भिवानी में हरियाणा शिक्षा बोर्ड के अधीक्षक ने शुक्रवार शाम को संदिग्ध हालत में फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। उसका शव भिवानी के तिगड़ाना मोड़ पर खेतों में नीम के पेड़ से लटका हुआ मिला। मृतक की पहचान कस्बा कलानौर निवासी सुरेन्द्र(55) के रूप में हुई है। वह भिवानी शिक्षा बोर्ड में अधीक्षक के पद पर कार्यरत था। मृतक के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट में उसने कुछ लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। सदर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सामान्य अस्पताल में पहुंचाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। बीते कल से था लापता सुरेन्द्र कल घर से लापता हुआ था। परिजन उसे कल से ही तलाश कर रहे थे। शुक्रवार शाम को तिगड़ाना के पास खेतों में पशु चराने आए कुछ लोगों ने नीम के पेड़ से एक व्यक्ति का शव लटका हुआ देखा। उन्होंने घटना की सूचना सदर थाना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर एसआई राधेश्याम घटना स्थल पर पहुंचे। छानबीन की तो उसकी पहचान कलानौर निवासी सुरेन्द्र के रूप में हुई। पुलिस को उसकी आई-20 कार घटना स्थल से कुछ दूरी पर मिली। सुसाइड से पहले पी शराब वहां पर पेड़ के पास एक बाल्टी ,शराब की बोतल एक गिलास भी पड़ा हुआ मिला। अनुमान है कि सुसाइड करने से पहले सुरेन्द्र ने शराब पी होगी। दो पेज का मिला सुसाइड नोट पुलिस को मृतक के पास से दो पेज का सुसाइड नोट भी मिला। सुसाइड नोट में उसने कुछ लोगों को उसे आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि पुलिस या परिजन अभी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। मृतक के दो बेटे हैं। भिवानी में हरियाणा शिक्षा बोर्ड के अधीक्षक ने शुक्रवार शाम को संदिग्ध हालत में फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। उसका शव भिवानी के तिगड़ाना मोड़ पर खेतों में नीम के पेड़ से लटका हुआ मिला। मृतक की पहचान कस्बा कलानौर निवासी सुरेन्द्र(55) के रूप में हुई है। वह भिवानी शिक्षा बोर्ड में अधीक्षक के पद पर कार्यरत था। मृतक के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट में उसने कुछ लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। सदर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सामान्य अस्पताल में पहुंचाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। बीते कल से था लापता सुरेन्द्र कल घर से लापता हुआ था। परिजन उसे कल से ही तलाश कर रहे थे। शुक्रवार शाम को तिगड़ाना के पास खेतों में पशु चराने आए कुछ लोगों ने नीम के पेड़ से एक व्यक्ति का शव लटका हुआ देखा। उन्होंने घटना की सूचना सदर थाना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर एसआई राधेश्याम घटना स्थल पर पहुंचे। छानबीन की तो उसकी पहचान कलानौर निवासी सुरेन्द्र के रूप में हुई। पुलिस को उसकी आई-20 कार घटना स्थल से कुछ दूरी पर मिली। सुसाइड से पहले पी शराब वहां पर पेड़ के पास एक बाल्टी ,शराब की बोतल एक गिलास भी पड़ा हुआ मिला। अनुमान है कि सुसाइड करने से पहले सुरेन्द्र ने शराब पी होगी। दो पेज का मिला सुसाइड नोट पुलिस को मृतक के पास से दो पेज का सुसाइड नोट भी मिला। सुसाइड नोट में उसने कुछ लोगों को उसे आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि पुलिस या परिजन अभी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। मृतक के दो बेटे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में बैंक में चोरी का लाइव VIDEO:2 महिलाएं आईं, रिटायर्ड अफसर के बैग से 1 लाख निकाले, 26 सेकेंड में की वारदात
हरियाणा में बैंक में चोरी का लाइव VIDEO:2 महिलाएं आईं, रिटायर्ड अफसर के बैग से 1 लाख निकाले, 26 सेकेंड में की वारदात हरियाणा के पानीपत में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की शाखा में पैसे निकालने आए नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर को महिला चोरों ने अपना निशाना बना दिया। रिटायर्ड अधिकारी के कंधे पर टंगे बैग से 2 महिलाओं ने 50-50 हजार रुपए चुरा लिए। रिटायर्ड अधिकारी ने बैंक से 3 लाख रुपए निकालकर बैग में रखे थे। वह खाता चालू करवाने के लिए आवेदन लिख ही रहे थे कि इसी दौरान पास में खड़ी महिलाओं ने उनके बैग से पैसे चुरा लिए। चोरी करते वक्त दोनों महिलाएं बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गईं। दोनों महिलाओं ने 26 सेकेंड में पूरी वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को अपने कब्जे में ले लिया है औ जांच शुरू कर दी गई है। अभी तक दोनों महिला चोरों की पहचान नहीं हो पाई है। रिटायर्ड अधिकारी से चोरी से संबंधित 2 तस्वीरें… बैग से 2 पैकेट निकाले और फरार
थाना समालखा में दी शिकायत में अजीत सिंह ने बताया कि वह पानीपत के गांव महावटी का रहने वाले हैं। वह नेवी से रिटायर्ड अधिकारी हैं। मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे वह समालखा स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में पैसे निकालने गए थे। जहां से उन्होंने 3 लाख रुपए निकाले। पिट्ठू बैग में रखे थे रुपए
उन्हें 500-500 रुपए के 6 पैकेट मिले, जिन्हें उन्होंने अपने पिट्ठू बैग में रख लिया। इसके बाद वह अपना अकाउंट एक्टिवेट करवाने के लिए एप्लीकेशन लिखने लगे। जब वह बैंक का काम करके वहां से जाने लगे तो उन्होंने देखा कि उनके बैग की चेन खुली हुई थी। जब उन्होंने बैग चेक किया तो उसमें से 500-500 रुपए के दो पैकेट यानी 1 लाख रुपए गायब थे। सीसीटीवी फुटेज से हुआ मामले का खुलासा
इसके बाद उन्होंने बैंक की सीसीटीवी फुटेज चेक की। जिसमें उन्होंने देखा कि दो महिलाएं बैंक में आईं। वे उनके पीछे खड़ी हो गईं और चंद सेकेंड में चेन खोलकर दो पैकेट चुराकर वापस चली गईं। अजीत को शक है कि महिलाओं के साथ कोई लड़का भी शामिल है। घर पर रिपेयरिंग का काम चल रहा
पीड़ित के भाई मोनू का कहना है कि उसका भाई नेवी में कमांडो के पद पर तैनात था। 15 साल बाद वह रिटायर हुआ। अब वह दिल्ली में किसी दूसरी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है। साथ ही वह वीकेंड पर घर आता है। घर पर रिपेयरिंग का काम चल रहा है। जिसके लिए वह बैंक से पैसे निकालने गया था।
हिसार में खिलौने की दुकान में लगी आग:लाखों रुपए का नुकसान; दमकल की तीन गाड़ियों ने आधे घंटे में पाया काबू
हिसार में खिलौने की दुकान में लगी आग:लाखों रुपए का नुकसान; दमकल की तीन गाड़ियों ने आधे घंटे में पाया काबू हिसार में खिलौने की दुकान में शॉर्ट सर्किट के चलते अचानक आग लग गई। दुकान से धुआं निकलने पर आसपास के लोगों मौके पर पहुंचे। जब तक दमकल विभाग की गाड़ी पहुंची, दुकान का सारा सामान जलकर राख हो गया। दमकल विभाग की 3 गाड़ियों ने आधे घंटे में अग पर काबू पाया। तेलिया पुल के नजदीक मील गेट के विनोद नगर के रहने वाले श्याम सुंदर की खिलौने दुकान की है। शाम करीब 7 बजे आसपास की दुकानदारों को दुकान से धुआं निकलता दिखाई दिया। इसके बाद दमकल विभाग को सूचना दी। लाखों रुपए का नुकसान दुकानदारों ने बताया कि आग भयंकर थी। दमकल विभाग की तीन गाड़ियों ने आधे घंटे में आग पर काबू पाया। दुकानदार श्याम सुंदर ने बताया कि आगजनी से लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। दुकानदारों ने कहा कि मार्केट के अंदर परमानेंट दमकल विभाग की गाड़ी होनी चाहिए।
विधानसभा चुनाव से पहले BJP का आदमपुर पर दांव:3 साल बाद नगर पालिका दर्जा खत्म होगा, कुलदीप बिश्नोई ने जताया आभार
विधानसभा चुनाव से पहले BJP का आदमपुर पर दांव:3 साल बाद नगर पालिका दर्जा खत्म होगा, कुलदीप बिश्नोई ने जताया आभार हिसार की आदमपुर नगर पालिका का दर्जा जल्द ही खत्म हो जाएगा। सरकार से इसकी मंजूरी मिलने के बाद फाइल हिसार डीसी ऑफिस पहुंच गई है। कभी भी इसकी घोषणा हो सकती है। आदमपुर को भाजपा सरकार ने 29 जून 2021 को नगर पालिका का दर्जा दिया था। इसके बाद से ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। करीब 40 दिन तक लगातार धरना-प्रदर्शन चला था। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने धरने पर पहुंचकर आश्वासन दिया था कि वह सरकार से मिलकर नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाएंगे। कुलदीप बिश्नोई ने तब के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी। मनोहर लाल ने आश्वासन दिया था कि नगर पालिका का दर्जा हटाएंगे। करीब 2 साल पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि आदमपुर गांव को नगर पालिका से हटाया जाएगा। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने विधायक बेटे भव्य बिश्नोई के साथ जाकर 6 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की थी और इस मामले को जल्द हल करने को कहा था। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए फाइल आगे बढ़ा दी। अब फाइल मंजूर होकर डीसी ऑफिस तक पहुंच गई है। पहले नगर पालिका का दर्जा देने को चली थी मुहिम बता दें कि इससे पहले मंडी आदमपुर को नगर पालिका बनाने के लिए जन सेवा समिति ने मुहिम शुरू की थी। बाद में जन सेवा समिति के सदस्यों ने आदमपुर की करीब 16 सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को अपने साथ लिया और उनसे इस बारे में चर्चा की। संस्थाओं द्वारा सहमति जताने के साथ ही अपने-अपने लेटर हेड पर प्रस्ताव लिखित में दिए गए थे। संस्थाओं से प्रस्ताव मिलने के बाद समिति द्वारा सामूहिक बैठक बुलाई गई थी। आदमपुर को नगरपालिका बनाने के लिए तब जजपा के नेता रहे रमेश गोदारा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मुलाकात की थी। इसके बाद आदमपुर को नगर पालिका का दर्जा मिला था। इसके बाद नगर पालिका का दर्जा हटवाने को चला धरना आदमपुर ग्राम पंचायत को नगरपालिका से बाहर कर पुनः ग्राम पंचायत का दर्जा देने की मांग पर 40 दिनों तक धरना चला। इसके बाद ग्रामीणों के साथ वीडियो काल कर आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई ने दावा किया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनकी मांग को मानते हुए आदमपुर गांव को पुन: ग्राम पंचायत का दर्जा देने की स्वीकृति दे दी है। कुलदीप बिश्नोई की ओर से कहा गया था कि वे इस मामले को लेकर गुरुग्राम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलकर विस्तृत सकारात्मक चर्चा कर चुके हैं। आदमपुर ग्राम पंचायत बहाली को लेकर मुख्यमंत्री ने उनके सामने अधिकारियों को निर्देश दिए। पूर्व CM के इलाका उपमंडल बनने को तरसा आदमपुर को उपमंडल बनाने के मामले में पहले की सरकारें राजनीति करती रही हैं। 1991 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे चौ. भजनलाल ने आदमपुर को उपमंडल का दर्जा दे दिया था। वर्ष 1996 में बनी हविपा-भाजपा गठबंधन की सरकार के मुख्यमंत्री बंसीलाल ने तोशाम सहित आदमपुर का उपमंडल का दर्जा वापस ले लिया। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए और आदमपुर के साथ-साथ तोशाम को भी फिर से उपमंडल का दर्जा दे दिया। साथ ही इसे विधानसभा में पारित भी करवा दिया था। फिर कांग्रेस की सरकार बनने के बाद फाइलें धूल फांकती रही और अब तक आदमपुर को उप मंडल का दर्जा नहीं मिल सका है। नगर पालिका का दर्जा का इसलिए हुआ था विरोध लोगों का आरोप था कि नगरपालिका बनने के बाद विकास का कोई कार्य आरंभ नहीं हुआ, जबकि जनता के ऊपर टैक्स थोपे जाने लगे। निकायों के टैक्स लोगों से लिए जाने लगे। इसके कारण लोग परेशान हो गए। निर्माण करा रहे लोगों को नोटिस दिए जाने लगे। आदमपुर गांव के पूर्व सरपंच कृष्ण सेठी ने बताया कि नगरपालिका का कोई फायदा नहीं है, बल्कि नुकसान ही नुकसान है। नगरपालिका बनने के बाद से मनरेगा स्कीम बंद हो गई है। चुनावों में उठाना पड़ा नुकसान, भजनलाल के गढ़ में हारी भाजपा भजनलाल परिवार का अभेद दुर्ग कहे जाने वाले आदमपुर में भाजपा को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। आदमपुर विधानसभा पर 56 साल से बिश्नोई परिवार का कब्जा है। इस सीट पर पहली बार भजनलाल 1968 में विधायक बने थे तब से लेकर जितने भी चुनाव हुए सभी में भजनलाल परिवार ही आदमपुर से जीतता आ रहा है। मगर इस बार भजनलाल के किले में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। स्व. भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं और उनके बेटे भव्य बिश्नोई आदमपुर में 2022 में भाजपा की टिकट पर विधायक चुने गए थे। मगर इस बार कुलदीप बिश्नोई भाजपा की नैया आदमपुर में पार नहीं लगा सके। भाजपा के हिसार से लोकसभा रणजीत चौटाला को आदमपुर में 53156 वोट मिले जबकि कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी को 59544 वोट मिले। जयप्रकाश जेपी 6384 वोट से आदमपुर से चुनाव जीत गए। कुलदीप ने बार-बार जनता के सामने जोड़े थे हाथ कुलदीप बिश्नोई इस बात को जानते थे कि आदमपुर में अगर वह हार गए तो इसका खामियाजा उनके राजनीतिक जीवन पर पड़ेगा। इस स्थिति को भांपते हुए वह बार-बार जनता के बीच गए और अपने पिता चौधरी भजनलाल से जुड़ाव को याद दिलाकर वोट मांगे। वह बार-बार जनता के बीच जाकर हाथ जोड़ते हुए नजर आए और कहते रहे कि लाज रख लेना कहीं गलत कदम मल उठा लेना। मगर लोगों ने कुलदीप बिश्नोई की अपील को अनसुना कर दिया। आदमपुर में कांग्रेस को बढ़त मिली और सबसे खास बात है कि बिश्नोईयों के गांव में जयप्रकाश जेपी आगे रहे। इसका कारण कुलदीप बिश्नोई से लोगों की नाराजगी को कारण माना जा रहा है। बिश्नोई परिवार का आदमपुर में घटा जनाधार आदमपुर में बिश्नोई परिवार का जनाधार लगातार कम हो रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भजनलाल के पौते भव्य बिश्नोई हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे तब भाजपा के बृजेंद्र सिंह ने भव्य को आदमपुर में हराया था। अब लोकसभा चुनाव में यह दूसरा मौका है जब बिश्नोई परिवार आदमपुर में हार गया हो। वहीं दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में भाजपा की ही टिकट पर भव्य आदमपुर से चुनाव लड़े और चुनाव जीते। मगर चुनाव जीत का मार्जिन कम हो गया। भव्य 15,714 वोटों से ही चुनाव जीत पाए। बिश्नोई परिवार का आदमपुर ही नहीं आसपास की सीटों भी प्रभाव था जो कहीं देखने को नहीं मिला।