुस्लिम मदताताओं की संख्या 14% है। 8- मझवां सीट: मिर्जापुर जिले की मझवां विधानसभा सीट से विधायक विनोद कुमार बिंद को भाजपा ने भदोही से टिकट दिया। यहां उन्होंने टीएमसी प्रत्याशी ललितेश मिश्रा को हराया। वहीं, मिर्जापुर में अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल ने जीत दर्ज की। मझवां विधानसभा सीट से उन्हें सपा प्रत्याशी से 1762 वोट ज्यादा मिले। जातिगत समीकरण : दलित, ब्राह्मण, बिंद की संख्या 60-60 हजार है। कुशवाहा 30 हजार, पाल 22 हजार, राजपूत 20 हजार, मुस्लिम 22 हजार, पटेल 16 हजार हैं। 9-सीसामऊ सीट: कानपुर की सीसामऊ विधानसभा से सपा विधायक इरफान सोलंकी को जाजमऊ आगजनी केस में 7 साल की सजा सुनाई गई है। इसलिए यहां उपचुनाव हो रहा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के रमेश अवस्थी ने जीत दर्ज की। लेकिन सीसामऊ विधानसभा सीट पर उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी आलोक मिश्रा से कम वोट मिले। जातीय समीकरण : मुस्लिम वोटर्स 80 हजार हैं। दूसरे नंबर पर ब्राह्मण लगभग 55 हजार हैं। दलित 35 हजार, कायस्थ 20 हजार, वैश्य 15 हजार, यादव 16 हजार, सिंधी-पंजाबी 2000 हैं। अन्य वोटर्स की संख्या लगभग 35 है। आखिर में पढ़िए राजनीतिक दल किस तरह तैयारी कर रहे
NDA: सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन दो-दो सीटों की कमान संभाल रहे हैं। सभी ने अपने-अपने हिस्से की सीट पर दौरा कर भी लिया है। साथ ही सीएम योगी ने 30 मंत्रियों की टीम भी उतारी है। भाजपा की ओर से भी हर सीट पर एक-एक प्रभारी तैनात किए गए हैं। समाजवादी पार्टी: लोकसभा चुनाव में जीत से उत्साहित सपा भी उप चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव साफ कर चुके हैं, संविधान और आरक्षण के साथ PDA के मुद्दे पर ही पार्टी चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने पहले मिल्कीपुर, कटेहरी, मझवां, करहल, फूलपुर और सीसामऊ सीट पर पहले चुनाव प्रभारी घोषित कर दिए हैं। बसपा: बहुजन समाज पार्टी ने भी सभी 10 सीटों पर उप चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। पार्टी की ओर से 4 सीटों पर प्रत्याशी भी घोषित कर दिए गए हैं। कांग्रेस: उप चुनाव को लेकर कांग्रेस पांच सीटें सपा से मांग रही है। हांलाकि सपा ने सिर्फ 2 सीटें दी हैं। अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस इन दो सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी या सपा प्रत्याशी को समर्थन देगी। हालांकि सभी सीटों पर कांग्रेस ने पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया। अब जानिए किस सीट पर किसका था कब्जा…. अब बात चुनाव टाइम लाइन की… उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 10 में से 9 सीटों पर उप-चुनाव का ऐलान हो गया। 13 नवंबर को वोटिंग होगी। नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर पर भी चुनाव होना था। यह सीट अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई थी। लेकिन चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में विचाराधीन भाजपा के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ की याचिका के चलते चुनाव टाल दिया। बाबा गोरखनाथ ने याचिका वापसी की लगाई अर्जी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया, ‘विधानसभा चुनाव 2022 में मिल्कीपुर से भाजपा प्रत्याशी रहे बाबा गोरखनाथ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी। इस कारण मिल्कीपुर में उप चुनाव की घोषणा नहीं हुई है।’ चुनाव तारीख घोषित होने के बाद बाबा गोरखनाथ ने 9 सीटों के साथ मिल्कीपुर में भी चुनाव कराने के लिए याचिका वापस लेने की अर्जी हाईकोर्ट में दाखिल की है। हालांकि उस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। ———————————— यह भी पढ़ें: यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, कौन कितना ताकतवर:8 सीटों पर सपा मजबूत, कानपुर में इरफान का विकल्प ढूंढ रही पार्टी यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। 8 विधायक सांसद बन गए हैं। एक सीट पर सपा विधायक इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा हुई है, उनकी विधायकी चली जाएगी। विधानसभा की इन 9 सीटों पर उपचुनाव के लिए हर पार्टी मंथन कर रही है। लोकसभा चुनाव के नतीजों से सामने आए आंकड़ों के मुताबिक- 7 सीटों पर सपा का पलड़ा भारी है। एक सीट पर भाजपा और एक पर अपना दल (एस) मजबूत स्थिति में है। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर