बदायूं में भाजपा विधायक हरीश शाक्य के खिलाफ कोर्ट ने गैंगरेप और करोड़ों की संपत्ति हड़पने का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। भाजपा विधायक के अलावा 16 अन्य को भी आरोपी बनाया गया है। इसमें हरीश के दो सगे भाई भी फंसे हैं। एसीजेएम सेकेंड की कोर्ट ने गुरुवार को पुलिस को 10 दिन में आदेश का पालन कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। शिकायत कर्ता भी बदायूं का ही रहने वाला है। जानिए क्या है पूरा मामला
विधायक के खिलाफ शिकायत करने वाले का आरोप है कि गांव बुधवाई में पूनम लॉन के पास उसके पिता ने काफी समय पहले जमीन खरीदी थी। यह इलाका सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में आता है। उस वक्त पिता ने दादी और मां के नाम बैनामा कराया था। बाद में दादी ने वसीयत कर यह जमीन पिता के नाम कर दी थी। जमीन की कीमत करोड़ों में है। क्योंकि, वहां इस समय महज एक बीघा जमीन ही 80 लाख रुपए में है। उसने बताया कि गांव कादराबाद के रहने वाले हरीश शाक्य निवासी बिल्सी से विधायक चुने गए। विधायक के भाई सतेंद्र शाक्य और धर्मपाल शाक्य हैं। विधायक के नेतृत्व में संपत्तियों पर कब्जा करने के उद्देश्य से एक गैंग बनाया गया है। इस गैंग के सदस्यों ने शिकायतकर्ता से कहा कि हरीश शाक्य यह जमीन खरीदना चाहते हैं। नहीं बेचना है, तो विधायक से मिलकर मना कर दें। एक लाख रुपए मुझे एडवांस दिए गए
शिकायतकर्ता ने बताया कि वह लोग विधायक से मिलने उनके आवास पर गए। वहां बताया कि कुल जमीन की कीमत 17 करोड़ 38 लाख 40 हजार रुपए है। इसके बाद तय हुआ कि जमीन 16 करोड़ 50 लाख में खरीदी जाएगी। जमीन की कीमत का 40 फीसदी इकरारनामे के वक्त दिया जाएगा। बाकी का पैसा बैनामे के वक्त देना है। इसके बाद हरीश शाक्य की ओर से एक लाख रुपए बतौर बयाना (पेशगी) दिलाया गया। इसके बाद से ही इकरारनामे का दबाव बनाया जाने लगा। इकरारनामा नहीं करने पर पुलिस ने शिकायतकर्ता के चचेरे भाई को उठवा लिया और उसे प्रताड़ित किया। इससे परेशान होकर 5 अगस्त, 2022 को चचेरे भाई ने आत्महत्या कर ली। इसकी शिकायत देने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस बीच, विधायक ने शिकायतकर्ता की चाची को जमीन में हिस्सा देने के नाम पर अपने साथ मिला लिया। चाची ने शिकायतकर्ता और उसके पिता के खिलाफ बेटे की हत्या का केस दर्ज करा दिया। दूसरे बिल्डर को नहीं बेचने दी जमीन
इसके बाद शिकायतकर्ता ने जमीन दूसरे बिल्डर को बेचने की कोशिश की, लेकिन विधायक के लोगों ने उसे जमीन नहीं बेचने दी। इसमें कानूनी अड़चन लगा दी गई। साथ ही चचेरे भाई की पत्नी की ओर से गैंगरेप का केस दर्ज करा दिया गया। नतीजा यह हुआ कि जमीन बचाने के लिए पैरवी नहीं की जा सकी। इस बीच पुलिस ने भी 3 दिन तक शिकायतकर्ता को कस्टडी में रखकर पीटा। बाद में विधायक की गैंग के लोग उसे अपने साथ ले गए और प्रताड़ित किया। इसी बीच कई अन्य एग्रीमेंट शिकायतकर्ता और उसके पिता से कराए गए। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसकी पत्नी से विधायक समेत उनके साथियों ने गैंगरेप भी किया। बिल्सी विधायक हरीश शाक्य ने बताया कि हमें मीडिया के माध्यम से पता लगा है। पूरा मामला सामने आने पर कुछ बता पाएंगे। काफी समय से भाजपा से जुड़े हैं हरीश शाक्य
हरीश शाक्य भाजपा से काफी लंबे समय से जुड़े हैं। इससे पहले वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के जिलाध्यक्ष थे। तब भाजपा ने बदायूं की बिसौली, बिल्सी, शहर, दातागंज सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद 2022 में वह खुद बिल्सी से चुनाव लड़े और विधायक चुने गए। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान बिल्सी की ठाकुर लॉबी हरीश शाक्य के विरोध में दिखी। एक कार्यक्रम में हरीश शाक्य के खिलाफ क्षत्रिय समाज के लोगों ने उनके सामने ही मुर्दाबाद के नारे लगाए थे, जिसका वीडियो भी सामने आया था। ———————— यह खबर भी पढ़ें ACP पर कानपुर IIT स्टूडेंट से रेप का आरोप, क्रिमिनोलॉजी की पढ़ाई के दौरान मिले थे, 2 घंटे की पूछताछ में राज खुला कानपुर IIT की एक स्टूडेंट ने ACP पर रेप का आरोप लगाया है। पीड़ित ने बताया कि कलेक्टरगंज ACP मोहसिन खान IIT से साइबर क्राइम और क्रिमिनोलॉजी की पढ़ाई कर रहे हैं। वहां रिसर्च स्कॉलर से नजदीकी बढ़ गई। ACP ने प्यार में फंसाकर उससे रेप किया। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर गुरुवार को DCP साउथ अंकिता शर्मा और ACP अर्चना सिंह सिविल ड्रेस में IIT पहुंचीं। दोनों महिला अफसरों ने पूछताछ की। आरोप सही पाया गया। यहां पढ़ें पूरी खबर बदायूं में भाजपा विधायक हरीश शाक्य के खिलाफ कोर्ट ने गैंगरेप और करोड़ों की संपत्ति हड़पने का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। भाजपा विधायक के अलावा 16 अन्य को भी आरोपी बनाया गया है। इसमें हरीश के दो सगे भाई भी फंसे हैं। एसीजेएम सेकेंड की कोर्ट ने गुरुवार को पुलिस को 10 दिन में आदेश का पालन कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। शिकायत कर्ता भी बदायूं का ही रहने वाला है। जानिए क्या है पूरा मामला
विधायक के खिलाफ शिकायत करने वाले का आरोप है कि गांव बुधवाई में पूनम लॉन के पास उसके पिता ने काफी समय पहले जमीन खरीदी थी। यह इलाका सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में आता है। उस वक्त पिता ने दादी और मां के नाम बैनामा कराया था। बाद में दादी ने वसीयत कर यह जमीन पिता के नाम कर दी थी। जमीन की कीमत करोड़ों में है। क्योंकि, वहां इस समय महज एक बीघा जमीन ही 80 लाख रुपए में है। उसने बताया कि गांव कादराबाद के रहने वाले हरीश शाक्य निवासी बिल्सी से विधायक चुने गए। विधायक के भाई सतेंद्र शाक्य और धर्मपाल शाक्य हैं। विधायक के नेतृत्व में संपत्तियों पर कब्जा करने के उद्देश्य से एक गैंग बनाया गया है। इस गैंग के सदस्यों ने शिकायतकर्ता से कहा कि हरीश शाक्य यह जमीन खरीदना चाहते हैं। नहीं बेचना है, तो विधायक से मिलकर मना कर दें। एक लाख रुपए मुझे एडवांस दिए गए
शिकायतकर्ता ने बताया कि वह लोग विधायक से मिलने उनके आवास पर गए। वहां बताया कि कुल जमीन की कीमत 17 करोड़ 38 लाख 40 हजार रुपए है। इसके बाद तय हुआ कि जमीन 16 करोड़ 50 लाख में खरीदी जाएगी। जमीन की कीमत का 40 फीसदी इकरारनामे के वक्त दिया जाएगा। बाकी का पैसा बैनामे के वक्त देना है। इसके बाद हरीश शाक्य की ओर से एक लाख रुपए बतौर बयाना (पेशगी) दिलाया गया। इसके बाद से ही इकरारनामे का दबाव बनाया जाने लगा। इकरारनामा नहीं करने पर पुलिस ने शिकायतकर्ता के चचेरे भाई को उठवा लिया और उसे प्रताड़ित किया। इससे परेशान होकर 5 अगस्त, 2022 को चचेरे भाई ने आत्महत्या कर ली। इसकी शिकायत देने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस बीच, विधायक ने शिकायतकर्ता की चाची को जमीन में हिस्सा देने के नाम पर अपने साथ मिला लिया। चाची ने शिकायतकर्ता और उसके पिता के खिलाफ बेटे की हत्या का केस दर्ज करा दिया। दूसरे बिल्डर को नहीं बेचने दी जमीन
इसके बाद शिकायतकर्ता ने जमीन दूसरे बिल्डर को बेचने की कोशिश की, लेकिन विधायक के लोगों ने उसे जमीन नहीं बेचने दी। इसमें कानूनी अड़चन लगा दी गई। साथ ही चचेरे भाई की पत्नी की ओर से गैंगरेप का केस दर्ज करा दिया गया। नतीजा यह हुआ कि जमीन बचाने के लिए पैरवी नहीं की जा सकी। इस बीच पुलिस ने भी 3 दिन तक शिकायतकर्ता को कस्टडी में रखकर पीटा। बाद में विधायक की गैंग के लोग उसे अपने साथ ले गए और प्रताड़ित किया। इसी बीच कई अन्य एग्रीमेंट शिकायतकर्ता और उसके पिता से कराए गए। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसकी पत्नी से विधायक समेत उनके साथियों ने गैंगरेप भी किया। बिल्सी विधायक हरीश शाक्य ने बताया कि हमें मीडिया के माध्यम से पता लगा है। पूरा मामला सामने आने पर कुछ बता पाएंगे। काफी समय से भाजपा से जुड़े हैं हरीश शाक्य
हरीश शाक्य भाजपा से काफी लंबे समय से जुड़े हैं। इससे पहले वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के जिलाध्यक्ष थे। तब भाजपा ने बदायूं की बिसौली, बिल्सी, शहर, दातागंज सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद 2022 में वह खुद बिल्सी से चुनाव लड़े और विधायक चुने गए। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान बिल्सी की ठाकुर लॉबी हरीश शाक्य के विरोध में दिखी। एक कार्यक्रम में हरीश शाक्य के खिलाफ क्षत्रिय समाज के लोगों ने उनके सामने ही मुर्दाबाद के नारे लगाए थे, जिसका वीडियो भी सामने आया था। ———————— यह खबर भी पढ़ें ACP पर कानपुर IIT स्टूडेंट से रेप का आरोप, क्रिमिनोलॉजी की पढ़ाई के दौरान मिले थे, 2 घंटे की पूछताछ में राज खुला कानपुर IIT की एक स्टूडेंट ने ACP पर रेप का आरोप लगाया है। पीड़ित ने बताया कि कलेक्टरगंज ACP मोहसिन खान IIT से साइबर क्राइम और क्रिमिनोलॉजी की पढ़ाई कर रहे हैं। वहां रिसर्च स्कॉलर से नजदीकी बढ़ गई। ACP ने प्यार में फंसाकर उससे रेप किया। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर गुरुवार को DCP साउथ अंकिता शर्मा और ACP अर्चना सिंह सिविल ड्रेस में IIT पहुंचीं। दोनों महिला अफसरों ने पूछताछ की। आरोप सही पाया गया। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर