राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संगीत को जीवन का अभिन्न अंग बताते हुए कहा कि प्रकृति के कण-कण में संगीत हैं। जब वर्षा होती हैं, नदियां बहती हैं, हवाएं चलती हैं और पक्षी चहकते हैं, इन सब में संगीत हैं। वे बुधवार को भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रही थी। उन्होंने दीक्षांत समारोह में एमपीए भरत नाट्यम के छात्र शिवम अवस्थी को सर्वोच्च मेडल सहित 10 स्वर्ण पदक से नवाजा। कलामंडपम में हुए समारोह में 22 मेधावियों को 29 स्वर्ण, 10 रजत और 8 कांस्य सहित 47 पदक दिए गए। वैदिक काल से ही मिलते भारतीय संगीत परंपरा का प्रमाण दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि कला का जीवन से गहरा संबंध है और भारतीय संगीत की परम्परा के प्रमाण वैदिक काल से ही मिलते हैं। इस विश्वविद्यालय में भारतीय संस्कृति का अध्ययन, अध्यापन और शोध इसे विश्व में विशेष स्थान दिलाएगा। उन्होंने संगीत संस्थान की स्थापना में योगदान देने वाले पंडित विष्णु नारायण भातखण्डे को नमन किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र को संरक्षित करने के लिए संस्कृति को संरक्षित करना बहुत जरूरी हैं। स्मारिका का किया विमोचन भारत की सांस्कृतिक परम्परा को पूरे विश्व के लिए आकर्षण का केंद्र बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे अनेक महान रचनाकारों ने आध्यात्म, साहित्य, रस और सौंदर्य के माध्यम से भारतीय कला और दर्शन को अमृत प्रदान किया है। इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन किया। कला का जीवन से है गहरा संबंध राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि कला का जीवन से गहरा संबंध हैं और भारतीय संगीत की परम्परा के प्रमाण वैदिक काल से ही मिलते हैं। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय जीवन से प्रेरित शिक्षा ही किसी भी देश के विकास में उचित योगदान दे सकती हैं। अपनी जड़ों से कटी हुई शिक्षा असफल होती हैं। शिक्षा को लोगों के सामाजिक और आर्थिक परिवेश से अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स को मिलने वाला प्रशिक्षण अस्तित्व के लिए संघर्ष में मददगार होना चाहिए। छात्र और शिक्षक प्राइमरी के बच्चों को दें संगीत की शिक्षा उन्होंने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक प्राइमरी स्कूलों में जाकर बच्चों को संगीत की शिक्षा प्रदान करें। साथ ही बच्चों में उनकी रुचियों की पहचान कर उन्हें उस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। सपनों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास जरूरी हैं डॉॅ.किरण सेठ दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि संस्थापक स्पिक मैके पद्मश्री डॉ.किरण सेठ ने कहा कि कठिन परिश्रम और नियमित रियाज की मदद से ही स्टूडेंट अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं। अपने सपनों को पूरा करने के लिए ये जरूरी है कि आप निरंतर प्रयास करते रहें और अपनी क्षमताओं को निखारें। पहली बार लड़कियों से अधिक पदक लड़कों की झोली में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गले में मेडल पहनाया तो संगीत साधकों के चेहरों चमक उठे। समारोह में कुल 159 उपाधियों में UG के 83, PG के 74 व पीएचडी के 2 स्टूडेंट्स को उपाधि दी गई। MPA भरत नाट्यम के स्टूडेंट शिवम अवस्थी को सर्वोच्च मेडल समेत 10 स्वर्ण पदक मिले। दीक्षांत समारोह में 31 छात्रों और 16 छात्राओं को पदक मिले। भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के इतिहास में ये पहला मौका हैं। जब लड़कियों से अधिक पदक लड़कों ने प्राप्त किए। पहली बार ही सर्वोच्च पदक भरतनाट्यम के किसी स्टूडेंट को मिला। सुबह 11 बजे से शुरू हुआ कॉन्वोकेशन
भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि पदक प्राप्त करने के मामले में लड़के संस्थान की लड़कियों से आगे हैं। दीक्षांत एमपीए भरतनाट्यम के छात्र शिवम अवस्थी को राय उमनाथ बली मेघा स्वर्ण पदक समेत 10 पदक मिलेंगे। इसके साथ ही संस्थान के 22 स्टूडेंट्स को 47 पदक दिए जाएंगे। कुलपति प्रो.माण्डवी सिंह के मुताबिक पदक पाने वालों में 66% छात्र और 34% छात्राएं हैं। दीक्षांत समारोह में 29 स्वर्ण पदक, 10 रजत पदक और 8 कांस्य पदक समेत कुल 47 पदक दिए जाएंगे। 29 स्वर्ण पदक में छात्रों को 23 और छात्राओं को 6 पदक मिलेगे। 10 रजत पदक में 5 छात्र और 5 छात्राएं शामिल हैं। वहीं 8 कांस्य पदक में 3 छात्रों और 5 छात्राओं को मिलेंगे। कुल 47 पदकों में 31 पदक पर छात्र और 16 छात्राओं के हिस्से में आए हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संगीत को जीवन का अभिन्न अंग बताते हुए कहा कि प्रकृति के कण-कण में संगीत हैं। जब वर्षा होती हैं, नदियां बहती हैं, हवाएं चलती हैं और पक्षी चहकते हैं, इन सब में संगीत हैं। वे बुधवार को भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के 14वें दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रही थी। उन्होंने दीक्षांत समारोह में एमपीए भरत नाट्यम के छात्र शिवम अवस्थी को सर्वोच्च मेडल सहित 10 स्वर्ण पदक से नवाजा। कलामंडपम में हुए समारोह में 22 मेधावियों को 29 स्वर्ण, 10 रजत और 8 कांस्य सहित 47 पदक दिए गए। वैदिक काल से ही मिलते भारतीय संगीत परंपरा का प्रमाण दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि कला का जीवन से गहरा संबंध है और भारतीय संगीत की परम्परा के प्रमाण वैदिक काल से ही मिलते हैं। इस विश्वविद्यालय में भारतीय संस्कृति का अध्ययन, अध्यापन और शोध इसे विश्व में विशेष स्थान दिलाएगा। उन्होंने संगीत संस्थान की स्थापना में योगदान देने वाले पंडित विष्णु नारायण भातखण्डे को नमन किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र को संरक्षित करने के लिए संस्कृति को संरक्षित करना बहुत जरूरी हैं। स्मारिका का किया विमोचन भारत की सांस्कृतिक परम्परा को पूरे विश्व के लिए आकर्षण का केंद्र बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे अनेक महान रचनाकारों ने आध्यात्म, साहित्य, रस और सौंदर्य के माध्यम से भारतीय कला और दर्शन को अमृत प्रदान किया है। इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन किया। कला का जीवन से है गहरा संबंध राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि कला का जीवन से गहरा संबंध हैं और भारतीय संगीत की परम्परा के प्रमाण वैदिक काल से ही मिलते हैं। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय जीवन से प्रेरित शिक्षा ही किसी भी देश के विकास में उचित योगदान दे सकती हैं। अपनी जड़ों से कटी हुई शिक्षा असफल होती हैं। शिक्षा को लोगों के सामाजिक और आर्थिक परिवेश से अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स को मिलने वाला प्रशिक्षण अस्तित्व के लिए संघर्ष में मददगार होना चाहिए। छात्र और शिक्षक प्राइमरी के बच्चों को दें संगीत की शिक्षा उन्होंने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक प्राइमरी स्कूलों में जाकर बच्चों को संगीत की शिक्षा प्रदान करें। साथ ही बच्चों में उनकी रुचियों की पहचान कर उन्हें उस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। सपनों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास जरूरी हैं डॉॅ.किरण सेठ दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि संस्थापक स्पिक मैके पद्मश्री डॉ.किरण सेठ ने कहा कि कठिन परिश्रम और नियमित रियाज की मदद से ही स्टूडेंट अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं। अपने सपनों को पूरा करने के लिए ये जरूरी है कि आप निरंतर प्रयास करते रहें और अपनी क्षमताओं को निखारें। पहली बार लड़कियों से अधिक पदक लड़कों की झोली में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गले में मेडल पहनाया तो संगीत साधकों के चेहरों चमक उठे। समारोह में कुल 159 उपाधियों में UG के 83, PG के 74 व पीएचडी के 2 स्टूडेंट्स को उपाधि दी गई। MPA भरत नाट्यम के स्टूडेंट शिवम अवस्थी को सर्वोच्च मेडल समेत 10 स्वर्ण पदक मिले। दीक्षांत समारोह में 31 छात्रों और 16 छात्राओं को पदक मिले। भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के इतिहास में ये पहला मौका हैं। जब लड़कियों से अधिक पदक लड़कों ने प्राप्त किए। पहली बार ही सर्वोच्च पदक भरतनाट्यम के किसी स्टूडेंट को मिला। सुबह 11 बजे से शुरू हुआ कॉन्वोकेशन
भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि पदक प्राप्त करने के मामले में लड़के संस्थान की लड़कियों से आगे हैं। दीक्षांत एमपीए भरतनाट्यम के छात्र शिवम अवस्थी को राय उमनाथ बली मेघा स्वर्ण पदक समेत 10 पदक मिलेंगे। इसके साथ ही संस्थान के 22 स्टूडेंट्स को 47 पदक दिए जाएंगे। कुलपति प्रो.माण्डवी सिंह के मुताबिक पदक पाने वालों में 66% छात्र और 34% छात्राएं हैं। दीक्षांत समारोह में 29 स्वर्ण पदक, 10 रजत पदक और 8 कांस्य पदक समेत कुल 47 पदक दिए जाएंगे। 29 स्वर्ण पदक में छात्रों को 23 और छात्राओं को 6 पदक मिलेगे। 10 रजत पदक में 5 छात्र और 5 छात्राएं शामिल हैं। वहीं 8 कांस्य पदक में 3 छात्रों और 5 छात्राओं को मिलेंगे। कुल 47 पदकों में 31 पदक पर छात्र और 16 छात्राओं के हिस्से में आए हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर