भिवानी जिले के कोंट रोड़ पर किराए के मकान में रह रहे बिजली वितरण निगम के जेई ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। उसके पास से सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने अपनी मौत के लिए बिजली वितरण निगम के SDO, पांच कर्मचारी व एक अन्य व्यक्ति को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस के एसआई सुरेश कुमार ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में लेकर सामान्य अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों के हवाले कर दिया। पुलिस ने मृतक की पत्नी के बयान पर बिजली निगम के एक एसडीओ, पांच कर्मचारी व अन्य व्यक्ति के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कर लिया है। भिवानी के गांव प्रहलादगढ़ निवासी अनीता ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसका पति सुमित दादरी बिजली वितरण निगम मे जेई के पद पर कार्यरत था। दादरी में दर्ज है भ्रष्टाचार काम मामला अनीता ने आरोप लगाया कि विकास उर्फ हैप्पी ने बिजली निगम के एसडीओ संदीप, एएफएम नवरत्न, एएलएम राकेश, एएलएम पवन, एएलएम सुमित शर्मा, एएलएम अमित के साथ मिलकर एक साजिश के तहत मेरे पति के खिलाफ दादरी में एक भ्रष्टाचार का झूठा केस दर्ज करवा दिया था। आरोपी कर रहे थे 40 लाख की मांग अनीता ने बताया कि उसके पति से विकास मामले को निपटाने के एवज में 40 लाख रुपए मांग रहा था। परेशान होकर उसके पति सुमित ने कोंट रोड़ स्थित एक मकान में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मकान में उसका पति काफी दिनों से रह रहा था। मामले की जांच में जुटी पुलिस जांच अधिकारी एसआई सुरेश कुमार ने बताया कि मौके पर सीन आफ क्राइम टीम को मौके पर बुलाया गया। जांच के दौरान मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट को कब्जे में ले लिया गया है। पुलिस ने मृतक की पत्नी अनीता के बयान पर बिजली निगम के एसडीओ, पांच कर्मचारी व एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। भिवानी जिले के कोंट रोड़ पर किराए के मकान में रह रहे बिजली वितरण निगम के जेई ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। उसके पास से सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने अपनी मौत के लिए बिजली वितरण निगम के SDO, पांच कर्मचारी व एक अन्य व्यक्ति को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस के एसआई सुरेश कुमार ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में लेकर सामान्य अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों के हवाले कर दिया। पुलिस ने मृतक की पत्नी के बयान पर बिजली निगम के एक एसडीओ, पांच कर्मचारी व अन्य व्यक्ति के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कर लिया है। भिवानी के गांव प्रहलादगढ़ निवासी अनीता ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसका पति सुमित दादरी बिजली वितरण निगम मे जेई के पद पर कार्यरत था। दादरी में दर्ज है भ्रष्टाचार काम मामला अनीता ने आरोप लगाया कि विकास उर्फ हैप्पी ने बिजली निगम के एसडीओ संदीप, एएफएम नवरत्न, एएलएम राकेश, एएलएम पवन, एएलएम सुमित शर्मा, एएलएम अमित के साथ मिलकर एक साजिश के तहत मेरे पति के खिलाफ दादरी में एक भ्रष्टाचार का झूठा केस दर्ज करवा दिया था। आरोपी कर रहे थे 40 लाख की मांग अनीता ने बताया कि उसके पति से विकास मामले को निपटाने के एवज में 40 लाख रुपए मांग रहा था। परेशान होकर उसके पति सुमित ने कोंट रोड़ स्थित एक मकान में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मकान में उसका पति काफी दिनों से रह रहा था। मामले की जांच में जुटी पुलिस जांच अधिकारी एसआई सुरेश कुमार ने बताया कि मौके पर सीन आफ क्राइम टीम को मौके पर बुलाया गया। जांच के दौरान मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट को कब्जे में ले लिया गया है। पुलिस ने मृतक की पत्नी अनीता के बयान पर बिजली निगम के एसडीओ, पांच कर्मचारी व एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार में 2 BJP कैंडिडेट के खिलाफ नारेबाजी:उम्मीदवार बोले- विरोध करना है तो वोट मत देना, मगर बहसबाजी मत करो हरियाणा के हिसार जिले की उकलाना और हांसी विधानसभा में BJP प्रत्याशियों का जमकर विरोध हो रहा है। कल उकलाना के कंडूल और प्रभुवाला गांव में अनूप धानक को गुस्साए ग्रामीणों ने घेर लिया। अनूप धानक पिछले 10 साल से उकलाना के विधायक हैं, ऐसे में लोग पिछले 10 साल का हिसाब किताब मांग रहे हैं। गांव कंडूल में ग्रामीणों ने अनूप धानक के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। ग्रामीणों ने कहा कि पिछले 10 सालों तक वे हलके के विधायक रहे हैं। एक बार भी उनका हालचाल जानने नहीं आए। आज ग्रामीणों की याद कैसे आ गई। कंडूल गांव के ग्रामीणों ने कहा कि उनके गांव में 10 वर्षों में 50 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है। किसी के यहां शोक जताने तक आप नहीं आए। प्रभुवाला गांव के ग्रामीणों ने कहा कि जब मंत्री बने हुए थे तो हमारे शरीर में से बदबू आती थी। अगर खुशी में मिठाई देने जाते तो वह भी खाने की बजाय दीवार रख देते थे। ग्रामीणों को बढ़ता गुस्सा देख अनूप धानक वहां से निकल गए। मगर ग्रामीणों का विरोध उनको लगभग हर गांव में झेलना पड़ रहा है। इससे पहले भी उनका गांवों में विरोध हो रहा था। हांसी भाजपा प्रत्याशी बोले- वोट मत देना मगर बहस मत करो वहीं हांसी के गांव घिराय में किसानों ने विनोद भयाणा के कार्यक्रम में हंगामा करते हुए पूछा कि किसान आंदोलन में आपकी सरकार ने शुभकरण को गोली क्यों मरवाई। हांसी में डीपी वत्स और बृजेंद्र सिंह ने किसान आंदोलन के विरोध में ट्रैक्टर मार्च निकाला था। आपकी सरकार किसान विरोधी है, जो कृषि यंत्रों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है। विधायक बोले- इस बात का विरोध करना है तो वोट मत देना मगर बहसबाजी मत करो। अनूप धानक का इसलिए सबसे ज्यादा विरोध अनूप धानक उकलाना में 10 साल से विधायक हैं और अलग-अलग पार्टियों से हर बार विधायक रहे। अब चुनाव से ऐन मौके पाला बदल भाजपा में आ गए। उकलाना से टिकट मिल गया, मगर क्षेत्र में लगातार गायब रहने का आरोप अब ग्रामीण लगा रहे हैं और 10 साल का हिसाब मांग रहे हैं। ग्रामीण 10 साल में उनके साथ हुए व्यवहार की भी याद दिला रहे हैं। शुक्रवार को उकलाना के गांव किनाला में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी अनूप धानक के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। जैसे ही धानक प्रचार अभियान के तहत गांव पहुंचे, ग्रामीणों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया और अनूप धानक मुर्दाबाद के नारे लगाए।
सांसद नवीन जिंदल बोले- लाडवा अब सीएम सिटी बन गया:बाकी दलों में मुख्यमंत्री के लिए लड़ाई थी, भाजपा में विकास को लेकर चर्चा
सांसद नवीन जिंदल बोले- लाडवा अब सीएम सिटी बन गया:बाकी दलों में मुख्यमंत्री के लिए लड़ाई थी, भाजपा में विकास को लेकर चर्चा कुरुक्षेत्र जिले के लाडवा में आभार समारोह का आयोजन हुआ। जिसमें सांसद नवीन जिंदल ने शिरकत की। उन्होंने कहा कि लाडवा अब सीएम सिटी बन गया है। चुनाव में बाकी दलों में मुख्यमंत्री के लिए लड़ाई थी, लेकिन भाजपा में केवल विकास को लेकर चर्चा थी। उन्होंने कहा कि लाडवा को ट्रैफिक जाम की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए नायब सिंह सैनी के साथ मिलकर काम करेंगे। जल्द ही ऐसा प्लान तैयार किया जाएगा, जिससे इस क्षेत्र को विकसित बनाया जा सके। सांसद नवीन जिंदल ने कहा यह गौरव की बात है कि मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश से लाडवा विधानसभा को चुनाव लड़ने के लिए चुना। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने मंच से एक ही बात कही थी कि हरियाणा की जनता जागरूक है। वो उसी को चुनेगी, जिसे केंद्र में चुना है। उन्होंने कहा कि 57 साल के इतिहास में केवल 1987 से 1989 तक का समय ऐसा था, जब केंद्र में कांग्रेस और प्रदेश में लोकदल की सरकार थी। उसके अलावा जिसकी सरकार केंद्र में रही, उसी की सरकार प्रदेश में रही। सांसद जिंदल ने कहा कि इस बार पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनी है। इससे पहले सहयोगी दल के साथ प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और निजी स्वार्थों के चलते कई बार सहयोगी दल जनहित के उन कार्यों को पूरा नहीं होने देते, जो सरकार करना चाहती है। उन्होंने कहा कि बाकी दलों में मुख्यमंत्री बनने के लिए लड़ाई थी, लेकिन भाजपा में केवल प्रदेश के विकास को लेकर चर्चा थी। इस मौके पर पवन गर्ग, गणेश दत्त, राजकुमार सैनी, रविंद्र बंसल, रोहित गर्ग, पूनम सैनी, धीरज वालिया, विजय वधवा, शमशेर, श्याम लाल, गुरटेक धनौरा, जरनैल, पवन अग्रवाल, विकास अग्रवाल, बलदेव कल्याण, मांगेराम शर्मा व रामकुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।
हरियाणा में एडमिशन घोटाले में 4 नई FIR:सीबीआई ने की कार्रवाई, हिसार समेत 6 जिलों में मिली भारी अनियमितताएं
हरियाणा में एडमिशन घोटाले में 4 नई FIR:सीबीआई ने की कार्रवाई, हिसार समेत 6 जिलों में मिली भारी अनियमितताएं हरियाणा में एडमिशन में घोटाले में CBI ने शिकंजा और कस दिया है। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में दाखिले के नाम पर हुए फर्जीवाड़ा हुआ था। हरियाणा में फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी धन का गबन किया गया। यह फर्जीवाड़ा साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में शुरू हुआ था जो सत्ता परिवर्तन के बाद भी वर्ष 2016 तक भाजपा सरकार में जारी रहा। इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर CBI जांच शुरू हुई और 3 FIR रजिस्टर्ड की गई थी। अब एक बार फिर CBI ने इस मामले में 4 नई एफआईआर दर्ज की गई है। सीबीआई ने धारा 120-B, 167, 218, 409, 418, 420, 477-A के तहत केस दर्ज किया गया है। यह मामला हिसार, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, झज्जर, रोहतक से जुड़ा हुआ है। 4 लाख बच्चों के दाखिले फर्जी
अक्टूबर 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद जून 2015 में शिक्षा विभाग ने 719 गेस्ट टीचरों को हटाने का नोटिस जारी किया था। इसके विरोध में गेस्ट टीचर हाई कोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट ने 6 जुलाई 2015 को याचिका खारिज कर दी तो सितंबर 2015 में मामला डबल बेंच में पहुंच गया, फिर सरकार को नोटिस जारी हुआ। वहां जवाब में सरकार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में छात्र घट गए हैं। कोर्ट ने रिकॉर्ड मांगा तो सामने आया कि 22 लाख बच्चों में 4 लाख बच्चों के दाखिले फर्जी हैं। कोर्ट ने पाया कि 2014-15 में सरकारी स्कूलों में 22 लाख छात्र थे। जबकि 2015-16 में इनकी संख्या घटकर मात्र 18 लाख रह गई। 2018 में दर्ज हुई थी 7 एफआइआर
कोर्ट ने सरकारी धन की हेराफेरी की आशंका जताते हुए जांच कराने को कहा, जो उस वक्त नहीं कराई गई। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को बुलाया। ब्लाक व जिला स्तर पर जांच हुई, कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई। गुरुग्राम विजिलेंस के एसपी हामिद अख्तर, विजिलेंस ब्यूरो पंचकूला मुख्यालय की IG चारू बाली ने जांच की। फिर इस मामले में एक SIT का गठन किया गया। जांच के बाद मार्च-अप्रैल 2018 में 7 FIR भी दर्ज की गई। मार्च 2019 में नए सिरे से SIT बनाने की अनुमति मांगी गई, फिर 200 विजिलेंस कर्मियों ने 12 हजार 924 स्कूलों में प्रोफार्मा के जरिये डेटा मिलान किया। करनाल, पानीपत व जींद में 50 हजार 687 बच्चे नहीं मिले। करनाल में हुए 50 हजार फर्जी दाखिले
हरियाणा के प्राइमरी स्कूलों में 4 लाख फर्जी दाखिलों के मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर CBI ने तीन FIR दर्ज की हैं। हरियाणा के विभिन्न जिलों के स्कूलों में फर्जी दाखिले दिखाकर सरकारी योजनाओं में करोड़ों का गबन किया जा रहा था। ये पूरा खेल “ड्रॉप आउट” या लंबे समय से गैर हाजिर छात्रों के नाम पर चल रहा था। विभिन्न जिलों में लाखों छात्र लंबे समय से स्कूल नहीं आ रहे थे। उनके नाम काट दिए गए और रिकार्ड गायब कर दिया गया। उनके नाम पर सरकारी लाभ लिए जा रहे थे। CBI से पहले हरियाणा राज्य विजिलेंस ब्यूरो ने मामले की जांच की थी। अकेले करनाल में ही 50 हजार से ज्यादा फर्जी एडमिशन पाए गए थे। गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार में 9500 फर्जी दाखिले
वहीं गुरुग्राम, फरीदाबाद और हिसार जैसे जिलों में एक ही सत्र में 9500 के करीब फर्जी दाखिले हुए। जब विभाग के खिलाफ जांच हुई तो अफसरों ने इन छात्रों को ड्राप आउट (पढ़ाई छोड़ चुके छात्र) दिखाने की कोशिश की। इन जिलों में इस तरह मिली गड़बड़ी
गुरुग्राम: SIT ने गुरुग्राम, रेवाड़ी, मेवात व नारनौल के सरकारी मिडिल स्कूलों की जांच की। सत्र 2014-15 में 5298 छात्रों ने दाखिला लिया, लेकिन फाइनल परीक्षा देने 4232 ही पहुंचे। यहां 1066 को ड्रॉप आउट दिखाया गया। सत्र 2015-16 में इन्हीं 10 स्कूलों में 4812 छात्रों का दाखिला हुआ, जबकि फाइनल परीक्षा देने 3941 ही पहुंचे। 871 ड्रॉप आउट रहे। फरीदाबाद: 2014-15 में 2777 और 2015-16 में 2063 छात्र ड्रॉप आउट पाए गए। इनमें से विभाग के पास केवल 701 छात्रों का ही रिकार्ड सही मिला। करनाल: करनाल के साथ-साथ पानीपत और जींद के भी स्कूलों की जांच हुई। यहां वर्ष 2014 से 2016 के बीच 50687 ड्रॉप आउट छात्र पाए गए। अंबाला: यहां 16 स्कूलों की जांच हुई। छह स्कूलों में कोई छात्र ड्रॉप आउट नहीं मिला, लेकिन 10 स्कूलों में 48 छात्रों को ड्रॉप आउट दिखाया गया। मगर इसका रिकार्ड फर्जी पाया गया। कुरूक्षेत्र: यहां 52 स्कूलों की जांच हुई। इनमें 17 स्कूलों में कोई बच्चा ड्रॉप आउट नहीं था। 35 स्कूलों में 302 बच्चे लंबे समय से गैर हाजिर पाए गए। हिसार: हिसार के साथ-साथ सिरसा, फतेहाबाद और भिवानी के विभिन्न स्कूलों में 5735 छात्र ड्रॉप आउट पाए गए।