राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) और भाजपा डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के जरिए दलित वोट बैंक में सेंध लगाएगी। इसके जरिए आरक्षण समाप्त करने और संविधान बदलने के नरेटिव को तोड़ने की तैयारी है। 13 से 25 अप्रैल तक संघ और भाजपा कार्यकर्ता दलित बस्तियों में जाकर कांग्रेस-सपा को आरक्षण और संविधान के मुद्दे पर कटघरे में खड़ा करेंगे। साथ ही मोदी-योगी सरकार की दलितों के लिए उपलब्धियां बताएंगे। भाजपा ने पहली बार अंबेडकर जयंती पर 13 दिन का कार्यक्रम तय किया है। वहीं, संघ की ओर से कई जिलों में पथ संचलन किया जाएगा। लोकसभा चुनाव- 2024 में समाजवादी का पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (PDA) कार्ड चला था। आरक्षण समाप्त करने और संविधान बदलने के नरेटिव ने भाजपा को यूपी और राजस्थान में जबरदस्त नुकसान पहुंचाया था। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं, लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार RSS दलितों को साधने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है। एक छोर पर भाजपा जहां राजनीतिक कार्यक्रमों के जरिए संदेश देने की कोशिश कर रही है। दूसरे छोर पर RSS सामाजिक कार्यक्रमों के जरिए दलितों में पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। अंबेडकर मैराथन से दलित युवाओं को साधेंगे
भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह और भाजपा नेता नीरज सिंह की पहल पर 13 अप्रैल को अंबेडकर मैराथन का आयोजन किया जाएगा। दावा है, अंबेडकर मैराथन में अनुसूचित जातियों के 4 हजार से अधिक युवा जुटेंगे। इसमें एससी वर्ग की सभी जातियों के युवाओं को शामिल करने की योजना है। लखनऊ के 1090 चौराहा से केडी सिंह बाबू स्टेडियम तक होने वाली मैराथन में विजेताओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा। नीरज सिंह बताते हैं- मैराथन का उद्देश्य अनुसूचित जाति के युवाओं को भाजपा से जोड़ना है। साथ ही यह भी बताना है कि भाजपा हर कदम पर उनके साथ है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने अनुसूचित जातियों को गुमराह करने के लिए पीडीए का फॉर्मूला अपनाया। उनका कहना है कि सपा शासन में ही दलितों के साथ सबसे ज्यादा अन्याय हुआ। कांग्रेस ने तो बाबा साहब अंबेडकर को कभी आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया। उन्हें चुनाव हराने तक का काम किया। वहीं, भाजपा की मोदी सरकार ने बाबा साहब से जुड़े प्रमुख पांच स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में स्थापित किया। बाबा साहब की जयंती पर पथ संचलन करेगा संघ
संघ की ओर से पहली बार बाबा साहब की जयंती पर बहराइच, श्रावस्ती, लखनऊ, अंबेडकर नगर सहित कई जिलों में पथ संचलन किया जाएगा। संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि उनकी शाखाओं में बाबा साहब के जीवन पर प्रकाश डाला जाएगा। साथ ही देश, समाज और संविधान में उनकी भूमिका की जानकारी दी जाएगी। संघ के सामाजिक सरसता विभाग की ओर से 13 अप्रैल को सभी जिलों में बाबा साहब के स्मारक और उनकी मूर्ति की साफ-सफाई की जाएगी। 14 अप्रैल को बाबा साहब की जयंती पर उनकी मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। संघ की ओर से युवाओं को साधने के लिए महाविद्यालयों में बाबा साहब के जीवन पर विचार गोष्ठी की जाएगी। इसमें विजेता सम्मानित किए जाएंगे। दलित बस्तियों में समरसता सहभोज का आयोजन किया जाएगा। संघ का प्रयास रहेगा कि सेवा बस्तियों में रहने वाले दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों का भोज, सामान्य बस्तियों में रहने वाले अगड़े परिवारों के साथ कराया जाए। आज सीएम योगी सपा का पीडीए फॉर्मूला तोड़ने का सूत्र देंगे
बाबा साहब की जयंती पर भाजपा की ओर से बाबा साहब सम्मान समारोह पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। 13 अप्रैल को राजधानी लखनऊ के भागीदारी भवन में बैठक होगी। इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ दलितों के बीच सपा के पीडीए फॉर्मूला तोड़ने का सूत्र बताएंगे। दलितों के बीच सरकार की उनसे जुड़ी उपलब्धियां और संगठन की ओर से उनके लिए किए गए प्रयासों को किस तरह पेश करना है, इसके गुर सिखाए जाएंगे। भाजपा के प्रदेश महामंत्री राम प्रताप सिंह ने बताया कि 13 अप्रैल को प्रदेश में बाबा साहब के स्मारक सजाए जाएंगे और दीप जलाए जाएंगे। 14 अप्रैल को बाबा साहब की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा जाएगा। कांग्रेस और सपा रहेंगे निशाने पर
भाजपा के प्रदेश महामंत्री राम प्रताप सिंह ने बताया- 15 से 25 अप्रैल तक सभी 98 संगठनात्मक जिलों में बाबा साहब पर विचार गोष्ठी होगी। इसमें जिले के सभी दलित नेताओं, बुद्धिजीवियों और अलग-अलग वर्ग से जुड़े लोग शामिल होंगे। गोष्ठी में प्रदेश सरकार के मंत्री, सांसद और पदाधिकारी बताएंगे कि कांग्रेस ने बाबा साहब का समय-समय पर कैसे अपमान किया। जबकि भाजपा ने बाबा साहब का सम्मान किया है। कांग्रेस हमेशा से बाबा साहब के खिलाफ रही है। भाजपा ने संविधान को मजबूत किया है। यूपी में सपा ने हमेशा दलितों का दमन किया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है, भाजपा को फीडबैक मिला है कि दलितों के बीच संविधान बदलने और आरक्षण समाप्त करने का नरेटिव अभी भी बना है। भाजपा और आरएसएस का प्रयास है कि डॉ.अंबेडकर की जयंती के जरिए ज्यादा से ज्यादा दलितों के बीच पहुंचकर उस नरेटिव को तोड़ा जाए। अगर यह नरेटिव बरकरार रहा तो सनातन, राष्ट्रवाद, संभल जैसे मुद्दे भी काम नहीं आएंगे। अंबेडकर जयंती पर भाजपा में पहली बार बड़ा आयोजन
डॉ.भीमराव अंबेडकर की जयंती पर भाजपा में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर कार्यक्रम किए जा रहे हैं। जानकार बताते हैं, इससे पहले 13-14 अप्रैल दो दिन तक बाबा साहब की जयंती पर कार्यक्रम होते थे। लेकिन, इस बार करीब 13 दिन तक कार्यक्रम रखे गए हैं। इस अवधि में पार्टी प्रत्येक दलित बस्ती तक पहुंचने की योजना बना रही है। 200 सीटों पर निर्णायक एससी वोट
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं, यूपी की 403 में से 200 से अधिक सीटों पर अनुसूचित जाति के मतदाता निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। 100 से अधिक ऐसी सीटें हैं, जहां 5-10 फीसदी भी एससी वोट जिस तरफ शिफ्ट होता है उसी का पलड़ा भारी हो जाता है। ऐसे में भाजपा और संघ मिशन 2027 के मद्देनजर एससी वोट बैंक में चूक का कोई मौका नहीं देना चाहते हैं। थोड़ा है थोड़े की जरूरत है
योगी सरकार और भाजपा संगठन में दलितों को प्रतिनिधित्व की स्थिति ‘थोड़ा है-थोड़े की जरूरत’ वाली है। पार्टी की ओर से हाल ही में जारी 70 जिलाध्यक्षों की सूची में मात्र 6 दलित हैं। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक सुनीता एरन मानती हैं कि अगड़ी जातियां तो भाजपा के साथ हैं। लेकिन, बसपा सुप्रीमो मायावती के कमजोर पड़ने के बाद दलित वोटों में बिखराव है। समाजवादी पार्टी भी पीडीए का फॉर्मूला देकर दलितों को अपना बनाने में लगी है। उनका कहना है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी कह चुके हैं कि मंदिर और कुएं पर कोई भेदभाव नहीं होगा। मौजूदा समय में दलित नेता रामजीलाल सुमन और करणी सेना के बीच चल रहा विवाद भी राजनीतिक मुद्दा बनेगा। वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ कलहंस मानते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव ने साफ कर दिया कि दलित वोट बैंक पर मायावती का एकाधिकार नहीं रहा। 2022 तक भाजपा एससी वोट बैंक में सेंध लगाती थी। लेकिन, 2024 में दलित वोट सपा और कांग्रेस को मिला। मायावती के टूटते जनाधार पर कब्जे की कोशिश भाजपा कर रही है। राणा सांगा को लेकर रामजीलाल सुमन के बयान के मुद्दे पर भाजपा ने कोई बयान नहीं दिया है। ———————– ये खबर भी पढ़ें… गंभीर मरीजों के नाम पर लोन, फिर कर्ज माफ कराते, वेस्ट यूपी में आधे रेट पर बिक रहे ट्रैक्टर; फर्जीवाड़े की कहानी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ट्रैक्टरों की मंडियां लगती हैं। इन मंडियों में नए-नए ट्रैक्टर आधे से भी कम रेट पर बिकते हैं। ये सुनने में आपको अटपटा लग सकता है, लेकिन 100 फीसदी सच है। दरअसल, ये ट्रैक्टर उन लोगों के होते हैं, जिनकी कुछ महीनों पहले ही मौत हो चुकी होती है। उन लोगों ने बैंक से लोन लेकर ये ट्रैक्टर खरीदे थे। मौत के बाद पुलिस रिपोर्ट में ये ट्रैक्टर चोरी दिखा दिए गए और फिर फर्जी RC बनवाकर बेचे जाते हैं। पढ़ें पूरी खबर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) और भाजपा डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के जरिए दलित वोट बैंक में सेंध लगाएगी। इसके जरिए आरक्षण समाप्त करने और संविधान बदलने के नरेटिव को तोड़ने की तैयारी है। 13 से 25 अप्रैल तक संघ और भाजपा कार्यकर्ता दलित बस्तियों में जाकर कांग्रेस-सपा को आरक्षण और संविधान के मुद्दे पर कटघरे में खड़ा करेंगे। साथ ही मोदी-योगी सरकार की दलितों के लिए उपलब्धियां बताएंगे। भाजपा ने पहली बार अंबेडकर जयंती पर 13 दिन का कार्यक्रम तय किया है। वहीं, संघ की ओर से कई जिलों में पथ संचलन किया जाएगा। लोकसभा चुनाव- 2024 में समाजवादी का पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (PDA) कार्ड चला था। आरक्षण समाप्त करने और संविधान बदलने के नरेटिव ने भाजपा को यूपी और राजस्थान में जबरदस्त नुकसान पहुंचाया था। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं, लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार RSS दलितों को साधने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है। एक छोर पर भाजपा जहां राजनीतिक कार्यक्रमों के जरिए संदेश देने की कोशिश कर रही है। दूसरे छोर पर RSS सामाजिक कार्यक्रमों के जरिए दलितों में पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। अंबेडकर मैराथन से दलित युवाओं को साधेंगे
भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह और भाजपा नेता नीरज सिंह की पहल पर 13 अप्रैल को अंबेडकर मैराथन का आयोजन किया जाएगा। दावा है, अंबेडकर मैराथन में अनुसूचित जातियों के 4 हजार से अधिक युवा जुटेंगे। इसमें एससी वर्ग की सभी जातियों के युवाओं को शामिल करने की योजना है। लखनऊ के 1090 चौराहा से केडी सिंह बाबू स्टेडियम तक होने वाली मैराथन में विजेताओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा। नीरज सिंह बताते हैं- मैराथन का उद्देश्य अनुसूचित जाति के युवाओं को भाजपा से जोड़ना है। साथ ही यह भी बताना है कि भाजपा हर कदम पर उनके साथ है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने अनुसूचित जातियों को गुमराह करने के लिए पीडीए का फॉर्मूला अपनाया। उनका कहना है कि सपा शासन में ही दलितों के साथ सबसे ज्यादा अन्याय हुआ। कांग्रेस ने तो बाबा साहब अंबेडकर को कभी आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया। उन्हें चुनाव हराने तक का काम किया। वहीं, भाजपा की मोदी सरकार ने बाबा साहब से जुड़े प्रमुख पांच स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में स्थापित किया। बाबा साहब की जयंती पर पथ संचलन करेगा संघ
संघ की ओर से पहली बार बाबा साहब की जयंती पर बहराइच, श्रावस्ती, लखनऊ, अंबेडकर नगर सहित कई जिलों में पथ संचलन किया जाएगा। संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि उनकी शाखाओं में बाबा साहब के जीवन पर प्रकाश डाला जाएगा। साथ ही देश, समाज और संविधान में उनकी भूमिका की जानकारी दी जाएगी। संघ के सामाजिक सरसता विभाग की ओर से 13 अप्रैल को सभी जिलों में बाबा साहब के स्मारक और उनकी मूर्ति की साफ-सफाई की जाएगी। 14 अप्रैल को बाबा साहब की जयंती पर उनकी मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। संघ की ओर से युवाओं को साधने के लिए महाविद्यालयों में बाबा साहब के जीवन पर विचार गोष्ठी की जाएगी। इसमें विजेता सम्मानित किए जाएंगे। दलित बस्तियों में समरसता सहभोज का आयोजन किया जाएगा। संघ का प्रयास रहेगा कि सेवा बस्तियों में रहने वाले दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों का भोज, सामान्य बस्तियों में रहने वाले अगड़े परिवारों के साथ कराया जाए। आज सीएम योगी सपा का पीडीए फॉर्मूला तोड़ने का सूत्र देंगे
बाबा साहब की जयंती पर भाजपा की ओर से बाबा साहब सम्मान समारोह पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। 13 अप्रैल को राजधानी लखनऊ के भागीदारी भवन में बैठक होगी। इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ दलितों के बीच सपा के पीडीए फॉर्मूला तोड़ने का सूत्र बताएंगे। दलितों के बीच सरकार की उनसे जुड़ी उपलब्धियां और संगठन की ओर से उनके लिए किए गए प्रयासों को किस तरह पेश करना है, इसके गुर सिखाए जाएंगे। भाजपा के प्रदेश महामंत्री राम प्रताप सिंह ने बताया कि 13 अप्रैल को प्रदेश में बाबा साहब के स्मारक सजाए जाएंगे और दीप जलाए जाएंगे। 14 अप्रैल को बाबा साहब की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा जाएगा। कांग्रेस और सपा रहेंगे निशाने पर
भाजपा के प्रदेश महामंत्री राम प्रताप सिंह ने बताया- 15 से 25 अप्रैल तक सभी 98 संगठनात्मक जिलों में बाबा साहब पर विचार गोष्ठी होगी। इसमें जिले के सभी दलित नेताओं, बुद्धिजीवियों और अलग-अलग वर्ग से जुड़े लोग शामिल होंगे। गोष्ठी में प्रदेश सरकार के मंत्री, सांसद और पदाधिकारी बताएंगे कि कांग्रेस ने बाबा साहब का समय-समय पर कैसे अपमान किया। जबकि भाजपा ने बाबा साहब का सम्मान किया है। कांग्रेस हमेशा से बाबा साहब के खिलाफ रही है। भाजपा ने संविधान को मजबूत किया है। यूपी में सपा ने हमेशा दलितों का दमन किया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है, भाजपा को फीडबैक मिला है कि दलितों के बीच संविधान बदलने और आरक्षण समाप्त करने का नरेटिव अभी भी बना है। भाजपा और आरएसएस का प्रयास है कि डॉ.अंबेडकर की जयंती के जरिए ज्यादा से ज्यादा दलितों के बीच पहुंचकर उस नरेटिव को तोड़ा जाए। अगर यह नरेटिव बरकरार रहा तो सनातन, राष्ट्रवाद, संभल जैसे मुद्दे भी काम नहीं आएंगे। अंबेडकर जयंती पर भाजपा में पहली बार बड़ा आयोजन
डॉ.भीमराव अंबेडकर की जयंती पर भाजपा में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर कार्यक्रम किए जा रहे हैं। जानकार बताते हैं, इससे पहले 13-14 अप्रैल दो दिन तक बाबा साहब की जयंती पर कार्यक्रम होते थे। लेकिन, इस बार करीब 13 दिन तक कार्यक्रम रखे गए हैं। इस अवधि में पार्टी प्रत्येक दलित बस्ती तक पहुंचने की योजना बना रही है। 200 सीटों पर निर्णायक एससी वोट
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं, यूपी की 403 में से 200 से अधिक सीटों पर अनुसूचित जाति के मतदाता निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। 100 से अधिक ऐसी सीटें हैं, जहां 5-10 फीसदी भी एससी वोट जिस तरफ शिफ्ट होता है उसी का पलड़ा भारी हो जाता है। ऐसे में भाजपा और संघ मिशन 2027 के मद्देनजर एससी वोट बैंक में चूक का कोई मौका नहीं देना चाहते हैं। थोड़ा है थोड़े की जरूरत है
योगी सरकार और भाजपा संगठन में दलितों को प्रतिनिधित्व की स्थिति ‘थोड़ा है-थोड़े की जरूरत’ वाली है। पार्टी की ओर से हाल ही में जारी 70 जिलाध्यक्षों की सूची में मात्र 6 दलित हैं। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक सुनीता एरन मानती हैं कि अगड़ी जातियां तो भाजपा के साथ हैं। लेकिन, बसपा सुप्रीमो मायावती के कमजोर पड़ने के बाद दलित वोटों में बिखराव है। समाजवादी पार्टी भी पीडीए का फॉर्मूला देकर दलितों को अपना बनाने में लगी है। उनका कहना है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी कह चुके हैं कि मंदिर और कुएं पर कोई भेदभाव नहीं होगा। मौजूदा समय में दलित नेता रामजीलाल सुमन और करणी सेना के बीच चल रहा विवाद भी राजनीतिक मुद्दा बनेगा। वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ कलहंस मानते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव ने साफ कर दिया कि दलित वोट बैंक पर मायावती का एकाधिकार नहीं रहा। 2022 तक भाजपा एससी वोट बैंक में सेंध लगाती थी। लेकिन, 2024 में दलित वोट सपा और कांग्रेस को मिला। मायावती के टूटते जनाधार पर कब्जे की कोशिश भाजपा कर रही है। राणा सांगा को लेकर रामजीलाल सुमन के बयान के मुद्दे पर भाजपा ने कोई बयान नहीं दिया है। ———————– ये खबर भी पढ़ें… गंभीर मरीजों के नाम पर लोन, फिर कर्ज माफ कराते, वेस्ट यूपी में आधे रेट पर बिक रहे ट्रैक्टर; फर्जीवाड़े की कहानी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ट्रैक्टरों की मंडियां लगती हैं। इन मंडियों में नए-नए ट्रैक्टर आधे से भी कम रेट पर बिकते हैं। ये सुनने में आपको अटपटा लग सकता है, लेकिन 100 फीसदी सच है। दरअसल, ये ट्रैक्टर उन लोगों के होते हैं, जिनकी कुछ महीनों पहले ही मौत हो चुकी होती है। उन लोगों ने बैंक से लोन लेकर ये ट्रैक्टर खरीदे थे। मौत के बाद पुलिस रिपोर्ट में ये ट्रैक्टर चोरी दिखा दिए गए और फिर फर्जी RC बनवाकर बेचे जाते हैं। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
भाजपा-संघ पहली बार 13 दिन मनाएंगे अंबेडकर जयंती:सपा-बसपा के दलित वोटबैंक में सेंध लगाएंगे; योगी देंगे पीडीए फॉर्मूले का तोड़
